Girl Anal First Time – गाँव के नहर में कॉलेज गर्ल की चुदाई

Girl Anal First Time – गाँव के नहर में कॉलेज गर्ल की चुदाई

Girl Anal First Time

दोस्तों रितिका नाम की मेरी एक दोस्त देसी लड़की के चुदने की कहानी सुनाना चाहूंगा। वो कमाल की माल है। एक दम गोरा बदन, ऐसा जैसे की मखमल का हो। नुकीली नाक, लंबी गरदन, किसी अप्सरा की तरह खूबसूरत चेहरा और फिर उसकी रंगत में उसकी अदाएं शामिल होकर उसे और भी हसीन बना देती हैं। Girl Anal First Time

उसके साथ मेरा चक्कर पिछले कई महीने से चल रहा था पर उसको चोदने का वक्त नहीं मिल पा रहा था। मैं बस इंतजार में था कि वक्त मिले और उसको चोदने का यह सुनहरा मौका मैं सपने में भी न गवाऊं। इस लिए मैं अक्सर उसके साथ रहता था। एक बार हम विलेज ट्रिप पर गये थे एक सर्वे करने और इस लिए हम दोनों को साथ ही सर्वे करना था।

उस दिन हम और वो लड़की रितिका सर्वे करके एक गांव के कालेज से पैदल ही आ रहे थे। गर्मियों की दुपहरी थी और माहौल शांत था। दोनों एक दूसरे से बात करते हुए आ रहे थे कि रितिका को प्यास लग गयी, दूर दूर तक कोई चापाकल न था। हम दोनों आराम करने के लिए पास ही एक नाले की छांव में बैठ गये।

मैने देखा नाला पूरा साफ था और अंदर से खाली था। गर्मियों में पानी कहां से नाले में। मैने उसको अंदर बुला लिया और चुम्मा चाटी करने लगा। उसको प्यास लगी थी पर प्यास कहां से बुझे। मेरे दिमाग में एक उपाय आया। मैने रितिका को अपना लंड चुसाने के बारे में सोचा।

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धीरे से उसकी चूंचिओं को दाबते हुए मैने उसकी स्कर्ट में हाथ डाल दिया। उसकी पैंटी सरका कर मैने उसकी चूत में उंगली डाल दी। वो एकदम सिस्कारियां मारने लगी और फिर आह्ह उह्ह करने लगी। मैने उसको नीचे बिठा दिया। अपनी जिप खोल कर मैने उसके मुह में अपना लंड दिया।

वो एक बार लैब में मेरा चूस चुकी थी और इसलिए मैने उसको पीने के लिए दे दिया अपना लौड़ा। वो अंदर बाह्र कर रही थी कि मेरे दिमाग में खुराफात सूझी। मैने कहा कि रानी पानी पीने लिए तैयार हो जाओ। वो इससे पहले कि कुछ समझ पाती, मैने उसके मुह में मूत दिया।

गटागट तीन चार घूंट पेशाब जब रितिका के मुह के अंदर गया तो वह खुश हो गयी। कहने लगी, वैसे इसका टेस्ट तो बीयर के समान है। पिला दो मुझे। और फिर मैने सारा पेशाब उसके हलक में उतार दिया। अब पेशाब कर लेने के बाद मेरे लंड की अकड़न और बढ गयी थी।

उसका वीर्य एकदम उफान मार रहा था और मैने उस सेक्सी रितिका की टाप उतार दी। अब वो नंगी मेरे सामने खड़ी थी। मैने उसके सीने को दबाते हुए अपने शर्ट की बटन खोल दी और फिर जोर जोर से उसको अपने सीने से रगड़ने लगा। दोनों के सीने से होती रगड़ से जैसे वासना की चिंगारियां सेक्स के आग को और भी बढा रहीं थीं और फिर हम दोनों ने सारी सीमाएं लांघ दीं.

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मैने उसको अपने हाथों से जमीन पर झुकाया, स्कर्ट को उपर उठाया और फिर चूत में अपना लंड रगड़ने लगा। अंदर बाहर अंदर बाहर करने लगा। वह आह्ह!! मार डाला, आह्ह दर्द कर रहा है। शायद उसकी चूत की झिल्ली, अंदर थी और उसको अभी तक किसी ने चोदा न था।

मैने अपने लंड को जरा सहलाया, टाईट किया और फिर चूत के दरवाजे, पर रगड़ मारी और एक धक्का, जोरदार और चूत को चीरता हुआ सीधा फौलाद जैसा लंड अंदर चला गया। इस वार से वो हलकान हो गयी थी और फिर बिन कहे ही उसने मेरा साथ निभाना शुरु कर दिया था।

अपने पैरों को आगे पीछे करते चूतड़ों को हिलाते हुए उसने लंड को दनादन अंदर बाहर लेना शुरु कर दिया था। धकाधक, पचापच, फचाफच और फिर क्या कहने, हल्का सा खून उसकी टांगों के बीच रिस रहा था पर वह, उसकी परवाह कब करने वाली थी।

मैने अपना खून से सना सुपाड़ा थोड़ा बाहर खींचा, वो फचफचाता हुआ एयर टाईट गन की तरह से बाहर आया। मैने दुबारा अपना लंड अंदर करने की बजाय उसके गांड पर थूक दिया, उसकी नन्हीं प्यारी गांड एकदम कमाल लग रही थी। मैने एक उंगली उसकी गांड में घुसाई तो वो उईईइमां मर गयी, इसमें कुछ नहीं जाएगा, प्लीज इसमें कुछ मत करो, ऐसा कहने लगी।

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मैने एक उंगली के बाद दो उंगलियां उसकी गांड में घुसाईं और फिर से उसपर थूक दिया। इस बार आसानी से सरकता हुआ .अन्दर बाहर जाने लगा था। धीरे से मैने छेद को दोनों हाथों से पकड़ के उंगलियां लगा के खोल दिया और खुले गुलाबी गांड के छेद में अपना थूक भर दिया।

वाहह्ह!! एकदम झक्कास होते हुए इस घटनाक्रम को मैने अपने लंड से प्रारंब्भ करना चाहा। अपना सुपाड़ा जिसमें चूत की फटी झिल्ली का खून अब भी चिपटा हुआ था, उसको चूत पर रगड़ कर मैने गांड में धक्का देना शुरु किया। आह्ह!!! अ अह्हाअह्ह्ह्ह!!! पेलो धीरे धीरे पेलो आह्ह मर गयी, आराम से करो। “Girl Anal First Time”

और मैने अपने लंड को दबाना जारी रखा। वो एकदम से चिंहुकती हुई धीरे धीरे सामान्य होने लगी थी। गांड का छेद खुल चुका था और मेरा लंड का सुपाड़ा अंदर विराजमान था। मैने अब गांड पेलना शुरु किया। रितिका की मदमस्त गांड को पेल कर फाड़ने का मेरा सपना आखिर मेरी गर्लफ्रेंड ही पूरा कर रही थी।

धक्के पर धक्का, रेले पर रेला और चूत और गांड को कई बार बदल बदल के पेला। आह्ह्ह!! वो चुदवाती रही और मैं चोदता रहा। उसकी कली सी चूत को चोदकर गुलशन बना दिया था मैने। निस्संदेह वह एक मजेदार कार्य था और मैने उसकी चूत का बताशा फिर बार बार पिया।

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उस नाले में हमारी मोहब्बत के जवां होने का यह कारनामा बरसों तक हमारे कालेज में गाया जाता रहा। रितिका के साथ किये गये प्रेम के वो क्षण मुझे आज भी उतने ही सजीव रुप में याद हैं जितने की कल और अभी के किए गए सेक्स संबंध। सच है, पहला प्यार कभी नहीं भूलता और अगर इतनी सुंदर रितिका के साथ हो तो कतई ही नहीं।

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