Free XXX Kahani – बिना मुंह देखे 2 चुदासी औरतों को चोद लिया

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मेरा नाम रोहित है शरीर पतला पर लंड बहुत बड़ा और गोरा है। मैं एक गांव का रहने वाला हूं और कालेज में पढ़ता हूं। जब मैं दसवी कक्षा में पढ़ता था तब तक मैंने किसी औरत को क़रीब से नंगा नहीं देखा था। बस झाड़ियों में से छुप कर पनघट पर औरतों को नंगे बैठकर नहाते देख कर मुठ मारना सीखा था। Free XXX Kahani

और मुठ मारते हुए सोचता था कि काश मुझे भी कभी किसी औरत की चूत मिल जाए। आखिर भगवान ने एक दिन मेरी सुन ली और रात मेरी मुराद पूरी हो गई। दिसम्बर महीने की सर्दियों में मेरी मौसी के लड़के की शादी थी जो एक पहाड़ी पर बसे गांव में रहते थे। मैं अपने मम्मी पापा और बड़ी बहन के साथ शादी में गया हुआ था।

दुल्हन घर जाने के बाद मेरे मम्मी पापा अपने घर को बापस आ गये पर मैं और दीदी मौसी के घर ही रुक गये क्योंकि उस रोज़ रात को वहां पर एक पार्टी थी और दूर दूर के रिश्तेदारों को भी वहां पर ही रात भर रुकना था। रिश्तेदार मर्दों के सोने के लिए आस पड़ोस के घरों में इंतजाम किया गया था और औरतों के सोने के लिए घर के बड़े से हाल में एक दरी बिछा कर बिस्तर लगा कर सोने का प्रोग्राम था।

शाम को सभी मर्द नाच-गाना करने लगे। फिर रात को खाना खा कर पड़ोस के घरों में सोने को चले गए । मैंने भी खाना खाया पर मुझे कहीं पर भी सोने के लिए बिस्तर नहीं मिला तो मैं हाल के साथ बने एक कमरे में गया यहां एक बड़ा सा पलंग लगा हुआ था पर बिस्तर नहीं था तो मैंने चुपके से हाल में से दो रजाईयां और एक पिल्लो उठाया.

फिर एक रजाई को पलंग पर विचार लिया और अपनी पैंट शर्ट उतार कर कैमरे में लगे खूंटे पर टांग दी और कमरे के दूसरे दरवाज़े जो घर के पीछे खेत की तरफ खुलता था उसको खोल कर पैशाव किया और फिर उसे बंद कर के हाल की तरफ़ वाले दरवाजे का पल्ला थोड़ा सा बंद कर के अंडरवियर और बनियान पहने रजाई ओढ़ कर सोने की कोशिश करने लगा।

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कमरे में बहुत अंधेरा था क्योंकि उस गांव में कुछ दिनों से बिजली बंद थी और लालटेन की रोशनी में ही सारा काम चल रहा था। कुछ देर बाद दो औरतें हाथ में लालटेन लिए हाल में आईं और उनमें से एक कहने लगी कि आज हम औरतों को यहीं पर पर इकट्ठे सोना पड़ेगा तो दूसरी ने कहा कि मुझे ज़मीन पर तो नींद ही नहीं आएगी.

तो पहली ने कहा कि साथ वाले कमरे में एक पलंग लगा है तुम उस पर बिस्तर लगा कर सो जाना और बह मेरे कमरे का दरवाज़ा खोलने लगीं तो मैंने झट से दरवाजे की तरफ़ पीठ कर ली और आंखें बंद कर के सोने का नाटक करने लगा। उन्होंने ने मेरी रजाई को उठा कर मुझे देखा तो एक औरत बोली कि यहां पर तो यह लड़का सो रहा है.

तो दूसरी ने कहा कि यह अभी बच्चा ही लग रहा है और गहरी नींद में सो रहा है पलंग बहुत बड़ा है तुम इसी के साथ एक तरफ सो जाओ। तो बह औरत मान गई। फिर दूसरी औरत ने कहा कि अंदर से कुंडी लगा लो ताकि कोई तुम्हें डिस्टर्ब न करे। और बह यह कहकर लालटेन लेकर चली गई और दूसरी औरत ने दरवाजा अंदर से बंद कर के कुंडी लगा ली और मेरी रजाई में घुस कर लेट गयी।

फिर बाकी औरतें भी खाना खा कर हाल में सोने को आ गयीं। तभी ज़ोर ज़ोर से बादल गरज़ कर बरसने लगे और उस टीन के छत वाले मकान में बारिश की ज़ोर की आवाज़ गूंजने लगी और सर्दी भी बढ़ने लगी। औरत के मेरे बिस्तर में घुसते ही उसके बदन की खुशबू मुझे मदहोश करने लगी और मेरा लंड खड़ा होने लगा पर मैं उस औरत की तरफ़ पीठ करके ही लेटा रहा।

थोड़ी देर बाद बह औरत करवटें बदलने लगी शायद उसे नींद नहीं आ रही थी और ठंड भी लग रही थी। मेरा शरीर बिल्कुल गरम हो चुका था। इसलिए उसने अपनी पीठ मेरी पीठ से चिपका दी और सोने की कोशिश करने लगी। तभी मैंने भी करवट बदली और उस की तरफ़ मुंह कर लिया। तो मेरा तना हुआ लंड उसकी गांड से टच होने लगा पर मैं चुपचाप लेटा रहा।

थोड़ी देर बाद उस औरत अपना हाथ पीछे करके मेरे लंड को टटोलने लगी। फिर उस ने मेरे लंड को अंडरवियर में से बाहर निकाल लिया और हाथ में पकड़ कर सहलाने लगी। अब लंड और भी फूल कर बड़ा हो गया था। तभी उसने करवट बदली और मेरी तरफ़ मुंह करके लेट गई और मुझे बांहों में लेकर उस ने मेरे अंडरवियर को आहिस्ता से नीचे खींच दिया. “Free XXX Kahani”

और अपनी एक टांग मेरे ऊपर रख कर मेरे लंड को पकड़ कर अपनी सलवार के ऊपर से ही अपनी चूत पर सेट करके मज़े लेने लगी। फिर उसने अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसे बाहर निकाल कर अपने सिरहाने रख दिया और एक टांग मुझ पर चढ़ा कर मेरे लंड को अपनी गीली चूत के मुंह पर रगड़ने लगी।

फिर उसने अपना कुर्ता ऊपर उठा कर अपने मम्मों को नंगा कर दिया और मेरी बनियान को भी ऊपर उठा कर मेरी छाती और पेट पर हाथ फिराने लगी और फिर मेरा हाथ पकड़ कर अपने एक मम्मे पर रख दिया। मैं पूरे जोश में आ गया और मम्मे को दबाने लगा तो। उस और ने मेरे कान में कहा।

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तुम ने कभी किसी की ली है तो मैंने कहा कि आंटी जी नहीं तो उसने कहा कि मेरी लोगे तो मैंने कहा कि हां। तो उसने कहा कि मेरे ऊपर आ कर लेट जाओ।और उस ने मुझे खींच कर अपने पेट पर लिटा लिया और अपनी टांगें फैला कर मेरा लंड पकड़ कर अपनी गीली चूत पर सेट करके कहा कि अब आहिस्ता आहिस्ता धक्का लगा कर मेरी चूत में घुसा दो मगर प्यार से क्योंकि तुम्हारा बहुत मोटा और बड़ा है।

तो मैंने पूरा जोर लगा कर एक धक्का लगाया तो मेरा पूरा लन्ड चूत के अंदर चला गया। फिर मैं आहिस्ता आहिस्ता धक्के लगाने लगा तो उसने अपना एक मम्मा मेरे मुंह में डाल दिया। मैं उसके मम्मों बारी बारी चूसते हुए उसकी गांड को पकड़ कर जोर जोर से धक्के लगाने लगा और मुझे स्वर्ग का मज़ा आने लगा। “Free XXX Kahani”

बह औरत भी मुझे अपनी बाहों में कस कर नीचे से अपनी गांड़ उठा उठा कर चुदवाते हुए हाय हाय करने लगी और कहने लगी शाबाश बेटा मज़ा आ गया हाय तुम्हारा बहुत मोटा और लम्बा है मेरी चूत को बहुत मज़ा आ रहा है जल्दी जल्दी चोद पूरा डाल कर फ़ाड़ दे मेरी चूत हाय हाय हाय हाय हाय और जोर से हाय मैं गयी गयी और मुझे अपने साथ कसने लगी.

इतने में मेरे लंड से भी निकलने वाला था तो मैंने कहा कि मेरे लंड में से भी निकलने वाला है तो उसने मूझे अपनी टांगों में जकड़ कर अपने साथ कस लिया। मैं ज़ोर से झटके लगाने लगा और आखिर में अपना लंड जड़ तक उस की चूत में डाल कर उससे लिपट गया और उस की चूत की गहराई में अपना सारा पानी निकालता हुआ उस और के ऊपर ही ढेर हो गया।

फिर बह मुझे बांहों में भर कर लेट गई और किस करने लगी। थोड़ी देर बाद उस ने अपनी सलवार पहनी और आहिस्ता से कुंडी खोल कर बाहर निकल गयी और बिस्तर पर मैं अकेला ही रह गया। मैंने पिछला दरवाजा खोला और पैशाव करके फिर सोने लगा पर उस औरत की मज़ेदार चुदाई को याद करके मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा पर मेरी आंख लगने लग गई।

तभी मुझे लगा कि कोई मेरे साथ सोया हुआ है और मेरे लंड को सहला रहा है। तो मैंने जब उस पर हाथ फेरा तो वह कोई और औरत थी जिसकी कमर बहुत पतली थी और नंगी लग रही थी। मैंने उसकी छाती को टटोला तो उसके मम्मे पपीते की तरह लम्बे और सख्त थे। मैं हाथ फेरते हुए उस की गांड़ पर ले गया तो पता चला कि कि उसने अपनी सलवार नहीं पहनी थी यह और उस का जिस्म बहुत कोमल और गर्म था ।

जब मैंने उस के पेट पर हाथ रखा तो वह बहुत ही नर्म और मुलायम था । मैं हाथ फेरते हुए उसकी नाभि से होते हुए उसकी चूत तक पहुंच गया जिस पर एक भी बाल नहीं था और मक्खन की तरह मुलायम और गीली थी। तब उस ने मेरा हाथ पकड़ लिया और सिसकारियां भरने लगी। तो उसके मुंह में से बहुत ही भीनी भीनी खुशबू निकलने लगी। “Free XXX Kahani”

फिर जब मैंने अपना तना हुआ लंड उसकी चूत पर रखा तो उसने मेरे लंड को हाथ में पकड़ लिया और बोली कि इसे अंदर मत डालना बहुत मोटा है मैं इसे झेल नहीं पाऊंगी। तुम इसे अपनी गर्म फुद्दी पर घिस कर अपने हाथ से ठंडा कर दूंगी।

तो मैंने कहा कि फिर आप यहां सोने क्यों आईं तो उसने कहा कि मैं तो इसकी तारीफ सुनकर बहुत गर्म हो चुकी थी और चैक करना चाहती थी पर मुझे क्या मालूम था कि इतने छोटे से लड़के का इतना बड़ा हथियार होगा। तो मैंने कहा कि ठीक है पर अगर अंदर लेने का दिल करे तो झिझकना मत एक बार बोल देना मैं प्यार से मदद करूंगा पर ज़बरदस्ती कभी नहीं करूंगा।

तो बह ख़ुश हो गई और मुझे अपने ऊपर खींच लिया। मैं उसकी कमर में हाथ डाल कर उसके होंठों को चूसने लगा। तभी वह अपने घुटने खड़े कर के मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर अपनी गीली और गर्म फुद्दी पर रगड़ने लगी और आह आह करने लगी।

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मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा तो मैं भी जोश में आ गया और अपने हाथों को उसकी कमर से हटा कर उसके पपीते जैसे मम्मों को पकड़ कर मसलने लगा और अपनी कमर हिलाते हुए छोटे छोटे धक्कों से अपना लंड उसकी फुद्दी पर घिसने लगा। बह भी अपने हाथ में मेरा लंड पकड़ कर अपनी गर्म फुद्दी के सुराख पर रख कर मेरे लंड के सुपाड़े को उस में घुसाने की कोशिश करने लगी. “Free XXX Kahani”

और बोली कि हाय यह लंड मेरी फुद्दी में क्यों नहीं जा रहा मेरा दिल तो इसे अपनी सुलगती हुई फुद्दी में लेने को कर रहा है पर हाय यह बहुत मोटा है हाय तुम ही कोशिश करो और मेरी जलती हुई फुद्दी को फाड़ कर अपना पूरा लंड मेरे अंदर घुसा दो नहीं तो मैं मर जाऊंगी।

तो मैंने अपने लंड को उसके हाथ से छुड़ा कर अपने मुंह में से ढेर सारा थूक निकाल कर उसकी फुद्दी पे लगाया और कहा कि तुम भी मेरे लंड को अपने थूक से गीला कर दो तो उसने झट से उठ कर मेरे लंड को चाट चाट कर अच्छी तरह गीला कर दिया और फिर पीट के बल लेट गई.

और अपनी टांगें फैला कर मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर अपनी सुलगती हुई फुद्दी के मुंह में सैट करके बोली कि अब देर मत करो और जल्दी से अपना सुंदर लंड मेरी फुद्दी में घुसा दो ।यह बात सुनकर मैंने उसकी कमर के नीचे अपने हाथ डाल कर एक जोर का धक्का लगाया तो मेरा आधा लंड फुद्दी की दीवारों को चीरता हुआ अन्दर घुस गया तो उस के मुंह से एक चीख निकल गई.

पर मैंने झट से अपना एक हाथ उसके मुंह पर रख कर आवाज को दबा दिया। पर उस ने अपने हाथों से मुझे धकेल कर रखा और रुकने को कहा। बह बोली अब और हिलना मत मुझे बहुत दर्द हो रहा है और मेरी सांस भी रुक रही है तो मैंने वहीं रूक कर उसके गालों को चूमा और उसके होंठों पर किस्स करने लगा।

उसकी सांस फूल गयी थी और मेरा आधा लंड उसकी फुद्दी में फंसा हुआ था। थोड़ी देर बाद जब वह थोड़ा नार्मल हुए तो मैंने कहा कि क्या हुआ तो उसने कहा कि तुमने अपने लंड मेरी नाज़ुक फुद्दी फाड़ दी है अब इस थोड़ा सा बाहर खींच लो ताकि मुझे कुछ राहत मिल सके। तो मैंने अपना तना हुआ लंड थोड़ा सा बाहर खींचा और उस औरत के मम्मों के अपने हाथों से सहलाते हुए उस के रसीले होंठों को चूसने लगा।

तो उसने अपना हाथ नीचे लाकर मेरे लंड को पकड़ा जो अभी तक उसकी फुद्दी में फंसा हुआ था। फिर बह आहिस्ता आहिस्ता उसे आगे पीछे करने लगी और गर्म होने लगी फिर उसने मेरे लंड को छोड़ दिया और बोली कि अब आहिस्ता आहिस्ता से धक्के लगाओ तो मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए।

अब हम दोनों के मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं और वह भी अपनी गांड़ को हिलाने लगी और बोली कि थोड़ी स्पीड बढ़ा दो तो मैं अपना आधा लंड ही घुसा कर तेज़ तेज़ धक्के लगाने लगा तो उसने कहा कि थोड़ा और जाने दो न बहुत मज़ा आ रहा है मैंने कहा मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है मेरा पूरा लंड अंदर जाने दो. “Free XXX Kahani”

तो उसने कहा कि हाय अब जो होगा देखा जायेगा तुम पूरा लंड अंदर दो जिंदगी में पहली बार इतना मजा आने लगा है तो मैंने ज़ोर का धक्का लगाया और अपना लंड जड़ तक उसकी फुद्दी में उतार दिया और जब लंड अंदर किसी चीज़ से टकराया तो वह बोली हाय आहिस्ता करो चुभ रहा है.

पर थोड़ी देर बाद बोली कि जल्दी जल्दी चोदो अंदर तक फाड़ दो बहुत मज़ा आ रहा है और तेज़ तेज़ धक्के लगाओ हाय मैं जा रही हूं तो मैंने भी तेज़ तेज़ धक्के लगाते हुए कहा कि मेरा भी निकलने वाला है तो उसने कहा हाय हाय मेरी प्यासी फुद्दी में ही निकाल दो.

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तो मैंने उस की कमर को पकड़ कर एक जोर के धक्के से अपना पूरा लंड उसकी फुद्दी में घुसा कर उसे अपने साथ कस लिया और गहराई में अपनी पिचकारी छोड़ दी।बह मुझे अपनी बाहों में कस कर लिपटी रही। थोड़ी देर बाद जब हम दोनों शांत हुए तो बह अपने कपड़े पहन कर मेरे साथ लेट गई और मुझे छाती से लगा कर किस्स करने लगी।

और जब बह जाने लगी तो उसने मेरे अंडरवियर के ऊपर से मेरे लंड को हाथ में पकड़ा तो हैरान हो गई क्योंकि मेरा लन्ड फिर खड़ा हो गया था। तो उसने कहा कि आपका लंड तो फिर से खड़ा है क्या दो औरतों को चोद कर भी आपको तसल्ली नहीं हुई तो मैंने कहा कि जिंदगी में पहली बार चुदाई की है।

तो उसने पूछा कि कभी कोई औरत नहीं मिली तो मैंने कहा कि गांव में नंगी औरतों को नहाते हुए देख कर सिर्फ दो चार बार मुठ ही मारी है। तो उसने कहा कि मुठ मारते समय तुम क्या सोचते थे तो मैंने कहा कि फुद्दी तो कभी देखी ही नहीं बस औरतों की मोटी मोटी गांड ही देखी है और सोचते हुए कि औरत को घोड़ी बना कर उस की मोटी गांड को चोद रहे हैं मुठ मार लेते थे। “Free XXX Kahani”

तो मैंने कहा कि अब अगर तुम्हें कोई औरत मिल जाए तो तुम क्या करना चाहोगे। तो मैंने कहा कि फुद्दी तो दो बार मार ली है पर अगर कोई मोटी गांड मिल जाए तो मेरा सपना पूरा हो जाएगा और मैं उस औरत को कभी भी नहीं भूल पाऊंगा। तो उसने कहा कि मैं आपका यह सपना भी पूरा करने की कोशिश करूंगी पहले यह बताओ कि जो औरत मुझ से पहले चुदवा कर गयी है उस की गांड़ चैक की थी पसंद है?

तो मैंने कहा कि बह तो बहुत ही मोटी है अगर मिल जाए तो मैं आपका यह अहसान कभी नहीं भूलूंगा। तो उस ने कहा कि अपना लंड खड़ा ही रखना मैं उसे लाने की कोशिश करती हूं। और फिर बह औरत चली गई। कुछ देर तक मैं यूंही अपने लंड को हाथ में पकड़ कर सोचता रहा कि आज रात जो कुछ हो रहा है यह कोई सपना तो नहीं और फिर मुझे नींद आने लगी.

इतने में किसी ने मेरी रजाई उठाई और मेरे गाल पे किस कर दिया और कहा कि अब उठ जाओ और मस्त गांड मारने कि तैयारी करो। फिर उसने कहा कि मैंने अपना वादा पूरा कर रही हूं पर जैसा हम कहेंगी तुम्हें वैसा ही करना होगा। तुम्हें मेरी फुद्दी एक बार फिर चोदनी होगी और फिर मेरी सहेली की गांड़ में अपना लंड डाल कर चोदना होगा ।

फिर उसने कहा कि मैं नीचे लेट जाऊंगी और मेरी सहेली अपनी चूत मेरे मुंह से लगा कर घोड़ी बनके मेरी फुद्दी को चाटेगी और मैं उसकी चूत को। तुम मेरी टांगों के बीच घुटनों के बल मेरी सहेली के मम्बैठ को पकड़ लो। जब मैं पूरी गर्म हो जाऊंगी तो मेरे कहने पर तुम अपना लंड मेरी फुद्दी में डाल कर जोर जोर से मुझे चोद देना.

तब तक मेरी सहेली भी पूरी गर्म हो चुकी होगी तब तुम मेरी फुद्दी में से अपना तना हुआ लंड निकाल कर मेरी सहेली के पीछे आ जाना और अपना लंड आहिस्ता आहिस्ता मेरी सहेली की गांड़ में डाल कर उसे चोद लेना। यह कह कर दोनों एक-दूसरे की चूत को चाटने लगीं तो कमरे में सिसकारियां बजने लगीं. “Free XXX Kahani”

तभी मैंने अपना लंड एक की फुद्दी में घुसा कर उसकी टांगें अपने कन्धों पर रखकर कर जोर जोर आठ दस धक्के लगाए तो बह झड़ गई और र मेरा लंड अपनी फुद्दी में से बाहर निकाल दिया तब मैं दूसरी जो घुटनों के बल बैठ कर अपनी चूत चटवा रही थी उसके पीछे आ गया और उसके चूतड़ों पर हाथ फेरने लगा तो उसने अपनी गांड़ को ऊपर उठा कर अपनी टांगें चौड़ी कर दीं।

जब मैंने गांड़ के छेद को टटोला तो उसने कहा कि पहले मेरी गांड में थूक लगा कर अपनी एक दो उंगलियां घुसा कर छेद को थोड़ा ढीला कर लो फिर अपना लंड घुसाना। मैंने थूक से गीली करके अपनी एक उंगली उसकी गांड में घुसा दी और आगे पीछे करने लगा फिर मैंने अपनी दूसरी उंगली भी डाल दी और अपना लंड उसकी गांड के पास करने लगा.

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तो दूसरी जो इसकी चूत चाट रह थी उसने मेरा लंड अपने मुंह में ले कर पूरा गीला कर दिया और अपने हाथ से पकड़ कर अपनी सहेली की गांड़ पर रख दिया और मुझे धक्का लगाने को कहा मैंने आहिस्ता आहिस्ता अपना पूरा लंड जड़ तक उस की गांड़ में उतार दिया और फिर पीछे से धक्के लगाने लगा मुझे बहुत ही मजा आने लगा था तब काफी देर बाद मैं उसकी गांड में झड़ गया।

फिर मैंने अपना मुर्झाया हुआ लंड मोटी गांड में से बाहर निकाल दिया और पीछे हट गया। फिर कुछ देर बाद वह औरतें उठ कर मुझे चूमते हुए वाय कह के बाहर निकल गई। मुझे बहुत गहरी नींद आ गई और मैं खुश हो कर सो गया।

सुलह जब मेरी दीदी ने मुझे जगाया तो दस बज झुके थे। मैंने उठ कर हाथ मुंह धोकर चाए पीते हुए दीदी से पूछा कि बाकी मेहमान कहां हैं तो दीदी ने कहा कि सभी लोग अपने घरों को चले गए। तो मैं बहुत मायूस हो कर सोचने लगा कि रात वाली औरतें कौन थीं। जिनकी न मैं सूरत देख पाया न ही उनका नाम पूछ सकता।

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