Aurat Antarvasna Kahani – समधन का स्वागत समधी ने खड़े लंड से किया

Aurat Antarvasna Kahani – समधन का स्वागत समधी ने खड़े लंड से किया

Aurat Antarvasna Kahani

मेरा नाम माला सिंह है मैं अल्मोड़ा की रहने वाली महिला हु मेरी उम्र 42 साल है दिखने में हरा भरा बदन है बड़ी गोल चुचिया है दूध जैसा रंग है । मेरे पति का नाम कमल है वो 44 साल के है मेरी एक बेटी भी है जिसका नाम कुसुम है वो 22 साल की है अभी 2 महीने पहले ही उसकी शादी हुवी है। Aurat Antarvasna Kahani

घर पर मैं और मेरे पति अकेले रह गए थे तो हम खुल का सेक्स करते थे मगर वो मेरी गर्मी को शांत नही कर पा रहे थे मैं बहुत परेशान थी लेकिन मैने कोई गलत कदम नही उठाया इसी तह कट रही थी एक दिन मेरे पति मुझसे बोले की किसी दिन बेटी से मिल आओ मेरे पास टाइम नही है।

मैने सोचा चलो मिल आती हु मैं उसके घर पहुँच गयी वहाँ सबसे मिलना हुवा मेरे समधी मुकेश और समधन वृंदा जी थे समधन करीब 42 साल की थी वो मेरी ही तरह सेक्सी थी बड़ी चुचिया उभरी हुवी गाड़ थी मेरे समधी के बड़े भाई राजेश जी भी उनके साथ रहते थे उनकी उम्र 45 साल थी उनकी वाइफ नही थी।

मैं सबसे मिली मेरे दामाद का नाम रितेश था वो भी मिला मैं सबसे बाते करने लगी तभी जब मैं राजेश जी से बात करती तो उनकी नजर मेरे बलाउज पर आ जाती मैं बार बार अपना पल्लू ठीक करती धिरे धिरे रात हो गयी बेटी ने मुझे अपनी नाइटी दे दी जिसमे आगे गाउन था जिसमे ऊपर डोरी बंधी थी मेरी दोनो चुचिया की लाइन साफ दिख रही थी।

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रात को सब सोने चले गए तभी राजेश जी बोले रुको समधन जी अभी चली जाना मैं वही बैठ गयी वो शराब पी रहे थे वो बोले आपके ऊपर ये नाइटी बहुत सेक्सी लग रही है मैने शरमा कर सिर नीचे कर लिया।

राजेश जी बोले…..समधन जी काश आप मेरी बीवी होती।

मैं….जी तो क्या हो जाता…

राजेश जी…..अरे रात भर आपको जगा के रखता.

मैं…. अच्छा जी चलती हु।

मैं वहाँ से चली गयी रात को सो गयी सुबह जब मैं उठी तो सब उठ चुके थे मेरी बेटी बोली मम्मी बड़े ससुर जी को चाय दे दो जाकर मैं चाय लेकर उनके कमरे में गयी वो नेकर में थे उनका बड़ा लड़ पूरा खड़ा था नेकर से पता चल रहा था वो मुझे देखते ही बोले आप को देखते ही परेशान हो जाता है।

मैं कुछ नही बोली जैसे ही मैं मुड़ी उन्होने मुझे पीछे से पकड़ लिया एक हाथ मेरे मुँह पे लगा दिया एक हाथ मेरी साड़ी के अन्दर कर दिया मैं छटपटाने लगी वो मेरी चुत को सहलाने लगे बोल रहे थे समधन जी बस एक बार चोदने दो तभी उन्होने मुझे बिस्तर पे पटक दिया किश करने लगे मैं छूटने की कोसीस कर रही थी।

तभी उन्होंने एक हाथ से काफी देर मेरी चुत सहलाई मैं गर्म हो गयी मैने अपने हाथ से उनको पकड़ लिया वो समझ गए मंजूरी उन्होंने मेरे मुँह से हाथ हटा दिया दोनो हाथों से बलाउज के ऊपर से मेरी चुचियो को मसलने लगे मैं आआह…ससस…..करने लगी उन्होंने मेरे बलाउज ब्रा खोल दिया और मेरे नगगे बूब्स मुँह में ले लिया पीने लगे मैं मचल रही थी।

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वो मेरे होतो को पीने लगे तभी निचे से बेटी की आवाज आ गयी मैं बोली अभी नही बाद में उन्होंने मुझे छोड दिया जल्दी से मैने अपने बलाउज को पहनने लगी ब्रा भूल गयी बाहर निकली बेटी ने मुझे देखते ही बोला क्या हो गया मैने कहा कुछ नही।

दिन में राजेश जी मुझे बोले आज रात हम सुहागरात मनाए गे मैं कुछ नही बोली. फिर राजेश जी बाहर चले गए बेटी बोली मम्मी आज आप घर जाओ गए मैने कहा नही कल जाऊँगी। धिरे धिरे रात हो गयी सब सोने चले गए तभी राजेश जी ने मुझे बुलाया और मैं उनके साथ उसके कमरे में चली गयी.

तभी वो बोले समधन जी आज हम पति पत्नी है मैने कहा वो कैसे वो बोले आज तुम तैयार हो जाओ ये मैं समान लाया हु फिर हम सुहागरात मनाएंगे। मैने देखा लाल साड़ी और चूड़ी सब लेकर आये थे मैं उनके बतरूम में गयी तैयार हो गयी.

तभी जब बाहर आयी उन्होंने कहा आज सारी रस्म होगी तभी उन्होंने मेरी माग भरी और नया मंगलसूत्र पहनाया मुझे लेके बिस्तर पर आगये मेरे होतो को पीने लगे मेरी चुचियो को दबाने लगे फिर धिरे धिरे उन्होंने मेरे ब्लाउज के सारे हुक खोल दिए उसे उतार दिया फिर उन्हीने मेरी साड़ी भी उतार दी मैने ब्रा भी खोल दी।

मैं सिर्फ पेटीकोट में थी वो मेरी भारी चुचियो को पीने लगे मैं मचलने लगी आआह……उईईई….वो बीच बीच मर काटने लगें मेरे निपल्स को दाँत से किचने लगे तभी तभी उन्होंने मेरे पेटीकोट का नारा खोल दिया उसे उतार दिया, अपने भी सारे कपड़े उतार दिए.

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हम मस्ती एक दूरसे से लिपट गए तभी मैने उनके लड़ को पकड़ा जो मेरे पति से काफी बड़ा था सहलाने लगी मैने कहा अव डालिये वो बोले अभी नही रानी पहले तेरी चुत तो चाट लू फिर मेरे दोनो पैरो के बीच आकर हो मेरी चुत अपने मुँह से चाटने लगे मैं वासना में आआह…..सईईई…..आइए…करने लगी।

वो मेरी चुत की चमड़ी को मुँह से धिरे धिरे काटने लगे मैं आआह करते हुवे बोली अब डालो राजा जी तभी उन्होंने अपना लड़ को मेरी चुत में रख दिया एक बार में पेल दिया मेरी चीख निकल गयी वो दना दन मेरी चुदाई करने लगे मैं आआहा…..सिसिसिस….करने लगी पटा पट मुझे पेलने लगे मैं भी चिपक के उनको देने लगी।

वो चोदते हुवे बोल रहे थे रानी कैसे लग रहा है मैं मजा आ रहा है आआह वो बोले जान तुम बहुत गर्म हो मैं आआह मैं बहुत गर्म हु अपने गर्म लावे से ठंडा करो मुझे आआह उसके बाद मैं आआह मैं गयी मेरा पानी निकल गया वो अभी भी मुझे चोद रहे थे.

आआह जानु लो और लो उसके बाद वो एक दम मेरी चूत में शांत हो गए उनका माल मेरे अन्दर चला गया हम दोनो शांत हो गए कुछ देर लेटे रहे। तभी वो बोले मुझसे कैसा लगा मैने कहा बहुत मजा आया तभी वो मेरे पेट को सहलाते हुवे बोले जानू मैं तुम्हे प्रेग्नेंट कर दूँगा. “Aurat Antarvasna Kahani”

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मैने कहा तो कर दो ना उनका लड़ मैं सहलाने लगी वो मेरे बूब्स को दबाने लगे मैं बोली पता नही कैसे आप से समधन जी बच गयी। वो बोले वृंदा भी बहुत गर्म है किसी दिन पेल दूँगा तभी उनका लड़ फिर से खड़ा हो गया वो मेरी चूत पेलने लगे मैं मजे लेके चुद ने लगी वो बड़े आराम से मेरी ले रहे थे.

मैं आआह ससस कर रही थी फिर तेजी से करने लगे मैं भी अपनी कमर उठा उठा कर उनको देने लगी करीब 10 मिनट बाद हम दोनो झड़ गए फिर हम सो गए सुबह जब मेरी आँख खुली। देखा मैं नग्गी हुवी मैने जल्दी से अपने कपड़े पहने और अपने कमरे में चली गयी। तो इस तरह बेटी के ससुराल गई तो चुद कर वापस आई मैं और ऐसा स्वागत वो भी खड़े लंड से मुझे तो काफी पसंद आया।

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