अजनबी अंकल ने गर्भवती किया मुझे – Crazy Sex Story

अजनबी अंकल ने गर्भवती किया मुझे – Crazy Sex Story

College Girl First Sex

मै बस से पुणे जाने के लिये बस स्टॅड पर बैठी हुई थी. किसी कारण से बस को आने मे देर होने वाली थी. मै कभी मोबाईल मे तो, कभी इधर उधर देखती हुई टाईमपास कर रही थी. तभी मेरे पास एक 35 से 40 उम्र के एक अंकल आके बैठ गये. अंकल दिखने मे थोडे काले, उंचे और शरीर से ताकदवर थे. College Girl First Sex

अंकल ने मुझे बस के बारे मे पुछना शुरू किया और इसी वजह से हम दोनो मे इधर उधर की बाते शुरू हो गई. हम दोनो काफी देर तक बाते कर रहे थे. बडी देर बाद बस आ गई. बस के आते ही बहुत भीड जमा हो गई. अंकल उस भीड को जैसे तैसे धकेलते हुये बस मे चढ गये और अंदर से मुझे आवाज लगाई.

अंकल : जल्दी आ…. जगह पकड ली है.

जब सारे लोग बस मे चढ गये तब आखिर मै बस मे चढ गई. बस मे चढते ही मैने देखा की, सबसे लास्ट सीट पर मेरी जगह थी. यह देख मै बहुत खुश हो गई और मैने अपने मन मे ही कहा, “जगह मिल गई. मेरे नसीब से..” उसके बाद मै अंकल के पास जाकर बैठ गई और हमारा सफर शुरू हो गया. तब हमारे बीच फिरसे बातचित शुरू हो गई.

मै : आपका नाम?

अंकल : “दिनू.”

मै : जी…. आपका असली नाम?

अंकल : तुम्हारे लिये सिर्फ “दिनू” ही काफी है.

इतना कहकर वह मेरी तरफ देख मुस्कराने लगे. मै भी उनको देख मुस्कराने लगी. उन्होने मेरा नाम पुछा तो, मैने अपना नाम बता दिया. इसी बातचित के दौरान मुझे पता चला की, उनकी बिवी पिछले साल मर चुकी है और आज तक वह अकेले ही पुणे मे रहते है.

मै : कीस कारण मर गई आपकी बिवी? उन्होने मेरे इस सवाल का कुछ भी जवाब नही दिया बल्की मेरे बारे मे पुछने लगे.

दिनू अंकल : तुम क्या करती हो? तुम पुणे क्यू जा रही हो?

मै : मै बी.सस्सी बायोलॉजी के 2रे साल मे पढती हु. कल से मेरा कॉलेज शुरू होनेवाला है. छुट्टीया खतम हो गई है ना…!

हमारे बीच ऐसे ही गपशप हो रही थी. तभी हमारी बस हायवे पर बंद पड गई. हम बस मे ही बैठकर बाते कर रहे थे. उनकी बातो और उनके बर्ताव से मुझे अंकल अच्छे लगने लगे थे. मेरे मन मे उनके प्रती चाहत थी या फिर प्यार…! मुझे पता नही क्यू? पर मै उन्हे बेहद ज्यादा पसंद करने लगी थी.

अब हम दोनो मे बातो के साथ साथ हसी मजाक भी चल ही रहा था. तकरीबन आधे घंटे के बाद मॅकेनिक आ गया. उस मँकेनिक ने बस को ठीक करने के लिये 2 घंटे से ज्यादा समय लगा दिया. पहले ही बस बहुत ज्यादा लेट आ चुकी थी, उपर से यहा और वक्त जाया होने से हम पुणे मे रात को पहुच गये. रात के 12 बज चुके थे. हम सब बस से निछे उतरे तभी मेरे मा-पिताजी का मुझे कॉल आया. मैने मा-पिताजी को, मुझे पुणे पहुचने मे रात क्यू हुई? यह सब बता दिया.

मा-पिताजी : रात को अकेले जाना किसी खतरे से खाली नही है तुम्हारे लिये. तुम किसी नजदीकी लॉज मे जाकर रुको आज की रात…. सुबह अपने फ्लॅट पर चली जाना.

मेरी मा-पिताजी से बाते होने के बाद मैने देखा की, दिनू अंकल मेरे साथ मे ही खडे थे. ओ गये नही थे बाकी बस स्टॅड पुरा सुनसान हो चुका था. शायद दिनू अंकल ने मेरी और मा-पिताजी की सारी बाते सुन ली थी. दिनू अंकल मेरे लिये फिक्र जताते हुये बोले.

दिनू अंकल : तुम अकेली….. लॉज मे भी रुकना खतरा है..! अगर तुम्हे ऐतराज नही है….. तोह तुम आज की रात मेरे फ्लॅट पे रह सकती हो….. मेरा फ्लॅट यहा से नजदीक है.

मै सोचने लगी, दिनू अंकल सही कह रहे है. इतनी रात को मै अकेली लॉज कहा तलाश करती फिरू? अगर मैने मोबाईल के मॅप से लॉज धुंड भी लिया फिर भी वहा मुझे कोई खतरा नही होगा? इसकी क्या गॅरंटी है? यह सोचते हुये मेरा दिल दिनू अंकल के लिये और भी पिघल गया क्योंकी उन्हे मेरी फिक्र हो रही थी.

मै उनकी तरफ देखकर मुस्कराई. फिर हम दोनो चलते हुये उनकी फ्लॅट की तरफ जा रहे थे. मै रास्ते मे मुस्कराते हुये बार बार उन्हे देख रही थी. वह भी मेरी तरफ देखकर स्माईल कर रहे थे. 10 मिनिट के अंदर ही हम उनके 3 बीएचके फ्लॅट पर पहुच गये. वह सच मे अकेले ही रहते थे.

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रात बहुत हो चुकी थी इसलिये फ्लॅट मे जाते ही उन्होने मुझे एक बेडरूम दिखाई और उस बेडरूम के बेड पर मुझे सोने को कहा. मैने झट से अपना सामान उस बेडरूम के कोने मे रख दिया और उस बेड पर सो गई. मै गहरी निंद मे थी. तभी मेरे गांड को कुछ चुभने लगा.

इसलिये मैने अपना एक हाथ पीछे लेके टटोलने लगी की, मेरी गांड मे क्या चुभ रहा है? जब मेरे हाथ ने उनके लंड को छु लिया तब मुझे विश्वास नही हो रहा था की, दिनू अंकल मेरी गांड पर लंड घीस रहे है. मुझे आश्चर्य हुआ और थोडा मजा भी आने लगा क्योंकी जिंदगी मे पहली बार मै एक लंड का स्पर्श महसूस कर रही थी.

मै वैसे ही स्थिती मे आराम से पडी रही और वह मेरे गांड पर लंड घिसे ही जा रहे थे. इस सब के लिये मेरी “हा” है यह उन्हे समज मे आ चुका था. इसलिये उनकी डेरिंग और बढ गई और उन्होने लंड मेरी गांड पर घिसते हुये अपने एक हाथ से मेरे स्तन को पकड के मसलने लगे. अब मुझे जिंदगी मे पहली बार एक अलग एहसास के साथ, अलग ही मजा आ रहा था. मैने जानबुजकर निंद से जगने का नाटक किया और उन्हे कहा.

मै : आप यह क्या कर रहे है???

दिनू अंकल : तु थोडा आराम से सो जा… थोडी देर बाद तुम्हे भी मजा आने लगेगा.

मै : बंद करो यह सब…!

पर उन्होने मेरी बातो पर ध्यान ही नही दिया और मेरी गांड पर लंड को घिसते हुये मेरे स्तनो को मसलते रहे. मै फिर आराम से पडी रही क्योंकी मुझे मेरी गांड मे गुदगुदी के साथ साथ स्तनो के निप्पल खडे हो चुके थे. मेरी चुत से निकलती कामवासना की बिजलीया पुरे शरीर मे दौड रही थी.

मेरी मुह से निकलती कामुक आवाजो के साथ साथ मेरी गरम सासे मेरे पुरे बदन को गरम किये जा रही थी. मै पुरे मदहोशी मे डूबकर मेरी गांड को उनके लंड पर और मेरे बदन को उनके शरीर पर रगड रही थी. जिंदगी मे पहली बार मै अपने पुरे तन बदन मे वासना को महसूस कर रही थी. वासना के समंदर मे डूबकर मै गहराईयो मे जा ही रही थी की, तभी अचानक से दिनू अंकल उठकर मेरे मुह के पास आकर बैठकर बोले.

दिनू अंकल : चोकोबार लेगी क्या???

तब मैने पहली बार उनके लंड को देखते ही उठकर बैठ गई. उनका लंड किसी घोडे के लंड जैसा लम्बा और मोटा लग रहा था. मै एकदम से डर गई और डरते हुये सोचने लगी की, “आज मेरी कोई खैर नही….अगर यह मेरे चुत मे गया तोह मै इनकी बिवी की तरह गई समजो आज……….उपर” मैने डरते हुये उन्हे साफ इन्कार देके उनसे कहा.

मै : हाथ…. से…. हिलाके… पानी…… निकालू?

दिनू अंकल : ठीक है.

मै मेरे जीवन मे पहली बार एक असली लंड को हाथ मे लिया. उनका लंड खडे हो के सलामी दे रहा था. उनका लंड जितना सख्त उतनी ही उस लंड की चमडी मुलायम और गरम थी. लंड की चमडी को उपर नीचे करते वक्त लंड का गुलाबी सुपाडा दिख रहा था.

दिनू अंकल का लंड साधारण से 7 से 8 इंच लंबा और 2 से 3 इंच मोटा लग रहा था. उनका लंड मेरे एक हाथ मे नही समा रहा था इसलिये मै दोनो हाथो से उनके लंड की चमडी को उपर नीचे किये जा रही थी. थोडी देर तक लंड को हिलाने के बाद वह बोले. “College Girl First Sex”

दिनू अंकल : दो मिनिट रुक…..

मुझसे इतना कहकर वह फ्लॅट के हर खिडकी और दरवाजे के पास गये और उन्होने खिडकी और दरवाजा अंदर से अच्छे से लॉक किया है या नही? यह चेक किया फिर किचन मे जाके बॉटल लेके आ गये. मैने देखा की, वह तेल की बॉटल लेके आये हुये थे. मै घाबरा गई. अब मेरी खैर नही, यह बात मुझे समज मे आ चुकी थी.

मै : ऐसा मैने कभी कुछ किया ही नही है.

दिनू अंकल : कुछ नही होता. अब तोह देख मै तेल भी लगा रहा हु. इससे तुम्हे थोडा भी दर्द नही होने दुंगा सिर्फ उपर उपर से करुंगा. तु सिर्फ आराम से पडी रह.

उनके मोटे तगडे लंड को देखकर मै डर रही थी. दिनू अंकल मुझे मना रहे थे. तभी मुझे लगने लगा की, वैसे भी अब इतना जोश नही होगा अंकल मे..! इसलिये मैने “हा” कह दिया. मेरे “हा” कहते ही उन्होने धीरे धीरे से मेरे सारे कपडे निकाले और वह तोह पहले से ही नंगे थे.

मै जिंदगी मे पहली बार चुदाई का अनुभव लेने जा रही थी. दिनू अंकल ने धीरे से उनके लंड पर तेल लगा दिया. उस तेल से अजीब सी खुशबू आ रही थी. जो पुरे बेडरूम को सुगंधित कर रही थी. फिर उन्होने मुझे डॉगी स्टाईल की पोजिशन मे बिठा दिया और खुद मेरे पीछे बैठकर मेरी गिली चुत को चाटने लगे.

जैसे ही उनके जीभ का स्पर्श मेरी गिली चुत को हुआ मानो ऐसा लगने लगा जैसे आग मे घी डालने से आग और भी भडक जाती है वैसे ही मेरी चुत मे लगी वासना की आग को उनकी जीभ और भी भडका रही थी. मेरी चुत से पुरे बदन मे 420 व्होल्ट का वासनामय करंट दौड रहा था.

उस वासना के करंट से मेरे मुह से कामुक सिसकारीया पुरे बेडरूम मे गुंज रही थी. मेरी चुत से कामरस रिसकर उस कामरस की लगातार बुंदे बिस्तर पर पड रही थी. मेरी चुत को और मुझे वह एहसास पागल और उनकी दिवानी बना रहा था इसी कारण मै मेरी चुत को बार बार उनके मुह पर चिपका रही थी.

थोडी देर तक मेरी चुत को चाटते रहे फिर उन्होने धीरे से उनके लंड का सुपाडा मेरी चुत पर रखा. उनके लंड का स्पर्श मेरी चुत को होते ही मेरी चुत से रोमांचभरी तरंगे सारे बदन मे दौडने लगी. मेरे मुह से आह्ह्ह आ..ह्ह्हह्ह्ह निकलते हुये मैने पीछे मुडकर देखा, उनका चेहरा अलग ही दिख रहा था. “College Girl First Sex”

वह ज्यादा ही बेताब, बेसब्र लग रहे थे. शायद उनके बिवी के जाने के बाद उन्हे किसी की भी चुत नही मिली होगी. उन्होने शुरुवात मे धीरे धीरे करते हुये लंड का सुपाडा मेरी चुत मे डालते ही मुझे दर्द होने लगा.

मै : निकालो जल्दी बाहर….. निकालो दुख रहा है. पर वह सुनने के लिये तय्यार ही नही थे.

दिनू अंकल : बस थोडी देर और देख फिर.

मुझे सच मे दर्द हो रहा था. पेट मे भी दुख रहा था और मेरी ऐसी अवस्था मे भी उन्होने धीरे धीरे करते हुये एकदम जोर का धक्का दिया. वैसे मेरे मुह से चिंख निकल गई और आंखो से आसु आने लगे. मै जैसे तैसे करके आगे की और सरक गई और उनका लंड मेरी चुत से बाहर निकाला. मैने देखा, मेरी चुत फट चुकी थी और उनके लंड पर थोडा खून भी लगा हुआ था.

मै : बस अब…! इसके आगे मुझे कुछ भी करना नही है. इतना कहकर मै दर्द से कहराते हुये, आंखो से आसु पोछते हुये बिस्तर पर वैसी ही नंगी लेट गई. मेरी इस अवस्था को देख वह प्यार भरे भाव से मुझ से बोलने लगे.

दिनू अंकल : सॉरी सॉरी गलती हुई अब से मै ऐसा नही करुंगा. एकदम धीरे धीरे करुंगा.

उनकी प्यार भरी बाते सुनकर भी मेरी हिम्मत नही हो रही थी. मुझे अब कुछ भी करने का मन ही नही कर रहा था.

दिनू अंकल : सिर्फ 5 मिनिट की बात है. सिर्फ एक बार करेंगे. अब तुम्हे बिलकुल भी दर्द नही होगा.

ऐसी प्यारी प्यारी बातो से मुझे मनाने लग गये. मै सच मे उन्हे पुरे मन से पसंद करने लगी थी इसलिये मेरा मन उनकी प्यार भरी बातो से पिघल गया इसलिये मै फिर से तय्यार हो गई और यही मेरी सबसे बडी भुल थी. उन्होने और तेल उनके लंड पर लगाया.

उन्होने 1 से 2 मिनिट तक अच्छे से उनके लंड की मालिश की फिर उनका घोडे जैसा लंड चमकने लगा. फिर से उन्होने मुझे डॉगी स्टाईल की पोजिशन मे बिठाके चुदाई का कार्यक्रम शुरू किया. पर पहले जैसे उन्होने जोर का धक्का न लगाते हुये अब धीरे धीरे चुत को लंड के सुपाडे से घिसने लगे. वैसे मुझे भी मजा आने लगा.

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पर उन्होने लंड के सुपाडे को चुत पर घिसते घिसते धीरे धीरे लंड को चुत मे डालना शुरू किया. ऐसे ही धीरे धीरे करते करते अब आधा लंड चुत मे जा चुका था और फिर से मुझे दर्द होने लगा था. वह बीच बीच मे नीछे झुककर मेरे झूल रहे दोनो स्तनो को उनके दोनो हाथो से बार बार मसलते जा रहे थे.

अब उन्होने धीरे धीरे करते हुये पुरे लंड को मेरी चुत मे डाल दिया. तभी एकदम से मेरे चुत और पेट मे बहुत ज्यादा दर्द होने लगा. मुझे मेरी चुत मे ऐसा महसूस हो रहा था की, उन्होने लोहे का रॉड मेरी चुत मे डाला है. मै : बस्सस्स्स…. बसस्स्स्सस्स्स.. पर वह मेरी बातो पर ध्यान ही नही दे रहे थे. बल्की उन्हे और जोश आ रहा था.

उन्होने मेरी कमर को कस के पकड लिया और मुझे जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया. मेरी चुत से पच….. पच……. पच………. की आवाज आ रही थी. मै दर्द के कारण चिख रही थी, चिल्ला रही थी. रो रही थी. मै अपने हाथो को पीछे लेके उनको मुझसे दूर करने की कोशिश करने लगी.

पर उन्होने मेरे दोनो हाथो को अपने एक हाथ से पकड लिया और उनके दुसरे हाथ ने मेरी कमर को कस के पकड रखा था. इस तरह उन्होने मेरे शरीर की हलचल बंद की. अब मै लाचार थी. जो कुछ भी हो रहा था. ओ सब मुझे बर्दाश्त करना पड रहा था. “College Girl First Sex”

उनका पुरा 8 इंच का लंड मेरी नाजुक चुत को पुरी तरह से चिरते-फाडते हुये बडी तेजी से आगे पीछे हो रहा था. मेरी चुत की धजीयॉ उड रही थी. मेरी गरम चुत से लगातार कामरस की बुंदे बिस्तर पर गिर रही थी. वह जोर जोर से मुझे चोदने लगे और जोर जोर से लंड को मेरी चुत मे अंदर बाहर कर रहे थे.

मुझे लगा ओ अब झडने वाले है, मै बच गई. पर उन्होने चोदने की स्पीड बिलकुल भी कम नही की. तकरीबन 5 मिनिट कहते कहते आधा घंटा वह मुझे चोद रहे थे. मुझे चोद के वह उनकी बिवी की कमी को पुरी कर रह थे. शायद उनको उनके बिवी के बाद पहली बार ऐसी सीलपॅक चुत मिली होगी.

इसलिये उन्होने उस मौके का बहुत फायदा लिया. अब हम दोनो बुरी तरह हाफते हुये हमारा पुरा शरीर पसीने से तरबतर हो चुका था. पर उनका यह चुदाई का खेल और 1 घंटे तक खतम नही होगा ऐसा मुझे लग ही रहा था. तभी उन्होने एक जोर का धक्का देते हुये मुझसे पीछे से चिपक गये और मेरी चुत मे झडने लगे.

उनके लंड से गरम गरम गाढे लावारस की पिचकारीया मुझे मेरी बच्चेदानी मे महसूस हो रही थी. मेरी चुत मे उन्होने अपने पानी की एक एक बुंद गिराने के बाद धीरे से मेरी चुत से लंड को बाहर निकाला और मेरे बाजु मे ही हाफते हुये पसीने तरबतर वैसे ही लेटे रहे. मेरे चुत से लंड निकलते ही मै एकदम से पेट के बल गिर गई.

हम दोनो इतने तेजी से हाफ रहे थे की, पुरे बेडरूम मे हमारी सासो की आवाज गुंज रही थी. करीब आधे घंटे के बाद मेरे शरीर की अवस्था सामान्य हुई. जिंदगी मे पहली दमदार चुदाई के कारण मै पुरी तरह थक चुकी थी. और इसी थकान की वजह से मुझे गहरी निंद आने लगी. मै निंद के आगोश मे जाने ही वाली थी की तभी, दिनू अंकल : जल्दी कहा सो रही हो??? थोडी देर आराम कर. “College Girl First Sex”

मेरी लिये यही बहुत हो चुका था. पर वह मेरी बात को मानने वाले नही थे और नाही वह रुकने वाले थे. मुझे लगने लगा की, यह चुदाई आखरी बार होने वाली है क्योंकी उनकी उम्र के हिसाब से इस चुदाई के बाद उनका लंड खडा भी नही होगा.

मै : हम्म्म्मम्म्म.

मै वैसे ही स्थिती मे पेट के बल लेटी हुई गहरी निंद मे सो गई पर, उन्होने तुरंत ही मुझे निंद से जगाया और फिर से मुझे डॉगी स्टाईल की पोजिशन मे बिठाके उनका लंड मेरी मखमली चुत मे जाने ले लिये तरसने लगा. उन्होने पहले जैसा चुदाई का खेल शुरू किया.

उन मे इतना जोश कैसे और कहा से आता था? क्या पता? उन्होने मेरी चुत पुरी चीर-फाडके रख दी थी. और इस बार उन्होने एक बार नही और दो बार मेरी जमकर चुदाई करके मेरी चुत मे उनका बीज बोते गये. फिर हम सो गये. जब उन्होने सुबह मुझे निंद से जगाया तब मै बिस्तर से उठने लगी लेकीन तभी मेरे पुरे बदन से ज्यादा दर्द मेरी चुत और कमर मे हो रहा था.

इसलिये मेरा पहले ध्यान मेरी चुत की और जाते ही मैने देखा की, मेरी चुत का भोसडा बन चुका था. मेरी चुत पर मेरे चुतरस के साथ उनका सफेद गाढा पानी सुखा हुआ था. पुरे बिस्तर पर पसीने के, कामरस के और थोडे खून के दाग सुखकर बिस्तर भी कामुक कलर का लग रहा था.

उन्होने मुझे पकडके खडा किया. मेरे खडे होते ही मेरे पैर लडखडाने लगे, मुझे ऐसा लगने लगा की, मेरे शरीर मे जान ही नही है. वह मुझे देख बडे प्यार से हसते हुये मुझे अपने गोद मे उठा लिया और बाथरूम मे ले गये. मै उनके सहारे मुतने के लिये नीछे बैठने लगी तो मेरी चुत दर्द से कहराने लगी साथ ही मेरे मुह से दुख भरी आवाजे और आंखो मे आसु आने लगे.

मेरी चुत से मुत के निकलते ही उसके साथ साथ सफेद गाढा चिपचिपासा पानी नीछे फर्श पर गिरने लगा. मै मुतते वक्त मेरी झांघे कांप रही थी. मै : अह….. अम्म्म्मम….. ह….. ह…… अह: ह: ह: ह: ह: ऐसी आवाजे निकालते हुये मुतने लगी. मेरी गरम मुत के साथ साथ उनका सफेद गाढा चिपचिपासा पानी भी मुझे गरम लग रहा था. “College Girl First Sex”

मेरा मुत और उनका सारा सफेद गाढा चिपचिपासा पानी मेरी चुत से निकलने के बाद मैने दर्द भरी निगाहो से उनकी तरफ देखा. वह मेरी तरफ देख बडी ख़ुशी से मुस्करा रहे थे. उन्होने झट से नीछे झुककर मुझे अपनी गोद मे उठा लिया और बेडरूम मे ले गये और बेड पर बिठा दिया.

अब मै डर के मारे कांपने लगी क्योंकी मुझे लगने लगा की, वह फिर से कल रात की तरह चुदाई का दौर शुरू करेंगे. पर इस बार उन्होने ऐसा कुछ भी नही किया बल्की मुस्कराते हुये मुझे मेरे सारे कपडे पहनाये और फिर किचन मे जाके खाना लेके आ गये और मेरे आगे रख दिया.

दिनू अंकल : तुम सो रही थी तभी सुबह हॉटेल जाकर तुम्हारे लिये खाना लेकर आया हु… कल रात भर के मेहनत के बाद तुम्हे भूक लगी होगी ना…!

इतना कहकर मुझे एक एक निवाला मुस्कराते हुये बडे प्यार से खिलाने लगे. उनकी इसी अदा पे मै एक बार फिर उन पर पुरे दिल से फिदा हो गई. उनकी तरफ प्यार भरी नजरो से देख मैने खाना खा लिया. खाना खाने के बाद बडी ख़ुशी से उन्होने मुझे गले लगाया.

दिनू अंकल : कल मुझे तुमने बहुत खुश किया है बिलकुल मेरी बिवी की तरह. इतने सालो बाद ऐसा लग रहा था मानो, मेरी बिवी को ही मै प्यार कर रहा था.

इतना कहकर उन्होने मेरे माथे पर एक प्यार भरा चुंबन लिया. उनके इस बर्ताव से मै और ज्यादा उनकी दिवानी हो गई और मेरे चेहरे पर प्यार से भरी लाली आ के मै शरमा गई. फिर उन्होने मेरा मोबाईल नंबर लिया और उनका नंबर मुझे दे दिया.

मै : अब मुझे जाना होगा… मेरा इतना कहते ही, उन्होने मुझे फिर से गोद मे उठा लिया.

दिनू अंकल : चलो मै तुम्हे छोड के आता हु.

मेरे गालो पे एक अजीब सी लालिमा छा गई. वह मुझे गोदी मे उठाकर नीचे पार्किंग मे ले गये और एक कार का दरवाजा खोलकर उसमे मुझे बिठा के खुद भी बैठ गये. मै बडे अचरज मे पड गई की, यह कार किसकी है? मेरे चेहरे पर असमंजस और आश्चर्य के भाव देखकर वह बोले. “College Girl First Sex”

दिनू अंकल : अपनी ही कार है…. गॅरेज मे 7 दिन पहले दी थी दुरुस्त करने के लिये… तुम्हारे उठने से पहले… सुबह ही लाया हु.

मेरे अपार्टमेंट के पास पहुचते ही वह मुझे फिर से गोदी मे उठा के मेरे फ्लॅट पे ले जाना चाहते थे. पर मैने शरमा के मना कर दिया क्योंकी वहा मुझे ज्यादातर लोग पहचान ते थे. तो उन्होने मुझे अपने हाथो का सहारा देकर मेरे लडखडाते कदमो को संभाल रहे थे.

मै धीरे धीरे चलते हुये जैसे तैसे फ्लॅट पे पहुची. मेरे पास के चाबी से मैने फ्लॅट का दरवाजा खोला, फ्लॅट मे कोई नही था क्योंकी, आज कॉलेज का पहला दिन होने से मेरी सहेली कॉलेज गई हुई थी. उन्होने मुझे मेरे बेड पर बिठा दिया.

दिनू अंकल : मै बस एक मिनिट मे आया…

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इतना कहकर वह चले गये और आते वक्त उनके हाथो मे मेरा सामान था. शायद उन्होने मुझे कार मे बिठाने से पहले ही मेरा सामान कार की डीगी मे रख दिया होगा. उन्होने मेरा सामान मेरे कहे अनुसार रख दिया और बडी ख़ुशी से वह मेरे फ्लॅट से चले गये.

उनके जाते मैने फ्लॅट का दरवाजा अंदर से लॉक किया और फिर बेड पर जाके दिनभर गहरी निंद मे सोती रही. मुझे दरवाजे पर धड धड की आवाज सुनाई दे रही थी. उस आवाज के कारण मै निंद से जग गई और मेरा ध्यान घडी पर गया, तो शाम के 6 बज चुके थे. मैने दरवाजा खोल दिया.

सहेली : मॅडम….. कब से आवाज लगा रही हु मै????? तुम्हे पता भी है……? कब से मै…..

यह सब मेरी सहेली मुझसे कह ही रही थी की, उसका ध्यान मेरी हालत पर गया. वह दरवाजा बंद करके अंदर आई और मुझे देखकर बोली. सहेली : कल रात भर तु कहा थी? तु आज कॉलेज क्यू नही आई? और अपना यह क्या हाल बना रखा है तुने?

मै उससे कुछ नही बोली. मै सिर्फ गालो ही गालो मे हस रही थी. मेरी चेहरे पर एक अजीब सी रौनक देखकर मेरी सहेली हसने लगी. सहेली : ओ……. हो….. तो तुम रातभर मजे करके आई हो……… मै और ज्यादा शरमा गई. मेरी सहेली मुझसे पुछने लगी तो मैने उसे सब कुछ बता दिया. सच मे उस वक्त मुझे मेरे बदन मे अलग सी उत्तेजना भरी उर्जा के साथ, मेरी चुत एक अलग सी वासना भरा बदलाव महसूस कर रही थी. “College Girl First Sex”

सहेली : तभी मै सोचू, कॉलेज मे आज तक तुम्हारा बॉयफ्रेंड क्यू नही है? अब मुझे पता चला की, “तुम्हे बडे अच्छे लगते है.” उसने इतना कहते ही हम दोनो जोर जोरो से हसने लगी. मै हसते हसते बाथरूम मे चली गई और गरम गरम पानी से नहाई तब मुझे मेरे बदन मे अलग सी उमंग महसूस हो रही थी.

फिर मैने अपने घर मा-पिताजी को मोबाईल से कॉल किया और प्रसन्न मन से बडी खुशी से उनसे बाते की. फिर तकरीबन 7.30 बजे के बाद हम दोनो खाना खाने हमारे मेस पे चली गई. मै चलते वक्त मेरी हर एक कदम की अलग अलग अदाये देखकर मेरी सहेली मुझे चिढाकर हस रही थी और मै शरम से पानी पानी हो रही थी.

मेस मे खाना खाने के बाद हम दोनो हसी-मजाक करते हुये हमारे फ्लॅट की तरफ जा रही थी, तभी रोड के दुसरी तरफ से मुझे किसी ने आवाज लगाई. हमने देखा तो, कार मे दिनू अंकल बैठे हुये थे. उन्होने मुस्कराते हुये मुझे उनके साथ चलने के लिये इशारा किया. उनको देखकर खुशी के मारे मेरे चेहरे पर एक अजब सी चमक आ गई.

मैने अपनी सहेली की तरफ देखा तो वह हसते हुये वहा से चली गई. मै उनके तरफ जाने लगी तो मै ऐसा महसूस कर रही थी मानो, मै नही, मेरी चुत ही मुझे उनके लंड की तरफ खिंच रही थी. आखिर ऐसा क्यू ना हो? एक बार शेरनी खून का और चुत लंड का स्वाद चख लेती है तो उन्हे लत लग ही जाती है और वह अपने आप ही उस तरफ खिंची चली जाती है.

मै जाके उनकी कार मे बैठ गई. वह मेरी तरफ देखकर मुस्करा रहे थे और मै मुस्कुराती हुई शरमा रही थी. हम उनके फ्लॅट पे चले गये. हम दोनो बेडरूम मे जाते ही उन्होने मुझे नंगी कर दिया और खुद भी नंगे होके कल रात की तरह मेरी जमकर चुदाई की. हम दोनो चुदाई मे मदहोश हो चुके थे. “College Girl First Sex”

मेरी चुत के खेत मे अपने लंड से पानी की बारीश करके मेरी चुत के खेत मे उनका बीज बोते गये. उन्होने मुझे 1 बजे तक ही चोदा क्युकी कल मुझे कॉलेज और उन्हे ऑफिस जाना था इसलिये निंद पुरी होनी जरुरी थी. सुबह हम दोनो की एकसाथ ही निंद खुली.

मै मेरे पुरे बदन मे एक नया जोश महसूस कर रही थी. उसी जोश के साथ हम दोनो बाथरूम मे चले गये और मौज-मस्ती करते हुये एकदुसरे को नहलाया. नहाने के बाद हम दोनो ने कपडे पहने और फिर मुझे मेरे अपार्टमेंट के पास छोडकर वह चले गये. मै बडी ख़ुशी से मेरे फ्लॅट पे चली गई और पुरे जोश के साथ मैने मेरी सहेली को गले लगाया.

मुझे ख़ुशी से झुमता देख वह भी खुश हो गई. फिर हम दोनो ने स्नॅक सेंटर मे जाकर नाश्ता किया और फिर पुरे जोश मे, मै मेरी सहेली के साथ कॉलेज चली गई. दिनभर मै कॉलेज मे मेरे खुद के अंदर एक सकारात्मक उर्जा को महसूस करती रही. रात को वह फिर से आये और मै उनके साथ उनके फ्लॅट पे चली गई.

इसी तरह मै रोज रात को, हर छुट्टी के दिन-रात उनके साथ ही उनके फ्लॅट पे रहती थी. मै हरबार उनके साथ हसी-ख़ुशी से चली जाती थी. और इसी तरह मै उनके साथ वासना भरे चुदाई के समंदर मे दिन-रात डुबी रहती थी. ऐसे ही राते रंगीन और दिन सुहाने होते गये.

इन रंगीन-सुहाने पलो मे कब 2 से 3 महिने बित गये पता ही नही चला. लेकीन यही मौज-मस्ती भरे रंगीन-सुहाने पल अब मेरे अंदर से बाहर आने के लिये बेताब हो रहे थे. एक शनिवार की सुबह मै उनके बिस्तर से उठी तब अचानक से मुझे उलटीया आने वाली है ऐसा महसूस होने लगा तो मै दौडती हुई बाथरूम मे गई और बाथरूम मे जाके मैने उलटीया की फिर मैने बेडरूम मे जाकर उन्हे निंद से जगाया और उन्हे सारी बात बता दी. “College Girl First Sex”

दिनू अंकल : रात भर जगने के कारण खाने का अपचन हुआ होगा इसलिये शायद…

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मुझे भी ऐसा ही लगा इसलिये मैने इस बात पर ज्यादा ध्यान न देते हुये फिर से हम चुदाई के आगोश मे खो गये. पर अगले 2 दिनो मे भी हर सुबह उलटीयो के साथ मुझे खट्टी ईमली खाने की बहुत इच्छा हो रही थी. जैसे ही यह बात मैने उनको बताई उनके चेहरे का रंग ही उड गया था.

उनके काले चेहरे पर डर साफ साफ दिखाई दे रहा था. उस रात वह मुझे लेने के लिये आ गये और मै हर रोज की तरह बडी खुशी से उनकी कार मे बैठ गई. पर उस रात उनके चेहरे पर मुस्कान और हसी का कोई वजूद ही नही था. उनके चेहरे पर काफी सिरीयस भाव थे. मुझे समज मे नही आ रहाता की, आखिर इन्हे हुआ क्या है? सुबह डरे डरे दिख रहे थे और अब बहुत ही गंभीर.

मैने पुरे रास्ते उनसे बात करने की बहुत कोशिश की पर उन्होने मुझसे कोई बात नही की बल्की कार चलाने पे ध्यान दे रहे थे. थोडी ही देर बाद उन्होने कार रोक दी. जैसे ही मै कार से बाहर आई वैसे ही मुझे मेरे सामने हॉस्पिटल दिखाई दिया. वह मुझे हॉस्पिटल के अंदर ले गये. मै कुछ भी समज नही पा रही थी की, यह मुझे यहा क्यू लेकर आये है? हम हॉस्पिटल मे जाते ही एक नर्स हमारे पास आई और डॉक्टर मॅडम के पास लेकर गई.

डॉक्टर मॅडम : आईये…! मै आपिका ही इंतजार कर रही थी. इतना कहकर डॉक्टर मॅडम ने मेरी तरफ देखा.

डॉक्टर मॅडम : तुम वहा उस स्टेचर पर लेट जाओ.

मै चुपचाप बडी असमंजस अवस्था मे उस स्टेचर पर लेट गई. डॉक्टर मॅडम मेरे पास आई और मुझे चेक करने लगी. मुझे चेक करने के बाद डॉक्टर मॅडम दिनू अंकल के पास गई. मै स्टेचर से उठके दिनू अंकल के पास खुर्सी पे जाके बैठ गई. मेरे बैठते ही डॉक्टर मॅडम बोली. “College Girl First Sex”

डॉक्टर मॅडम : तुम्हे इस महिने पिरीयडस कब आये थे…? कुछ याद है…?

उनकी यह बात सुनकर मुझे याद नही आ रहा था की, इस महिने मुझे पिरीयडस आये थे या नही? पर पिछले 2 महिने पहले आये थे यह मुझे याद था. मै सोच ही रही थी तभी… डॉक्टर मॅडम : तुम. गर्भवती हो…. मा बननेवाली हो इनके बच्चे की. यह बात सुनकर मेरे तो होश ही उड गये. मेरे पैरो के नीछे से जमीन ही सरक गई और इसी कारण घबराहट मे मेरे मुह से….

मै : क्या?????

डॉक्टर मॅडम : पहला महिना चल रहा है तुम्हारा…. बहुत ही जल्दी तुम्हे….

मैने दिनू अंकल की तरफ देखा वह सिर नीचे झुकाये चुपचाप खुर्सी पर बैठ हुये थे. मेरी आंखो से आसु आने लगे. मै फुटफुटकर रोने लगी. मुझे रोता देखकर डॉक्टर मॅडम बोली.

डॉक्टर मॅडम : शुस्स्सस्स्स… तुम शांत हो जाओ पहले…

अगर मा-पिताजी को, रिश्तेदारों को, मेरे कॉलेज मे, मेरी सहेलीयो को यह बात पता लग गई तो मै किसी को मुह दिखाने के लायक नही रहूंगी. इतना सोचकर ही मेरे आंखो के सामने डरावना सा मंजर छाने लगा. मेरा दिल जोरो से धडकने लगा, मेरे शरीर को पसीने ने नहला दिया, मेरे हाथ पैर कांपने लगे. मेरी ऐसी स्थिती को देखकर डॉक्टर मॅडम बोली.

डॉक्टर मॅडम : घबराने की जरुरत नही है! यह तुम्हे यहा खाली करवाने के लिये ही लाये है. फिर डॉक्टर मॅडम ने मुझे बहुत समझा के चुप कराया तब जाके मै शांत हो गई. मै शांत होते ही डॉक्टर मॅडम मेरे लिये पानी लेकर आई. मै घटाघट सारा पानी पी गई. तब डॉक्टर मॅडम ने मुझे एक गोली खाने को दे दी और साथ ही मुझे एक इंजेक्शन लगाया.

डॉक्टर मॅडम : अब तुम्हारे पेट मे इनका बच्चा नही है… तुम अब गर्भवती नही हो. तुम्हारे पेट मे पल रहा इनका बीज कल सुबह तुम्हारे मुत के साथ सब पानी होकर निकल जायेगा. इतना मुझसे कहकर डॉक्टर मॅडम दिनू अंकल से बोली.

डॉक्टर मॅडम : आगे से जरा ध्यान रखना. कंडोम का इस्तेमाल करो अगर तुम्हे कंडोम लगाकर करना पसंद नही है तोह, मेरे पास गोलिया है हर सेक्स के बाद इसे खाने दो. ताकी तुम्हे दोबारा ऐसी आफत ना झेलनी पडे. दिनू अंकल ने डॉक्टर मॅडम की फीस दे दी और सिर नीचे झुकाये हुये चुपचाप उठकर बाहर निकल गये. “College Girl First Sex”

मै भी उनके पीछे हॉस्पिटल से बाहर आ गई. हम दोनो कार मे बैठ गये. पुरे रास्ते मै उनकी तरफ देखती रही पर वह मुझे नजरअंदाज कर रहे थे. हम दोनो मेरे अपार्टमेंट के पास आ गये. वह मेरे कार से उतरने का इंतजार कर रहे थे.

मै : जब तक आप मेरे सवालो के जवाब नही देंगे तब तक मै कार से नीचे नही उतरुंगी. सच सच बताना! आपको पहले से ही पता था की, मै गर्भवती हु तब आपने मुझे क्यू नही बताया???? क्योंकी आपको डर था की, अगर मुझे पता लग गया की, मै आपके बच्चे की मा बनने वाली हु तब मै शादी के लिये आपके पीछे पड जाती और मै आपके साथ हॉस्पिटल जाकर यह बच्चा कभी भी खाली न करवाती. क्योंकी मै खुद से ज्यादा पुरे मन से आपसे प्यार करती हु. आपको यह पता है… है ना! बोलिये ना… चुप मत रहीये. “College Girl First Sex”

मेरी बात खत्म होते ही उन्होने पहली बार उनकी चुप्पी तोडी. दिनू अंकल : मै तुमसे बस इतना ही कहना चाहता हु की, आज… अभी इसी पल से तुम्हारे और मेरे बीच के संबंध खतम. अब से तुम मुझे मिलने की कोई कोशिश मत करना और नाही मै तुम्हे मिलने की कोशिश करुंगा. हमारे बीच कोई संबंध नही है, नाही थे और ना इसके आगे कभी रहेंगे. अब उतरो कार से….

उनकी यह बात सुनकर मुझे ऐसे लगने लगा की, मै उन्हे जीतना जानती हु उतना कम ही है क्योंकी आज भी वह मेरे लिये एक अजनबी ही है. उनका यह मेरे साथ अजनबी जैसा व्यवहार देखकर मेरी आंखो मे आसु आने लगे. मै रोती हुई कार से निकलकर दौडती हुई मेरे अपार्टमेंट मे गई. “College Girl First Sex”

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मैने दरवाजा ठकठकाया मेरी सहेली ने दरवाजा खोला. मै रोती हुई फ्लॅट के अंदर दाखिल हुई. सहेली : क्या हुआ तुझे??? तु रो क्यू रही है??? और तु इतनी रात को यहा कैसे? ऐसे कई सवाल मुझे मेरी सहेली पुछती रही पर मै सिर्फ रोती रही. देर रात तक मेरी सहेली मेरे साथ बैठकर मुझे चुप कराती रही उसके बाद मै उसके पास ही सो गई.

सुबह मेरे उठने पर भी मेरी सहेली ने कल रात के बारे मे पुछा पर मै चुप रही. मै चुपचाप उठकर बाथरूम मे जाकर हगने-मुतने बैठ गई तब मेरी आंखो के सामने मेरी और दिनू अंकल के प्यार की निशाणी मेरे मुत के साथ बह रही थी. यह देखकर मै बिना नहाये ही उदास होके सहेली के साथ कॉलेज चली गई.

14 से 18 दिन निकल गये. हर रोज मेरे चेहरे पर उदासी देखकर मेरी सहेली मुझे दिनू अंकल के बारे मे और हमारे बीच क्या हुआ? यह पुछती. पर मैने उसे कभी भी कुछ नही बताया. मै हर रोज उनके कॉल आने का इंतजार करती पर उन्होने मुझे कभी कॉल नही किया इसलिये मैने अपने मोबाईल से उनका नंबर डिलीट कर दिया.

अब मेरी सेमिस्टर नजदीक आ चुकी थी. मेरे सारे असाईनमेंटस और प्रॅक्टीकल के जर्नल्स बाकी थे इसलिये मै अपनी पढाई मे लग गई. मैने जैसे तैसे उन्हे भुलने की कोशिश करते हुये, जैसे तैसे अपनी पढाई पर ध्यान देते हुये, जैसे तैसे मेरा 2रा और 3रा साल पुरा करके मेरी बी.सस्सी बायोलॉजी की डिग्री पुरी की. “College Girl First Sex”

मेरा कॉलेज पुरा होते ही घरवालो ने मेरी शादी कर दी. मेरे पती पुणे मे एक अच्छी कंपनी मे इलेक्ट्रिकल इंजिनिअर है. इसलिये मै आज भी मेरे पती, 1 बेटा और 2 बेटीयों के साथ पुणे मे रहती हु. पर फिर भी मै आज भी दिनू अंकल से प्यार करती हु इसलिये मेरे पती के साथ चुदाई के दौरान मुझे हमेशा ही उनकी याद आती है और साथ ही मेरी हर गर्भावस्था मे मुझे उनकी याद आती थी.

इसलिये यह घटना किसी को बताने का मेरा मन करता था पर मै डरती थी की, अगर यह घटना किसी को मालुम हुई तो, कोई भी इन्सान मेरा फायदा उठा सकता है और मुझसे नाजायज संबंध रख सकता है. इसलिये मैने दुसरा तरीका सोचा की, यह घटना सबको बताकर मेरा मन भी हल्का हो जाये और किसी को कोई पता भी ना चले. इसलिये मैने उस अजनबी अंकल के नाम के सिवाय, मेरा या फिर किसी का भी नाम न लिखते हुये मेरे जीवन मे घटी यह घटना आपको बता रही थी. “College Girl First Sex”

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