साले ऊँगली ही डालेगा या लंड भी पेलेगा – Crazy Sex Story

साले ऊँगली ही डालेगा या लंड भी पेलेगा – Crazy Sex Story

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नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम रंजन मिश्रा है। उम्र 32 साल है और मैं बिहार छपरा का रहने वाला हूं। यह मेरी सच्ची सेक्स कहानी है, जो मैं लिख रहा हूं। ये कहानी मेरी और मेरी बचपन की प्यार रानी की है जिसका घर मेरे घर के बगल में है। वो और मैं बचपन में एक साथ खेला करते थे। वो दूर के रिश्ते में मेरी बहन लगती थी। Hindi Sex Story Free

उसके पिताजी बाहर कोलकाता में कार्यरत थे। वो लोग साल में एक दो बार ही अपने पैतृक आवास नवादा आया जाया करते थे। सिर्फ गर्मी के छुट्टियों में उसका आना जाना होता था। कभी घर में शादी या कोई बड़ा आयोजन होता था तब वे लोग सपरिवार यहां आते थे। उसकी दो बहने थी जो उससे बड़ी थी। मैं उसे बचपन से ही चाहता था।

हमलोग जब तक जवानी की दहलीज पर पहुंचे तब तक उसकी शादी हो गयी थी और मैं दिल्ली पढाई के लिये चला गया था। मेरी प्रेम कहानी शुरू होने से पहले ही खत्म हो चुकी थी। शायद नियती को कुछ और ही मंजूर था। इसी दौरान दिल्ली में पढाई के दौरान मेरी एक लड़की से चक्कर चला।

मैं लंड पर काबू नहीं रख सका। उसे चोदकर प्रेगनेंट कर दिया। फिर उसके परिवार के प्रेशर में मुझे उससे शादि करनी पड़ी। शादी करने के बाद मैं अपने गांव अपनी पत्नी के साथ नवादा आ गया और यहीं एक छोटा सा बिजनेस करने लगा। इधर बीच-बीच में रानी अपने घर आती थी लेकिन अब दूरियां बढ चूकी थी।

हम दोनों अपने-अपने जीवन में मशगूल थे। हां उसे कभी देख लेता था तो मुंह से आह निकल जाती थी। शादीशुदा रानी 30 साल की थी। लेकिन देखने में वो आज भी किसी कमसिन 20 साल की कुंवारी लड़की से कम नहीं थी। उसका गोरा बदन, बड़ी बड़ी आंखें, चौड़ी कमर, बड़े बडे लटके हुए चुचे एक दम से पहाड़ की तरह उठे हुए।

गजब का फिगर था उसका। उसे देखकर बिना मुठ मारे रहा नहीं जाता था। अब मूल कहानी पर आते हैं। हुआ यूं कि मुझे फेसबुक पर एक रिक्वेस्ट आयी। मैंने आईडी चैक की लेकिन कुछ ज्यादा कुछ समझ ना आया। डीपी में भी एक फूल का फोटो लगा हुआ था। मैंने फे्रंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली।

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फिर उधर से हैलो का संदेश आया, तो मैंने भी जवाब दे दिया। वो बोली- पहचाना? मैंने कहा- नहीं. वो बोली- मैं रानी, तुम्हारे घर के बगल वाली। हम दोनों दोस्त थे। मैं उसे एकदम से पहचान गया। ऐसे ही हम दोनों एक दूसरे को पहचान कर बात करने लगे। हमारी बात लंबी होती चली गयी।

उसने बताया कि उसके पति का ट्रांसफर नवादा से 30 किलोमीटर दूर नयीसराय में हो गया है। उसके दो बच्चे हैं। वो नयीसराय में ही अपने पति और दो बच्चों के साथ रहती है। बच्चों का नामांकन स्कूल में करा दिया है। उसके साथ नई पुरानी बातें होती रहीं और फोन नम्बर अदला बदली हो गए।

कुछ समय व्हाट्सएप्प पर हमारी नार्मल बातें होती रहीं। बात करते करते उसके पति के बारे में बात हुई, तो उसकी बातों से मुझे लगा कि वो शारीरिक रूप से पति से संतुष्ट नहीं है। लेकिन एकदम कुछ ऐसा कहना या पूछना ठीक नहीं था। हमारी बातें बढ़ने लगीं, तो वो बोली- तुझे पता है, तू मेरा पहला क्रश था।

मैंने कहा- अच्छा लेकिन मुझे तो कभी ऐसा नहीं लगा। वो बोली- तभी तो कभी कुछ हुआ नहीं। अगर लगता तो आज बात कुछ और होती। मैंने भी फिर मौके पर चौका मार दिया और पूछ लिया- इस बात का मतलब ये लगता है कि तुम अपने पति से संतुष्ट नहीं हो। वो बोली- नहीं, ऐसी बात नहीं है।

मगर उसकी बातों से मैं समझ गया कि इसकी ख्वाहिश क्या है। बस फिर क्या था बातें होती रहीं, थोड़ा थोड़ा फोन व्हाट्सएप्प से हम खुलने लगे। किस और गले मिलने की बातें हमारी होने लगीं। व्हाट्सएप्प पर गंदे मैसेजेस और वीडीओ शेयर किये जाने लगे। हमलोग काफी खुल गये थे।

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कभी-कभी विडीओ कॉल पर मजे भी करने लगे। वो अब नंगी होकर बीडीओ कॉल पर आने लगी थी। मैं भी उसे कई बार अपने 7 इंच की लंड का दर्शन करा चूका था। जब वो पूरी तरह खुल गयी थी तो उसने मुझे बताया कि उसके पति का लंड अब खड़ा ही नहीं होता। वो नपुंसक हो चूका था।

बातें होते हुए काफी समय बीत जाने पर मैंने उससे मिलने का प्लान बनाने को कहा। तो वो राजी हो गयी। मैने उसे कहा कि किसी होटल में मिलते है तो उसने मना कर दिया। कहा कि उसके घर पर मिलना ही बेहतर होगा। वो मुझे बता देगी कि किस दिन आना है। जब बच्चे स्कूल और पति कहीं बाहर जाएंगे तो वो मुझे बुला लेगी।

फिर हमलोग दिन भर मौज करेंगे। मैं भी राजी हो गया। 17 दिनों के बाद वो दिन आ गया, जब हमें मिलना था। उसके पति आफिस के काम से दो दिनों के लिये बनारस जा रहे थे। इसी दरम्यान उसने मुझे अपने यहां आमंत्रित किया। मैं घर से काम के बहाने से तैयार होकर उससे मिलने कार लेकर निकल पड़ा।

उसके घर पहुंचा। वो बाहर खड़ी थी। मैं तो उसे देखते पागल हो गया। क्या ये वही है नशीली आंखें, गोरा रंग, चौड़ी कमर, लंबी ऊंची बड़ी नुकीली चुचियां। रानी मस्त माल लग रही थी। उसे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने किसी तरह कंट्रोल किया और उसे हैलो कह कर कार का दरवाजा खोल कर उसके घर के अंदर चला गया।

उसने अपने कमरे में मुझे बैठाया। हमारी बातें फिर से स्कूल टाइम की बातों से शुरू हुईं। बातों बातों में मैंने उसके हाथ पर हाथ रख दिया तो वो एकदम चौंक गयी। वो कुछ बोलना चाहती थी लेकिन मेरी आंखों में देख कर बोल ना सकी। मैं उसे लगातार घूरता रहा।

वो बोली- क्या हुआ? मैंने कहा- अब सिर्फ बातें ही करते रहनी हैं या सही से मिलना भी होना है? वो हंस कर बोली- मिल तो गए और कैसे मिलते हैं. मैंने तुरन्त उसको अपनी तरफ खींचा और बांहों में भर लिया। वो एकदम से सहम गई और बोली- यार ये क्या कर रहे हो। मैंने उसकी बात काटते हुए कहा- कुछ मत बोलो बस। “Hindi Sex Story Free”

मैंने उसे और जोर से अपनी बांहों में भर लिया और उसे सहलाने लगा। एक दो पल बाद वो भी पिघल गई और वो भी मेरा साथ देने लगी। मैंने दो मिनट ऐसे ही रहने के बाद चुपके से उसके कान के नीचे किस कर दिया। इससे वो फिर से सिहर उठी, लेकिन बोली कुछ नहीं। इससे मुझे लगा कि अब ये लंड लेने के लिए तैयार है।

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मैंने उसके रस भरे होंठों के रस को पीने के लिए अपने होंठ उसके होंठों से मिला दिए। वो कसमसाने का नाटक करते हुए मेरा साथ देने लगी। कसम से उसके होंठों का रस मुझे पागल कर रहा था। मैं आगे बढ़ना चाहता था, तो मैंने उसके सूट के ऊपर से उसके चुचे दबा दिए। इससे वो मुझसे एकदम अलग हो गयी।

मैंने कहा- क्या हुआ बुरा लगा हो, तो सॉरी. वो बोली- नहीं यार लेकिन हम दोनों शादीशुदा हैं, हमारा ये सब करना ठीक नहीं है। तुम और मैं दोनों बाल बच्चे वाले हैं। वो है, ये है टाइप की फिलोस्फी चोदने लगी। मैंने उसे समझाया कि हमारे जिस्म की जरूरत अगर पूरी नहीं हो रही है, तो उसे मिटाना गलत नहीं है।

आज कल सब ऐसा करते हैं। ये एक फैशन चल गया है। सब चूदवाते हैं इधर उधर आजकल यार। जिस्म की भूख शांत होनी चाहिए। ये अगर मिलता रहे तो इंसान निरोग रहता है। वो चुप रही। मैं उसे कंनविंश करता रहा। तरह-तरह के उदाहरण देता रहा। मैं बिना चोदे वहां से लौटना नहीं चाहता था। “Hindi Sex Story Free”

इतना तो पता था कि जब इसने घर बुलाया है तो चूदवाने के लिये ही बुलाया है। इसे जो देखना था वो फोन पर विडीओ कॉल करके देख चूकी है। नखरे दिखा रही है। फिर मैंने उसे इमोशनल तरीके से कहा- देखो मैं कोई गैर तो नहीं हूं, तुम मुझे बचपन से जानती हो। हमदोनो मजे भी कर लेंगे और किसी को पता भी नहीं चलेगा।

फिर हम दोनो दूर के रिश्तेदार भी हैं। एक दूसरे को अच्छे से जानते और समझते हैं। फिर मैं तुम्हरा क्रश भी रहा हूं। उस टाइम शायद हम नहीं मिल सके थे, लेकिन आज मौका है। हमें उसे खोना नहीं चाहिए। वो बोली- लेकिन क्या ये ठीक होगा। मैंने उसकी बात काटते हुए कहा- लेकिन वेकिन कुछ नहीं।

मैंने रूम का दरवाजा लॉक किया। उसको बांहों में भर लिया। अपने होठ को उसके होठ पर रखकर कसमसा के चूस लिया। मैं ज्यादा समय खराब नहीं करना चाहता था, तो मैं उसकी गांड को भी साथ साथ दबाने लगा था ताकि वो गर्म हो जाए। हमें चूंकि चरम सुख का मजा लेना था, तो वो भी अब कुछ नहीं बोल रही थी।

मैं उसका शूट निकाल कर उसके जिस्म को देखना चाहता था। मैंने उसका शूट ऊपर से निकाल दिया और उसकी ब्रा को ऊपर करके उसके लाल निप्पल को चूसने लगा। ये सब काम खड़े खड़े कर रहे था। फिर मैंने उसे उठाया और बेड पर लिटा दिया। वो मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखने लगी तो मैं उस पर भूखे शेर की तरह टूट पड़ा।

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उसके होंठों को चूसते हुए उसकी ब्रा को खोल दिया और उसके चुचों को आजाद कर दिया। मैं उसके दोनों चुचियों को बारी बारी से चूसने लगा। वो मेरे बालों को हाथों से खींच रही थी। अब माहौल गर्म हो गया था और काफी मजा आ रहा था। मैंने भी अपनी कमीज निकाल दी और ऊपर से नंगा हो गया।

उसके ऊपर लेटे हुए मैं कभी उसकी चूची चूसता, कभी उसके होंठ। ऐसा करते करते मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल कर हाथ अन्दर डाल दिया और उसकी गर्म चिकनी चूत पर हाथ रख दिया। उसकी पूरी चूत लसलसाई हुयी थी। मैंने अपनी एक ऊंगली उसके चिकनी चूत के अंदर डाल दी। “Hindi Sex Story Free”

वो सेक्सी मादक सीत्कार करते हुए आह आह कह कर चुप हो गयी। मैं अपनी उंगली उसकी चूत की फांकों पर घुमाने लगा। उसकी चूत एकदम गीली हो चुकी थी। उंगली भी स्टाक से चुत के अन्दर बाहर हो रही थी। वो बहुत कामूक नजरों से मुझे देखते जा रही थी। मैंने कहा- सुलग रही है. वो बोली- हम्म बहुत आग लगी है.

मैंने कहा- तो बोलने में मां चुद रही थी? मेरी गाली सुनकर वो भी बोली- साले अंगुली से ही काम चलायेगा। या मूसल का भी इस्तेमाल करेगा। फालतू में समय खराब मत कर। उसकी बात सुनकर मैंने देर नहीं की और उसकी सलवार और पैंटी निकाल कर उसे नंगी कर दिया। उसने अपनी आंखें बंद कर लीं। अब मैं खुद भी नंगा हो गया।

उसकी टांगों के बीच में अपना मुंह लेकर उसकी चूत को किस करने लगा। मैं कभी उसकी चूत, तो कभी उसकी नाभी को किस कर रहा था। उसकी गोल बड़ी छेद वाली नाभी काफी सेक्सी थी। उसने आंखें बंद की हुई थीं। कभी वो अपनी टांगें खोल देती तो कभी बंद कर लेती।

मैं उसके जिस्म को चाटता हुआ उसकी चूत पर लग गया और उसकी चूत के दाने को चाटने लगा। छोटा सा गेंहू के आकार सा उसका दाना था। जो लगातार चाटने की वजह से फूल कर बादाम इतना बड़ा हो गया था। उसकी चूत से अजीब सी खुशबू आ रही थी। वो खुशबू मुझे पागल कर रही थी।

चूत दिखने में बाहर से बड़ी थी लेकिन उसका छेद छोटा व एकदम गुलाबी रंग का था। बिल्कुल साफ बिना बालों की चूत थी। क्या बताऊं दोस्तो लंड की मां चुद गई थी। मैं उसकी चूत को अन्दर तक चाट रहा था। मेरी जीभ अन्दर तक उसकी चुत का रस पी रही थी। चूत से नमकीन लार निकल रही थी जो मैं निगल जा रहा था।

वो बोली- आह साले रंजन, मैं मर जाऊंगी प्लीज छोड़ दो मुझे ऐसा ना करो। ये कहती हुई वो मेरे मुंह को चूत में दबाए जा रही थी। साथ ही मेरे सर को कसकर चूत के ऊपर दबा रखा था। इधर मेरा लंड फुंफकार भर रहा था। मैंने उसको लंड चूसने का इशारा किया, तो उसने मना कर दिया। “Hindi Sex Story Free”

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वो बोली- नो यार मैंने आज तक नहीं चूसा और ना ही मुझे पसंद है। मैंने भी जबरदस्ती नहीं की और उसकी टांगों को कंधे पर रख कर लंड को चूत पर सेट कर दिया। फिर उसकी आंखों में आंखें डालकर मैंने एक जोरदार झटके के साथ अपना पूरा लंड उसकी चूत की जड़ में पेल दिया।

वो एक बार ऐसे हो गयी, जैसे सांस रुक गयी हो। मैं लंड चुत के अन्दर डाल कर रुक गया और उसके ऊपर लेट कर उसे किस करने लगा। दो पल बाद वो नॉर्मल लगने लगी, तो मैं चालू हो गया। वो कहने लगी- आह मस्त.. आह यार.. चोद दो.. अच्छे से आह बहुत टाइम से चुदाई नहीं हुई है… आह बहुत प्यासी है ये चूत… आह रंजन मेरी चूत की सारी खुजली मिटा दो आह ओह्ह मां चुद गई मेरी।

वो ऐसे बोलती रही और मैं उसे जबरदस्त चोदता रहा। फिर मैंने उसे लंड के ऊपर बैठा कर, घोड़ी बना कर, टांग उठा कर, लेटा कर काफी पोज में चोदा। वो चुदाई में काफी बार झड़ी और उसके चेहरे पर संतुष्टि के भाव साफ दिखाई दे रहे थे। मैं भी लगभग आधे घंटे के बाद झड़ कर उसके बदन पर लेट गया।

वो मेरी पीठ सहलाते हुए बोली- यार कसम से आज जैसा मजा मुझे आज तक नहीं मिला। सच कहूं तो आज तक मेरी चूत किसी ने नहीं चाटी। तुमने चूत चाट कर जो मजा दिया है, वो मैं कभी नहीं भूल पाऊंगी। मैंने कहा- हां साली, चुत चटवा ली और लंड नहीं चूसा. वो हंस पड़ी और बोली- क्या करूं यार। मेरा मन गवारा नहीं करता।

मैंने कुछ नहीं कहा और उसके ऊपर से उठ गया। अब हम दोनों वाशरूम में जा कर फ्रेश हुए और कपड़े पहन कर जाने को रेडी हो गए। फिर गले मिलते हुए जल्दी मिलने का वादा करके उसके घर से बाहर आ गया। उसके बाद हम बहुत बार मिले, उसने मेरा लंड भी चूसा और बहुत कुछ हुआ। सबसे मजेदार घटना तब हुई जब मैंने उसके गांड को चाटकर उसे गांड मारा था। इससे पहले उसने कभी भी गांड नहीं मरायी थी। उसे गांड मारने के लिये मुझे कितने पापड़ बेलने पड़े थे। वो सब मैं आप लोगों को अपने अगली सेक्स कहानी में बताऊंगा।

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