Jawan Chut Ke Darshan – बीवी की सहेली से अपनी कामवासना शांत कराइ

Jawan Chut Ke Darshan – बीवी की सहेली से अपनी कामवासना शांत कराइ

Jawan Chut Ke Darshan

मेरा नाम देवा चौधरी है बिजनौर का रहने वाला हूँ। मैं बहुत ही सेक्सी मर्द हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं अपनी बीबी को चोदकर अपने लंड की आग को शांत न करूं। मेरे अंदर इतनी कामवासना भरी है की शांत ही नही होती है। अपनी बीबी की गांड चोद चोदकर मैंने काफी बड़ी कर दी है और अब तो इतनी फैला दी है की उसमें 2 3 लंड एक साथ चले जांए। Jawan Chut Ke Darshan

दोस्तों, मेरी बीबी पिछले 10 दिनों से मायके गयी हुई थी और इधर मेरा लंड फिर से किसी कसी चूत को खोज रहा था। मैं घर पर बैठा tv देख रहा था और सिर्फ कच्छे में था। यही सोच रहा था की अगर कोई हसीन औरत अभी आ जाए तो उसे चोद डालूं।

इतने देर में दरवाजे की घंटी बजी। मैं उठा और सिर्फ अंडरवियर में चला गया। दरवाजा खोला तो सुप्रिया सामने खड़ी थी। वो मेरी बीबी की सबसे अच्छी सहेली है। पास ही 2 घर छोड़कर रहती है। काफी अच्छा नेचर है उसका। वो साड़ी ब्लाउस में थी। उसे देखकर मेरी कामवासना जाग गयी।

“अरी सुनिता तू?? मैंने कहा.

“भाभी नही है क्या???” वो बोली फिर मेरे अंडरवियर की तरह देखने लगी।

मैं पूरी तरह से नग्न था सिर्फ अंडरवियर ही पहने था। मेरा 8” का लंड और पोता उठा उठा उसे दूर से ही दिख रहा था। सुप्रिया झेंप गयी और नजरे तुरंत दूसरी ओर घुमा ली। काफी जवान औरत थी वो।

“है अंदर है आदिती (मेरी बीबी)” मैंने कहा.

सुप्रिया अंदर आ गयी और कमरे में चली गयी। मैंने दरवाजा बंद किया और अंदर चला गया। उसे मेरी बीबी कही नही दिखाई थी। मैंने अंदर जाकर सुप्रिया का हाथ पकड़ लिया और उसे बाहों में भर लिया और गालो पर पप्पी लेने लगा।

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“ये क्या कर रहे हो देवा भैया!!!” सुप्रिया अपने हाथ को छुड़ाते हुए बोली.

“जान!! आज मैं बिलकुल अकेला हूँ। तुम राजी हो तो तुमको चोदकर मजे दे दूँ” मैंने कहा और सुप्रिया से लपटा लपटी करने लगा.

“नही देवा भैया!! मैं तो आपको अपना भैया मानती हूँ। उस नजर से नही देखती हूँ” सुप्रिया नजरे चुराकर बोली.

“तू भी कहाँ इन सब चक्करों में पड़ी है। हर भैया रात में सैयां होता है!!” मैंने कहा और उसे सीने से चिपका लिया और उसके होठो पर चुम्मा देने लगा।

सुप्रिया 26 साल की शादी शुदा औरत थी। 1 बच्चे की माँ थी और इतनी गजब की माल थी की मैं क्या बताऊं। अक्सर ही मेरे घर आती रहती थी। उसे देख देखकर कई बार बाथरूम में जाकर मुठ मार देता था। सुप्रिया बिलकुल देसी इंडियन लड़की थी और काफी सुंदर थी।

उसके गाल फूले फूले थे और काफी अच्छा स्वस्थ था। उसके दूध 32” के थे और फिगर 32 28 34 का था। वो एक बच्चे की माँ जरुर थी पर काफी कम उम्र की लड़की जैसी दिखती थी। कुल मिलाकर मुझे बहुत पसंद थी। फिर मैंने उसकी कमर में हाथ डाल दिया और खुद से चिपकाने लगा। फिर उसके फूले फूले गालो पर अनेक पर किस कर दिया।

“देवा भैया!! पराये पुरुष से चुदना पाप होता है। नही ऐसा मत करो” सुप्रिया कहने लगी.

पर मैं माना ही नही। उसकी कमर में अपने दोनों हाथ डालकर सहलाने लगा और उसके गले और चेहरे पर किस करने लगा। “नही !! ऐसा मत करो!!” वो बराबर कहे जा रही थी। उसे लेकर मैं सोफे पर जाकर बैठ गया और उसे सोफे पर ही लिटा दिया। सुप्रिया का रंग काफी साफ़ था और बड़ी चिकनी माल थी।

वैसे भी मुझे पता नही क्यों शादी शुदा, चुदी चुदाई, खायी खेलाई औरतो में कुछ जादा ही मजा आता है। वो साडी में लिपटी हुई थी। उसी वक़्त मेरी कामपिपासा अचानक से जाग गयी। मैं अपनी बीबी की सहेली सुप्रिया को सोफे पर बिठा दिया और उसकी साड़ी को पैरो के पास से उठाना शुरू कर दिया। मैंने उसे सोफे पर ही लिटा दिया। उसकी भरी हुई चूत देखने और चोदने को मैं आतुर हो गया था।

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मेरे अंदर कामदेव जाग गया था। इसलिए मैं उसकी साड़ी को पेटीकोट के साथ ही उपर को उठाने लगा। सुप्रिया ने आज लाल रंग की साड़ी पहनी थी जिसमे वो काफी खिल रही थी। धीरे धीरे मैं साड़ी को पेटीकोट के साथ ही घुटनों तक उठा दिया। मुझे उनकी सफ़ेद दुधियाँ टाँगे दिखने लगी जो बहुत खूबसूरत थी। मैं उसकी टांगो पर हाथ लगाने लगा और किस करने लगा।

“नही देवा भैया!! ये सब अच्छी बात नही!! मैं उस तरह की औरत नही हूँ” वो कहने लगी.

मैंने उनकी एक बात नही सुनी और उनकी टांगो पर हाथ घुमाता हुआ उसके खूबसूरत घुटनों तक पहुच गया और बार बार किस किये जा रहा था। फिर साड़ी को और उपर तक उघाड़ दिया जिससे उसकी खूबसूरत कदली समान सेक्सी जांघो के दर्शन हो गये तो जीवन सफल हो गया।

मेरी आँखों में वासना की लहरे दौड़ने लगी और मैं उसकी दोनों जांघो पर हाथ लगाकर उसकी सुन्दरता को महसूस करने लगा। फिर काफी किस किया। अब मेरे से रहा न गया। सुप्रिया की चूत की एक झलक पाने को मेरी आँखे तरसी जा रही थी।

मैंने मन ही मन सोच लिया की आज इस माल को चोद लूँगा, फिर चाहे जो हो जाए। मैंने उसी वक्त सुप्रिया की साड़ी को पेटीकोट के साथ ही बिलकुल उपर उठा दिया तो सामने उसकी मुनिया रानी यानी जवां चूत के दर्शन हो गये मुझे। उसका दिल भी धड़कने लगा की अब क्या होगा।

“टांग खोलो सुप्रिया जान!!” मैंने कहा.

वो बराबर इंकार करती रही पर पैर खोल दी। मैं बिलकुल करीब आकर उस पूनम के चाँद (उसके भोसड़े) का दीदार करने लगा। फिर मैं भी सुप्रिया पर लेट गया और उसकी चूत के पास नाक लगाकर उसकी सुंगध लेने लगा। मित्रो सुप्रिया मेरे घर पिछले 3 4 सालो से आ रही थी। इसलिए हमेशा से वो मुझे पसंद थी।

बड़े दिनों की तमन्ना थी मेरी उसके साथ मजे लूटने की। उसकी भरी हुई चूत मेरे लिए सबसे आकर्सन का केंद्र थी। मैं उँगलियाँ लगाकर उसे छूकर देखने लगा। फिर जीभ लगाकर चाटने लगा। सुप्रिया “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” करने लगी। “नही देवा भैया!! मैं उस तरह की औरत नही” वो कहने लगी.

मैंने नही सुनी और काफी देर तक उसकी चूत को चाटता रहा। जल्दी जल्दी जीभ लगा लगाकर गुलाबी और खूबसूरत चूत को चाट रहा था। धीरे धीरे सुप्रिया ने अपने पैर पूरे ही खोल दिए। मैंने खूब मजा ले लिया। अपनी पेंट मैंने उसी वक़्त उतार दी और निकर भी उतार दिया। फिर अपनी बीबी की सहेली की चूत में लंड पकड़कर चूत में घुसा दिया। फिर चोदने लगा।

जैसे ही मेरा लंड उसकी घुफा में घुसा सुप्रिया “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” करने लगी। मैं उसकी कमर को पकड़कर उसे पेलने लगा। वो आहे भरने लगी। सोफे पर ही आज उसकी चूत का काम लगाये जा रहा था।

वो न न करती रही और मैंने गेम बजा दिया। 4 5 मिनट जब चूत में धक्के देता रहा तो सुप्रिया भी मान गयी और अपने पैर खोलकर अच्छे से सेक्स करने लगी। मैं कमर उठा उठाकर उसका काम लगाने लगा। कुछ ही देर में वो मुझसे पट गयी और आराम से सेक्स करने लगी। “Jawan Chut Ke Darshan”

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““हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… चोदो चोदो…. आज मेरी चूत फाड़ फाड़कर इसका भरता बना डालो जाननननन….” वो कहने लगी.

“क्यों डार्लिंग!! अभी तो मुझे भैया भैया बोल रही थी। अब क्या हुआ मेरी जान” मैंने कहा और चूत में जल्दी जल्दी धक्के देता रहा.

“अब भैया सैंया बन गया” वो कहने लगी.

फिर हम दोनों ही मजे करने लगे। मैं उस पर अच्छे से लेट गया और तेज तेज धक्के चूत में देने लगा। ओह्ह कितनी कसी चूत थी उसकी। मेरा तो लंड ही जकड़ा जा रहा था। काफी देर मैंने सुप्रिया का गेम बजाया। फिर लंड बाहर निकाल दिया। उसकी चूत का दीदार करने लगा।

“चलो सुप्रिया डार्लिंग!! नंगी हो जाओ!! ये पर्दा क्यों??” मैंने कहा.

अब सुप्रिया मेरी आशिक बन गयी थी। खुद अपने हाथो से अपने ब्लाउस के बटन खोलने लगी और मुझे देख के मुस्करा रही थी। धीरे धीरे उसने अपनी साड़ी ब्लाउस को खोल दिया। फिर ब्रा पेंटी को उताकर पूरी तरह से नंगी हो गयी। मैं सोफे पर बैठ गया।

“आ जाओ डार्लिंग!! मेरा लंड चूसो!!” मैंने बोला.

सुप्रिया तो पहले से काफी सेक्सी और जवान थी। मेरे 8” के खम्बे को उसने पकड़ लिया और फेटने लगी। मैं सोफे पर आराम से हाथ खोलकर लेट गया। सुप्रिया मेरे मोटे खम्बे से खेलने लगी।

“देवा भैया!! आपका लंड तो कुछ जादा ही मोटा है” वो बोली.

“क्यों तेरे पति का इससे पतला है क्या??” मैंने कहा.

“उनका तो नन्हा सा है” सुप्रिया बोली.

उसकी चूचियां 32” की थी। गोल गोल और बड़ी प्यासी। मैं हाथ से उसकी निपल्स को छेड़ने लगा। सफ़ेद चूचियों पर काले चमकदार सिक्के जैसे निपल्स बला की खूबसूरत लग रही थी। सुप्रिया ने मेरे खम्बे को जीभ लगाकर चाटने लगी।

जैसे जैसे मेरे खूटे को पकड़कर मुठ देने लगी वैसे वैसे मुझे बड़ा आराम मिलने लगा। बड़ा आनन्द आने लगा। सुप्रिया बहुत अच्छा फेट रही थी। दूसरे हाथ से मेरी गोलियों के साथ खेलने लगी। फिर झुक गयी और एक हाथ से लंड फेटती रही और मुंह लगाकर मेरी गोलियों को मुंह में लेकर चूसने लगी। “Jawan Chut Ke Darshan”

“उ उ सी सी सी….. ऊँ…ऊँ….वाह मेरी जान!! क्या मस्त चूसती है तू…अअअअअ…!!” मैंने कहा.

फिर तो सुप्रिया पूरी तरह कामवासना में होकर जल्दी जल्दी मेरी दोनों गोलियों को टॉफी की तरह चूसने लगी और मुझे गर्म करने लगी। साली अभी नही नही बोल रही थी। अब सही सही कर रही थी। जल्दी जल्दी मेरे खम्बे खम्बे को फेट रही थी जैसे रंडियां अपने आशिको के लंड फेटती है। मैं भी बिलकुल मस्त हो गया। अब मेरी बीबी की सहेली सुप्रिया ने मेरे सुपाडे को मुंह में ले लिया और फिर सम्पूर्ण लंड ही अंदर मुंह में लील गयी और दबा दबाकर चूसने लगी।

“ओह्ह जान!! तेरा जवाब नही!! कहाँ सीखा ये सब” मैंने कहा.

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सुप्रिया अपने काम पर लगी रही और जल्दी जल्दी चूसती रही। मुझे लगा की कही झड़ गया तो इसकी गांड नही चोद पाउँगा। इसलिए मैं अपने दिमाग को काबू कर रहा था। सुप्रिया ने मुझे अत्यधिक आनन्द दे दिया।

सोफे पर मुझे लिटाकर आधे घंटे मेरे लंड को किसी रंडी की तरह अपने खूबसूरत ओंठो से चूस डाला। मैं स्वर्ग में पहुच गया। फिर उसके सिर पर हाथ रखकर मैंने उसके मुंह को और लंड पर दबा दिया। मेरा 8” का मोटा खम्बा उसके गले तक घुस गया और मुझे बहुत अच्छा लगा। चूस चूसकर उसने मुझे अत्यधिक सुख दिया। फिर लंड अपने मुंह से बाहर निकाला।

“चलो जान!! आओ मेरे लंड की सवारी करो!!” मैंने बोला.

सुप्रिया उठी और मेरे लंड पर आकर बैठ गयी। मेरे खूटे को पकड़कर उनसे चूत में लगा लिया और जैसे ही नीचे बैठी मेरा लंड उसकी भोसड़ी में घुस गया। सुप्रिया “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा सी सी सी” करने लगी। फिर मेरे सीने पर उसने अपने हाथ रख दिए और उठ उठकर सम्भोग करने लगी। “Jawan Chut Ke Darshan”

उसकी 32” की चूचियां को मैंने दोनों हाथो से पकड़ लिया और दबाने लगा और खेलने लगा। वो खुद ही उठ उठकर काम लगवाने लगी। मुझे उसकी अदाये बहुत अच्छी लगी। उसने छोटी कर रखी थी। उसी वक्त मेरी बीबी आदिती का फोन आ गया। मैं फोन को पिक किया और कान से लगा लिया।

“कैसे हो जान!! क्या कर रहे हो??” मेरी बीबी.

“कुछ नही बस आराम चल रहा है” मैं बोला.

“देखो अगर कुछ स्पेशल खाने का मन हो तो सुप्रिया को बुला लेना” आदिती बोली.

“हां जान! ठीक है। मैं सुप्रिया से ले लूँगा” मैंने कहा और फोन काट दिया.

उसके बाद हम दोनों चुदाई पर फोकस करने लगे।

“देवा भैया!! कैसा लग रहा है??” वो पूछने लगी.

“मजा आ रहा है रानी!! चलो जल्दी जल्दी से मेरे लंड पर कूदो! और मुझे मजा दो” मैंने कहा.

अब सुप्रिया गमा गम मेरे लंड पर ऐसे कूदने लगी जैसे फ़ुटबाल खेल रही हो। उसकी तनी हुई चूची भी हिल हिलकर डांस करने लगी। जल्दी जल्दी मेरे लंड पर उठने बैठने लगी तो कितना मजा मुझे मिलने लगा। मैं भी “……अई…अई….अई…..इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की आवाजे निकालने लगा।

सुप्रिया बड़ी चुदक्कड औरत निकली और अपने पतली कमर को मटका मटकाकर सेक्स करने लगी। मुझे तो बहुत अच्छा लगा। अपनी चक्की में लेकर मेरे लंड को चबाये जा रही थी। मेरा तो पसीना निकलवा दिया उसने और बुरा हाल कर दिया। मुझे तो पीस डाला उसने। “Jawan Chut Ke Darshan”

“सुप्रिया जान!! तू तो बड़ी चुदक्कड औरत निकली!!” मैंने हांफते हुए सांसे भरते कहा.

वो हंसने लगी.

“देवा भैया!! तुम क्या सोच रहे थे की एक तुम भी चोदू मर्द हो। मैं तुमसे बड़ी चुदक्कड औरत हूँ” वो कहने लगी। फिर आगे को मेरी तरफ झुक गयी और अपनी चूत को जल्दी जल्दी चलाने लगी। इस तरह मुझे बहुत मजा मिला। फिर मैं भी नीचे से धक्के देने लगा और फिर सुप्रिया की चुद्दी में शहीद हो गया। वो मेरे उपर ही पसर गयी और हम दोनों मोहब्बत के पेंच लगाड़े लगे।

कुछ देर बाद वो कपड़े पहनकर चली गयी. कुछ दिन गुजर गये. फिर से मेरा लंड महाराज खड़ा होने लगा और किसी चूत की डिमांड करने लगा. फिर से मुझे सुप्रिया की याद आई. उसका घर तो मेरा पास में ही था. मैंने कपड़े पहने और अच्छी तरह से तैयार होकर उसके घर चला गया. मैंने उसके दरवाजे पर दस्तक दी. वो समझी की उसका पति आया है.

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“आती हूँ बाबा!!” वो अंदर से बोली.

जब दरवाजा खोला तो मुझे देखकर फक्क रह गयी.

“देवा भैया!! तुम यहाँ क्यों आये हो?? अगर किसी से देख लिया तो??” वो बोली.

मुझे देखकर वो जादा खुश नही थी. नाराज दिख रही थी.

“सुप्रिया!! जान तू कह रही थी की मेरे घर आएगी पर तुम तो उस दिन से गायब हो गयी हो. मेरे अंदर आग लगी हुई है. तेरी कसी चूत मारने की तलब बहुत तेज लगी है” मैंने कहा.

“देखो यहाँ मत आया करो!! मेरे पति ने देख लिया तो मेरा लगा दबा देगा. वैसे ही वो मुझ पर शक करता है” सुप्रिया बोली.

“ठीक है! अगली बार नही आउंगा. पर अभी तो चूत दे ही दे” मैंने कहा.

वो बड़ी मुस्किल से राजी हुई. दरवाजे के सामने से हट गयी. मैं अंदर चला गया. सुप्रिया ने अगल बगल देखा की कोई है तो नही. फिर वो भी दरवाजे पर कुण्डी लगाकर अंदर आ गयी. हम दोनों उसके बेडरूम में चले गये. उसके बाद दोनों ही बेड पर जाकर बैठ गये. फिर से मैंने उसे जल्दी से बाहों में भर लिया.

आज मेरी बीबी की सहेली और मेरी बुलबुल नीली मैक्सी में थी और बहुत जँच रही थी. मैंने उसे बाहों में भरके खूब किस किया. ओंठो पर किस किया. फिर कपड़े उतारकर उसके मस्त मस्त 32” के दूध चुसे. फिर सुप्रिया को लिटाकर उसके पैर खोलकर उसकी चूत फिर से बजा डाली. जल्दी निपटाकर मैं उसके घर से चला गया. दोस्तों, मेरी बीबी और 7 दिनों तक मायके में रुकी रही और इस बीच सुप्रिया मेरे घर पर आकर चुपके से चुदवा लेती थी।

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