हिंदी कामुकता कहानी – दोस्त की बहन की गांड चोद दी मैंने

हिंदी कामुकता कहानी – दोस्त की बहन की गांड चोद दी मैंने

हिंदी कामुकता कहानी

मुझे यकीन है की मेरी सेक्सी और कामुक स्टोरी पढकर सभी लड़को के लंड खड़े हो जाएगे और सभी चूतवालियों की गुलाबी चूत अपना रस जरुर छोड़ देगी। मेरा नाम प्रमोद मिश्रा है। बनारस का रहने वाला हूँ और अभी पूरी तरह से कुवारा हूँ। अभी मेरी उम्र 25 साल है पर 50 से भी अधिक लड़कियों को चोद चूका हूँ। हिंदी कामुकता कहानी

मुझे सेक्स और चुदाई करने में बड़ा आनन्द आता है। सड़क पर जब किसी हसीना को देख लेता हूँ तो नजरो ही नजरो में चोदकर उसे प्रेग्नेंट कर देता हूँ। मेरी जवानी अब पूरी तरह से उफान मार रही है। और मुझे रातो को नींद नही आती है। दोस्तों मेरा 8” का लंड तो हमेशा खड़ा ही रहता है और किसी चूत को मांगता रहता है। कई बार मुझे मुठ मारकर काम चलाना होता है।

कुछ दिन पहले ही बात आपको बता रहा हूँ। मेरा एक जिगरी दोस्त है जिसका नाम दिनेश है। हम दोनों छुटपन के दोस्त है और साथ में मुठ मारते हुए बड़े हुए है। मेरी तरह ही दिनेश भी बहुत सेक्सी मर्द है और हम लोग कई लड़कियों को साथ में खा चुके है। इस तरह से मेरी उससे अच्छी दोस्ती हो गयी थी।

अक्सर ही उसके घर जाता रहता था। धीरे धीरे मेरी दोस्ती दिनेश की बहन ज्योति से हो गयी। वो अभी 12 th में पढ़ रही थी। धीरे धीरे मेरा ज्योति को चोदने का बड़ा दिल करने लगा। वो बड़ी जवान और सुंदर लड़की थी। अभी ज्योति की उम्र 18 साल थी और एक बार भी चुदी नही थी।

वो 5’ 2” लम्बी थी और नाक में रिंग पहनती थी। जिस वजह से वो काफी सेक्सी माल दिखती थी। ज्योति का फिगर 32, 28, 34 था। उसके दूध सामान्य थे पर मुझे सलवार कमीज से दिख ही जाते थे। कभी कभी मन करता था की उसका जबरदस्ती गेम बजा दूँ पर ऐसा करना सही नही था।

मेरे दोस्त दिनेश ने एक सरकारी नौकरी का फॉर्म डाला था। अब उसका कुछ दिन में एक्जाम होने वाला था। इसलिए अब दिनेश को गोरखपुर जाना था। “यार प्रमोद!! मैं 4 तारीख को गोरखपुर जा रहा है। मेरा SSC वाला एक्जाम है न। ज्योति घर में अकेली रह जाएगी और चोरी चकारी का भी डर रहता है। प्लीस भाई तू उसके साथ कुछ दिन रहा जाना। मैं 3 4 दिनों में वापिस आ जाऊँगा” दिनेश मुझसे बोला

“ठीक है भाई, मैं ज्योति के साथ रह जाउंगा” मैंने बोला.

उसी शाम वो ट्रेन पकड़कर गोरखपुर चला गया। मैं ज्योति के घर चला गया। हम दोनों की नजरे मिली।

“हलो!! ज्योति, कैसी हो तुम??” मैंने हंसकर पूछा.

“अच्छी हूँ प्रमोद भैया!! आप कैसे है??” वो कहने लगी.

“मैं भी अच्छा हूँ” मैंने जवाब दिया.

फिर हम दोनों अंदर जाकर टीवी देखने लगे। ज्योति भी मेरे बगल 3 सीटर सोफे पर बैठ गयी। टीवी में सनी लिओन की फिल्म आ रही थी। कुछ ही देर में गरमा गर्म सीन आने लगा। ज्योति मेरी तरफ देखने लगी। मैं भी देखने लगा। मैंने सोचा की गुरु यही सही मौका है। इस माल को चोद लो।

हम दोनों थोडा परहेज कर रहे थे। पर कुछ देर बाद टीवी में जो फिल्म आ रही थी, उसमे सनी लिओन अपने कपड़े उतारने लगी और हीरो उसको बाहों में भरकर चूमने लगा। मैं अब धीरे धीरे ज्योति की तरफ खिसकने लगा और वो मुझे आँखे फाड़ फाड़कर देख रही थी। मैंने भी ऐसा ही कर रहा था।

फिर अचानक से हम दोनों के बीच बीच कामकला जाग गयी। ज्योति ने मुझे पकड़ लिया और मैंने उसे। फिर दोनों जल्दी जल्दी चुम्मा लेने लगे। साफ़ था की वो भी चुदासी थी और मैं भी इधर चुदक्कड हो रहा था। मैंने ज्योति को अपनी मजबूत भुजाओ में पकड़ लिया और सीने में कसके दबा लिया।

उसके बाद दोस्तों आप लोग बिलीव नही करेगे ज्योति ने ही मेरे मुंह पर मुंह रख दिया और मेरे होठ चूसने लगी। उसके बाद सनी लिओन टीवी में चुदाने लगी। और हम दोनों जवान लड़का लड़की इधर चालू हो गये।

ज्योति मुझे किसी चुदासी लड़की की तरह किस करने लगी, तो मैं भी करने दिया। उसने हरे रंग का सलवार कमीज पहना था। मेरे हाथ ऑटोमैटिक उसके 32” की मुसम्मी पर चले गये और सहला सहलाकर हाथ लगा लगाकर दबाने लगा। ““..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….प्रमोद!! तुम कितने अच्छे हो!! कितने प्यारे हो तुम!!

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अअअअअ….आहा …हा हा सी सी सी” ज्योति कहने लगी। मुझे उसकी ये अदा बहुत पसंद आई। धीरे धीरे मैंने उसे अपनी गोद में बिठा लिया और उसके गले, गाल, चेहरे, आँखों सब जगह अनेक बार किस किया। हम दोनों किसी बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड की तरह लिपट गये जैसे दोनों कितने दिनों से प्यासे हो। मैंने उसके होठो पर खूब चुम्मा लिया और उसके दूधों को खूब मसला।

“सच सच बताओ ज्योति!! क्या तेरा कोई बॉयफ्रेंड है??” मैंने कहा

“प्रमोद!! अगर मेरा कोई आशिक होता तो तुमसे क्यों लिपटती मैं?? तुमसे क्यों प्यार दिखाती। जब जब तुम मेरे घर आते थे तब ही मेरा तुमसे चुदने का बड़ा दिल करता था। तुम तो मुझे शुरू से पसंद थे पर भैया की वजह से कभी अपने दिल की बात नही कह पायी मैं” ज्योति बोली

“मेरी बुलबुल!! मेरा भी इधर ऐसा ही हाल था। जब जब तुझे देखता था मन करता था तेरी सलवार उतारकर तुझे जल्दी से चोद डालूं पर तेरा भाई मेरा लंगोटिया यार है। कैसे ये सब करता?” मैं बोला

“जानू!! आज तो हमारे बीच कोई नही है। आज मुझे चोदो ना” ज्योति बोली

इतना बोलते ही मैंने रांड को सोफे पर लिटा दिया और उसके उपर लेटकर उसके मुंह पर मुंह लगाकर चुम्मा लेने लगा। ज्योति के होठ काफी सेक्सी थे। रसीले और गुलाबी थे। मैंने होठ को मुंह में लेकर 10 15 मिनट होठ चुसाई कर दी। जिससे लौडिया पूरी तरह से गर्म हो गयी।

“मादरचोद!! आज तुझे कसके चोदूंगा। तेरे सारे अरमान पूरे कर दूंगा। जबतक दिनेश लौटकर आएगा तेरा भोसड़ा अच्छे से फट चूका होगा। चल रांड कपड़े उतार!!!” मैं किसी बिगड़ैल चोदू आशिक की तरह बोला “हिंदी कामुकता कहानी”

ज्योति अपना सलवार कमीज उतारने लगी। मैं अपनी शर्ट और जींस उतारने लगा। ज्योति ने मेरे सामने ही अपनी ब्रा और पेंटी उतारी। दोस्तों जब वो नंगी हुई तो बिलकुल पट्ठी लग रही थी। कपड़ों में कम गोरी दिखती थी पर जब रांड नंगी हुई तो 1 नम्बर माल दिख रही थी।

32” के छोटे साइज की मुसम्मी थी पर कड़ी कड़ी और ठोस दिख रही थी। ऐसा लग रहा था की आज तक किसी लडके ने ज्योति के खूबसूरत जिस्म को नही भोगा है। जब वो नंगी हुई तो क्या खूब दिख रही थी। उसे देखकर ही मेरा 8” लंड सलामी देने लगा।

ज्योति हमेशा कन्धो तक बाल कटाये रहती थी और आधुनिक लड़की लगती थी। उसका चेहरा पतला और लम्बा था। नुकीली नाक थी और आँखे बड़ी बड़ी थी। उसका पूरा बदन काफी पतला और छरहरा था।

मेरी नजर उसके दूध पर गयी, फिर पेट पर, फिर नाभि पर, फिर कमर और चूत पर। ज्योति की कमर तो काफी पतली थी। सिर से पैर तक मैं उसे खा जाने वाली भूखी नजरो से देखे जा रहा था। फिर सोफे पर ही चुम्मा चाटी शुरू हो गयी।

“ओह्ह्ह जान!! कितनी सेक्सी हो तुम!! तुम्हारी गांड फाड़ दूंगा!” मैं कहने लगा

उसके बाद दोनों नंगे होकर लिपट गये। सोफे पर लेटकर ही हम प्यार करने लगे। मेरे हाथ ज्योति के जिस्म पर नाचने दौड़ने लगे। उसे सब जगह अपना घर का माल समझकर हाथ लगा रहा था। उसके दूध को बड़े आराम से सहलाए जा रहा था। वो “……अई…अई….अई…..इसस्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” कर रही थी।

ज्योति की चूत पर हल्की हल्की झांटे किसी घास की तरह जम आई थी। मैंने लेटकर ही उसकी कमर को दोनों हाथ से सहलाना शुरू कर दिया। उसे लगातार किस पर किस किये जा रहा था। ज्योति मेरे सीने, गले, कंधे और चेहरे पर किस कर रही थी। “हिंदी कामुकता कहानी”

वो भी आज मुझसे चुदकर अपनी जवानी की प्यास बुझाना चाहती थी। हम दोनों आपस में लिपट गये और दोनों एक दूसरे को चुम्बन लेने लगे। फिर मैं नीचे आ गया और ज्योति को उपर कर दिया। अब मेरे हाथ उसके दोनों चुतड पर नाचने लगे। क्या मस्त मुलायम 34” के फूले फूले चुतड थे।

“अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..मजा आ रहा हा प्रमोद!! और करो मेरी जान!! दबाओ इसे!! सी सी सी सी….हा हा हा…” इस तरह से वो बोलने लगी। मैं भी उसकी आज्ञा मानकर दबाने लगा। 10 15 मिनट उसके चुतड को दबा दबाकर आनन्दित हो रहा था।

फिर ज्योति को नीचे कर दिया और अपना उसके उपर आ गया। अब उसकी 32” की छोटी छोटी मुसम्मी को हाथ से पकड़कर किसी नीबू की तरह दबा दबाकर रस निकालने लगा। ज्योति की माँ चुद गयी क्यूंकि मैं जोर जोर से क्रूरता के साथ दबा रहा था।

“सी सी सी सी …..धीरे धीरे दबाओ प्रमोद!!….दर्द होता है” वो बोली

पर मैं अपनी धुन में था। ज्योति कराहने की आवाज निकाल रही थी। मैं मुसम्मी को दबा दबाकर रस निकाल रहा था और उसे चोदन कार्यक्रम के लिए गर्म कर रहा था। फिर उसके छोटे छोटे निम्बू मुंह में लगाकर चूसने लगा। इसमें ज्योति को दबा मजा मिला।

दोस्तों आपको बताना भूल गया की ज्योति के दूध देहद नुकीले थे और इतने जालिम दिख रहे थे की कोई भी लड़का सिर्फ देखकर झड़ जाता। उसके बूब्स की निपल्स मेरे हाथ लगाने और दबाने की वजह से अब कड़ी कड़ी हो गयी थी और निपल्स के चारो ओर काले काले चमकदार गोले किसी भी मर्द का कत्ल कर सकने के लिए काफी थे। “हिंदी कामुकता कहानी”

मैंने बड़ी देर तक दोनों मुसम्मी को मुंह में लेकर चूस डाला। ज्योति “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की सेक्सी आवाजे निकालती रही। अब मैं चूत पर आ गया।

“अपनी टाँगे खोलो जान!! मैंने कहा.

ज्योति ने किसी आज्ञाकारी गर्लफ्रेंड की तरह अपनी टाँगे खोल दी। मैं मुंह लगा लगाकर उसकी भोसड़ी को चाटने लगा। उसे गर्म कर रहा था। मेरी खुदरी जीभ जल्दी जल्दी उसकी मक्खन जैसी चूत पर दौड़ रही थी। ऐसा करने से ज्योति को बड़ी कामुकता मिल रही थी।

मैंने उसकी चूत को काफी देर तक चाटा और अच्छे से गर्म किया। अब ज्योति की बुर रसीली हो गयी। अपना रस छोड़ने लगी। मैं चूत की मीठी चटनी को चाटने लगा। ज्योति की बुर क्या सेक्सी दिखती थी दोस्त। जी तो कर रहा था की खुद ही उसकी चूत में जिन्न बनकर छोटा रूप बनाकर घुस जाऊं।

चूत के होठो को ऊँगली से घिस रहा था और जीभ लगाकर चाट रहा था। ज्योति का बुरा हाल कर दिया। ““अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…प्रमोद!! मेरे जानेमन!! अब मुझे और मत सताओ!! जल्दी से लंड मेरे भोसड़े में घुसा दो..सी सी सी सी….हा हा हा…” ज्योति कामवासना में पागल होकर बोलने लगी। “हिंदी कामुकता कहानी”

“साली रंडी!! इतनी भी क्या जल्दी है?? तुझे तो आराम से धीरे धीरे खाऊंगा छिनाल!!” मैं किसी कामी चोदू मर्द की तरह बोला और ज्योति को सोफे पर घुमा कर लिटा दिया। अब उसकी चूत दूसरी तरह थी और मुंह मेरे पास। मैं ज्योति के सिर के उपर आ गया और उसके मुंह में उपर से अपना 8” लौड़ा घुसा दिया। इसके साथ ही ज्योति की चूत में हाथ लगाकर जल्दी जल्दी सहलाने लगा।

“चूस छिनाल!! चूस मेरे पप्पू को पहले!!” मैंने कहा

ज्योति के पास कोई दूसरा विकल्प न बचा। मैं उसके सिर के ठीक उपर था। ज्योति मेरा लंड चूसने लगी। मैं कमर नीचे उपर करके उसके मुंह को जल्दी जल्दी चोदने लगा। ज्योति तो पूरा 8” लंड मुंह में लेकर निगल गयी। फिर जोश में आकर चूसने लगी।

मैं दूसरे तरफ उसकी चूत को जल्दी जल्दी सहलाने लगा। एक पंथ, दो काज कर रहा था। 15 मिनट इसी तरह मौज ली मैंने। किसी हब्सी जानवर की तरह ज्योति के मुंह को खूब चोदा। कमर नीचे उपर उठा उठाकर खूब चोदा। जब मुझे लगा की माल निगल जाएगा तब लंड उसके मुंह से खींच लिया।

अब ज्योति को फिर से सीधा लिटा दिया। अपने पैर उसने खुद ही खोल दिए। मैंने चूत में लंड घुसाया और जल्दी जल्दी हवन करने लगा, यानी की चोदने लगा। ज्योति अब किसी शादीशुदा लड़की की तरह “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” करने लगी।

मैं गमागम अपनी मिसाइल जैसे लंड से चूत में धक्के पर धक्के देने लगा। ज्योति की मैंने चींखे निकलवा दी। बड़ी पावरफुल अंदाज में उसे पेलने लगा। वो कभी अपनी आँखे खोलती तो कभी बंद कर लेती। मैं उसकी भोसड़ी को आज अच्छे से फाड़ देना चाहता था। उसकी चूत की तरफ ही मैं देख देखकर मैं ठुकाई कर रहा था। “हिंदी कामुकता कहानी”

वो अपनी चूचियां खुद ही मसलने लगी। उसकी “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की आवाजे मुझे बता रही थी की उसे चरम सुख की प्राप्ति हो रही है। मैं अपने स्टेमिना को अच्छे से जानता था। 18-20 मिनट तक दिनेश की बहन की फुद्दी घिसने के बाद लगा की मैं झड़ जाउंगा। तो जल्दी से लंड बाहर निकाल लिया। फिर ज्योति के सेक्सी होठो पर अपनी उँगलियाँ चलाने लगा।

“उंह उंह हूँ.. हूँ… प्रमोद!! मेरे सनम!! क्या मस्त चुदाई करते हो तुम अहह्ह्ह्ह” ज्योति सोफे पर अंगड़ाई लेकर कहने लगी।

“ये तो अभी शुरुवात है जान!! अभी तेरी गांड चोदकर उसने से धुआ निकाल दूंगा” मैंने कहा.

फिर जब मेरा लंड थोडा शांत हो गया तो ज्योति को सोफे पर ही घोड़ी बना दिया। उसकी गांड का छेद बेहद सेक्सी था। भूरा भूरा और अनचुदा। पूरी तरह से कुवारी गांड थी। मैं जीभ लगा लगाकर चाटने लगा। ज्योति फिर से गर्म गर्म आहे निकालने लगी। मैं अपनी खुदरी जीभ को लगा लगाकर चाटता रहा। ज्योति घोड़ी बनी अपने हाथ से अपने लटकते और आम की तरह झूलते आमो को दबा रही थी।

“प्रमोद!! मेरे सनम!! जल्दी से मेरी गांड चोद डालो!! प्लीस अब मुझे और मत सताओ!!” वो किसी देसी रंडी की तरह कहने लगी

फिर मैं भी बेहद जोश में आ गया और अपने लंड को पकड़कर धक्का मुक्की देकर उसकी कुवारी गांड में घुसा दिया। फिर जल्दी जल्दी गांड चोदन का कार्यक्रम करने लगा। ज्योति का माँ बदन सब चुद गयी। उसे काफी दर्द हो रहा था। पर साथ में मजा भी उसे मिल रहा था। मैं उसके गेंद जैसे चुतड को हाथ लगा लगाकर दबा दबाकर उसका गेम बजा रहा था।

दिनेश की बहन ज्योति अब “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….”की अब सेक्सी आवाजे निकालने लगी। मैं गांड में तेज तेज धक्के मारने लगा। ओह्ह कितना कसा बिल था दोस्तों। जितनी तारीफ़ करूं उतना कम है। मैंने धीरे धीरे उसकी गांड चोदी, फिर कुछ देर बाद रफ्तार बढ़ा दी। फिर जल्दी जल्दी 8 10 मिनट गांड मारी और अपनी सफेद क्रीम उसमे छोड़ दी। हम दोनों पूरी तरह से संतुस्ट कपल बन गये थे।

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