Free Kamukata Kahani – बहन अपने स्कूल के प्रिंसिपल से चुदी

Free Kamukata Kahani – बहन अपने स्कूल के प्रिंसिपल से चुदी

Free Kamukata Kahani

दोस्त ये कहानी मेरी बहन तृप्ति की हे । तृप्ति का उम्र 23 साल हे । गोरा रंग पतली कमर गोरा रंग की गोल गोल बड़े बड़े नाजुक मुलायम स्तन और पिंक कलर की चूची हे और नाभि को तो देखा कर लुण्ड खड़ा हो जाता है । पिंक चुत में घने काले काले बाल। और तृप्ति बहती सेंसेटिव हे उसकी अंगों को अछि तरह चूमने और सहलाने से वो उसकी चुत में पानी आ जाती है । Free Kamukata Kahani

लेकिन वो पतिब्रता हे सादी तक किसे ने उसको चोदा नहीं था । अब उसको पति भी उसको चोदा लेकिन ज्यादा टाइम नही उनकी घर की financial कमी  की बजाय से उसोको बहार नौकरी के लिए जाना पड़ा । फिर भी दिकत थी उसकी सास की मेडिकल ख़र्च की लिए । तृप्ति बोली में भी कोई स्कूल में जॉब देखता हूं । उसने ग्रेजुएट किआ था ।

वो कॉम्पिटेटिव भी तैयारी कर रही थी जब कुछ नही हुआ तो वो कुछ भी job देखने लगी । घर से दस km दूर पे एक स्कूल में मिल गेय । वहाँ ज्यादा टीचर और स्टाफ लेडीज थी । तो घर में दिक्कत नही हुइ । लेकिन उसको स्कूल की अंदर की बात मालूम नही था । उस स्कूल का मालिक ही प्रिंसपल था । उसने ही तृप्ति का interview लिया वो सिर्फ इसका रूप देख के इसको अकाउंट और रेस्प्क्शन का जॉब दे दिया ।

तृप्ति उस स्कूल में जितनी लेडीज थी सबसे सुंदर और अछि फिगर वाली थी । वो मालिक का नाम रमेश ।रमेश का उम्र 50 साल हे  उसका दूसरा बिज़नस था । वो चैरिटी के नाम पर स्कूल खोला था । स्कूल में वो ज्यादा लेडीज स्टाफ था सिर्फ 5 जेंट्स थे ।अछि सुन्दर  लेडीज टीचर को किसीको पैसे लालच  किसीको ड्रिंक में नशा या गोल्ड फ्लाई चुत में आग लगनी वाली दबा पानी या कोल्ड ड्रिंक मिला के उसको उसी रात भर चोद ता था ।

वो अछा फोरप्ले कर के चुत आग लगा दिया करते थे फिर बाद में उसकी जाल में फस कर खुद की चुदाई करवाता थे ।अब बारी थी तृप्ति की । रमेश उस स्कूल में ही पीछे एक बड़ा आलीशान बैडरूम बनाया था हर लेडी टीचर को उधार ले जा कर के चोदा कर ता था सिर्फ उसकी ड्राइवर को ये बात मालूम रहे ता था । जिस दिन जिस की चुदाई होनी थी उसके लिए रात का खाना भी लेक रख दे ता था फिर सुबह उसको अपने घर छोड़ अत था ।

आज तृप्ति  इस ब्लाउज पेहेन  थी जिसे उसकी पीठ के आधा हिसा दिखती वो साड़ी भी पेहेन टी थी जिसे उसकी कमर के साथ नाभि दिख रहा था ।एके दिन शानिवार क रमेश उसको चोदने का प्लान बना लिया ।उसे सुबह अपनी केबिन में बुलाया।

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रमेश: तृप्ति तुम आज ऑफ के बाद रुक जाओ तुम को कुछ सीखना और दिखाना हे ।(उसी टाइम तृप्ति की नाभि और बब्लाउज के ऊपर अपना नजर घुमाते हुए ).

तृप्ति : सर पर में कैसे जाउंगी ।(सर झूका कर कड़ी थी).

रमेश :में तुम्हें कार में छोड़ दूंगा अब जाओ।

(जाते समय उसकी गांड को देखते हुए) रमेश इसी बीच एक बोटल में ड्रिंक के साथ गॉड फ्लाई थोड़ा मिलाया जिसे थोड़ा seduce कर ने से वो अपने आप अपना सतित्व सोप दे । फिर 5 बजे जब सब जाने लगे तो स्कूल की एक टीचर सरिता पूछा :क्या तुम नही आओगे ।

तृप्ति :नही रमेश सर बोले कुछ कम है ।

सरिता:(मन में हस्ते हुए उसको पता है आज तृप्ति की बारी है)तुम को वो आज वो छोडेंगे नही चोदे देंगे.

तृप्ति:(समझ नही पायी )क्या.

सरिता : कुछ नही आज तुम्हें वो सब सिखाएंगे जो हमे सिखाये थे । में तुमारे सास को कह देती हूं कि तुम मेरे घर आज रुकोगे ।

तृप्ति: कियु में तो शाम को चला जाउंगी.

सरिता : ओके अछि तरह से एन्जॉय कर मुझे बताना कैसे लगा.

तृप्ति अब रमेश की केबिन की तरफ गिया रमेश जाते ही बोला ड्रिंक्स थोड़ा लेलो । पहले तो मना किया फिर ज्यादा बोला तो पीलिया । अब रमेश उसको एक चेयर में बिठा के sap सॉफ्टवेर दिखने लगा इसी बेच वो पीछे से उसकी पीठ और बूब को निहार रहा था ।

दिखा ते हुए कभी पीठ को सहेला रहाथा  हाथ में तृप्ति के बहो से आहिस्ता छुते हुए उसकी हाथ को पकड़ कर माउस को घुमा के दिखने लगा   । तृप्ति को अजब तो लग रहाथा ऐसे छुना पर वो उसी स्स्टम को समझ ने लगी । अब रमेश एक चेयर ले कर उसके पीछे बैठ गेया कियुकी तृप्ति स्टूल में बैठी थी तो रमेश दिखाते हुए उसकी पीठ को चिपक गेया ।

तृप्ति थोड़ा आगे जातिथि ये फिर आगे आकर उसके पीठ में चिपक कर उसकी बालो और सरीर की खुसुबु सूंघ रहाथा । तृप्ति थोड़ा आगे गेई वो गिरने वाली थी की रमेश उसके कमर में हाथ डाल कर अपने और खीच लिया । अब एक हाथ तृप्ति के हाथों पर सहेला रहा था उसकी कोहनी नाजुक स्तन को टच हो रही थी और रमेश उसकी कंधे पे अपना मुह रख कर उसकी कमर को भी पकड़ा हुआ था । अब तृप्ति रमेश की पकड़ में था ।

तृप्ति :सर छोड़िये ना ये सही नही है मेरे को जाना है । (कमर से हाथ हटाने की कोशिस कराते हुए).

रमेश : अरे में तुम्हें अपनी बेटी की तरह देख ता हु  बेठो सन्ति से में तुमोको आजही दिखाना हे ।

रमेश अब उसको एक डेमो वीडियो चला दिया और तृप्ति की कमर को दूसरा हाथ से जकड लिया । वो कुछ सोच नही पा रही थी । इधर रमेश एक उंगली से उसकी नाभि की होल में उंगली डाल कर घुमाने लगा तृप्ति को कुछ अजीब सा फील हो रहीथी ।अब रमेश उसकी पीठ को चूमते हुए उसकी neck को smooch करने लगा ।तृप्ति हाथ हटाने की कोसिस किया पर रमेश उसकी अपनी करीब खीच कर जबर्दस्ती तृप्ति की पबित्र नाजुक स्तन को पकड़ लिया ।

तृप्ति:सर प्लीज छोड़िये ना मुझे ये सही नही है (रोते हुए अपनी नाजुक दूध से रमेश की सख्त हाथ से छुड़ाने की नाकाम कोसिस कर रहीथी वो जितना कोसिस करने लगी उसकी गांड में रमेश की लण्ड साड़ी के ऊपर से ही घुस रहा था).

रमेश :देखो तुमारे इस खूब सूरत सरीर प्यासा हे उसकी आग आज बुझाने दो । मेरे को मालूम है तुमारे पति 4 महीने से बहार हे तुमारे चुत लण्ड का प्यासा हे खुद के लिए नही अपनी चुत की तो ख्याल करो । (वो आहिस्ता उसकी स्तन को पकड़ कर बुद्ध ऊँगली से उसकी चूची को सहेलाने लगता और गाल और गर्दन को smooch कर रहाथा इस हरकत से स्तन में रक्त प्रबाह होने लगी स्तन और भी बड़ा और मुलायम होने लगा ).

तृप्ति : सर में एक पतिब्रता नारी हु प्लीज ये पाप मत कीजिये ।

रमेश :देखो किसीको पता नही चलेगा आज अपनी पत्नी धर्म छोड़ कर मेरे साथ अपनी जिस्म से प्यार कर ने दो (रमेश उसकी ओठो को चूम ने की कोसिस कर रहा था पर वो अपना ओठो को मुह घुमा दिया और अब उसकी बिरोध करना काम हो गेय था बस रो रही थी).

तृप्ति :सिसकती हुई सर प्लीज छोड़िये आधा घंटा हो चुकता.

गोल्ड fly लेके अब उसकी शारीर और रोमांचित महसूस करने लगी ।उसकी स्तन अब बहत बड़े होने लगी उसकी सासे तेज़ होने लगी उसकी चुत अंदर से फूलने और सिकुड़ने लागिथी। वो अब ढीला हो चुकी थी ।

अब रमेश एक हाथ से उसकी स्तन की चूची से नीचे की मांसपेसी को सहेलता रहा और और एक हाथ से उसकी ओठो को अपने पास ले कर चुम ने लगा पर बो अपना ओठो बंद किया हुआ था और रमेश फिर स्तन को सहलाते हुए उसकी सारी और  पेटीकोट के अंदर हाथ डाल कर उसकी जांघ को सहलाता हुआ उसकी चुत को पेंटी के ऊपर से हाथ घुमाया तृप्ति छुड़ाने की नाकाम कोसिस करने लगी ।

अब तृप्ति का विरोध खत्म हो चूका था ।रमेश उसको बहो में उठा दिया और बैडरूम की और लेगेया  । अब तृप्ति को बिस्तर में लिटा दिया अपनी शर्ट पेन्ट निकल कर टॉवल पेहेन लिया । उसका लण्ड पूरा खड़ा था ।तृप्ति पेट के बल लेटी हुई थी और उसकी नांगी पीठ दिखा रहा था । रमेश बेड में बैठ के उसकी पीठ में हाथ घुमाने लगा तृप्ति उसकी पीठ इधर उधर कर रही थी ।

अब रमेश उसकी पीठ और कंधों को  को धीरे धीरे चुमते हुए उसकी ब्लाउज की हुक के पास जा कर उसकी हुक खोल दिया अब तृप्ति की पीठ को चूम ने और सहेला रहा  अब रमेश तृप्ति की कमर के अंदर हाथ दाल के तृप्ति की दोनों नाजुक नांगी स्तन को जब पकड़ लिया । तृप्ति उम उम करती रही ।

फिर उसकी टैंगो को चूम ते हुए उसकी साड़ी और पेटीकोट ऊपर कर के उसकी जांघ के साथ साथ उसकी गांड को सहेला रहा था ।रमेश अब तृप्ति को लेटा दिया बो बिरोध भी नहीं किय बश प्यारी तृप्ति की साड़ी छाती से हटा दिया अब दोनों हाथों से उसकी नाजुक स्तन को मसल रहता तृप्ति काम प्यास बुझाने में शामिल होकर अपनी जिस्म रमेश के हवाले किया ।

अब रमेश अपनी उठ से तृप्ति की गोले को स्मूच कर रहा था और एक हाथ अब ब्लाउज के अंदर हाथ डालके उसकी सेंसेटिव बूब को मसल रहता इस  बीच दूसरा हाथ उसकी जिस्म को सहलात नाभि से होते हुए तृप्ति की पेटीकोट के अंदर हाथ डाल दिया । अब तृप्ति की मुह से अहह निकल गेई कियुकी कोई पराया मर्द उसकी नाजुक योनि को छू रहा था ।

रमेश अब तृप्ति की रेशमी कोपोडो वाली पेंटी में हाथ दाल दिया  तृप्ति अपनी पैरो से चुत को बंद करने की कोसिस किया पर रमेश तृप्ति की चूत में अपनी उंगुली घुसाने लगा रमेश को पताचला उसकी चुत पहले से गीली थी। तृप्ति की चूत में जब धीरे धीरे रमेश उंगली घुस रहता तब तृप्ति चुत की आग में तड़प रही थी वो जोर जोर से सासे फूलने लगी और उसकी चुत की ससउसकी स्तन ऊपर नीचे हो रही थी ।

आज एक पवित्र नारी की सबसे पवित्र जगह में सैतान रमेश अपनी गन्दी उंगली डाल के उसको अपनी सतित्व समर्पन कर नीके लिये मजबूर कर रही थी । अब रमेश तृप्ति की ग्लो को चूम ते हुए उसकी गोलाब जैसी ओठो पे अपना ओठो रख दिया । ऐसा नजारा था कोई भी अपना लुंड खड़ा कर देगा । तृप्ति अपनी हाथो में रमेश की बालो को सहेला रही थी और दोनों की ओठो एक दूसरे को चूम रहे थे ।

तृप्ति उह अहह उम कर रहीथी और रमेश का एक हाथ बरी बरी उसकी फूल जैसी कोमोल मुलायम मोमो को सहेला रहा था और दूसरा हाथ से चूत में उंगली दाल के आगे पीछे करता रहा । कुछ देर के बाद तृप्ति की सरीर में सिहरन फेल गेई अब उसकी पबित्र योनि से अपवित्र इच्छा की प्रेम रास निकल ने वाला था । तृप्ति जोर से रमेश की ओठो को काट दिया ।

अब एक दम से प्रेम रास की झरना बहने लगा रमेश दो अपनी हाथ में प्रेम प्रसाद रास के कुछ बुँदे लेके पीलिया । अब तृप्ति अपनी हाथो से अपना मुंह छुपा रही थी । अब उसे होश या गेय वो आज पराया मर्द की हाथ उसकी चुत की गहराई में चला गेय और उसकी चुत इस अनचाहे अपवित्र प्यार का प्रेम रास भी निकाला ।

रामेश अब तृप्ति की ब्रा और ब्लाउज एक साथ निकल दिया और उसकी साड़ी और पेटी कोटे भी निकल दिया तृप्ति आँख बंद कर दिया पहली बार किसी गैर मर्द के बिस्तर पर नांगी पडी थी उसकी जिस्म में सिर्फ मंगल सूत्र और हाथो में चुडिया और वाइट कलर की ब्रा जो फूल टाइट जोगेठी और रमेश की चूसने से उसकी पिंक कलर चूची दिख रहा था और व्हाइट कलर की पेंट जो चुत की रास सी भीग चूका था और पायल ।

उसकी ओठो कप रहे थे उसकी स्तान पूरा फूल चूका था चूची टाइट होगेई थी । अब रमेश तृप्ति की दोनो कोबूटोरो को ब्रा से आजाद कर दिया । स्तन जो की अपनी पूरा आकर लिया हुआ था और फिर पेंट को भी निकल दिया । रमेश तृप्ति को देखता रह गेया। क्या जवानी थी तृप्ति की गोर गोर जांघ और माखन जैसी चिकनी बदन गहरी नाभि और पिंक चूत उसके ऊपर काले घुंगरे बाल और उभरे हुए गोरा स्तन मनो अभी उसमे से दूध निकल आएगा और गोलाब की पोखोड़ी जैसी रसीले उठ ।

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फिर जब रमेश तृप्ति के ऊपर आया तृप्ति को माथे फिर गाल को चूम ता हुआ  उठो को चूम ने लगा और उसको अपनी बाहों में भरलिया । उसकी नाजुक स्तन को रमेश की छाती में दब गेया । अब तृप्ति भी रमेश की पीठ को पकड़ा । और इधर रमेश उसकी मुलायम गांड को सहेला रहा था और उसकी टॉवल भी निकल चुका था ।रमेश का नंगा बदन से तृप्ति का नांगी बदन लगीतो वो अंदर से उतेजित होने लगी । “Free Kamukata Kahani”

रमेश हिलाता हुआ जांघ के बेच अपना पैरो को घुस दिया । वो अब चोद ने जैसा पोजीशन में था । रमेश अपने से आधे उम्र की नाजुक काली को आज सतित्व लूट ने वाला था ।तृप्ति की दिमाग को ये पाप लग रहा था पर उसकी पारी जैसी जिस्म आज एक राखश जैसी शारीर से चुदवाने चाहता था। रमेश उसको चूम ते हुए अपनी गंडो को हिला रहा था उसकी कला मोटा और लंबा लन्ड तृप्ति चुत को धक्का मार रहा था । इसे उसकी चुत फूल रहीथी ।

अब उठ को छोड़ कर गाला और फिर अब स्तन के पास आकर उसकी लेफ्ट वाला स्तन को अपने मुह में लिया और जैसे एक बचा चूस ता हे बेसे चूस ने लगा तो तृप्ति की शारीर में मानो बिजिली दौड़ गेई वो उतेजित हो कर अपनी माथा को इधर उधर कर रही थी और रमेश की बालो को खीच रहीथी और सहेला रही थी ।

अब तृप्ति अहह अहह अहह अहह ओह्ह उम्म उम्म ऐसी उतेजिक आवाज़ निकल रहीथी और अब रामेष उसकी बूब को चूसते हुए पूरा लाल और पूरा भीग गेय था और दोनों मुलायम स्तन भीग चूका था और थोड़ा बड़ा भी हो गेय था ।रमेश उसकी स्तनों को  ऐसे चूस रहता की रसीला आम हो । अब बूब को छोड़ के नाभि में अपनी जेभ घुमाने फिर नीचे एके उसकी चुत को देखा ने लगा । चूत वाला हिसा पूरा गिला था ।

अब रसमेश तृप्ति की पैरो को चूमते हुए जांघो को सहेला रहा और अब तृप्ति की प्यारी चुत इस सैतान के मुह के पास था। जैसे रमेश अपने ओठो से चुत को पेंटी के ऊपर से चुम ने लागा तृप्ति की सरीर में करंट दौड़ गेई पहली बार कोई मर्द उसकी चुत को चूम रहता और वो भी पराया । कियु की तृप्ति की पति चोदा था लेकिन कभी चुत नही चटा । “Free Kamukata Kahani”

तृप्ति :अहह अहह अहद अहह रमेश अब पेंटी उत्तर दिया तृप्ति भी उसकी पैर हटा दिया । अब रमेश को समझ में बाकि नही था कि आज एक पारी सैतान को अपना कोमोल मुलायम गर्म चुत सोपने तैयार होगेई थी । क्या चुत था पिंक कलर की चूत घने घुंगराले काले बाल के अंदर । अब रमेश चुत की बाल हटाकर चुत को ऊपर से ही चाट ने लगा तृप्ति का पूरा सरीर कप रही थी। और अब धीरे धीरे उसकी जीभ को अंदर बहार करने लागा ।

प्यारी तृप्ति की चूत अब जीभ से चुदाई होरेहितहिं । रमेश तृप्ति की मुलायम गांड को मसलते हुए जीभ आगे पीछे कर रहता । जैसे जैसे जीभ रसीली चुत के अंदर जा रहीथी उसकी चुत की आग और भड़क रहीथी और तृप्ति लंबी लंबी आहे भर रही थी एक हाथ से अपनी बूब को दबा रहीथी और दूसरे हाथ सेरामेश की सर को सहलाते हुए तृप्ति : सर अहह अहह अहह अहह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ओह्ह ।

5 मिनट के बाद तृप्ति का वाइट कलर का जूस चुत से निकाल रहता वो ढीला पढ़ चुकी थी । फिर रमेश उसको देखा के मुस्कुराने लगा और रमेश अपना लुंड पकड़ कर उसमें चुत की रास लगाने लगा । अब तृप्ति की गांड उठा के एक तकिया दे दिया और अपना लुंड का सुपुडा चुत के अंदर दाल के तृप्ति के उपारो आगेया ।

कभी उसकी बूब और कभी उसकी उठो को चुसने से तृप्ति की चूत अब फिर से कम्पन होने लोगों उसकी चुत की अंदर वाला हिसा फूलने और सिकुड़ने लगा । अब रमेश आहिस्ता आहिस्ता लन्ड को कमसिन तृप्ति की गरम चित में घुस रहता उसकी चूत में मानो गरम कड़क लुंड में पूरा गीला हो रहा था । अब चुत रानी अपनी लुंड राजा को कसके पाकड़ हुआ था । तृप्ति की चुत के बल में रमेश का लुंड का बाल लगता उसकी कोमोल अमृत दोनों रमेश की छाती में चिपका था ।

रमेश : (लण्ड को चुत के अंदर पेलता हुआ)केसा लग रहा है तुम ।

तृप्ति (अपनी गांड उठाके पैरो को रमेश की कमर में डाल दिया ) अहह ओह्ह ओह्ह ओह्ह अहह उम्म्म ओह रमेश ये सुन के ताबड़ तोड़ चुदाई किया उसकी लण्ड जब पूरा घुस रहा था वो चुत की दिवार को टकरा रहता और वो दोनों बूब को चूस ते हुए चुदाई कर ता रहा और तृप्ति की तन बदन आग लगी थी वो भूल गेई थी उसकी पति और और उसकी घर के बारे में अब सिर्फ उसको अपना चुत इस ठरकी से चुदवाने याद था। “Free Kamukata Kahani”

रूम में तृप्ति की चूड़ी और पायल के छन छन आवाज़ के साथ लुंड की पुच पुच आवाज़ के साथ तृप्ति की सेक्सी आवाज़ गूंज रही थी । चोद ते हुए चुत गिला होने से अब आराम से अंदर बहार हो रही थी ।ऐसे दस मिनेट चोद ने के बाद तृप्ति का पानी निकल गेय वो उतेजित हो कर अपनी नाख़ून से रमेश की पीठ में खोरोच किया लेकिन रमेश अपने काम करने लगा था  ।

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पहला तो एक पारी जैसी पबित्र औरत अपने खुसी से चुत चुदवा रही है ।अब तृप्ति की प्रेम रास लण्ड से होते हुए बेड पे गिर रही थी । थोड़ी देर के बाद रमेश भी झाड़ गेय तृप्ति फील कर रेहिथी उसकी चूत के अंदर रमेश का गरम भरी रस गर्भ में जा रही थी । तृप्ति को भी एहसास होरही थी लेकिन अपनी चुत की प्यास से मजबूर थी । चूदाई का खेल दो घंटे चला ।

अब थक कर लन्ड अंदर दाल के अपना मुह तृप्ति की स्तन पे रख कर लेता हुआ तृप्ति की स्तन चुसने लगा तृप्ति भी थक के उसको पता नही चला सोगेई ।दोनो का मिलन का रस से बैडशीट भीग चुका था अब रमेश तृप्ति को baho me bhar ke apna लन्ड अजली की गीली चूत में डाल के सोगेया । तृप्ति की आंख करीब रात दस बजे खुली । उसकी स्तन को रमेश हाथ में पकड़ कर सोया हुए था ।

वो उठी उसकी सर भरी भरी लग रही थी । उसकी बदन में एक भी कपड़ा नहीं था उसकी बाल उलझे हुए थे । वो अपना सारी और पेटीकोट दूंधी मिला नही तो टावेल दल के बाथरूम गई । बाथरूम में दरवाजा बंद करके अपने बदन को देखने लगी । उसकी बाल पूरा उलझा हुआ था उसकी माथे में सिंदूर की जागह लुंड का रस लगा था उसकी बूब पर कोई दांतों के कटने की निसान थे ।

वो उसकी सारे सरीर पर रमेश की प्यार का रस लगा था पूरा गाढ़ा स्प्रेम नाभी से लेकर चूत तक था । इसकी छूट से अभी भी प्यार का मिलन रस निकल रहती ।वो रोने लगी और खुद को कोसने लगी क्या कर बैठी । उसकी चूत की गर्मी में अपना सारा सतीत्व लुटा दिया । उसको यह भी यकीन होगे जितने अंदर तक रमेश के लन्ड घुसा और जितना रस छोड़ा उसकी तो बचा रमेश की और से होगी भले ही bo i pill khae । “Free Kamukata Kahani”

अब टावेल ठीक कर के बेडरूम की तरफ गई देखा रमेश का लन्ड अभी भी तना हुआ था ।वोजिस जगह पर सोए जहा चूदाई हुई थी वो जगह भीगा हुआ था । अब रमेश उठ के तृप्ति को अपना और जबर दस्ती खींचा और चूमने लगा तभी उसकी फोन बजा वो तृप्ति की towel खींच के खुद पहन के बालकनी की तरफ गेया । अब उसकी बूढ़ा ड्राइवर आया । “Free Kamukata Kahani”

ड्राइवर: अरे मैडम आप को सिर पेल रह थे ।

तृप्ति : रोते हुए हा चाचा.

ड्राइवर : साहब अच्छे आदमी है अगर चूत में लन्ड डाले नही तो आप माना कर सकते हो आपको छोड़ देंगे ।

तृप्ति : सच्ची चाचा ।

ड्राइवर : हां पर तुम नंगी हो बेडशीट भी पूरा गीला हे तुमरी तो सायद २ से ३ घंटा chudai Hui हे।

तृप्ति हां.

ड्राइवर : देखो बेटी जब सब सिर ने कहा लिया ही तो अभी जा कर क्या कोरोगी । आज रात सोजाओ सुबह चली जाना । खाना लाया हु थक गई हो खाले । अब बस और दो घंटा पेलेंगे एंजॉय कोरोला अच्छा इनाम भी देंगे ।

अब रमेश अंदर आया उधर टेबल की ड्रेयर से एक जोड़ी ब्रा और पैंटी निकला दिया पहनो बोला । तृप्ति सिर मेरी सारी ।

रमेश : वो गंदा हो जायेगा उसमे हमारा मिलन का रस लग जायेगा ।ये पहन लो और ये हार और कमरबंद पहन लो ये तुमारा ही तुमरी चूत की गरमी की इनाम ।

और नही पहन रेहिथि पर रमेश ने जब बेडशीट खींचा तो पहन ने लगी । उसी ब्रा और पैंटी पहन के खाने के लिए बैठी । खाना खाने के बाद वो सच रिहथी की चूदाई होगी मन दर था और चूत में उत्तेजना था। अब जब तृप्ति सोने को गई तो रमेश उसके पास गेया ।

तृप्ति : nehi सर और नहीं बस ये सही नहीं है ।

रमेश : देखो मेने क्या किया कुछ नहीं किया सोच तुम भीड़भाड़ वाली बस में जा रही हो कोई तुमारा स्तन टच करता है तो क्या कर सकती हो उसे चुने देते हो मेने बस छुआ उधर तुमारा स्तन के ऊपर कपड़े थे इधर में डायरेक्ट हाथ में लेलिया ऐसे( केहेके उसकी सुडौल स्तन दबाने लगा ब्रा से बाहर निकाल कर ) कोई तुमारा बस में चीखते हुए थूक गीरr जाति ही मैने इसे किया ( केहेके एक स्तन को चूसने लगा फिर दूसरे हाथ से दबाने लगा ).

तृप्ति सायद मन बनालिया की फिर से चूत देगी । कियुकी पहली बार उसको कोई काम के पेला है । उसकी लवहोल की g स्पॉट को लन्ड छुआ था । रमेश : सोचो कोई तुमरे चूत को सारी के ऊपर से छुआ कहके ( तृप्ति को लिटा दिया पेंटी निकाल कर चूत में लन्ड घुसा दिया अब दोनो मिशनरी पोजीशन pe थे । तृप्ति की मुलायम गरम चूत गीली हो चुकी थी एक ही शॉट में लन्ड g स्पॉट को छू लिया । “Free Kamukata Kahani”

Ab रमेश इसे पोजीशन में रहा तृप्ति li बालो को सवार के रमेश : सोच कोई बस में तुमरे गोलबी otho ko छुआ मेने सिर्फ इतना किया लीप किस किया ( अब तृप्ति और रमेश लिप लॉक होकर किस करने लगे । इधर तृप्ति गरम हो चुकी थी वो अपनी गांड़ ऊपर नीचे करने लगी । फिर रमेश भी जोरदार pel ne laga । “Free Kamukata Kahani”

Ab तृप्ति की रस बह रिहाथी और रमेश चूदाई कर रहा था तृप्ति आह आह ओह ओह माई गोड ओह कर रही थी और रूम में चूत और लन्ड की रस की सुगंध फेल रहा था । देर बाद तृप्ति को अपनी ऊपर और ये उसके नीचे था अब तृप्ति रमेश की चुम रहथा ।अब तृप्ति को लण्ड चूसा लिया पूरा पानी उसकी मुह के अंदर छोड़ दिया । रमेश फिरसे अपनी.

रमेश : सुन मेरे लण्ड के ऊपर अपना चुत डाल कर बैठ ।

तृप्ति अपनी गोरी मासूम पिंक चुत में रमेश का सख्त लण्ड डाल के बैठी और फीर चूदवाने लगी ।उसी रात 1 बजे जा कर दोनों सो गए तृप्ति पूरी तरह थक चुकीथी वो अपना जांघ रमेश की कमर में दाल दिया था  उसने रमेश को कास के प्सकड़ा हुआ था  तृप्ति की कमर रमेश की कमर से चिपका हुआ था लैंड अभी बी चुत के अंदर था  उसी एक स्तन बेड में दबा हुआ था दूसरा स्तन रमेश की छाती में चिपका हुआ था उसकी लव hole me रमेश की लन्ड था ।

तृप्ति उठा के देखा तो रमेश नही था टाइम देखा 10 बजी थी घडी पे ।चुदाई की बजाय से उसको अछा सुकून की नींद हुआ था । वो उठ के सुसु करने गेई । सुसु के साथ रमेश का बीर्य भी निकल रहाथा । उसके पीछे से रमेश भी आगेया उसको बहो में उठा लिया बेड में सुला के उसके ओठो को चूस ने लगा फिर बूब चूसा और फिर चुत में कभी उंगली कभी जीभ से अंदर बहार करने लगा.

फिर से चुत से पानी निकल गेई फिर उपारो एके उसके चुत में लैंड डाल के जोर दर चुदाई करने लगा तृप्ति भी अपनी गांड उठाके चुदवाने लगी आधे घंटे दोनों का चुदाई चला ।और दोनों थक गेय । उसकी चुत से धीरे धीरे अपना और रमेश की रास बह रही थी  । “Free Kamukata Kahani”

और रमेश का लैंड चुत की पानी से लतपत था उसमें अभी प्यारी तृप्ति की नाजायज प्यार का रस बून्द बून्द हो कर लगा था। फिर दोनों उठे नांगी होकर नहाये और तृप्ति घर गेई ।   तृप्ति घर गेेेई ।सास को बोल दीया की बो अबही दोस्त की घर से आयी । रात को सरिता फोन किया.

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सरिता: और मैडम सुहागरात केसा रहा.

तृप्ति :(गुसे से)तुम को पता था तुम ने बताया कियु नही ।

सरिता :देखो में भी चुद चुकी हूं ।मेरे को मालूम है जब पति घर में नही रहता तो चुत किसी न किसी को देना पोडेगा तू भी किसी को दे सकती थी । इसीलिए तेरे को सर से चुदवा लिया।

तृप्ति : लेकिन वो आदमी अपनी बेटी जैसी उम्र की लड़की को भी नही छोड़ ता हे ।

सरिता : वो सब छोड़ कैसे हुआ और केसा लगा बता।

तृप्ति : पहले तो वो मुझे कंप्यूटर सिखाते हुए बहो में जकड लिए फिर मेरे कमर और स्तन को सहलाने लगे मन कर ता था थापड़ लगदु पर कैसे में ढील पोड़ी गेई फिर बो मुझे बहो में उठा लिया और बेडरूम में सुला दिए में मुह छुपा के सोयीथी ेेरे अंदर मेरे जिस्म और सेंसेटिव होरहा था वो जब पीठ को चूम रह थे तो मन में लगा गलत है पर उनक कारण दिया  अब बो मेरे स्तन को सहलाता हुआ मेरे ओठो में ओठो दलड़िये धीरे धीरे मेने अपना उठ खोल दिया.

सरिता:वो कोल्ड ड्रिंक दिए न उसमे विग्र मिलाया था जिसे तू तेरी चुत चुदवाने राजी हो जायेगी ।

तृप्ति : अछा तो इसीलिए में अपने आपको रोक नही पायी उनको भी किश करने लगी । वो जब मेरी चुत को सहेला कर ऊँगली घुस के अंदर बहार कर रहे थे तो ऐसा लगा जैसे पुरे जिस्म में आग लगी हो ।

सरिता :फिर क्या हुआ ।

तृप्ति : मेरा मन नही था चुदवाने को पर मेरा जिस्म उनसे प्यार करते जा रहा था उनका हर चुम्बन उनसे चुदवाने को कह रहा था । अब वो मेरी ब्लोसे ब्रा साड़ी उत्तर दिए में सर्म से आँख धक् दिया वो मेरे को देख ते रहे फिर दोनों लिपलॉक हो गेय फिर जब बो मेरे स्तन को चूस ने लगे दर्द भी होरहा था और मजा भी आ रहाथा । मेरी चुत गीली होक पूरा पेंटी गीली होगेया ।और फिर जब चुत में अपना जीभ दाल दिया लगा की कोई लावा निकलेगा मेरी चुत से. “Free Kamukata Kahani”

सरिता: है यार जॉब वी चुत चाट ते है मानो स्वर्ग का आनंद मिल गेया।फिर क्या हुआ ।

तृप्ति : उनका लिंग जब मेरी योनि में घुस रहाथा लग रहाथा कोई आयरन रॉड घुस रहाथा मेरा पति का इतना मोटा और टाइट नही था । फिर उनके हर शॉट में मेरे को जन्नत मिल रहा था । जब मेरी दूध पे उनका छाती चिपक रहाथा और मेरी जांघ पे उनका जांघ में सब कुछ भूल गेई थी की में साड़ी सूद हु । पूरी रात और सुबह भी जैम के चुदाई हुई पूरा चुत और दूध सूज गेय उनका लुण्ड मेरा लव जूस से गिला हो कर था । “Free Kamukata Kahani”

सरिता :कितनी बार चुदाई हुई.

तृप्ति :मालूम नही पर सैम को 8 बजे तक फिर 10 बजे से 1 बजे फिर सुबह एक ट्रिप । उनका इतने ताकत कहा से आया   मेरा पति सिर्फ 2 बार चोद के सो जाता था पर इनोने पूरा रत फिर सुबह मेरे को नांगी कर के छोड़ ने लगे उनकी बहो में नींद भी अछि हुई।

सरिता : मस्त लगा न वो अछे से गर्म कर ते हे ।

तृप्ति :हम्म मजा तो आया लगता है उनका रास अभी भी चुत के अंदर हे ।

सरिता :हम को सिर्फ 4 घंटा चढ़े थे पर तेरे को तो इतने टाइम ठीक है सोते हर सुबह स्कूल में मिलिंगे ।

तृप्ति अब यद् कर के उसकी चुत गीली हो गेई थी ।वो अपना उंगली चुत में अंदर बहार कर के ओह्ह अहह रमेश सर माय डिर्लिंग लव यू । उसकी नाम सोच के उसकी पानी निकल गेई । सुबह आज पूरा साज धज के गेई अब ऐसी ब्लोसे पेहेन ने लगी जिसे उसकी स्तन की ज्यादा हिसा दिखाई दे ।ऑफिस जाने के बाद उसकी आँखें सिर्फ रमेश को ढूंढ रही थी ।

ऐसे 4 दिन बीत गेय था अब उसकी चुत रमेश की लण्ड की याद आ रहाथा । हर रात रमेश का नाम ले कर वो अपनी चुत में उंगली करती रही तृप्ति की इतनी अछि चुदाई कभी नही हुई थी। शुक्र बार को जब स्कूल गेई तो उसे रमेश ने  4 बजे बुलाया अब बो खुसी से गेई । “Free Kamukata Kahani”

तृप्ति :सर आप इतने दिन कहा थे.

रमेश :में तो सिर्फ 4 दिन के लिए गेय था कियु कुछ कम था (उसको मालूम था तृप्ति कि चुत की भूख बढ़ गेया था पर बो अंजान बनने का नाटक किया).

तृप्ति :नही सर ऐसे ही ।(वो केसी बोल पति की उसको चुदाई चाहिए).

रमेश: ठीक है ये फाईल ले जाओ । और जाओ ।

तृप्ति :सर और कुछ नही (वो चाह रही थी कि उसकी चुदाई के बारे में पूछे ).

रमेश: नही और कुछ था क्या ? वो जब जाने लगी तो रमेश ने बुलाया अरे सुनो तुमारे tally सीखना हे ना इधर सीखना हे की बेड रूम मे ।

रमेश अब तृप्ति को अपनी बाहों में उठालिया बेड में लिटा लिया फिर तृप्ति की जिस्म के ऊपर आकार उसकी ओठो में अपनी ओठो दाल के उसकी जीभ और उठो को चुसने लगा तृप्ति भी उसकी जीभ को चूस ने लगा । 5 मिनेट किसिंग के बाद रमेश : नांगी हो जाओ कपड़ा ख़राब हो जायेगा तृप्ति रंडी की तरह नांगी हो गेई और चादर ढक लिया ।

कामुकता हिंदी सेक्स स्टोरी : भाभी के बड़े स्तनों को जमकर चूसा और चूत वीर्य से भर दिया

इधर रमेश का लण्ड 110 डिग्री था । चादर के अंदर घुस के तृप्ति की टांग फेला दिया फिर गोरी चुत में अपना कला मोटा लैंड पेल दिया ।तृप्ति की सिसकारी निकल पड़ी । तृप्ति अपनी पैरो को रमेश की कमर में गुडा दिया ।रमेश धीरे धीरे पेलते हुए उसकी स्तनों पर रख दिया उसने अपनी जीभ से चाटने लगा और फिर तृप्ति अहह अहह अहह अहह ओह्ह ओह्ह ई लव यू सर. “Free Kamukata Kahani”

रमेश :और उस दिन केसा लगा जब में तुम को चुदाई किया(वो पेलता हुआ उसकी बेच बेच में रुक कर उसकी स्तन और ओठो को चूम ता था) तृप्ति :अछा लगा सर । ओह्ह ओहद ओहद ओह्हज्ज ओह्ह। ऐसे आवाज़ करती रही उसको 2घंटे चोद नेके बाद दोनों एक दूसरे को पकड़ कर नंगा हो कोर सोगेई । अब तृप्ति उठ कर जब साड़ी ब्लोसे और ब्रा पेंटी पहने लगी । “Free Kamukata Kahani”

तो रमेश एक 500 की नोट की गाड़ी उसकी पैंटी में उंगली किया और राख दिया । अब तृप्ति रोज सैम को रमेश से चोद ने लगी । रमेश की और से एक बचा भी हुआ । फिर भी वो रमेश से चुदाई चालू रहा । तृप्ति। रमेश की रखेल बन गेई । उसका इकॉनमी प्रॉब्लम ख़तम होगेया और तृप्ति की चुत का भी एक साधा सीधा लड़की अपनी चुत को रंडी की तरह चुद्वती रही ।

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