Indian Ghar Chudai Kahani – बहनों ने स्तनपान कराया कामुक भाई को

Indian Ghar Chudai Kahani – बहनों ने स्तनपान कराया कामुक भाई को

Indian Ghar Chudai Kahani

मेरा नाम रहुल् है और मेरी उम्र 27 साल है। मैं राजस्थान जैसलमेर का रहने वाला हूं। मेरी तीन बहने हैं। जिसमें से एक का नाम सोनिया उम्र 40 साल,दूसरी बहन प्रतिमा उम्र 39 साल और छोटी बहन निष्ठा उम्र 25 साल है। मैं बचपन से ही अपनी मां से बहुत डरता था। Indian Ghar Chudai Kahani

क्योंकि एक बार मेरी मां ने मुझे तीसरी मंजिल से लटका दिया था। और वह मुझे बहुत मारा और डाटा करती थी। इसलिए मैं उनके पास नहीं जाता था। मेरा कोई दोस्त भी नहीं था। मुझे स्कूल में घर में प्ले ग्राउंड में हर जगह मार पड़ती थी। मैं अपनी मां से कभी बात नहीं करता था।‌ मेरे लिए मेरी मां और दोस्त मेरी मेरी दीदिया ही थी।

‌मैं बचपन से बड़े होने तक अपनी दीदी लोगों के साथ ही सोता था एक बेड पर और उनके साथ ही खेलता था।‌ यह बात तब की है जब मैं 5 साल का बच्चा हुआ करता था। मैं 5 साल का था तब मेरी छोटी बहन निष्ठा पैदा हुई थी। मैंने अपनी मां को देखा था कि वह मेरी छोटी बहन को स्तनों से दूध पिला रही है।

मे भी एक बच्चा था मेरा भी मन करता था। लेकिन मैं तो डरता था इसलिए मैं माँ के पास नहीं जाता था।‌ जब मैं 10 साल का हुआ और मेरी छोटी बहन 5 साल की हुई अब माँ उसको रोज् दूध पिलाती थी। रोज यही सब देखकर मैं बड़ा हुआ था।‌अब मेरी दीदीयो के बारे में। मेरी दोनों बड़ी दीदी बहुत ही सुंदर थी मेरी दोनों बड़ी बहनो के स्तन बड़े, सुडौल और आकर्षक थे।

मेरी दोनों बड़ी बहन है सोनिया और प्रतिमा डीप नेक यानी बड़े गले की कुर्ती पहनती थी। जिसमें उनके आधे स्तन दिखाई देते थे। परंतु वह बहुत ही चरित्रवान थी। वह ऐसे कपड़े केवल् इसलिए पहनती थी ताकि गर्मियों में वह सहज महसूस कर सकें।‌ मैं बचपन से ही अपनी दिदियो के साथ एक ही कमरे में पर एक ही बेड पर सोता था.

मैं उनका लाडला भाई था कि वह मुझे बीच में सुलाती थी थी।‌ जब मैं 12 साल का हुआ तब भी मेरी मां मेरी छोटी बहन को अपना दूध पिला थी जबकि वह 7 साल की थी। ‌एक दिन की बातहै। मेरा मेरी बड़ी दीदी सोनिया से झगड़ा हो गया। मैं उन्हें उल्टा सीधा बोल रहा था। तभी पापा आए और उन्होंने मुझे डांटा और कहां और कहा की बड़ी बहन मां समान होती है ।

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लेकिन उन्होंने इस बात का पूरा मतलब नहीं बताया। इस बात को मैं गलत समझ बैठा। आइए बताता हूं कैसे मैंने उनकी बात का दूसरा मतलब निकाल लिया। ‌1 दिन की बात है मेरी मां मेरी छोटी बहन को दूध पिला रही थी। तभी उन्होंने मुझसे कहा कि रात के 10:00 बज गए हैं जाओ सो जाओ और रोज की तरह में अपनी दोनो दीदियों के साथकमरे में सोने चला गया मैं हमेशा दोनो दीदियों के बीच मेंं सोता था।

हमारे बेड के सामने टीवी लगी हुई थी।मेरी दोनों दीदी गहरी नींद में सो रही थी। मैं टीवी देख रहा था लेटे हुए ताभी टीवी में एक स्तनपान का प्रचार आया। मैं टीवी बंद करके सो गाया । बेड के पीछे खिड़की थी।जिसमें से हल्की हल्की रोशनी आ रही थी।‌। मैं अपनी दोनो दीदियों के बीच में लेटा हुआ थाा।

मैंने देखा मेरी दोनों दीदी अपनी अपनी तरफ से मेरी तरफ करवट लिए लेटी हुई थी ।बड़े गले का कुर्ता पहनने के कारण उन दोनों के स्तन आधे आधे दिखाई दे रहे थे अर्थात् आधे कपड़ों के अंदर और आधे स्तन कपड़ों के बाहर जिसे मैं देखता रह गया।‌ अब यह रोज का क्रम हो गया मैं रोज रात को दीदी के सोने का इंतजार करता ।

और दीदी लोगों को अपनी तरफ करवट लेने का इंतजार करता जब हमारी तरफ करवट लेती थी या उनमें से कोई भी मेरी तरफ करवट लेती तो मैं रात भर उनके स्तनों को देखता रहता था।‌ याद है जब वह सीधा लेटा करतथि तब उनके स्तनोंका उभार देखता था। ‌एक दिन मेरी बड़ी दीदी सोनिया नहा रही थी।

मैं उधर से निकला तभी दीदी ने बाथरूम का दरवाजा खोल दिया। उन्होंने सोचा कि सोचा की प्रतिमा दीदी है और तौलिया मांगने लगी। वह अपने चेहरे को साफ कर रही थी इसिए उन्होंने ध्यान नहीं दिया कि मैं खड़ा हूं।‌उनके नंगे स्तन मेरे सामने थे। मैं जिन्हें मैं देखता रह गया। लेकिन जैसे ही दीदी ने मुझे देखा । उन्होंने अरे सॉरी बोल कर दरवाजा बंद कर लिया।‌

उसी दिन शाम को फिर वही क्रम मेरी मां मेरी 7 साल की छोटी बहन को स्तनपान करा रही थी। मैं पढ़ाई कर रहा था। तभी मैं उठ कर छत पर भी दीदी के पासस गया। मैंने अपनी बड़ी दीदी से पूछा दीदी लड़कियों का सीना फुला क्यों होता हैऔर उसमें दूध कहां से आता है। उन्होंने मुझे डांटा कहा जाकर पढ़ई करो।‌ एक् दिन मेरे मम्मी और पापा गांव गए हुए थे।

दूसरी दीदी प्रतिमा कॉलेज गई हुई थी। छोटी बहन स्कूल गई हुई थी।‌ अब आता है वह दिन जब मैंने अपने पापा की कही हुई बात को गलत समझ लियापापा ने कहा था बड़ी बहन मां समान होती है। मेरी दीदी दुपहर को कमरे में सोई हुई थी। मेरी दीदी दोपहर को कमरे में सोई हुई थी। मैं वहीं पर बैठे टीवी देख रहा था। तभी टीवी में स्तनपान का एक प्रचार आया।

तभी मेरी नजर मेरे बगल में लेटी हुई मेरी सोनिय दीदी के उभरे हुए स्तनों पर गई। ताभी मेरे मन में पापा की बात आई की बड़ी बहन मां समान होती है। मैंने सोचा अगर बड़ी बहन मां समान होती है। तो अगर बचपन में मां का दूध पी सकते हैं तोबड़ी बहन का भी दूध पी सकते हैं। जबकि मैं यह नहीं जानता थातू कुंवारी लडकी के स्तनों में दूध नहीं आता।‌

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मैंने दीदी को जगाया मैं रो रहा था दीदी ने पूछा क्या हुआ बेटा। मैंने कहा दीदी मेरी मां मुझे प्यार क्यों नहीं करती। दीदी बोलती है ऐसी तो कोई बात नहीं है शिवम। ‌मैंने कहा दीदी एक बात पूछूं आपसे दीदी ने कहा पूछो मैंने कहा दीदी पापा कहते हैं बड़ी बहन मां समान होती है क्या आप मेरी मां समान हो।

दीदी बोलती है हां बेटा ।‌मैंने कहा दीदी एक बात बोलूंदीदी बोलती हां बोलो मैंने कहा अगर आप मेरी मां हो दीदी तो प्लीज मुझे अपना दूध पिला दो। दीदी ने कहा क्या बकवास कर रहे हो जाओ जाकर पढ़ाई करो उन्होंने मेरे मन की दुविधा को नहीं मिटाया। ‌रात को जब मैं दीदी लोगों के बीच में सो रहा थातभी मैंने।

प्रतिमा दीदी के स्तनों पर हाथ रख दियादीदी ने कहा क्या हुआमैंने कहा दीदी मुझे आपका दूध पीना हैतेरी बोलती है बदतमीजी मत करो सो जाओमैं सो गया‌अगले दिन फिर वही करम हुआ। मैं दीदी लोगों के बीच में सोया हुआ था अभी टीवी पर राम तेरी गंगा मैली फिल्म वाला सीन् आया जिसमें हीरोइन अपने बच्चे को दूध पिला रही थी।

टीवी बंद करके लेट गयामेरा मन विचलित हुआ जा रहा था। ‌अब मैंने अपने जीवन की सबसे बड़ी गलती की शुरुआत की मैंने दो उंगलियों की सहायता से दीदी केकुर्ते के गले को हल्का सा ऊपर उठायाअपनी दो उंगलियां दीदी के ब्रा के अंदर डाल दी मैं हथेली के निचले हिस्से से प्रेशर डालता था और उगलियो की सहायता से स्तनों को बाहर निकालता था।

मैं दीदी के ब्रा के अंदर निप्पल को ढूंढ रहाथा।आखरी में निप्पन मुझे मिल गया। मैंने उसे चुपके से बाहर निकालाऔर चूसने लगा। निप्पल चूसने के बाद मै सो गया। मेरी दीदीके स्तनों की खाल मोटी थी। अर्थात उनके स्तन की त्वचा टाइट थी इसलिए उन्हें कुछ पता नहीं चला।‌ अगले दिन दोपहर की बात हैै। मैं अपने कमरे में सोया हुआ।

तभी प्रतीमा दीदी मेरे पास आकर लेट गई। मैंने देखा कि वह टाइट लेडीज शर्ट पहने हुए हैं। मैं उनकी गहरी नींद का इंतजार करने लगाजब वह गहरी नींद में सो गई और घर के बाकी लोग भी सोए हुए थे। तभी मैंने दीदी के शर्ट के बटन एक-एक करके खोलने शुरू किए। धीरे धीरे मैने उनकी शर्ट कि सारी बटन खोल दी खोल दी । उन्होंने अंदर एक ब्रा पहनी हुई थी। जो उनके स्तनों से छोटी थी। “Indian Ghar Chudai Kahani”

मैंने उनका दाया स्तन खोला और दीदी के निप्पल देखते ही मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई । मैं धीरे से किचन में उठकर गया और वहां से कटोरी में थोड़ी मलाई लेकरर आ गया। उंगली में थोड़ी सी मलाई लेकर दीदी के निप्पल पर लगा दी और निप्पल को चाटने लगा। जब मेरा मन भर गया। तब मैंने उनकी शर्ट की बटन बंद कीऔर सो गया।‌यह क्रिया कई सालों तक चली।

मैं अब 19 साल का हो गया था। इंटरनेट और यूट्यूब आ चुका था। मैंने कभी ब्लू फिल्म नहीं देखी। मैं इंटरनेट पर मां बच्चे के स्तनपान के वीडियो देखता था।‌ मेरी इन आदतों के कारण मेरी पढ़ाई लिखाई सब बर्बाद हो गई। मेरे हाईस्कूल , इंटर और् ग्रेजुएशन में बहुत बुरे मार्क्स अये ।‌ मेरी दोनों बड़ी दीदियों की शादी हो चुकी थी।

मेरी छोटी बहन अब 14 साल की हो गई थी। इस उमर में भी उसके स्तन बहुत बड़े और सुडौल थे। परंतु मेरी बाकी दीदियों की तरह वह टाइट नहीं थे। वह बहुत कोमल थे। ‌एक रात मेरी छोटी बहन मेरे बगल में सोई ई थी। उसके उभरे हुए स्तन देखकर मेरा मन मचल उठा। मैंने उसके स्तनों पर हाथ रख दिया। वह जग गई और उसने मुझे डांटा।

कुछ दिन के बाद वह दूसरे कमरे को अकेले अंदर से लॉक करके सोने लगी थी। ताकि मैं कमरे में ना आ पाऊं।‌ उसने यह बात माँ पापा को बताई सकता है । मुझे बहुत मार पड़ी। मम्मी पापा ने निष्ठा से कहायह तुम्हारा सगा भाई जरूर मगर इसने भाई बहन के रिश्ते को कलंकित किया है । यह भरोसे लायक नहीं है ।

इसलिए अब जब भी हम बाहर जाया करें तब तुम अपने आप को दुसरे कमरे मे अन्दर् से लोक् करके बैठा करो और् रात् को भी दूसरे कमरे मे सोया करो। इसे कभी अंदर मत आने देना। ‌एक् दिन मम्मी पापा कहीं गए हुए थे। वह दूसरे कमरे में सोई हुई थी। और दरवाजे को अंदर से लॉक किया हुआ था।मुझे पता चला कि मेरीे बहन के कमरे का जो दरवाजा है।

उस दरबाजे के बगल मे जो खिड़की है। उस खिड़की से हाथ डालकर दरवाजे के लॉक को अंदर से खोला जा सकता है। मैंने ऐसा ही किया। मेरी छोटी बहन अंदर चादर ओढ़े हुए थी। मैने गुस्से से उसकी चादर हटाई वो जग गई। मैंने मैंने गुस्से मे कहा मुझे तुम्हारा दूध पीना है। उस्ने कहा भैया प्लीज मैं आपकी बहन को मेरी इज्जत पर हाथ में डालो।

मैंने कहा कि इज्जत् नीचे से लूटी जाती है ऊपर से नहीं। मैंने कहा दूध पीना सेक्स् हीं होता है। मैंने कहा मां जब बच्चे को दूध पिलाती है तो वह सेक्स नहीं होताा । मैं सिर्फ एक बच्चे की तरह तुम्हारा दूध पीना चाहता हूं। छोटी बहन ने कहा कि मैं कुछ नहीं जानती। मैंने कहा यह तुम्हारे पास दो विकल्प है। या तुम मुझे बच्चे की तरह अपना दूध पिलाओ या फिर् अपनी इज्जत लुटवाओ। “Indian Ghar Chudai Kahani”

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मैंने कहा मैं सिर्फ 10 तक गिनती गिन लूंगा बाकी तुम्हारी मर्जी मैंने कहा मैं बाहर वेट कर रहा हूं अगर तुम अंदर नहीं आई तो मैं बाहर आऊंगा। थोड़ी देर बाद मेरी बहन बाहर आई । मैंने उससे सोफे पर बैठने को कहा। मैंने कहा अपनी टॉप उतारो। अपनी ब्रा भी उतारो। उसने सब उतार दिया । वह रो रही थी। ये देख कर मेरा दिल पिघल गया ।

मेरे अंदर का भाई जाग गया । मैं भी रोने लगा मैंने उसके पैर छूकर उससे माफी मांगी। मैंने कहा मुझे माफ कर दो। मैंने उसे कपड़े पहनने को दिया फिर वहीं सोफे पर सो गई। थोड़ी देर बाद मेरे कमरे से कुछ गिरने की आवाज आई वह मेरी कमरे की तरफ दौड़ी उसने देखा कि मैं आत्महत्या का प्रयास कर रहा हूंमैं पंखे से फन्दे पर् लटका हुआ हूं ।

तभी उसने भाग्कर् कर मुझे पंखे से नीचे उतारा। उसने कहा भैया कोई बात नहीं आपका मन जाग उठा थाआप को पछतावा होरहा है। मैंने कहा निष्ठा मेरी कोई गलती नहीं हैमैं मानसिक रूप से बीमार हो चुका हूं। मैंने उसके बचपन से लेकर आज तक की पूरी बात बताई। निष्ठा नें कहा भैया मैं कॉफि बनाकर लाती हूं।

फिर बात करते हैं।मैंने कहा मेरे से कितनी इच्छा है कि मेरी कोई बहन मुझे बच्चे की तरह गोद में लिटा कर अपना दूध पिलाये। इससे मेरे मन की कुंठा शांत हो जाएगी। प्लीज मेरी हेल्प करो निष्ठा। अगर दीदीलोग या तुम मुझे बच्चे की तरह गोद में लिटा कर दूध पिला दो तो मैं ठीक हो जाऊंगा। उसने कुछ सोचा और कहा ।

भैया एक बात की प्रॉमिस करिए कि जो आप चाहते हो अगर वह मैं करूंतो उसके बाद अब बिल्कुल सही हो जाओगे और फिर यह हरकत नहीं करोगे। ममैंने कहा ठीक है जिसका मैं वादा करता हूं मैं तो दोबारा कभी नहीं करूंगा। उसने कहा मुझे एक घंटा दीजिए अपने मन को तैयार करने के लिए।

1 घंटे बाद वह मेरे पास आई सोफे पर बैठीअपनी टॉप उतारी और अपनी ब्रा उतारी अपनी गोद में तकिया रखकर उसने कहा आइए भैया मेरी गोद में सिर् रखकर लेट जाइये। मैं उसकी गोद में सिर रख कर लेट गया। मेरा मुंह उसके स्तनो तक पहुंच रहा था। मैंने उसके निप्पल को मुंह में लिया और चूसने लगा। “Indian Ghar Chudai Kahani”

मैंने एक एक करके उसके दोनों स्तन चूस लिए। मैं बहुत देर तक उसके स्तनों को चूसता रहा। तभी मेरा वीर्यपात हो गया। मैंने अपनी छोटी बहन के पैर छुए धन्यवाद कहाऔर सोने चला गया। उसके अगले दिन मम्मी पापा आ गए। तो उसने कहा कि मुझे दिल्ली जाना है दीदी के पास मैं वहीं रह कर पढ़ाई करूंगी 3 दिन बाद वो दिल्ली चली गई और मैं अकेला रह गया।

मेरा जीवन परिचय बर्बाद हो चुका था। मेरा कैरियर बर्बाद हो चुका था। मेरा चरित्र बर्बाद हो चुका था। मेरा स्वास्थ्य बर्बाद हो चुका था। मेरे जीवन में कुछ भी नहीं बचा था। मै मनसीक कुंठा से ग्रसित था।मुझे बहुत सी मानसिक बीमारियां हो रही थी। आगे कहानी पहुंचती जब मैं 25 साल का हो गाया। एक् दिन घर में कोई नहीं था।

और बड़ी दीदी सोनिया थी जो दिल्ली से कुछ दिनों की छुट्टी बिताने आई थी। मैंने देखा वह अपनी छोटी बच्ची को स्तनो से दूध पिलाते पिलाते सो गइ है। मैं वहा से चला आया। मैंने दीदी से बात करना बंद कर दिया। शाम की बात है। हम दोनों के सिवा घर में कोई नहीं था। मैं उनसे बात नहीं कर रहा था।  मुझे बार-बार पूछ रही थी।

मुझे बहुत तेज गुस्सा आया। मैंने कहा आपकी वजह से मेरी जिंदगी बर्बाद हुई है। अगर बचपन में आपने मेरे सवालों का जवाब दे दिया होता और ढंग के कपड़े पहनेहोतेतो आज मैं ऐसा ना होता। मैंने कहा किस लड़के की बहन आपकी जैसे कपड़े पहनती है । जिसमें आधे स्तन दिखाई देते हो। किस घर मेंबड़ी बहन अपने जवान भाई के साथ सोती है एक ही बिस्तर पर् ।

भाई बहन भी जब बड़े हो जाएं तो उन्हें अलग सोना चाहिए। मैं तो बच्चा था। आपतो सब समझती थी ना। मैंने कहा मुझे हर जगह आपके दूध दिखाई देते हैं। मेरा मन मेरे बस मे नहीं है। मैंने कहा मैं आपकी बच्ची को मार डालूंगा। यह कहकर मैं उनकी बच्ची को लेकर छत की तरफ भागाऔर छत से उनकी बच्ची को लटका दिया। “Indian Ghar Chudai Kahani”

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दीदी चिल्लायी की उसे छोड़ दो बेटा। मैंने उनकी बच्ची वापस करदी। दीदी नीचे चली गई। शाम के टाइम दीदी कॉफी लेकर ऊपर आयी। और मुझसे बात की कि तुम क्या चाहते हो। मैंने कहा मैंने निष्ठां से भी यही कहा था कि। अगर दीदी लोग या तुम मुझे दूध पिला दे मैं ठीक हो जाऊंगा। लेकिन मेरे मन में सिर्फ आपका स्तन लगा हुआ है। क्योंकि बचपन में मैंने आप का ही दूध पीना शुरु कियाथा।

दीदी बोली साफ-साफ बोलो। मैने कहा दीदी प्लीज मुझे एक बार अपना दूध पिला दीजिए। मैं ठीक हो जाऊंगा। दीदी चली गई। तब तक शाम को मेरी दोनों बहने भी दिल्ली से आ चुकी थी। मम्मी पापा गांव गए हुए थे। रात को मेरी दीदी सोनिया ने मेरी बाकी दोनों बहनों को सब कुछ बताया।

उन्होंने कहा शिवम इतनेसालों से हमारे साथ यह सब कर रहा था और हमें पता भी नहीं चला। सोनिया दीदी बोली यह सब हम लोगों की गलती है। हमें शिवम् के सामने दुपट्टा डाल कर रहना चाहिए थाऔर उसके साथ एक् हि बेड पर नहीं सोना चाहिए था। हमें समझना चाहिए था कि हमारा भाई बड़ा हो रहै। प्रतिमा दीदी बोली अब क्या सोचा है।

दीदी ने कहा मैं अब उसकी हेल्प करूंगीभले ही हम नींद में थे लेकिन कई सालों तक शिवम ने हम लोगों के स्तनों को अपने मुंह में डाला है। अगर मैं एक बार जागते हुए ऐसा कर दूंगी। और अगर इससे मेरा भाई सही होता है तो इसमें कोई बुराई नहीं है। क्योंकि तुम लोग तो मदद् नहीं करोगी। लेकिन मुझे अपने भाई की चिंता है।

अगर वह चाहता तो मेरी बेटी की जान के बदले मुझे ब्लैकमेल कर सकता था। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। उसके मन में जो इच्छा है वह बच्चे कि हैं। निष्ठा ने कहा हा दीदी येह सच है। मैंने भी जब भैया को दूध पिलाया तो उन्होंने मेरे साथ कोई और गलत हरकत नहीं की बस बच्चे की तरह दूध पीते रहे। मैं भी भैया की हेल्प् करूंगी। अगर मैं दिल्ली ना जाती तो भैया अभी तक ठीक हो चुके होते। “Indian Ghar Chudai Kahani”

प्रतिमा दीदी ने भी कहा मैं भी हेल्प करूंगी। अगली सुबह 5:00 बजे तीनों मेरे पास आयी। और उन्होंने मेरे सर पर हाथ रखा मुझे जगाया । मैंने कहा क्या क्या हुआ दीदी। सोनिया दीदी ने कहा हम तीनों तुम्हारी हेल्प करेंगे। अपने भाई के लिए हम अपनी इज्जत को भी कुर्बान कर देंगे। हम तीनों चारों एक साथ बैठे हैं।

सोनीया दीदी ने कहा आज घर में हम चारों के अलावा और कोई नहीं है। इसलिए शिवानी हम तीनों बारी बारी से सुबह दोपहर शाम तीनो टाइम तुम्हें दूध पिलाएंगी। मेरी तीनों बहनों के नवजात शिशु थे। जिनहे वो स्तनपान कराती थी मतलब उनके स्तनों में असली का दूध था। दीदी ने कहा सबसे पहले किसका दूध पियोगे।

मैंने कहा सोनिया दीदी मैं आपका दूध पियूंगा। प्रतिमा दीदी और निष्ठां उठकर बाहर चली गई। दीदी ने मेरा सिर अपनी गोद में रखा और अपनी ब्रा और ब्लाउज खोले अपना बाया स्तन बाहर निकाला और निप्पल मेरे मुंह में डाल दीए। जैसे ही मैंने उनके निप्पल को चूसा दूध की एक पतली धार मेरे मुँह मे आयी।

मेरे मन को बहुत सुकून मिलामैं धीरे धीरेमैं धीरे-धीरे च दीदी के स्तनों से सारा दूध पी गयाऔर सो गया। दोपहर के टाइम में सोया हुआ था। तभी प्रतिमा दीदी मेरे पास आयी। उन्होंने मुझे जगाया और कहां और कहा शिवम् दूध नहीं पीना है। मैंने कहा हां दीदी दूध पीना है। प्रतिमा दीदी ने मेरे से तो गोद में रखा अपनी ब्रा और बलाउस् खोला।

और अपने निप्पल मेरे मुंह मेंं दे दिया। जैसे ही मैंने उनके निप्पल चुसे दूध की एक मोटी धार मेरे मुँह मे गिरी। प्रतिमा दीदी का दूध सोनिया दीदी के दूध से ज्यादा गाढ़ा और स्वादिष्ट था। मैंने प्रतिमा दीदी के स्तनों पर दांत गड़ा दिए। प्रतिमा दीदी ने जोर से थप्पड़मारा बोली बदमाश काट मत दर्द होता है। “Indian Ghar Chudai Kahani”

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मैंने कहा सॉरी दीदी फिर मैंने प्रतिमा दीदी का सारा दूध पी लिया। फिर मैं सो गया। शाम के 5:00 बजे मेरी छोटी बहन निष्ठा मेरे कमरे में आई मुझे जगाया और कहा भैया दूध पीने का टाइम हो रहा है। मैंने कहा ठीक है। निष्ठा ने कहा प्रतिमा दीदी बोल रही थी आप स्तनों में दांत गड़ा देते हैं। प्लीज ऐसा मत करिएगा।

मैंने कहा ठीक है नहीं करूंगातब मेरी बहन है मेरा सिर अपनी गोद में रखा र्और अपनी ब्रा और ब्लाउज हटाई अपना बायां स्तन खोला और अपने निप्पल मेरे मुंह में डाल दिया। जैसे ही मैंने निप्पल। चौसा दूध की एक पतली धार मेरे मुंह में आ गिरी निष्ठा का दूध पतला था मगर मीठा था। मैं निष्ठा का सारा दूध पी गया। मैं सो गया।

अगले दिन जब मैं उठातब मेरा मन बहुत शांत था। अगले दिन रक्षाबंधन था। तीनों बहनों ने मुझे राखी बांधी। मैंने तीनों के पैर छुए दीदी ने कहा हमने तुम्हें माफ कर दिया है। तूमने हमारा दूध पिया है। इसलिए आज से हम तुम्हें तुम्हारी बहने नहीं मां के समान है। आज मेरी उमर 29 साल है। मैं एक सफल उद्योगपति हूं। इन सब का श्रेय मेरी बहनों को जाता है अगर उन्होंने मेरी मदद ना की होती है तो मैं आज यहां ना होता। धन्यवाद।

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