खेली खायी औरत बिना लंड के नहीं रह सकती – Crazy Sex Story

खेली खायी औरत बिना लंड के नहीं रह सकती – Crazy Sex Story

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मेरा नाम राकेश रोशन है। मैं महराजगंज का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 42 साल है। मैं अविवाहित हूं लेकिन मैंने अपने इस छोटे से जीवनकाल में 150 से ज्यादा लडकियों और औरतों को चोद के उनकी जिस्म की भूख मिटाई हैं। मेरे लंड का साइज 8 इंच है और मोटाई बहूत हैं। कितनी भी बड़ी रंडी हो पहली बार में मैं उसे पानी पिला देता हूं। Nonveg Phone Call Sex

हां एक बात जरूर है कि जो मादरचोद भोसड़ी रंडी मेरे से एक बार चूदा ले वो मेरे अलावा किसी और का लंड ले ही नहीं सकती। मेरी कद-काठी सही है। लंबा चौड़ा हूं। देखने में भी ठीक-ठाक हूं। मैंने अपने गांव की सभी भाभियों के चूत को चखा है। मेरा बस दिनभर यही काम रहता था।

मैं दौड़ने में बहूत तेज था। अच्छा धावक होने के कारण और फिटनेस शानदार होने के कारण मैने सिपाही की दौड़ निकाल ली थी। 2007 में मेरी नयी-नयी भर्ती हुई थी। हम सिपाही लोग जब बैरक में होते हैं तो वहां का माहौल भी अलग होता है। हमलोग बहूत मजे करते हैं। मेरे बगल में मनोज नाम का एक अन्य सिपाही था जिसका स्वभाव बहुत हंसमुख था।

रात को हर दोनों अगल-बगल सोते थे। मनोज हर दिन किसी के बात करता था। उसकी बातें बहुत सेक्सी होती थी और उसकी बाते मेंरी कानों में आ जाती थी। उधर से किसी महिला की भी आवाज रहती थी जो मुझे साफ-साफ सुनाई नहीं देता था। लेकिन मनोज की बाते साफ सुनाई देती थी और उन दोनों की बातों सुनकर मेरा लंड पानी-पानी हो जाता था।

शुरू में मुझे लगा कि मनोज अपनी बीबी या गर्लफ्रेंड से बात करता होगा। हम दोनो में इतना भी मेलजोल नहीं हुआ था कि मैं उससे इस बारे में कुछ पूछता। मुझे उसके नीजि जिंदगी में दखल देना सही नहीं लगता था और फिर मुझे उनकी बातों को सुनने में मजा आता था।

उन दोनों की बाते सुनकर मेरा लंड खड़ा हो जाता था और कई बार मैं मूठ मारकर अपने बहादूर को शांत कर देता था। ये हर रात 9 से 9.30 के बीच की रूटीन थी। दो महिने ऐसे ही बीत गये। अब हम और मनोज बहुत अच्छे दोस्त हो गये थे। हम दोनों में खुल कर मस्ती मजाक होने लगी थी।

ऐसे में एक दिन मैंने मनोज से कहा-यार मनोज तुम हर दिन किस से बात करते हो। साले तुमलोगो की बात को सुनकर मेरा लंड खड़ा हो जाता है। हर दिन मुझे मुठ मारना पड़ता है। आखिर कौन है वो।

मनोज ने कहा- साले इतने दिन से मुठ मार रहा। आज बता रहे हो, कमीने.

मैं- क्या करता यार। तुम्हें कहता तो तुम धीरे-धीरे बात करते। या कही और जाकर बात करते। मुझे तुम दोनों की बाते सुनकर मजा आता है। गर्मी शांत कर लेता हूं। बता ना यार कौन है वो।

मनोज ने कहा- सच बोलू तो मैंने भी उसे नहीं देखा। एक बार गलती से उसने मेरे पास नंबर लगा दिया था। उसे कहीं और बात करना था। मैंने उसी दिन उसका नंबर सेव कर लिया। धीरे-धीरे हमलोग बातें करने लगे। फिर हमलोग एक दूसरे से खुल गये। दोनों मजे लेते हैं। ना मैने उसे देखा है ना उसने मुझे। बस फोन पर हम दोनों को मजे करने की आदत लग गयी है।

मैं- क्या बात है यार। ऐसी औरत से मुझे भी बात करवा दे कभी। साला एक बार उसकी आवाज सुनी थी। पूरी लंडबाज औरत है यार।

मनोज ने कहा- ना,ना जो मेरा चल रहा है वो भी खत्म हो जाएगा भाई। नंबर नहीं दूंगा मैं, इसके लिए सौरी।

मैं- यार दे देता तो हमदोनो मजे करते। नाम तो बता दे। ऐसे वो रंडी है कहां की।

मनोज ने कहा- देख रानी नाम है उसका और वो तेरे महाराजगंज की है। बस इतना जान ले।

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मुझे काटो तो खुन नहीं। साला मेरे शहर की औरत और मजे ये कर रहा है। सच बोलू तो मनोज से मुझे चिढ हो गयी थी कि साले ने मुझे नंबर नहीं दिया। दोस्तो उस वक्त वाट्स एप्प और फेसबुक का चलन नहीं था। फोन भी नोकिया का होता था जिसमें सिर्फ बात होता थी। उस वक्त फोटो आदान-प्रदान भी नहीं होता था।

आप सिर्फ बात करके सूरत का संभावना लगा सकते थे। मैंने ठान लिया था कि अगर औरत सच में बदचलन है तो मैं उसे पटा लूंगा। मैं इन सब मामलों में पूराना खिलाड़ी था। बस मुझे किसी तरह मनोज के मोबाइल से उस औरत का नंबर उड़ाना था। मैं मौके के तलाश में था और मुझे इसका मौका दूसरे दिन ही मिल गया।

मनोज बाथरूम करने गया और मोबाइल को चार्ज पर लगा दिया। वो जैसे ही बाथरूम में घूसा मैंने उस औरत का नंबर उसके मोबाइल से उड़ा लिया। अब बारी थी उस औरत को फोन करने की। डर भी लग रहा था कि उससे मैं बात की शुरूआत कैसे करूं। वो मुझे कैसा रिसपोंस देगी। इसी उधेड़बुन में मेरा एक दिन गुजर गया।

दूसरे दिन मैंने हिम्मत करके उसको कॉल किया ये सोचकर की अगर उसने मुझे ठंढा रेस्पोंस दिया तो मैं फिर उसका नंबर डिलिट कर दूंगा और कभी कॉल नहीं करूंगा। दिन के 12 बज रहे थे। मैं अपने बैरक में अकेला था। मैंने रानी को कॉल कर दिया। उसने कॉल उठा लिया।

रानी- हेलो कौन

मैं- जी मैं राकेश बोल रहा हूं।

रानी- हां बताइएं क्या काम है, कहां से बोल रहे हैं।

मैं-जी मैं महाराज गंज से हूं। लेकिन अभी अपने ट्रेनिंग कैंप में हूं। आपसे बात करने का मन है।

रानी-अच्छा आप महाराजगंज के हैं। बोलिये क्या काम है मिस्टर।

मैं- मुझे आपसे बात करनी है। आपकी आवाज सुननी है।

रानी- अच्छा जी सुन लिये ना। चलिये अब रखिए फोन।

मैं-सुनिये आप बुरा मत मानिये। गलत मत समझिये। बस मन नहीं लग रहा था तो आपको कॉल कर लिया।

रानी- अच्छा जी। मैं मन लगाने की चीज हूं। पहले ये बताइये की ये नंबर आपको कहां से मिला। सच-सच बोलिएगा।

मैं- एक वादा करना होगा। मैंने जहां से नंबर लिया है उसे आप बताएंगी नहीं।

रानी- चलो ठीक है। वादा किया। अब बताओ नंबर कहां से मिली।

मैं- देखिए मैं और मनोज जिसके साथ आप रोज रात को बात करती है। हम दोनों एक ही बैरक में एक साथ रहते हैं। मैं हर दिन आप दिनों की बात सुना करता था। मैंने उससे नंबर मांगा उसने दिया नहीं तो मैंने चोरी छिपे आपके नंबर को उसके मोबाइल से उड़ा लिया।

ये सुनकर रानी तो पहले खुब हंसी और फिर कहा – आप सिपाही होकर चोरी करते हैं। ये ठीक बात नहीं है मिस्टर। इसके बाद उसने जमकर ठहाके लगाये।

मैने कहा- देखिये जो सच था मैंने आपको कह दिया। अब आप जो सजा दें।

रानी बोली- मुझे आपने सच कहा ये मुझे अच्छा लगा। फिर आप मेरे इलाके के हैं। चलिये कोई बात नहीं। आप मुझे कॉल कर सकते हैं।

मैं-देखिये ये बात मनोज को मत कहिएगा। वो बुरा मान जाएगा।

रानी- उसके बुरा मानने या बुरा ना मानने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। रही बात उसे बोलने की तो मैं उससे इस बात की जिक्र नहीं करूंगी।

मैं- आप मुझसे बात करेंगी ना।

रानी- जरूर आप बिंदास होकर मुझसे बात कर सकते हैं।

मैं-आपके पति को बुरा नहीं लगेगा।

रानी- वो 10 बजे से 5 बजे तक आॅफिस में रहते हैं। मैं घर में अकेली रहती हूं। मेरे दो बच्चे हैं वो स्कूल चले जाते हैं। मैं भी बोर होती रहती हूं। आप जब फ्री हों कॉल कर सकते हैं। मुझे कोई आपत्ती नहीं हैं।

दोस्तों मुझे रानी से ग्रीन स्गिनल मिल चूका था। उसकी आवाज बेहद सुरीली थी। उसके बात करने के अंदाज से मैं काफी इंपे्रस हो गया था। मेरे शहर की थी। मुझे पक्का यकीन हो गया था कि अगर मैं इसके लगातार संपर्क में रहा तो मैं रानी को चोद लूंगा। मेरा मूल मकसद चोदना था।

ऐसे भी मैंने देखा था कि जो औरते चार-पांच मर्दों से बात करती हैं। वो किसी एक की हो ही नहीं सकती हैं। वो भी घाट-घाट का पानी पीती हैं और उनको भी नये-नये मर्दो के साथ सोने और उनके लंड को अपने चूत में उतारने का भूत सवार रहता है। देखना था कि रानी कितने घाटों का पानी अपने चूत में उतरवायी थी। “Nonveg Phone Call Sex”

रात को 9 बजते ही मैं बैरक के सामने वाले ग्राऊंड में घूमने के बहाने से निकल गया। जिससे की मनोज को शक ना हो। इस वक्त रानी और मनोज हर दिन बात करते थे। मैं बाहर ग्राऊं ड में निकला और रानी को मनोज के कॉल करने से पहले मैंने कॉल लगा दिया। उधर से रानी ने फोन उठा लिया।

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मैं- सोने की तैयारी हो रही है मैडम।

रानी – रात को तो सोया ही जाता है।

मैं- पतिदेव कहां हैं। दोनों सोने की तैयारी में हो।

रानी- मैं पति के साथ नहीं सोती। आज पहले ही दिन तुम रात में कॉल कर दिये। उस्ताद हो। मनोज से पहले ही बाजी मार दी।

मैं हंसते हुए- नहीं, नहीं ऐसी बात नहीं है। बस आपकी आवाज के दीवाने हो गये हैं। जब से आवाज सुनी है। आपसे बात करने को दिल करता है।

रानी खेली खायी महिला थी। उसे मालूम था कि किसी मर्द को कैसे लपेटना है। मैं समझ गया था कि वो मनोज से रोज बात करके बोर हो चूकी थी। वो मुझसे बाते करके खुश नजर आ रही थी। उसे कोई फर्क नहीं पड़ा था कि उसे मनोज ने फोन किया था या मैने। उसने मुझसे पूछा- शादी हो गयी है मिस्टर। बहूत उतावले रहते हो।

मैंने कहा- कहां शादी हुई है। कुंवारा हूं।

रानी- लगते तो नहीं हो। खेले खाए तेज तर्रार लगते हो।

मैने कहा- आप इस वक्त कैसे फ्री रहती हैं। पति कैसे छोड़ देते हैं आपको।

रानी- उससे काम नहीं होता तो क्या करेगा साथ सोकर, आराम से अलग सोता है।

मैने कहा- जब उससे काम नहीं होता तो आपका कैसे पूरा होता है।

रानी- तुम्हारे जैसे चोदू लोगों से बात करके मजे लेती हूं और अपनी पानी निकाल लेती हूं। मेरा यही सोचना है जिंदगी एक बार मिली है उसे अपने हिसाब से जियो। घूट-घूट के जिने से अच्छा मर जाना है। हर इंसान को चाहे वो मर्द हो या औरत उसकी शरीर की भूख की गर्मी शांत होनी चाहिए। जिसके साथ अच्छा लगे और संतुष्टी महसूस हो उसके साथ मजे ले लेनी चाहिए। क्या रखा है जिंदगी में, कल हो ना हो।

मैने कहा- आपकी सोच कितनी सही है। पहली दिन ही आपने मेरी झिझक मिटा दी। साफ-सुधरे सधे लब्जों में सारी बाते कह दी । मुझे आपका ये अंदाज शानदार लगा।

उसके इस बातो से मेरा मूड बन गया था। मैं समझ गया था कि ये एक नंबर की रंडी है। वो औरत जो पहले ही दिन फोन में खुलकर सेक्सी बाते करें आप लोग समझो कि वो कितनी बड़ी चुदास होगी। मैं समझ गया था कि रानी को बस लंड से मतलब है और इसपर चुदाई का भूत सवार है। इसको चोदने के लिए स्टेमिना और ताकत चाहिए जो मेरे पास भरपूर थी। “Nonveg Phone Call Sex”

उसकी बातों से जाहिर हो गया था कि आग उसमें ही ज्यादा लगी थी। मैं सोच ही रहा था कि रानी ने मुझसे पूछा- क्या तुम मुझे चोदना चाहते हो? मुझे तो ऐसा लगा मानो पूरी जन्नत ही मिल गई हो। मेरा उससे बात करने का मकसद ही यही था। मेरी योजना सफल होती नजर आ रही थी। वो इतनी आसानी से मान जाएगी, ये मैंने कभी सोचा ही नहीं था।

मैंने बहुत प्यार से और धीरे से कहा- हां..

इस पर उसने सिर्फ हम्म.. की आवाज निकली।

मैंने फिर एक बार उससे पूछ लिया- मैं ऐसा चाहता तो हूं पर तुझे कोई प्रॉब्लम तो नहीं होगी ना मेरी जान?

वो कहने लगी- जब आग लगी हो तो उसे शांत नहीं करना चाहिए.. बुझा लेना चाहिए!

मैं अब फिर से खुल गया और इसके बाद मैंने उससे कुछ गंदा वाला मजाक किया। वो भी मुझसे प्यार से बातें करने लगी। इसके बाद हमदोनो गरम हो गये और पहली ही दिन फोन पर सेक्स कर हम दोनों ने अपनी शरीर की गर्मी को शांत किया। बैरक वापस गया तो मनोज को सोते पाया। मैं भी अपने बिस्तर पर लूढक गया।

अब हालात ये हो गये थे कि हम दोनो दिन में भी बाते करने लगे। उसे मेरा बात करने का अंदाज पसंद आता था। अब मनोज उसके जिंदगी से जा चूका था। अब हर रात और कभी-कभी दिन में बाते करते-करते हम दोनो झड़ जाते थे। ऐसे करते-करते चार महिने बीत गये। मैंने घर जाने के लिये सात दिनों की छुट्टी ली थी।

रानी को मैंने बता दिया था कि इन सात दिनों में मैं उसे लगातार सात दिन चोदूंगा। मेरे आने का उसे भी इंतजार था। उसे भी चूत मरवाना था। इस चार महिने में कभी-कभी वो दिन मे मेरा कॉल रिसिव नहीं करती थी। उस दिन मैं समझ जाता था कि आज उसने किसी को अपने चूत मर्दन के लिये बुला रखा है।

बहरहाल हम दोनों को मिलना था। इतना तो मुझे मालूम था कि उसे भी मुझसे मिलने की आग लगी हुई थी। अब वो भी दिन आ गया था कि मैं छुट्टियों में अपने शहर महाराजगंज आ गया। हम दोनों ने इस रात जमकर फोन सेक्स की और मैंने उससे मिलने की बात करते हुए मिलने की जगह तय की। “Nonveg Phone Call Sex”

उसने कहा कि वो अपने पति के साथ माकेर्टिंग के लिये शाम को बाजार जाएगी। वो एक तय जगह पर खड़ी रहेगी। फोन पर बात कर हमदोनो एक दूसरे बात कर देख भी लेंगे और कुछ देर के लिये मिल भी लेंगे। यह हम दोनों की पहली मुलाकात होने वाली थी। उसका तो पता नहीं लेकिन मैं रोमांचित था।

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मुझे देखना था कि जिस महिला से मैं चार महिने से बात कर रहा हूं। वो देखने में कैसी है। उसके बाद तो उसे चोदना था ही। रात जैसे तैसे गुजरा। अगले सुबह मैंने सेव-वेव कर लिया। दिन में उससे बात भी की। अब मुझे शाम का इंतजार था। मैं सेंट-वेंट मारकर बाजार के लिये अपनी बाइक से निकल पड़ा।

जैसे ही मैं बाजार पहूंचा रानी ने मुझे फोन करके लोकेशन बताया कि वो बाजार के रंगनाथ चौक के पास बाइक पर अपने पति से साथ खड़ी है। उसने लाल रंग की साड़ी पहन रखी है। रंगनाथ चौक महाराज गंज का सबसे प्रसिद्व जगह था। आखिर इतने दिनों के बात-चीत के बाद दो अंजान लोग को मिलने की ललक कैसी होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

मैं रंगनाथ चौक अपने बाईक से पहुंच गया। वहां काफी भीड़ थी। बहूत सारी महिलाएं थी जो अपने पति के साथ थी, कई बाईक पर भी थी। उसने मुझे कॉल कर पूछा तुम पहुंचे नहीं। मैंने जरूरी खरीदारी कर लिया है। अब निकल जाऊंगी कुछ देर में, जल्दी आओ। मैं कहा कि मैं तो यहां पहुंच गया हूं।

तुम कहां हो। मैं रंगनाथ चौक के पास पेट्रोल टंकी है वहां खड़ा हूं। उसने कहा मैं उसके ठीक सामने हूं। तुम कौन सा कलर का सर्ट पहने हो। मैने उसे बताया कि मैं पीला सर्ट और ब्लू जिंस में हूं। उसने कहा कि वो मुझे पहचान गयी है और उसे देख रही है। कहा कि तुम अपने नाक के सीधा में देखो मैं खड़ी हूं। “Nonveg Phone Call Sex”

मैं सीधा करीब 50 कदम गया ही होगा कि एक महिला ने आवाज देते हुए कहा राकेश मैं इधर हूं। वो देखते ही मुस्कुराई। मैं उसे देखा तो देखते ही रह गया। मैंने जितना सोचा था वो उससे कही ज्यादा खुबसूरत थी दोस्तो। कुछ पल के लिए उसे देखकर मेरा दिमाग हैंग कर गया।

उसने कहा- क्या हुआ स्मार्टी, देख लिये।

मैने कहा- इसे देखना कहते हैं। मुझे तुम्हे जी भर के देखना है।

उसने कहा- अब तो छुट्टी है, यही हो, तो देख भी लेंगे। मिल भी लेंगे। अब पति आ रहा है सामने से तुम निकल लो। रात को बात करती हूं। इतना कहकर वो अपने पति के साथ निकल ली। मैं भी कम नहीं था उसके बाईक का पीछा करते-करते उसके घर तक पहूंच गया और देख लिया कि वो कहां रहती है।

घर घूसते वक्त उसने गेट के पास से पति से छुपते हुए मुझे टाटा किया और मुस्कुराते अंदर चली गयी। दोस्तो मैंने अब तक काफी लड़कियों और महिलाओं का चूत मर्दन किया था लेकिन ये मनाना पड़ेगा कि रानी सबसे जूदा था। बहूत ही सेक्सी और कामूक दिखती थी। रानी के बारे में क्या बताऊं दोस्तो।

जितना देखा उसका इतना ही वर्णन है कि रंग गोरा, काले लंबे घुंघराले बाल व बहुत हीं सोख व चंचल हसीना थी। उसकी अदाएं मनमोहक थी। आंखों में ऐसा जादू कि एक बार जो उसे नजर भर के देख ले वो उसका दीवाना हो जाय। उसकी जो खास बात थी कि उसका बदन बड़ा हरा-भरा था। उसकी लाल साड़ी में थिरकते हुए गोल गोल फुटबाल जैसा गांड़ जो भी देख लें वो दीवाना हो जाय।

उसकी चौड़ी फैली गदराई पेट और कमर के नीचे बड़ी बॉम्ब जैसी गांड को ऊपर से देख मैं पागल हो गया था। सबसे बड़ी बात ये थी कि वो थी तो 37 साल की लेकिन उसका त्वचा और शरीर से उसके उम्र का पता भी नहीं चलता था। उसकी तनी हुई उठी हुई मस्त चुचियां हों,या उसका निकला हुआ पेट हो।

रानी ऊपर से नीचे तक पटाखा माल थी। वो अपने चुचियों और गांड को ऐसे हिलाकर चलती थी कि किसी राह चलते बुड्ढे का भी लंड खड़ा हो जाए। वो ऐसा जानबूझ कर करती थी। मैं जितना देर उसे देखा और जितना उसकी बातो से समझा उससे एक बात समझ आ गयी कि उसे आकर्षण के केंद्र में रहना पसंद था। “Nonveg Phone Call Sex”

उसे मालूम था कि एक मर्द को औरत की कौन सी अदा पसंद है। वो मर्दो की मानसिकता को भली-भाति समझते हुए उनके भावनाओं के साथ खेलने में माहिर थी। उसकी सबसे बड़ी खाशियत ये थी कि वो अलग-अलग प्रकार के लंड को लेने की शौकिन थी। वो एक अच्छे घर से ताल्लुक रखती थी लेकिन लंड खाने के मामले में उसने जीबी रोड की रंडियो को भी पीछे छोड़ दिया था।

उसे मर्दो में दिलचस्पी कम और लौड़े में ज्यादा दिलचस्पी थी। खैर मुझे क्या था मुझे कौन इससे शादी करनी थी। इंसान को घर के लिये औरत सति-सावित्रि चाहिए लेकिन चुदाई के लिये रंडी चाहिए और मुझे एक खेली, खाई गुलबदन रंडी मिल चूकी थी। अब मेरा ध्यान उसे बिस्तर पर लाने को लेकर था।

एक दिन गुजर चूका था। मात्र 6 दिन छुट्टी के शेष बचे थे। मेरा समय तेजी से भाग रहा था। मुझे जो भी करना था जल्दी करना था। मैं इस मौके को किसी भी कीमत पर जाने देना नहीं चाहता था। रात को मैने उससे बात किया और सीधा कहा कि अब बहूत हो गया। मुझे तुमसे मिलना है और चोदना है। उसने कहा कि उसे भी मिलना है लेकिन एक दो दिन रूको।

मैने कहा- समय नहीं है मेरी जान, छुट्टियां कम हो रही है। मै सिर्फ तुम्हारे लिये आया हूं। एक बार मिल लो फिर जिद नहीं करूंगा।

काफी मिन्नतों के बाद वो मुझसे मिलने को तैयार हुई। मैंने शहर के सबसे बदनाम होटल जहां मैं अपनी अन्य मालों को चोदा करता था उसे वहां बुलाया। शुरू में तो वो हिचकी लेकिन फिर तैयार हो गयी। मेरा उस होटल में बुलाने का कारण यह था कि उस होटल का मालिक मेरा दोस्त था। वहां के स्टाफ मुझे अच्छे से जानते थे और फिर उस होटल में पुलिस आदी का लोचा नहीं था।

वहां अक्सर लोग रंडियों को लेकर ही जाते थे। वो होटल चुदाई के लिये प्रसिद्ध था। वहां संभ्रात परिवार के लोग नहीं जाते थे। दूसरे दिन 11 बजे का टाईम फिक्स हुआ। मैने उसे सतरंगी चौक के पास सतेंद्र होटल के बाहर बुलाया था। उसे बता दिया था कि मैं वहीं बाइक पर उस होटल के बाहर खड़ा रहूंगा और उसे रिसिव कर लूंगा। “Nonveg Phone Call Sex”

अगले दिन मैने तय समय से पहले पहुंचकर होटल के कमरे में सारी तैयारियां कर ली थी। खाने का आर्डर दे दिया था। आज हुआ ये था उस होटल के सारे कमरे बुक थे। आज सभी कमरों में चुदाई चलने वाली थी। मैं अपनी माल का इंतजार लंड में तेल लगाकर करने लगा। वो घर से रिक्से पर सवार होकर निकल चूकी थी।

मैंने फोन किया तो उसने बताया कि बस 10 मिनट में वो सतरंगी चौक पहुंच जाएगी। मेरी बेचैनी बढ रही थी और लंड खड़ा हो चूका था। मेरा मिटठू मियां पूरी तैयारी में था। कई महिनों से इसने चूत का स्वाद नहीं चखा था। आज इसकी मनोकामना पूरी होने वाली थी। दूर से ही मैने देख लिया कि रानी रिक्से में सवार मेरे सामने आने वाली थी।

रिक्सा आया वो उतरी। मैने रिक्से वाले को पैसे दिये वो भी रानी को नापते हुए चला गया जैसे की वो उसे खा जाएगा। उसने ये ही समझा होगा कि जिसे वो अपने रिक्से पर लेकर आया वो कोई रंडी थी। उसे भी चोदने की इच्छा हुई होगी। खैर मैं उसे तुरंत होटल के अंदर लाया और सबसे पहले खाने के टेबल पर बैठकर उसके पसंद के खाने का आर्डर किया।

पहले भोजन फिर चूत चोदन की योजना थी। वो मेरे बगल में बैठी थी। मैंने उसे देखा तो देखता ही रह गया। क्या लग रही थी वो। गोरी-गोरी मंहकी-मंहकी सी। उसने एक बेहतरीन फरप्यूम का इस्तेमाल किया था जिसके महक से पूरा कमरा सुगंधित हो रहा था। वो एकदम झकास माल लग रही थी।

उसकी साइज 36-34-36 की थी, वो काले रंग की साड़ी पहन कर आई थी। मैं उसे देख ही रहा था कि तभी वो मेरा ध्यान भंग करते हुए बोली- सिर्फ देखना ही है.. या कुछ करोगे भी। तब मुझे होश आया.. उस कमरे में उस वक्त कोई नहीं था। कुर्सी से उठकर मैंने उसे गले लगाया और एक टाइट हग किया।

उसके कड़क चूचे मेरे छाती से लग कर दब रहे थे। मुझे बहुत अच्छा फील हो रहा था। फिर मैंने उसके लाल त्रिकोण होठो पर किस किया और जकड़ लिया। इसके बाद हम दोनो बैठ गये और खाने का इंतजार करने लगे। “Nonveg Phone Call Sex”

इस दौरान मैने अपना हाथ उसके जांघों पर रख दिया और उसे सहलाने लगा। वो सिहर उठी और खुद ब खुद उसका हाथ मेरे जिंस के ऊपर आ गयी। उसने मेरे लौड़े को ऊपर ही ऊपर से सहलाना शुरू किया। मेरा लौंड़ू एकदम तन के टाइट था।

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उसने कहा- तेरा मुर्गा बड़ा बेताब दिख रहा है।

मैने कहा- जब मुर्गी सामने हो तो मुर्गा तो बेताब होगा ही।

उसने कहा- अच्छा मुर्गी को देखना है कि मुर्गे में दम है या चार महिने से घुड़की दे रहा है।

मैने कहा-जानू बस चंद लम्हो में समझ जाओगी की मुर्गा बांग देता या है वाकई इसमें जोर हैं। पहले खा तो लो।

इतने में वेटर आ गया और हमलोग को खाना परोस चला गया। हम दोनो जल्दी खाना समाप्त कर रूम में जाना चाहते थे। खाना का टेस्ट क्या था, क्या नहीं कुछ पता नहीं चला। बस किसी तरह उसे खत्म कर हम दोनों अपने कमरें में पहुंचे। कमरे में घूसते ही उसे पहले अच्छे से लॉक किया उसके बाद रानी को गोद में उठाकर बिस्तर पर पटक दिया।

सफेद कलर की बेडसीट लगी हुई थी। मैं आग में तड़प रहा था। मैने अपनी जींस और टीशर्ट उतार दी। साथ ही उपना जांघिया उतार दिया। मेरा लंड फूफकार रहा था। लंड देखते ही रानी बोली- कितना सुंदर लोड़ा है। ये मुझे चाहिए। कुत्ते डाल दे न।

इतना सुनते ही मैं कुत्ता बन गया था। मैंने उसकी ब्लाउज उतारी और चूचियों को निचोड़ते हुए बोला- कुतिया, तूने महीनों से मुझे पागल कर रखा है, आज तेरी चूत की भोसड़ी बना कर ही छोडूंगा। आज लाया ही तुझे चुदाई के लिये हूं। आज तेरी चूत का बाजा बजा दूंगा। राकेश से जो भी औरत एक बार चुद लेती है वो बार बार चुदने आती है।

मैने रानी की पेटीकोट ऊपर तक उठाकर दोनों टांगें फैला दीं और लंड का अग्र-भाग उसकी चूत की फाकों पर रगड़ा तो उसकी ऊह आह आहा आहा आह। मजा आ गया, घुसा जल्दी घुसा की आवाजें कमरे में गूंजने लगीं। वो बहुत कामुतेजित हो गयी थी और जल्द से जल्द चुदना चाहती थी। उसकी चूत गीली होकर बहने लगी थी।

उसे जल्दी से लेदरस्टिक [यानी लंड] चाहिए था। मैंने उसकी दोनों टांगे खोल दी और सेक्सी नाभि को जो काफी गहरी थी उसको चाटने लगा। नाभि चाटते-चाटते मैं उसकी रसीली चूत के पास पहुंच गया। उसके बाद मैंने अपनी जीभ उसके चूत पर लगा दी और उसके योनी के द्वारा छोड़े गये अमृत रस को चाटने लगा। “Nonveg Phone Call Sex”

मैं अच्छी तरह से उसके चूत का रस पी रहा था। उसकी चूत में कई परतें थी। जिसके साथ मैं अपने जीभ से खेल रहा था। उसकी चूत के दाने, चूत की फांक, चूत के दोनों होठों को अच्छी तरह चाटकर पूरा लसलसा दिया था। चूत से मस्त खुश्बू बाहर आ रही थी। जिसने मुझे मदहोश कर दिया था। रानी मस्ती में नहा रही थी, अगला पल जन्नत की सैर का था।

मैने अपने लंड को उसके चूत के गुलाबी फांको को फैलाते हुए झटका देते हुए घुसा दिया। लंड के घूसते ही उसने भीच कर मुझे अपने से चिपका लिया। मैंने उसकी होंठों को चूसते हुए चूत में धीरे धीरे अपना लंड दौड़ाना शुरू कर दिया। आह, बड़ा मजा आ रहा था, आज बहुत दिनों बाद चोद रहा था।

कुंवारी औरत तो जिन्दगी भर रह सकती है लेकिन लंड खाई बिना लंड के नहीं रह पाती है और मैं आज दुनिया का सबसे मजेदार चूत मराई कर रहा था। मैने अब खड़े होकर उसकी टांगें ऊपर उठा दीं थीं। टांगें पकड़कर जोरदार शोटों से चोद रहा था। मेरा लंड मोटा था, वो मजा और दर्द दोनों को महसूस कर रही थी। मैं उसकी संतरियों को भी बीच बीच में कुचल देता था।

लगातार शॉट खाने के बाद उसने अकड़ते हुए अपनी चूत का सारा रस मेरे लंड पर उढेल दिया। वो झड़ चुकी थी, उसकी चूत के पानी से मेरा लंड नहा गया था लेकिन वो चूत में घुसा हुआ था। मैने लंड निकाल लिया और उसे अपनी गोद में बैठा कर होटों से होंट मिला दिए और बोला- अभी तो इंटरवल है, एक राउंड और होगा। उसने मुझे मना किया।

लेकिन मुझे उसके चूत का मर्दन करना था। मैंने उसे कहा-चलो उठो, घोड़ी बनो, पीछे से घुसाने का मजा लो। पता नहीं दुबारा कब फिर मौका मिलेगा। मैने उसे अपना बल दिखाते हुए घोड़ी बना दिया। लौड़े पर थूक लगाया और धक्का देते हुए लंड को चूत के अंदर गाड़ दिया।

धक्के लगाते हुए चूत के दाने को हाथ से मसलते हुए पूछा- रानी यहां सब लोग रंडियां लेकर आते हैं, तुम गुस्सा तो नहीं हो इस गंदे जगह पर आकर? वो बोली- गुस्सा क्यों होऊंगी? यहां मुझे कौन जानता है, सब लोग यही समझ रहे हैं कि मैं रंडी हूं ! यह सोचकर गुदगुदी और हो रही है। अब तुम रगड़कर मुझे चोदो। “Nonveg Phone Call Sex”

मैने उसकी एक जांघ पर पीछे से हाथ रखकर टांग को फैलाया। लंड को चूत से बाहर निकाला और फिर एकदम से जोरदार झटके के साथ उसे फिर से झन्नाटेदार शॉट मारा। इस बार उसकी चीख निकल गई। मैने उसकी कमर पर दोनों हाथ टिकाए और दनादन कुत्ते की तरह पेलना शुरू कर दिया था। शुरू के 1 मिनट वो जोर से चिल्ला रही थी, बड़ा जबरदस्त मजा आ रहा था।

मैने झुककर उसकी चूचियां पकड़ ली और उन्हें दबाने लगा। रानी बेहद आनंदित हो रही थी, धीरे धक्कों के उसका दर्द कम हो गया था। कुछ देर मैने फिर से कमर पकड़ कर जोर से ठोंकना शुरू कर दिया था। मैने चोदते हुए उससे कहा- रानी, मैं जब चोदता हूं तो मुझे सिर्फ चूत और गांड दिखती है। आज चुदाई की मेरी गोल्डन जुबली है, तुम 151वीं औरत हो जिसकी मैंने चूत चोदी है।

अब तक मैं 25 लोंडियों की गांड मार चुका हूं। 44 की सील तोड़ चुका हूं। सच बोलू तो तुम्हे चोदकर एक अलग ही आनंद मुझे मिल रहा है। मैं बोलते हुए लगातार नान स्टाप धक्के लगा रहा था। वो एक गली की कुतिया की तरह चुद रही थी। लगातार धक्को से उसका हाल बेहाल था। लेकिन वो गांड उचका-उचका कर इस चुदाई का भरपूर आनंद ले रही थी।

उसने मुझसे कहा- रूकना नहीं राकेश। जितना तेजी से कर सकते हो उतना तेजी से धक्के लगाओ। मेरी चूत फाड़ दो मादरचोद। तुम्हारे लंड ने आज मुझे बहूत मजा दिया है। रूकना नहीं करते रहो। उसकी बातों से मुझे और जोश आ गया था। मैं पूरी ताकत लगाते हुए उसे चोद रहा था। वो मदमस्त हो चुकी थी और 25 मिनट धक्के खाने के बाद उसका शरीर अकड़ने लगा।

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मैं समझ गया कि ये झड़ने वाली है। उसने मुझे कहा राकेश मैं आने वाली हूं। तुम भी साथ में आ जाओ। मैं धक्के लगाता हुआ अपना लौड़ा बाहर निकाल के सारा वीर्य उसकी गांड के भूरे छेद पर छोड़ दिया। उसके बुर से पानी का धार बह रहा था। पूरा कमरा चूत चुदाई की महक से जिंदा हो उठा था। “Nonveg Phone Call Sex”

कुछ देर हम दोनों एक दूसरे चिपक गये और इसके बाद हम दोनों अलग हो गए। चार घंटे हमलोगों ने साथ बिता लिये थे। उसके बच्चों और पति का लौटने का समय हो चूका था। मैंने उसके चूत को साफ किया और फिर हम दोनों एक दूसरे को किस करके अपने-अपने कपडे पहनने लगे। कपड़े पहनने के दौरान उसने मुझसे कहा- मैं कम से कम 100 लोगों से चूदी हूं राकेश।

मेरा पानी मात्र चार लोगों ने चोद कर निकाला है आज तक। तुमने मेरे भोसड़े को सुजा दिया। तुम सच में बहुत बड़े चोदू हो। मैं तुम्हारे साथ हमेशा संबंध बनाना चाहुंगी। तुम में एक बात है। इतना कहकर उसने मुझे सीने से लगा लिया और एक जोरदार चुंबन दिया। इसके बाद हम लोग होटल से बाहर आ गए। बाहर आकर मैंने एक रिक्शे वाले को आवाज दिया।

उसे बैठाकर भाड़ा दे दिया और उसे घर रवाना कर दिया। उसके बाद मैं होटल लौटा। कुछ देर होटल के मालिक अपने दोस्त के समय गुजारी और फिर घर वापस आ गया। दोस्तो अभी मुझे 5 दिन और रहना था। अभी मेरा मन भरा नहीं था। मैं अगली स्टोरी में बताऊंगा कि कैसे पांच दिन मैने उसकी चूत की बैंड बजाई और उसे हमेशा के लिये अपना रखैल बना लिया। तब तक करों इंतजार, मुठ मारो यार।

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