Chudasi Village Lady Sex – तलाकशुदा बुआ ने जवान भतीजे को फंसा लिया

Chudasi Village Lady Sex – तलाकशुदा बुआ ने जवान भतीजे को फंसा लिया

Chudasi Village Lady Sex

मेरा नाम प्रखर है मैं के एक छोटे से गांव से हूँ। मेरी उम्र 27 साल है और मैं एक प्राइवेट कम्पनी में काम करता हूँ। आपके सामने जो आज कहानी लेकर आया हूँ वो एक साल पहले की घटित घटना है। जब मैंने पढ़ाई पूरी करके छोड़ी थी और घर पे ही रहकर काम धंधा खोज रहा था। Chudasi Village Lady Sex

एक दिन मैं काम काज के सिलसिले से पास वाले शहर गया हुआ था। जब दोपहर को घर वापिस आया तो मेरी दूर की रिश्तेदारी मे से एक 35 साल की औरत हमारे घर आई हुई थी। जो रंग की एक दम सफेद, साढ़े 5 फ़ीट की लम्बाई, एक दम जिम वालो की तरह फिट बॉडी और गौर से देखने पे थोड़ी सी शक्ल अभिनेत्री की तरह लगती थी। उस वक़्त मैं उसे नही जानता था।

वो माँ से बाते कर रही थी मैंने उनको नमस्ते बुलाई और अपने कमरे में आराम करने चला गया। वो करीब 2 घण्टे माँ के पास बैठी बाते करती रही। जब वो उठ कर अपने घर गयी तो माँ मुझे चाय देने मेरे कमरे में आई।

मैं — माँ यह औरत कौन थी ?

माँ — क्यों तू इसे नही जानता क्या ?

मैं — हद करते हो आप भी माता जी, यदि पता होता आपसे क्यों पूछता भला ?

माँ — हाँ ये तो है मुझे लगा मज़ाक में पूछ रहा है।

वेसे ये अपने गाँव वाले रिश्तेदार की बेटी माधुरी है। जो के तुम्हारी रिश्ते में बुआ लगती है। अब सारा परिवार इसी शहर में रहता है। बेचारी की किस्मत ही खराब है।

आज से 10 साल पहले जब यह कोई 25 साल की होगी तो इसकी शादी जीतेन्द्र सिंह जोके हाईवे रोड बनाने वाले काम का ठेकेदार था, उस से हुई थी। इन दोनों की पहले दिन से ही आपस में कम ही बनी। आये दिन घर में आने बहाने लड़ाई होती रही। इस दौरान माधुरी दो बच्चों की माँ भी बन गयी पर जीतेन्द्र का स्वभाव न बदला।

जिस से तंग आकर इसने उससे तलाक़ ले लिया और बच्चे भी वहां छोड़ आई। अब अपने माँ बाप के पास ही रहती है। माधुरी बहुत ही काम काज वाली लड़की है। जब तुम बाहर से लौटे तब भी जीतेन्द्र की ही बात कर रही थी।

बुआ की कहानी सुनकर मुझे बहुत धक्का लगा के इसके साथ ऐसा क्यों हो गया। बुआ के प्रति जागी हमदर्दी कब प्यार में बदल गयी पता ही नही चला। एक दिन मैं घर पे अकेला था तो बुआ का आना हुआ। मेने उनका स्वागत किया और उनको चाय पानी पिलाया।

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बुआ — प्रखर माजी कहाँ गयी हैं?

मैं– बुआ जी वो तो बाज़ार गए है बस आने ही वाले है। तब तक आप आराम से बैठो।

बुआ ओर मैं आपस में बाते करते रहे। बातो बातो में बुआ ने अपनी आपबीती कहानी सुना दी और ज़ोर ज़ोर से रोने लगी। मेने उन्हें चुप करवाना चाहा पर उनके आंसू रुकने का नाम ही नही ले रहे थे। इतने में माँ भी आ गयी और वो उनसे बाते करने लगी।

इस दौरान कई बार मैं भी उनके घर चला जाता था। थोड़े ही समय में बुआ मुझसे इतना घुल मिल गयी के दोस्त की तरह हर अच्छी बुरी बात शेयर कर लेती थी। वो चाहे 35 की थी पर जिस हिसाब से उसने शरीर को सम्भाला था। वो 25 की भी नही लगती थी।

अब बुआ मॉडर्न कपड़े भी पेहनने लगी थी। कभी जीन्स, कभी लेगिंग्स सूट, जिसमे उसके कामुक शरीर को देखकर किसी बूढ़े का भी लण्ड खड़ा हो जाये। आस पड़ोस के लड़के उसपे खूब लाइन मारते थे, पर बुआ किसी की दाल गलने नही देती थी। कोई भी छोटा बड़ा काम होता मेरे साथ ही बाज़ार जाती थी। क्योंके उसके पापा बज़ुर्ग थे, इतनी भाग दौड़ उनसे नहीं होती थीं।

फेर चाहे बिजली का बिल भरना हो, बच्चों की फीस, या बाज़ार से कुछ लाना हो वो भी बोल देते थे जा प्रखर को साथ लेजा। मेने कई बार नोटीस किया बुआ मेरी कुछ ज्यादा ही क्लोज हो रही है। बुआ अपने घर कम और मेरे घर ज्यादा रहती थी। कई बार मैं भी उनके घर चला जाता था।

जब कई बार बुआ झुककर झाड़ू या पोचा लगाती इसके सफेद मम्मे दिख जाते थे। ये बात उसने भी जान ली थी और शरारती सी स्माइल से हसकर अपना काम करने लगती थी। एक दिन मेरे माँ बापू रिश्तेदारी में गए हुए थे।

तो बुआ घर पे आ गयी और हम काफी देर बाते करते रहे। जब रात होने को थी तो उसने अपने घर फोन किया के प्रखर के माँ बापु शादी में गए है सो आज उसका खाना बनाने के वास्ते यहाँ ही रहुगी। उसके माँ बाप भी मान गए। गर्मियों के दिन थे।

मेने बुआ को बोला,” आप मेरे पास सोयेंगे या अलग कमरे में ?

बुआ बोली ,” अलग क्यों सोऊँगी तेरे पास ही सोऊँगी। वेसे ऐसा क्यों पूछा तुमने ?

मैं — वो मुझे अकेला अंडरवेअर पहन कर सोने की आदत है इस लिए बोला के शायद आपको बुरा न लगे।

बुआ — नही मुझे कोई ऐतराज नही है। आप जैसे भी सोवो।

मेने बूआ के पास खड़े ही एक अंडरवेयर छोड़कर अपने सारे उतार दिए और जिसमे मेरा खड़ा लण्ड बिलकुल साफ साफ दिख रहा था। बुआ बार बार आँख चुराकर उसे ही देख रही थी। इस तरह वो रात तो गुज़र गयी पर बुआ की चुदासी होने का भी पता चल गया। इस दौरान बुआ मेरी और मैं उसकी बहुत केयर करने लग गया।

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एक दिन मैं उनके घर गया। तब उनके घर पे कोई नही था। मुझे देखकर बहुत खुश हुई और बातो बातो में बुआ की आँखों में आंसू आ गए और बोली, प्रखर तेरी बीवी बड़ी किस्मत वाली होगी, जिसे तुझ जैसा इतना प्यार करने वाला पति मिलेगा। उसकी तो ज़िन्दगी संवर जायेगी। काश तुम मेरे भतीजे न होते तो मैं तुमसे ही दुबारा शादी कर लेती।

उस वक़्त उसे गलत सही का कोई भी ख्याल नही था बस प्यार ही दिख रहा था। फेर भावुक होकर फेर बोली,” प्रखर तुमसे एक बात बोलू।

मैं — हांजी बुआ जी बोलो।

बुआ — पहले तो बुआ न बोलो मुझे सिर्फ माधुरी कहो और दूसरी बात मैं तुमसे प्यार करने लगी हूँ और उसने हाथ जोड़ते हुए कहा प्लीज़ मेरा प्यार स्वीकर करलो।

मैं — नही बुआ जी यह सब गलत है। आपकी केयर और मदद आप पे तरस खाकर करता हूँ के इसका अपना कोई नही है जिससे दिल खोल कर बात कर सके। लोग क्या कहेंगे हमारे बारे में, आपकी इज़्ज़त पे धब्बा लग जायेगा।

बुआ — वो मैं नही जानती मुझे तुम्हारे साथ रहना अच्छा लगता है। तेरे साथ बाते करना अच्छा लगता है। तुम क्या चाहते हो मैं किसी और से सम्बन्ध बनवा लू।

मैं — नही बूआ मैंने ऐसा कब बोला आपको ?

बुआ — पर मतलब तो यही ह न इसका जो मुझे ठुकरा रहे हो। क्या मुझमे कोई कमी लगती है आपको ?

मैं — नही तो

बुआ — तो फेर सुनो गांव के सारे लड़के मुझपे लाइन मारते है पर मुझे सिर्फ तुम पसंद हो। पता नही तुझे देखकर मुझे क्या होने लगता है। सोते जागते बस तुम्हारा ही ख्याल जहन में रहता है। तुम चाहो तो हम एक हो सकते है। मेरी परवाह करते हो न ?

मैं — हाँ बुआ बहुत ज्यादा।

बुआ — फेर क्यों मेरा प्रपोज़ ठुकरा रहे हो ? मैं तुम्हे अच्छी नही लगती क्या ?

मैं — नही बुआ ऐसी बात नही है। आप बहुत अच्छे हो और बुरे तो फूफा जी है। जिन्होंने आपकी कदर न की, और आपको दर दर की ठोकरे खाने के लिए अकेला छोड़ दिया।

मेरी ये बात सुनकर बुआ मेरे गले लग गयी और फक फक रोते बाते करने लगी प्रखर यदि उन्हीने ने ही कदर की होती आज यूं दर दर की ठोकरे न खा रही होती। मैं भी इंसान हूँ, मेरी भी कुछ भावनाये है। मेरा भी दिल करता है कोई मुझे भी प्यार करे, कोई मेरे साथ रात को सोये, मैं शादीशुदा होते हुए भी विधवा जैसी ज़िन्दगी जीने को मज़बूर हूँ। “Chudasi Village Lady Sex”

प्रखर तुम भी इंसान हो न, तुम्हारा भी दिल करता होगा कोई लड़की मुझे चाहे, मेरे साथ रात को सहवास करे। करता है न दिल बोलो ?

मैं — हाँ पर ??

बुआ — पर क्या ?

मैं– जब कोई लड़की है ही नही क्यों दिल को जलाना और अपनी काम अग्नि को भढकाना ।

बुआ — जब मैं लड़की होते हुए इतना आग्रह कर रही हूँ। तो तुम पहाड़ पर क्यों चढ़ रहे हो। मान क्यों नही जाते?

मैं– पर बुआ दूनिया क्या कहेगी, अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा। हमारी दोनों की इज्ज़त की धज्जिया उड़ जायेगी।

बुआ– प्रखर ये बात हम दोनों में ही रहेगी। उसकी चिंता तुम न करो। क्या मैं तुम्हारी हाँ समझू।

बोलो ?????

मैं — अब कोई रास्ता भी नही है के क्योंके आपको किसी और की बाँहो में भी देख नही सकता। खुद ही सम्भालना पड़ेगा सब मामला अब मुझे तो।

बुआ — हाँ ये हुई न बात और उसने मेरे होंठो पे अपने कोमल होंठ लगाकर चुम्बन लिया और बोली

आह…!! मज़ा आ गया, आज एक साल बाद पहली बार किसी मर्द के होंठ चूमने को मिले है।

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अब मैं कब तक सब्र करता। आग से पास आकर घी पिघल ही जाता है। सो उसके चुम्बन ने मेरे शरीर में कामवासना जगा दी और मैं भी उसे चूमने लगा। उसके मम्मे दबाने लगा। हम दोनों बेशर्म होकर एक दूसरे के कपड़े निकालने लगे और जब हम बिलकुल नंगे हो गए तो उसको बैड पे लिटाकर उसके मम्मे चूसने लगा। वो बहुत गर्म हो चुकी थी और मौन कर रही थी।

बुआ — प्रखर अब डाल भी दो प्लीज़, नही रहा जा रहा अब मैंने भी उसकी बेकरारी को समझते हुए उसकी गीली चूत में अपना 5 इंची लन्ड पेल दिया। जो के पहले झटके में थोड़ा सा घुसा और बुआ की तो जैसे जान निकल गयी। उसके चेहरे से उसके दर्द का अंदाज़ा लगाया जा सकता था।

वो बोली,” प्रखर आप रुको मत मेरे दर्द की परवाह न करो। आप अपना काम जारी रखो। इधर मेने भी पोज़िशन सेट करके बुआ को अगला झटका दिया पूरा जड़ तक लण्ड बुआ की चूत में घुस गया और मैं कुछ पल ऐसे ही उसपे लेटा रहा। “Chudasi Village Lady Sex”

जब बुआ का दर्द कम हुआ तो वो भी निचे से गांड उठा उठा के मेरे हर वार का जवाब दे रही थी। थोड़ी देर बाद बुआ एक लम्बी आह्ह्ह्ह्ह् लेकर झड़ गयी। अब मेरी झड़ने की बारी थी। तो मेने पूछा बुआ कहाँ निकालू ?

वो बोली,”अंदर ही निकाल दो तुम्हारा वीर्य अपने अंदर महसूस करना चाहती हूँ। मेने भी बुआ की बात मानते हुए गर्म गर्म लावा बुआ की चूत में भर दिया। कमरे में पंखा चलने के बावजूद भी हम पसीने से नहा गए। अब बुआ के चेहरे पे संतुष्टि के भाव साफ दिखाई दे रहे थे।

फेर मैं और बुआ साथ में नहाये और खाना खाया बाद में मैं अपने घर चला आया। जब भी उसका दिल चुदवाने को करता मेरे घर या अपने घर बुलवा लेती। एक बार करवाचौथ का व्रत था। बुआ सुबह से ही सज धज कर व्रत की तैयारी कर रही थी।

मेने पूछा बुआ फूफा तो पास नही है व्रत कौन खोलेगा आपका ?

वो शरारती अंदाज़ में बोली,” व्ही जिसने उस दिन मेरे कपड़े खोले थे और उसका इशारा समझकर मैं भी हंस पड़ा। शाम को बुआ का फोन आया के मेरे घर आ जाओ आज माँ बापू घर पे नही है, वो किसी तीर्थ स्थान पे एक हफ्ते के लिए गए हैं। मैं थोड़ी देर बाद उनके घर चला गया। अंदर जाते ही देखा बुआ ने दुल्हन के लिबास में पूरे गहने, होंठो पे लिपस्टिक, पूरा मेकअप किया हुआ था के मानो आज ही शादी हुई हो ।

मुझे आया देख कर कहा,”आ गए जी आप, आपको जरा सी भी फ़िक्र नही ऐ आपकी दुल्हन सुबह से भूखी प्यासी आपकी राह देख रही है। वो देखो चाँद भी निकल आया है अब मेरा व्रत खुलवाओ, बहूत प्यास लगी है पानी पीने का दिल कर रहा है।

बुआ और मैं छत पे व्रत वाला सारा समान लेकर चले गए और बुआ ने मुझे पति मानते हुए मेरे पैरों को छूआ और मेरी आरती उतारी। उसने छननी में मेरा चेहरा देखकर अपना व्रत खोला, मेने उसे पानी की घुट पिलाई और हम छत से नीचे आ गए।

नीचे आकर हमने साथ में खाना खाया और सोने की तैयारी करने लगे। बुआ ने अपने बैडरूम को सुहागसेज़ की तरह फूलो से सजाया हुआ था।

बुआ बोली,” देखो पतिदेव आज हमारी सुहागरात है। जल्दी न सो जाना।

मैंने पूछा,” तो उस दिन क्या था।

वो बोली,”उस दिन सिर्फ रिश्ता तय हुआ था और उसकी शुरआत थी। मैं चुप हो गया।

करीब 5 मिनट बाद फेर बोली,”अब दुल्हन की मदद तो करो आप गहने उतरने में !

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मैं उसके पास होकर उसके गहने जैसे टीका,कान की बालिया, मंगलसुत्र वगैरा उतारने लगा। उसके बाद उसने ने मुझे दूध का गिलास दिया जो हमने आधा आधा पिया। अब हम दोनों एक दूसरे को बाँहो में लेकर लेट गए और एक दूजे के होंठ चूमने लगे।

अब हमारे कपड़े हमारे रोमांस में बाधा डाल रहे थे तो उठकर हमने वो बाधा दूर की, जब दोनों बिलकुल नंगे हो गए तो 69 की पोज़िशन में आकर माधुरी मेरा लण्ड चूसने लगी और मैं उसकी चूत चाटने लगा। “Chudasi Village Lady Sex”

करीब 10 मिनट माध हम दोनों एक दूसरे से मुह में झड़ गए। बाद में मैं निचे लेट गया और माधुरी मेरे ऊपर आकर लण्ड सेट करके उसपे बैठ गयी और अपनी कमर हिलाने लगी।

उसके के झूलते मम्में मुझे चूसने के लिए उकसा रहे थे। मैं कभी उसके मम्मे मुंह में लेके चूसने लगता तो कभी उसके होंठो को चूसता। करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद हम एक साथ झड़ गए। उस रात हमने 3 बार चुदाई की हर बार वीर्य माधुरी के गर्भ में ही गिराया।

फेर एक दिन उसकी एक खास सहेली की शादी थी। जो के हिमाचल प्रदेश के ऊना शहर से थी। उसने माधुरी को खासतौर पे न्योता दिया। उसे सिर्फ माधुरी की शादी का ही पता था, उसके तलाक़ का पता नही था। इधर माधुरी के घर वाले अकेली होने की वजह से जाने से मना करने लगे।

माधुरी ने बोला आप चिंता न करो मेरे साथ प्रखर जा रहा है, मैं कोनसा अकेला जा रही हूँ। इसपे उसके घर वाले मान गए और हम दोनों को जाने की इज़ाज़त मिल गयी। वहां जाकर माधुरी ने मुझे अपने पति के रूप में सबसे मिलवाया और हमे रहने के लिए एक स्पेशल कमरा भी दिया गया।

हमने वहाँ भी जितने दिन रहे खूब चुदाई की। फेर एक दिन जब शादी खत्म हुई तो माधुरी बोली क्यों न प्रखर हम हनीमून पे चले ?

मैं — ठीक है पर हम घर वालो को क्या कहेंगे?

माधुरी — उनको फोन करके झूठ बोल देती हूँ के सहेली आने नही दे रही है एक हफ्ता और रुकने को बोल रही है। तब तक हम वापिस आ ही जायेंगे किसी को कानो कान खबर भी नही होगी।

और इसने ऐसा ही किया बाद में हम शिमला की तरफ हनीमून पर चले गए वहां एक हफ्ता एक हॉटल में रहे वहाँ भी खूब चुदाई की। जब घर आये तो अगले दिन मुझे उसने कहा के उसके साथ बाज़ार चलो थोड़ा जरूरी काम है। “Chudasi Village Lady Sex”

हम दोनों बाइक पे गए तो उसने मुझे एक मेडिकल लेबोरट्री के सामने रुकने का बोला। मेने बाइक को रोक दिया और लॉक लगाकर हम दोनों लेबोरट्री के अंदर चले गए। वहां जाकर उसने बताया के वह प्रेग्नेंसी चेक करवाने आई है। लैब वाले लड़के ने उसके कुछ टेस्ट किये और आधे घण्टेे तक आने को बोला।

तब तक हम आगे बाज़ार चले गए। वापसी पे जब हम रिपोर्ट लेने आये तो पता चला के वो 2 हफ़्तों के गर्भ से है। मेरा यह सुनकर रंग उड़ गया, पर माधुरी बहुत खुश थी और बोली अब हमारा बच्चा भी दूनिया में आएगा।

मैंने उन्हे ठंडे दिमाग से समझाकर गर्भपात करवाने को बडी मुश्कल से मनाया, क्योंके दुनिया की नज़र में आप तलाकशुदा हो, और हम आपस में बुआ भतीजा है। सो किसी भी हालत में आप माँ नही बन पाओगे। यदि बन भी गए लोगो को क्या जवाब दोगे।

माधुरी को अब बात पूरी तरह से समझ में आ चुकी थी। तो उसने बच्चे का गर्भपात करवाने का फैसला ले लिया। और 15 दिन किसी सहेली के पास जाने का बोलकर गर्भपात करवा लिया। करीब एक महीने बाद जब उसका गर्भपात हो चूका था।

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एक दिन उसके पर्स से उसकी प्रेगनेंसी रिपोर्ट निकलकर उसकी माँ ने देख ली। उसको बहुत भला बुरा बोला गया। जब उससे बच्चे के बाप का नाम पूछा गया तो उसने मेरा नाम ले दिया। रिश्तेदारी का लिहाज जान कर मामला अंदर ही अंदर सुलगता रहा। माधुरी की माँ ने उसको हमारे घर आने से भी मना कर दिया। “Chudasi Village Lady Sex”

जिस से वो उदास और बीमार रहने लगी। फिर एक दिन उसकी माँ ने बोला तुम्हारी नयी शादी कर देते है। जिसपे रोते हुए माधुरी ने कहा,” माँ शादी तो मैं प्रखर से ही करुँगी वरना कुछ खाकर मर जाउगी। वो मुझे बहुत खुश रखता है। मेरी बहूत ही परवाह करता है।

एक बार आपने ढूंढकर दिया था वो कैसा निकला (उसका इशारा अपने तलाक़शुदा पति जीतेन्द्र की तरफ था) इस बार मेरी पसन्द भी कबूल करलो। उसकी माँ को उसपे दया आ गयी और उसने हमारे ऊपर लगी पाबन्दी हटा दी। अब हम फेर पहले की तरह मिलने लगे।

अब कई बार मैं उनके घर चला जाता तो वो हमे अकेला छोड़कर बाहर से कुण्डी लगाकर कही चली जाती । जिस से हमको ज्यादा समय अकेला रहने को मिल जाये। उसकी माँ उसे कंडोम का उपयोग करने की सलाह देती।

पर माधुरी को तो जैसे नंगे लण्ड लेने में ज्यादा मज़ा आता। ऐसे ही एक बार और जब माधुरी पेट से हुई तो उसकी माँ ने उसको गोलिया लाकर खिलाई। तब से लेकर आज तक जब भी समय मिलता है हम दोनों एक हो जाते है और भरपूर चूदाई का मज़ा लेते है।

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