Gahri Nabhi XXX – भाभी मस्ती में भैया के लंड पर कूद रही थी

Gahri Nabhi XXX – भाभी मस्ती में भैया के लंड पर कूद रही थी

Gahri Nabhi XXX

कुछ दिन पहले ही मेरे भैया हिमांशु की शादी हुई. घर में एक मस्त मस्त भाभी आई. उनका नाम वर्तिका थी. कुछ ही दिनों में मेरी भाभी मेरी सबसे अच्छी सहेली बन गयी. अब हमेशा की तरह मैं घर पर अकेली नही थी. अब मुझसे बात करने के लिए एक प्यारी से भाभी मेरे पास थी. सुबह ९ बजे भैया तो ओफिस चले जाते थे. मैं भाभी के साथ खूब जी भरके बात करती थी. मेरा पूरा दिन यूँ ही चुटकियों में कट जाता था. Gahri Nabhi XXX

मैं उसके साथ घर के सारे काम करती थी, खाना बनाना, घर में झाड़ू पोछा लगाना, कपड़े साफ़ करना सभी कामों में मैं भाभी का साथ देती थी. फिर दोपहर में हम नन्द भाभी मिलकर टीवी पर सास बहू के सिरिअल देखते थे. हम दोनों में खूब पटती थी.

पर एक बार मैं बार बार समझ नही पा रही थी. जैसे ही भैया आते थे, भाभी मुझे अपने कमरे से जाने को कहती थी. नव्या!! तू जरा एक मिनट के लिए बाहर जा. तेरे भैया से मुझे कुछ जरुरी काम है !! वर्तिका भाभी हमेशा कहती थी. मैं अभी तक नादान थी. कुछ नही समझती थी.

फिर एक दिन मैंने भी ठान लिया की मैं जानकर रहूंगी की आखिर भाभी को भैया से कौन सा काम रहता है. उस दिन शुक्रवार था. हिमांशु भैया अपने ऑफिस से जल्दी आ गए थे. वो सीधे अपने लैपटॉप का बैग लेकर भाभी के कमरे में घुस गए. मैं उनके कमरे में बैठी टीवी देख रही थी.

नव्या, तू एक मिनट के लिए बाहर जा. फिर आ जाना. मुझे तेरे भैया से कुछ जरुरी काम है! वर्तिका भाभी बोली.

मस्त हिंदी सेक्स स्टोरी : भाई ने अपने दोस्तों के साथ मेरी ब्लू फिल्म बनाई

मैं कमरे से बाहर आ गयी. पर दोस्तों, मैंने भी सोच लिया था की आज जानकर रहूंगी की आखिर भाभी को भैया से कौन सा जरुरी काम रहता है. जैसे ही उनका दरवाजा बंद हुआ. मैं दरवाजे के छेद से अंदर झाँकने लगी. भैया से भाभी को बाहों में भर लिया था.

वर्तिका भाभी ने स्लीवलेस कन्धों से खुली चटक नीली रंग की साड़ी पहन रखी थी. नीले रंग में भाभी के खुले गोरे चिकने कंधे तो हिमांशु भैया पर जैसे बिजली गिरा रहें थे. ‘मेरे पास तो आओ मेरी बुलबुल!! ऑफिस में तुम्हारी मुझे कितनी याद आई’ भैया बोले और उन्होंने भाभी के गोरे गोरे कन्धों को चूम लिया.

अच्छा!! भाभी ताज्जुब करने लगी.

मेरी रानी! आज मेरी दोपहर को तुम रंगीन बना दो’ भैया ने कहा.

तो शर्ट खोलो! भाभी बोली. उन्होंने हिमांशु भैया के हाथ से लैपटॉप का बैग छीन लिया. इस वक्त सिर्फ २ बजे थे. दोपहर का वक्त था. पर मैं जान गयी थी भैया और भाभी कुछ करने जा रहें थे. मैंने अपनी आँखें दरवाजे के लोक वाले छेद से लगा दी थी. वर्तिका भाभी बड़ी खुश लग रही थी.

उन्होंने भैया को बिस्तर पर खिंच लिया था. अपने हाथों से उनकी शर्ट के बटन वो खोलने लगी. फिर उन्होंने भैया की सफ़ेद बनियान को भी निकाल दिया. भैया के सीने पर हर तरफ घने घने बाल थे. भाभी चुदासी हो गयी थी. वो हिमांशु भैया के सीने पर सवारी करने लगी. उनके घने घने बालों के बीच में अपनी लम्बी लम्बी उँगलियाँ चलाने लगी. फिर वो भैया के सीने को चूमने लगी.

जान!! मुझे भी तुम्हारी बहुत याद आ रही थी! भाभी बोली.

इतना सुनते ही हिमांशु भैया ने भाभी को दोनों गोरे गोरे सफ़ेद चिकने कंधे से पकड़ लिया और उनके होठ पीने लगा. वर्तिका भाभी ने अपने होठों में नीले रंग की साड़ी से मिलती लिपस्टिक लगाईं थी. भैया के होंठ भी अब नीले नीले हो गए थे. दोनों पति पत्नी मुँह से मुँह जोड़कर गरमा गरम चुम्बन ले रहें थे.

भाभी भैया के बाल से भरे सीने पर लेती हुई थी. उसके गहरे गले से उसके सफ़ेद संगमरमर जैसे मम्मे साफ साफ दिख रहें थे. अगर मेरी जगह कोई मर्द भाभी को इस हालत में देख लेता तो उनको पटक के अच्छे से चोद लेता. ये बात तो मैं अच्छी तरह से जानती थी.

चुदाई की गरम देसी कहानी : मौलवी साहब की हवस पूरी हो गई

धीरे धीरे हिमांशु भैया के हाथ भाभी के मस्त मस्त मम्मो पर जाने लगे. वो उनकी छातियाँ दबा दबा के उनके होठ पीने लगा. वर्तिका भाभी के लम्बे लम्बे बाल हिमांशु भैया पर बिखर गए थे. भाभी तो मस्त चोदना का सामान लग रही थी.

भैया भाभी के बालों की छाव में लेटे थे. उसके लबों का रस पी रहें थे. भाभी भी अपने शहद से मीठे होंठ उनको पिला रही थी और उनके सीने के घने घने बालों में अपनी पतली पतली उँगलियाँ फिरा रही थी. ये सब देख कर मेरी चूत गीली हो गयी. मैं मन ही मन सोचने लगी की कास कोई मर्द मेरे होठ भी इसी तरह से पीता.

कुछ देर बाद हिमांशु भाई गरम हो गए. ‘खोल ब्लौस वर्तिका!! तेरी प्यास को बुझा दूँ’ भैया बोले और उन्होंने वर्तिका भाभी को बिस्तर पर पटक दिया. और खुद उन पर चढ़ गए. हिमांशु भैया ने भाभी के गहरे गले के चटक नीले रंग के ब्लौस के हुक खोल दिया. ब्लौस निकाल दिया.

सच में मेरी भाभी किसी कोहिनूर हीरे से कम न थी. अगर अंग्रेज इस वक्त भारत पर आक्रमड करते तो सायद कोई हीरा नही बल्कि मस्त मस्त चूत वाली वर्तिका भाभी को ही उठा ले जाते. भैया ने भाभी की ब्रा भी निकाल दी. मैं अपनी आँखों से भाभी को नग्न अवस्था में देखा.

वो गजब का चोदने लायक माल थी. अगर वो इस तरह बाजार में चली जाती तो सायद बिना चुदे घर नही लौटती. रिक्शेवाला, पानवाला, सब्जीवाला हर कोई मेरी भाभी को चोद लेता. मैं उनके कमरे के बाहर बैठ गयी और सारा खेल अपनी आँखों से देखने लगी.

भैया ने भाभी के दोनों संगमरमरी चुच्चों को पीना शुरू कर दिया. वो एक हाथ उनके मम्मे दबाते और फिर जोर जोर से आवाज करते पीते. सच में मेरी भाभी अंदर से बिना कपड़ों के बहुत सुंदर थी. हिमांशु भैया उसके दूध पी रहे थे. कुछ देर बाद भाभी चुदासी हो गयी.

हिमांशु!! मुझे चोदो. मेरी जान, मुझे जल्दी चोदो. अब मैं नही रह सकती!!! भाभी कहने लगी.

वो जोर जोर से जल्दी जल्दी साँसें भर रही थी. उनकी साँसें किसी धौकनी की तरह चल रही थी. भाभी के चुच्चे बड़े और छोटे हो रहें थे. पर भैया को सायद उसके दूध पीने में ही जादा मजा मिल रहा था. वो आँखें मुंद के भाभी के दूध का रसपान कर रहें थे.

‘हिमांशु! अब मुझे चोदो! अब मुझे और मत तड़पाओ!!’ भाभी बार बार अपनी अरदास लगा रही थी.

मस्तराम की गन्दी चुदाई की कहानी : बुआ की जवानी की प्यास नहीं बुझती थी

कुछ देर तक भैया भाभी की छातियों की पीते रहे. फिर वो नीचे आ गए. वर्तिका भाभी के पेट को चूमने चाटने लगे. उनकी गहरी नाभि को वो चूमने लगे. उनकी गहरी नाभि में वो अपनी जीभ डालने लगे. ये सब देख के मेरा मन खराब हो गया. मैं सोचने लगी की कास कोई लड़का ऐसे ही मुझे चोदता तो कितना अच्छा रहता.

धीरे धीरे हिमांशु भैया ने भाभी की साड़ी का नारा खोल दिया. उनकी साड़ी निकाल दी और उनको बेपर्दा कर दिया. भैया ने उनका पेटीकोट उतार दिया. ये सब देखकर तो मुझपर बिजली ही गिर गयी दोस्तों. मेरी वर्तिका भाभी बिल्कुल करिश्मा कपूर जैसी खूबसूरत थी.

अब भाभी पूरी तरह नंगी हो गयी थी. भैया ने उनकी चड्ढी भी निकाल दी थी. वो वर्तिका भाभी के पेडू को चाट रहें थे. ये सब देखकर मैं बहुत रोमांचित हो गयी थी. मेरी चूत बिल्कुल गीली गीली हो गयी थी. भैया अब भाभी की मस्त मस्त लाल लाल बुर को पी रहें थे. “Gahri Nabhi XXX”

मेरी सुंदर सुंदर गोरी भाभी के जिस्म पर सिर्फ गले में उनका काले मोतियों और सोने के लोकेट वाला मंगल सूत्र था. और कमर में एक पतली सी चांदी की कमर बंद थी. पैर में उन्होंने चांदी की नई नई पायल पहन रखी थी. वर्तिका भाभी बिल्कुल इन्द्र की अफसरा जैसी लग रही थी.

कोई मर्द भाभी की इस दशा में देख लेता तो बिना चोदे ना छोड़ता. हिमांशु भैया भाभी की मस्त मस्त चूत पी रहें थे. भाभी ने किसी देसी कुतिया की तरह अपने दोनों पैर खोल रखे थे. ‘हिमांशु!! मेरे यार. अब मुझे चोदो! मुझे मत तड़पाओ मेरे जानम!’ वो बार बार ये कह रही थी.

पर भैया को उनकी बुर पीने में डूबे हुए थे. उन्होंने अपनी पैंट और चड्ढी निकाल दी थी. उनका सांप जैसा मोटा लौड़ा आज मैंने पहली बार देखा था. मेरे मुँह में तो पानी आ गया था. कास ऐसा होता की हिमांशु भैया भाभी की तरह मुझे भी कसके चोदते तो मैं कितना मजा मारती. मैं बार बार यही बात सोच रही थी.

अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरीज : दीदी की चूत में चींटी काटने लगी

जब भैया का दिल बुर पीने से भर गया तो वो अपनी ऊँगली भाभी की चूत में डालने लगे. जल्दी जल्दी भाभी की बुर को अपनी ऊँगली से चोदने लगे. आ सी सी आ माँ माँ उई माँ उई माँ, धीरे!! आराम से जानम!! आराम से !! वर्तिका भाभी ऐसी मादक सिसकियाँ निकालने लगी. “Gahri Nabhi XXX”

मैं सोचने लगी की कास कोई लड़का ऐसे ही मेरी चूत में ऊँगली करता तो कितना मजा आता. फिर कुछ देर पश्चात हिमांशु भैया भाभी को चोदने खाने लगा. ये समा देख के मैं खुद को रोक ना सकी और जल्दी से मैंने अपनी सलवार खोली और पैंटी उतारकर खुद अपनी चूत में ऊँगली करने लगी.

आज तो जैसे मुझे जन्नत ही मिल गयी थी. हिमांशु भैया जोर जोर से भाभी को चोद खा रहें थे. ‘ हिमांशु!! बस यहीं! बस यहीं करते रहो!! मेरे यार रुकना मत ! तुमको तुमहरी माँ की कसम, पेलते रहो! मुझे और जोर से पेलो!!’ वर्तिका भाभी ऐसे जोर जोर से चिल्ला रही थी.

मैंने ये सब देखा तो मैं खुद को रोक ना सकी. मैं जोर जोर से अपनी बुर में ऊँगली करने लगी. भैया के ताबड़तोड़ धक्कों से भाभी के दोनों कबूतर आगे पीछे करके हिल रहें थे. दोस्तों, मैं आज सब समझ गयी थी की भाभी को हिमांशु भैया से कौन सा जरुरी काम रहता था. चुदवाना ही उनका सबसे जरुरी काम रहता था.

मैंने अपनी आँखों से देखा भैया के जोर जोर से फटके. भाभी का सिर उपर की ओर था. वो अपने नथुने से गरम गरम साँसें छोड़ रही थी. उसके लम्बे लम्बे केश पुरे बिस्तर पर बिखर गए थे. भाभी के नाक की कील में लगा नग चमक रहा था. वो मेरे भैया से चुदवा रही थी. “Gahri Nabhi XXX”

भैया उनको चोद रहें थे. भैया का मोटा लौड़ा उनकी दोनों टांगों के बीच के छेद को चोद चोद कर फाड़ रहा था. भाभी के दोनों गोरे गोरे चूतड़ हिल कर लपर लपर कर रहें थे. कुछ देर बाद तो ये सब और आकर्षक हो गया. भैया बड़ी जोर जोर से किसी मशीन की तरह भाभी को चोदने लगे.

कामुकता हिंदी सेक्स स्टोरी : लड़की को दुकान में खड़े खड़े चोदने लगा

भाभी के मस्त मस्त चिकने बदन के ऐसी शानदार ठुकाई से उनका एक एक रोंगटा खड़ा हो गया. हिमांशु भैया और जोर जोर से हचर हचर करके उनको पेलने खाने लगे. फिर कुछ देर बाद वो झड गए. अभी नई नई शादी हुई थी. भाभी पेट से ना हो जाए इसलिए भैया ने अपना बट्टे जैसा लौड़ा भाभी के भोसड़े से बाहर निकाल लिया और उनके पेट के उपर हाथ से लौड़े पर मुठ देने लगे.

कुछ देर की मेहनत के बाद हिमांशु भैया के लौड़े से गरम गरम वीर्य की मलाई निकली और भाभी के मुँह, चुच्चों और मखमली पेट पर गिरी. वर्तिका भाभी उसे किसी मंदिर का प्रसाद समझ के चाटने लगी. उनके गोल गोल मम्मों पर जो मलाई गिरी भाभी अपने दूध को पकड़ के मुँह में लगाने लगी और वीर्य को पीने लगी. भैया भाभी पर गिर गए. दोनों सुस्ताने लगे. ये सब देख के मैं पागल हो गयी. मैं जोर जोर से अपनी चूत में ऊँगली करने लगी. कुछ देर बाद मेरी चूत ने भी पानी छोड़ दिया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *