Hindi Kamsutra Kahani – मौसा जी के लंड से चुदने को बेचैन हुई मैं

Hindi Kamsutra Kahani – मौसा जी के लंड से चुदने को बेचैन हुई मैं

Hindi Kamsutra Kahani

मौसा जी का नाम धनराज है और आयु 45 साल है। उनका रंग गोरा और और कद 5 फीट 9 इंच है। मौसा जी के ज्यादातर बाल सफेद हैं लेकिन वो हेयर कलर लगा के काला रखते हैं और चेहरा क्लीन शेव है। मौसा जी अपने जिस्म को फिट रखने केलिए कसरत करते हैं और उनका जिस्म जवानों जैसा है। Hindi Kamsutra Kahani

जिस दिन मौसा जी ने आना था, उस दिन मुझे मौसी जी का फोन आया कि मौसा जी मुझे बस स्टॉप आकर फोन करेंगे और मैं उनको स्कूटी पर घर ले जाऊं। मौसी जी ने मुझे हिदायत भी दी कि जब मौसा जी शाम को शराब पीने लगें तो मैं उनको ज्यादा न पीने दूं।

लेकिन उनको क्या मालूम था जिसे वो रोकने को बोल रहे हैं वो खुद उनके पति के साथ बैठ कर शराब का मजा लेगी और शबाब का मजा देगी। शाम को 6 बजे मौसा जी का फोन आया और मैं उनको लेने बस स्टॉप चली गई। मैंने नीली जींस के साथ सफेद टॉप पहना हुआ था।

मौसा जी मेरे पीछे बैठ गए और मैं स्कूटी चलाने लगी। मैं बीच बीच में जोर से ब्रेक लगा देती ताकि मौसा जी मुझ से सट जाएं। मैं मौसा जी को गर्म करना चाहती थी और चुदना भी। क्योंकि एक बार मैंने मौसा जी को अपनी बड़ी बेटी को चोदते देखा था।

मौसा जी ने उसकी बहुत मस्त चुदाई की थी और लंड भी काफी तगड़ा, मोटा और लंबा है। उस दिन से मैं मौसा जी से चुदने केलिए बेकरार थी लेकिन मुझे मौका नहीं मिला था और आज इस मौके को गंवाना नहीं चाहती थी।

मुझे यह भी पता था कि मौसा जी बहुत चोदू किस्म के आदमी हैं। मुझ में उनकी बहुत दिलचस्पी थी। जब भी मैं उनके सामने होती तो वो अपनी ठर्की नज़रों से मेरे सेक्सी बदन को घूरते रहते। वो मेरे जिस्म का ऐसे जायज़ा लेते जैसे उनकी आंखों में एक्स रे लगा हो और मेरा बदन कपडो़ं के नीचे से दिखाई देता हो।

वो बहुत बार अनजान बन कर मेरे बड़े-बड़े बूब्ज़ और गांड को भी छू लेते। उनका स्पर्श इतना सेक्सी होता था कि उनके छूने मात्र से ही मैं गर्म हो जाती थी। मौसा जी के लंबे मोटे लंड के बारे में सोच कर मेरे अंदर चुदाई की आग भड़कने लगी।

चुदाई की आग होती ही ऐसी है कि लंड का ख्याल आते ही चूत को जलाने लगती है और वही मेरे साथ हो रहा था मौसा जी को देखकर फिर से भड़क उठी। मेरे दिल में बेटे के बाद उसके बाप से चुदने का रोमांच आने लगा।

हम घर आ गए और मौसा जी अपने रूम में सामान रखने चले गए। मैं पानी लेकर उनके रूम में चली गई और मौसा जी ने पानी पिया और मेरे बदन का अपनी नज़रों से जायज़ा लिया। मेरा ध्यान उनके लंड पर था जो मौसा जी की पैंट में धीरे-धीरे खड़ा होकर उभार बना रहा था।

मैं खाली गिलास लेकर किचन में आ गई और चाय बनाने केलिए गैस पर पानी चढ़ा दिया। पीछे से मौसा जी आ गए और मुझे चाय न बनाने केलिए कह कर बाईक लेकर बाहर चले गए। मुझे मालूम था कि मौसा जी शराब लेने गए हैं। मौसा जी ने मुझे खाना न बनाने को भी कहा क्योंकि वो होटेल से खाना लेकर आएंगे।

करीब साढ़े सात बजे मौसा जी घर आ गए। उन्होंने मुझे खाना पकड़ा कर शराब की बोतल लेकर अपने रूम में चले गए। मौसा जी ने मुझे ऑमलेट बनाने को कहा और मैं ऑमलेट उनके रूम में ले गई। मौसा जी तब तक थोड़ी शराब पी चुके थे और मुझे अपने पास बैठकर ऑमलेट खाने को कहा।

मैंने मौसा जी से कहा ऑमलेट कम पडे़गा तो पांच मिनट में और बना कर लाती हूं। मैं मौसा जी के रूम से निकल कर अपने रूम में आ गई। मैंने सफेद हॉफ टॉप और लाल शार्ट स्कर्ट पहन ली और नीचे से लाल ब्रा और पैंटी पहनी। ये ड्रेस मुझे मेरे एक चोदू यार ने गिफ्ट की थी और मैं इस ड्रेस में किसी पोर्न स्टार से कम नहीं लगती थी।

ये ड्रेस इतनी सेक्सी है कि अगर इसे पहन कर बाहर चली जाऊं तो हर देखने वाला मर्द मुझे चोद कर ही छोडे़गा। मैं ऑमलेट और खाली गिलास लेकर रूम में आ गई। मौसा जी आधी के करीब बोतल पी चुके थे और उनकी आंखों में नशा दिखाई दे रहा था।

मैंने ऑमलेट और खाली गिलास टेबल पर रख दिया। मौसा जी ने मुझे ऊपर से नीचे तक सेक्सी नज़र से देखा और पूछा ये खाली गिलास, बेटा ये खाली गिलास क्यों लेकर आई। मैंने सामने सोफे पर बैठते हुए कहा मेरे लिए है मौसा जी, मैं भी शराब लूंगी।

मौसा जी ने नकली गुस्सा दिखाते हुए कहा पागल हो तुम, मैं तुम्हारे पापा जैसा हूं और तुम मुझ से ऐसी बात कर रही हो। मैंने तपाक से जवाब दिया जब जोती दीदी (मौसा जी की बड़ी बेटी ) के साथ बैठकर शराब पी सकते हो और उसको चोद सकते हो तो मुझे क्यों नहीं।

मौसा जी ने हैरानी से मुझे देखा और सेक्सी स्माईल देते हुए मेरे गिलास में शराब डाल दी। हम दोनों ने चीयर्स किया और गिलास खाली कर दिए। मैने अपनी ब्रा से सिगरेट का पैकेट और लाईटर निकाल कर सिगरेट सुलगा ली और मौसा जी को दे दी।

मौसा जी ने एक कश लगाया और सिगरेट मेरे होंठों पर लगा दी। मेरे कश लगाने के बाद मौसा जी खुद कश लगाने लगे तो मैंने सिगरेट पकड़ कर उनको कश लगवाया। ऐसे ही हमने सिगरेट खत्म की और फिर मैंने मौसा जी को अपने हाथ से शराब पिलाई और मौसा जी ने मुझे।

ऐसा करते-करते शराब खत्म हो गई और मुझे अभी सरूर नहीं हुआ था। मौसा जी के पास और शराब नहीं थी तो मैं अपनी शराब की बोतल ले आई। मैं वापस आ कर मौसा जी के बगल में बैठ गई और दो बड़े-बड़े पैग बना लिए।

हमने एक-दूसरे को शराब पिलाई और मौसा जी ने मेरी भरी हुई चिकनी जांघों पर हाथ फिराते हुए कहा कि जब से जोती की शादी हुई है वो बिल्कुल तन्हा हो गए हैं और उनकी पत्नी को सेक्स में दिलचस्पी नहीं है।

महीने में एक आध बार सेक्स करती है और जब करती है बस टांगें फैला कर लेट जाती है और मजा नहीं आता। जोती उनकी तन्हाई का सहारा थी और अकेले में मौसा जी को जानूं बुलाती थी।

मैने मौसा जी के गाल को चूमा और कहा जब तक मैं यहां हूं अपने प्यारे मौसा जी को तन्हा नहीं होने दूंगी। मौसा जी ने एक एक और बड़ा पैग बनाया और मैं उनकी गोद में बैठ गई। हम एक-दूसरे के हाथ से शराब पीने लगे और नीचे से मौसा जी का खड़ा लंड मेरी गांड पर चुभने लगा।

हम एक-दूसरे की आंखों में बहुत कामुक नज़रों से देखने लगे और नशा हमारी काम ज्वाला के अंगारे भड़काने लगा। हमनें गिलास खाली कर के टेबल पर रख दिए और मैं अपने होंठों को मौसा जी के होंठों पर रखकर चूमने लगी। “Hindi Kamsutra Kahani”

मौसा जी ने अपने एक हाथ को मेरी पीठ के ऊपर से घुमा कर मेरा नाजुक पेट सहलाने लगे और दूसरा हाथ मेरी भरी हुई चिकनी जांघों पर घुमाने लगे। मैंने मौसा जी का चेहरा अपने हाथों में पकड़ा और जोर से उनका निचला होंठ मुंह में लेकर चूसने लगी।

मौसा जी भी मेरे ऊपर वाले होंठ को अपने मुंह में लेकर चूसते हुए रसपान करने लगे। हमारे बदन से काम ज्वाला के अंगारे दहकने लगे। मैं अपनी टांगें दोनों तरफ करके मौसा जी की गोद में बैठ गई और हम एक-दूसरे को जोरदार तरीके से चूमने लगे।

हम एक-दूसरे के मुंह में जीभ डालकर मुंह के अंदर से रसपान करते हुए एक-दूसरे की जीभ की मुंह में भरकर चूसने लगे। हम एक-दूसरे के होंठों को चूमते एवं चूसते हुए बीच बीच में दांतों से हल्का हल्का काट भी लेते। ऐसे करते-करते हम दोनों चुदाई की दुनियां में खो से गए, हमें होश नहीं था कि क्या हो रहा है।

हम दोनों पूरी तरह काम देव की वश में थे और जो काम देव करवा रहा था हम कर रहे थे। मैंने मौसा जी के कान बारी से मुंह में भरकर चूसने एवं काटने लगी और नीचे से मौसा जी के खड़े लंड को अपनी मोटी गांड से मसलने लगी।

मैंने मौसा जी को थोड़ा आगे किया और उनकी टी शर्ट खींच कर निकाल दी। मैं मौसा जी के के मजबूत कंधों पर हाथ रखकर उनकी गर्दन के नीचे जीभ से चाटने लगी। इससे मौसा जी बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गए और उन्होंने मेरी पीठ जोर से मसलते हुए मेरी स्कर्ट ऊपर उठा दी और मेरे बड़े-बड़े गोल चूतड़ दबाने चालू कर दिए।

मैंने अपना मुंह और नीचे किया और मौसा जी की सुडौल छाती के निप्पलों पर जीभ फेरते हुए मुंह में भरकर जोर जोर से चूसने लगी। मौसा जी मेरे सिर को अपनी छाती पर दबाने लगे और मैं उनके निप्पलों को चूसते हुए दांतों से काटने लगी।

मौसा जी ने मुझे थोड़ा पीछे किया और मेरा टॉप खींच कर निकाल दिया। मैं ब्रा पहने हुए उनकी गोद में बैठी थी और मौसा जी ब्रा के ऊपर से मेरे बड़े-बड़े बूब्ज़ दबाने लगे। मौसा जी ने मेरे कानों, गालों एवं गर्दन को चूसते काटते हुए मेरी ब्रा की हुक खोलकर मेरे बड़े-बड़े गोल बूब्ज़ को ब्रा की कैद से आजाद कर दिया।

मेरे बूब्ज़ मौसा जी की आंखों के सामने लहराने लगे और में कंधों को हिला कर अपने बूब्ज़ को छलकाने लगी। मौसा जी ने लपक कर मेरे छलकते हुए नंगे बूब्ज़ को अपने हाथों में थाम लिया और दबाने लगे। मौसा जी मेरे हल्के भूरे निप्पलों को पकड़ कर जोर से खींच कर छोड़ देते और मेरे बूब्ज़ हिलने लगते। “Hindi Kamsutra Kahani”

मेरे हिलते हुए बूब्ज़ देखकर मौसा जी को बहुत आनंद आ रहा था। मौसा जी ने मुझे खड़ी कर दिया और खुद कुर्सी पर बैठे-बैठे मेरी स्कर्ट और पैंटी खींच कर निकाल दी। उन्होंने मेरी कमर में हाथ डालकर अपनी तरफ खींच लिया और मेरी भरी हुई जांघों को सहलाने लगे।

मेरी नज़र मौसा जी की लोअर पर गई, उनके लंड ने खड़ा होकर तंबू बना लिया था और ऐसा लग रहा था कि उनका लंड लोअर को फाड़कर बाहर निकल आएगा। मौसा जी ने सीधे होकर मेरे एक बूब को हाथ से दबाना चालू किया और दूसरे बूब को मुंह में लेकर चूसने लगे।

मौसा का दूसरा हाथ मेरी गांड के ऊपर अठखेलियां करने लगा। मौसा जी बहुत जोर जोर से मेरे बूब्ज़ को चूसने लगे और उतनी ही जोर से मेरे चूतड़ दबाने लगे। मैं आंखें बंद करके इन सेक्सी पलों का आनंद ले रही थी और मौसा जी का सिर पकड़ कर अपने बूब्ज़ पर दबा रही थी।

जितनी बेरहमी से मौसा जी मेरे बूब्ज़ को चूसते और काटते उतना ही मुझे ज्यादा मजा आता। उनके जोश से एक बात समझ गई थी कि मौसा जी बेरहमी से चुदाई करेंगे जो मुझे बहुत पसंद है।

मौसा जी मेरे बूब्ज़ को चूसना छोड़ कर मेरे नाजुक पेट को चूमने लगे। मौसा जी ने इतनी जोर से मेरे बूब्ज़ को चूसा और रगडा़ कि मेरे बूब्ज़ लाल हो गए और मेरे बूब्ज़ से गर्म गर्म सेक निकलने लगा

उनके मुझे ऐसे मसलने में मुझे बहुत अच्छा लगा और उनका ये स्टाईल भी बहुत सेक्सी लगा। मौसा जी मेरे मुलायम एवं चिकने पेट को जीभ से चाटने लगे औल मुंह में भरकर खींच कर छोड़ देते। मौसा जी मेरी गहरी नाभि में जीभ घुसाकर चूसने लगे और जब वो मेरी नाभि में जीभ घुसाते तो मेरे बदन के रोम रोम में बिजली रेंगने लगती।

मौसा जी मेरे नाजुक पेट को दांतों से कुरेदते हुए मेरी मस्त जांघों पर चुटकी काटने लगे और मैं मस्ती के सागर में डूबने लगी। मौसा जी ने मुझे बेड पर उलटा लेटा दिया और नीचे बैठ कर मेरी टांगें खोलकर चूत के पास मुंह किया। वो मेरी जांघों को जोर से पकड़ कर धीरे-धीरे खड़े हो गए। “Hindi Kamsutra Kahani”

मैं उनसे लिपटी हुई उलटी लटक गई और मौसा जी ने मेरी पतली कमर से कस कर पकड़ लिया। मेरी चूत मौसा जी के होंठों के पास थी और मेरे होंठों को पास मौसा जी का लंबा मोटा मूसल जैसा लंड फुंकारें मार रहा था। मैंने लपककर मौसा जी के लंड के सुपाडे़ से चमडी़ को पीछे किया और लाल टोपे पर जीभ घुमाने लगी।

मौसा जी मेरी चूत के दाने को अपनी जीभ से रगड़ने लगे और मेरी चूत में जीभ घुसा दी। मैंने मुंह खोलकर मौसा जी का लंबा मोटा लंड मुंह में ले लिया और सिर को आगे-पीछे कर के लंड को मुंह में भरकर चूसने लगी। मौसा जी मेरी चूत में जीभ हिला हिला कर चाटने लगे और मैं उनका लंड गले में उतार कर चूसने लगी।

मौसा जी ने मुझे बेड पर पटक दिया और मेरे ऊपर 69 की अवस्था में लेट गए। मौसा जी ने मेरी टांगें खोलकर अपनी जीभ मेरी चूत में घुसेड़ दी और मैं उनके लंड को अपनी गर्दन हिला हिला कर चूसने लगी। मेरे लंड चूसने से पुचचच… पुचचच… और मौसा जी के मेरी चूत चाटने से सपड़ सपड़ की आवाज़ें आ रही थीं।

कुछ देर ऐसे करने के बाद मौसा जी ने मुझे जमीन पर घुटनों के बल बैठा दिया और अपना लंड मेरे होंठों पर लगा दिया। मैं उनके लंड को को मुंह में लेकर चूसने लगी। मौसा जी ने मेरे सिर को पकड़ लिया और मैं समझ गई वो मेरे मुंह को चोदेंगे। मैंने लंबी सांस ली और मौसा जी ने अपनी कमर हिला कर झटका मारा। “Hindi Kamsutra Kahani”

मौसा जी का लंड मेरे गले की गहराई में उतर गया। उन्होंने कुछ देर अपना लंड मेरे गले की गहराई में फंसा कर रखा और बाहर खींच लिया। मौसा जी बार बार अपना लंड मेरे गले में उतार देते और कुछ देर वहीं फंसा कर रखने के बाद बाहर खींच लेते।

उनके लंड बाहर खींचते ही मैं लंबी सांस लेती ताकि दोबारा उनके लंड को गले में उतारने का मजा आ सके और सांस न फूले। मैं अपनी चूत को हाथ से रगड़ते हुए मुंह चुदाई का मजा लेने लगी।

मौसा जी ने मुझे टेबल पर बैठा लिया और टांगें खोलकर मेरी चूत के छेद पर अपना लंड लगाकर कहा, “क्यों सोना बेटा तैयार हो अपने मौसा का लंड खाने को।” मैंने उनकी आंखों में देखा और स्माईल देकर आंख मारते हुए मौसा जी को बांहों में भरकर कस के पकड़ लिया।

मौसा जी ने अपनी कमर को हिला कर एक बहुत जोरदार शॉट मारा और ऊक ही शॉट में उनका सख्त लंड मेरी चूत की नाजुक दीवारों को चीरता हुआ जड़ तक बैठ गया। मैं इतने जोरदार शॉट से बिल्कुल हिल गई और मेरे मुंह से बहुत जोर की चीख निकल गई। अगर घर में कोई होता तो हम जरूर पकडे़ जाते।

मैंने मौसा जी से कहा मैं आपकी भांजी हूं कोई रंडी नहीं जिसे आप पैसे देकर लाए हो और अपने पैसे वसूल करने हैं। मौसा जी ने मुस्करा कर कहा अभी तो शुरुआत है मेरी बेटी आगे आगे देखना होता है क्या। मैंने मुस्करा कर कहा आज तो अपनी बेटी को रंडी बना ही दोगे और उनके होंठों पर होंठ रख दिए। “Hindi Kamsutra Kahani”

मौसा जी अपनी कमर को हिला कर मेरी चूत में लंड पेलने लगे और मैं भी अपनी गांड हिला कर चूत में लंड लेने लगी। मेरी चूत में मौसा जी के लंड के घर्षण होने से मेरे मुंह में कामुक सिसकियां फूटने लगीं। मैंने मौसा जी को कस कर बांहों में भींच रखा था और मेरे बूब्ज़ उनकी सुडौल छाती में गढे़ हुए थे।मौसा जी मेरी पीठ को सहलाते हुए अपनी कमर हिला कर मेरी चूत चोदने लगे और मैं उनकी पीठ को मसलते हुए और उनकी गर्दन को चूमते हुए गांड हिला हिला कर चूत चुदवाने लगी। मौसा जी ने मुझे टेबल पर हाथों के सहारे झुका कर खड़ा कर दिया और मेरे गांड के छेद के अंदर-बाहर और अपने लंड पर ढेर सारा नारियल का तेल लगा लिया।

इस बार मैं मौसा जी के जोरदार शॉट को झेलने केलिए तैयार थी। मौसा जी ने मेरी गांड के छेद पर अपना लंड लगा दिया और मैंने टेबल को कस कर पकडे़ हुए गांड को ढीला छोड़ दिया। मौसा जी ने कमर से कस कर पकड़ा और लंड को मेरी गांड में धकेल दिया।

उनका मजबूत लंड मेरी गांड को फाड़ता हुआ मेरी गांड की गहराई में समा गया और इस बार मैं फिर से चिल्लाई क्योंकि मौसा जी के जोरदार प्रहार से मेरा पेट हिल गया था। मौसा जी ने लंड को बाहर खींच कर वापस गांड में पेल दिया। “Hindi Kamsutra Kahani”

अब मुझे मजा आने लगा और मैं गांड को गोल गोल घुमा कर जबरदस्त गांड चुदाई का आनंद लेने लगी। मौसा जी बहुत जोरदार धक्कों से मेरी गांड चोदने लगे और मेरे बूब्ज़ हवा में आगे-पीछे डांस करने लगे।

मौसा सोफे पर अपने लंड को पकड़ कर बैठ गए। मैंने घुटने मोड़ कर सोफे पर रखे और हाथ मौसा जी के कंधों पर रखकर अपनी चूत को लंड पर टिका दिया। मैंने गांड को थोड़ा ऊपर किया और जोर से नीचे धकेल दिया।

मेरी चूत का छेद सीधा मौसा जी के लंड से टकराया और सररर.. की आवाज़ से उनका लंड मेरी चूत में समा गया। इस बार चिल्लाने की बारी मौसा जी की था। उन्होंने खुद को संभालते हुए कहा, “क्या कर रही हो सोना बेटी।”

मैंने उन्हीं के अंदाज़ में कहा अभी तो शुरुआत है चोदू मौसा जी, आगे आगे देखना होता है क्या। मेरा जवाब सुन कर मौसा जी मुस्कराने लगे और मुझे ऐसे ही बैठाए हुए दो गिलास में शराब डाल ली। हम दोनों शराब पीने लगे और एक-दूसरे की आंखों में हवस भरी नज़रों से देखने लगे। मैं मुंह से शराब गटक रही थी और नीचे मेरी चिकनी चूत में लंड फंसा हुआ था। “Hindi Kamsutra Kahani”

मुझे अजीब सी मस्ती आ रही थी इसी मस्ती में मैंने मौसा जी से कहा कि कितना मजा आता अगर मैं चूत के साथ-साथ मेरी गांड में भी लंड लेकर शराब पीती। मौसा जी ने कहा कि मैं भी जोती जैसी रंडी हूं वो भी मौसा जी और उनके बडे़ भाई जानी कि अपने ताऊ का लंड एक साथ अपनी चूत और गांड में लेकर शराब का मजा लेती थी।

हमने शराब पीकर गिलास रख दिए और मौसा जी के कंधों पर हाथ रखकर उनके लंड पर उछल-कूद करने लगी। मौसा जी नीचे से गांड हिला कर मेरी चूत चोदने लगे। मैं अपनी गांड उछाल उछाल कर मौसा जी का लंड अपनी चूत के अंदर-बाहर करने लगी और अपने बूब्ज़ उनके चेहरे पर दबा दिए।

मौसा जी नीचे से मेरी चूत चोदते हुए मेरे बूब्ज़ चूसने लगे। मौसा जी ने मेरी कमर पकड़ कर मुझे ऊपर उठा दिया और लंड को चूत से निकाल कर मेरी गांड के छेद पर लगा दिया। मौसा जी ने अपने लंड को मेरी गांड पर सैट करके मेरी कमर को नीचे दबा दिया और लंड मेरी गांड में समा गया।

अब मैं उछल उछल कर मौसा जी का मोटा लंड अपनी गांड में लेने लगी और मौसा जी मेरे ऊपर-नीचे छलांग लगा रहे बूब्ज़ को हाथों में थाम कर मेरी गांड चोदने लगे। मैं चुदाई में लीन हुई मस्ती में ऊंची ऊंची चिल्ला रही थी।

मौसा जी बेड पर बाईं तरफ मुंह करके लेट गए और मैं उनकी तरफ पीठ करके लेट गई। मौसा जी ने मेरी टांग उठाकर पहले मेरी चूत में लंड डाला फिर गांड में। लेकिन हम दोनों को ही इस अवस्था में चुदाई का ज्यादा मजा नहीं आया और मौसा जी बेड पर सीधे लेट गए और मैंने अपना मुंह उनके पैरों की तरफ कर लिया। “Hindi Kamsutra Kahani”

मैंने मौसा जी की टांगों पर हाथ रखकर लंड पर चूत को टिका दिया और गांड नीचे धकेल कर लंड को चूत में ले लिया। मैं मौसा जी की टांगों को पकड़ कर थोड़ा झुक गई और गांड को ऊपर उठा कर तेज़ी से नीचे धकेलने लगी।

मैं बहुत तेज़ी से और जोर से लंड को चूत में आगे-पीछे करने लगी और मुझे लग रहा था कि मैं जंनत की सैर कर रही हूं। मौसा जी भी अपनी कमर हिला हिला कर मेरी चूत में लंड पेलने लगे।

मौसा जी ने मुझे दीवार से सटा कर खड़ा कर दिया और मेरे चूतडो़ं की फांकों को खोलकर मेरी गांड के छेद पर लंड टिका दिया।इससे पहले मौसा जी शॉट मारते, मैंने जोर से गांड को पीछे धकेल दिया और मौसा जी का लंड मेरी गांड में समा गया।

मेरी ये हरकत देखकर मौसा जी बोले तू तो किसी चुद्द्कड़ रंडी से भी गर्म है और जोर जोर से मेरे बूब्ज़ हाथों में पकड़ कर चोदने लगे। मैंने कहा चुदाई का मजा तो बेशरम रंडी बन कर ही आता है और गांड को आगे-पीछे करके चुदने लगी।

मौसा जी ने मुझे घुमा कर मेरा मुंह अपनी तरफ कर लिया और मेरी एक टांग उठा ली। मैंने अपनी गोरी एवं कोमल बांहें मौसा जी के गले में डाल दीं और अपने बूब्ज़ उनकी छाती पर दबा दिए। “Hindi Kamsutra Kahani”

मौसा जी ने अपना लंड मेरी चूत के छेद पर लगा कर झटका मारा और लंड को चूत में घुसा दिया। मौसा जी ताबड़तोड़ शॉट मारते हुए मेरी चूत चोदने लगे और मेरा बूब्ज़ उनकी छाती से रगड़ खाने लगे। मौसा जी की रफ्तार काफी बढ़ गई मतलब वो झड़ने वाले थे।

मौसा जी ने मेरी चूत से लंड निकाल लिया और मुझे कंधों से दबा कर बैठा दिया। मैंने जल्दी से मौसा जी का लंड पकड़ा और हिलाने लगी लेकिन मौसा जी ने लंड मेरे मुंह में दे दिया और मेरा सिर पकड़ कर मेरे मुंह को जोरदार धक्कों से चोदने लगे। मौसा जी अपनी चरम सीमा पर पहुंच गए और उन्होंने एक जोरदार शॉट मारा।

मौसा जी का लंड मेरे गले की गहराई में उतर गया और लावा उगल दिया। मौसा जी मेरे गले की गहराई में हांफते हुए धीरे-धीरे लंड हिलाने लगे और मुझे उनका गर्म गर्म वीर्य मेरे गले के नीचे उतरता हुआ महसूस होने लगा। मौसा जी ने लंड निकाल लिया और मैंने अपनी जीभ से चाट कर साफ कर दिया।

हमने फिर से शराब और सिगरेट पी और और नहाने चले गए और वहां बाथरूम में नहाते हुए फिर से ताबड़तोड़ चुदाई की। हम आकर बिना खाना खाए नंगे ही सो गए। सुबह दफ्तर जाने से पहले फिर से चुदाई का रंगारंग प्रोग्राम चला और 7 दिन वहां रही और खूब चुदाई की।

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