Sexy Horny Professor Lady – कॉलेज की कैंटीन में सेक्स हो गया

Sexy Horny Professor Lady – कॉलेज की कैंटीन में सेक्स हो गया

Sexy Horny Professor Lady

मैं इंदौर के कॉलेज में एक कैंटीन चलाता हूं यह कैंटीन चलाते हुए मुझे दो वर्ष हो चुके हैं इन दो वर्षों में मुझे कॉलेज के लगभग सारे बच्चे पहचानते हैं और वह सब लोग मुझे विक्की कह कर बुलाते हैं, मैंने उनसे पूछा तुम लोग मुझे विक्की क्यों बोलते हो? कुछ बच्चों का जवाब था कि सब आपको विक्की कहते हैं इसलिए हम भी आपको विक्की कहते हैं। Sexy Horny Professor Lady

जब मैंने यह कैंटीन शुरुआत में ली थी तो उस वक्त कॉलेज में एक लड़का था उसने ही मेरा नाम विक्की रख दिया उसके बाद से सब बच्चे मुझे विक्की ही कहते हैं, वैसे मेरा नाम विवेक है। बच्चों की वजह से ही मेरा काम चलता है इसीलिए मैं उन्हें खुश रखता हूं.

कैंटीन चलाने से पहले मैं एक दुकान में काम किया करता था लेकिन वहां के मालिक से मेरी बिल्कुल भी नहीं बनी इसलिए मैंने वहां काम छोड़ दिया, वह मुझे समय पर पैसे भी नहीं देते थे और उसके बाद मुझे ही कहते कि तुम काम अच्छे से नहीं करते हो, उस वक्त मैं काफी परेशान था.

और तब मेरा दोस्त मुझे मिला और उसने ही मुझे यह कैंटीन दिलवाई, जबसे यह कैंटीन मैं चला रहा हूं उसके बाद से मेरी आर्थिक स्थिति भी काफी अच्छी हो चुकी है और मैं अब पहले से ज्यादा खुश भी हूं। कॉलेज में कई लड़कों का मेरे कैंटीन में उधार है और एक बार एक लड़के से मैंने कहा कि तुम मेरे पैसे कब दोगे.

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लेकिन वह उल्टा मुझ पर ही भड़क गया और उस वक्त उसने मुझसे बड़ी बदतमीजी से बात की मुझे उसकी बात का बहुत बुरा लगा वहां पर कुछ और लड़के भी बैठे हुए थे वह मेरे पास आए और कहने लगे विक्की भैया क्या हुआ?

मैंने उन्हें कहा मैंने इससे पैसे के लिए कहा तो यह मुझ पर ही उल्टा भड़क गया और कहने लगा कौन सा हम आपके पैसे लेकर कहीं चले जाएंगे, उन लड़कों ने भी मेरा साथ दिया और उसे समझाते हुए कहा कि तुम विक्की भैया के पैसे दे दो, उसने कहा कल मैं विक्की भैया के पैसे दे दूंगा।

उन लड़कों ने ही मामले को शांत करवाया तभी कुछ देर बाद भावना मैडम भी आ गई, वह मुझसे प्यार से पूछने लगी विवेक क्या हुआ? मैंने उन्हें जवाब देते हुए कहा मैडम कुछ भी नहीं हुआ। वह कहने लगी कुछ तो हुआ है क्योंकि कैंटीन में काफी शोर शराबा हो रहा था.

मैंने उनसे कहा हां मैडम वह एक लड़के ने पैसे देने थे लेकिन वह मुझे कहने लगा कि कौन सा हम आपके पैसे लेकर चले जाएंगे, इस बात पर थोड़ी उससे नोकझोंक हो गई। भावना मैडम नेचर की बड़ी अच्छी हैं उन्होंने मुझे कहा तुम बच्चों को उधार मत दिया करो.

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मैंने उनसे कहा मैडम उन्हीं से तो मेरी कैंटीन चलती है यदि मैं उन्हें उधार देना बंद कर दूंगा तो मेरा काम कैसे चलेगा यह कहते हुए वह भी वहां से चली गई और मैं जब घर लौटा तो मेरी पत्नी मुझे कहने लगी आज तुम बहुत देरी से आ रहे हो? मैंने उसे कहा हां रास्ते में एक जरूरी काम पड़ गया था इसलिए आने में थोड़ी देर हो गई।

वह कहने लगी मैं तुम्हारा इंतजार कर रही थी और तुम्हारा फोन भी मैं कब से ट्राय कर रही थी लेकिन तुम्हारा फोन लग ही नहीं रहा था मुझे कुछ सामान मंगवाना था, मैंने अपनी पत्नी से कहा मैं अभी ले आता हूं, वह कहने लगी नहीं अब रहने दो अब काफी देर हो चुकी है कल ही तुम वह सामान ले आना।

मैंने उससे पूछा क्या कोई जरूरी काम था? वह कहने लगी हां मेरी मम्मी ने किसी के हाथ कुछ सामान भिजवाया था वह सामान उनके घर से लेकर आना था और वह तुम्हारे कॉलेज के पास ही रहते हैं। मैंने कहा ठीक है मैं कल आते वक्त ले आऊंगा उसके बाद मैं बाथरूम में नहाने के लिए चला गया मेरा हमेशा का रुटीन है कि मैं हर रोज कॉलेज से आने के बाद नहाता हूं।

अगले दिन जब मैं कॉलेज गया तो उस लड़के ने अगले दिन मुझे पैसे दे दिए थे और वह कहने लगा भैया मेरी आपसे कोई दुश्मनी थोड़ी है जो मैं आपके पैसे लेकर चला जाऊंगा, मैंने उसे कहा अब यह बात तुम रहने दो कोई बात नहीं, मैंने उसे समझाते हुए कहा कि मैं भी घर से कोई इतना बड़ा आदमी नहीं हूं कि सब लोगों को इतना उधार देता रहूं लेकिन तुम लोगों से ही मेरी कैंटीन का काम चलता है इसीलिए मैंने तुमसे कहा था कि तुम मुझे पैसे दे देना.

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वह कहने लगा विक्की भी कोई बात नहीं आज के बाद आपका जितना भी हिसाब बनता है आप वह मुझे बता दिया कीजिए उसके बाद वह लड़का वहां से चला गया। कुछ देर बाद भावना मैडम आई और वह कहने लगी विवेक अभी नाश्ते में कुछ बना हुआ है, मैंने उन्हें कहा हां मैडम नाश्ते में पराठे बने हुए हैं.

वह कहने लगी तो मेरे लिए परांठे लगा देना, मैंने उन्हें कहा क्या बात है आज आपने घर पर नाश्ता नहीं किया, वह कहने लगी तुम यह बात ना ही पूछो तो अच्छा है, मुझे कुछ समझ नहीं आया और उस दिन वह काफी परेशान भी लग रही थी, मैंने उनके लिए परांठे लगवा दिए और जब उन्होंने नाश्ता कर लिया.

तो उसके बाद मैंने उनसे पूछा तो वह कहने लगी आज मेरा घर पर झगड़ा हो गया था इसीलिए मैंने घर में नाश्ता नहीं किया। वह मुझे कहने लगी मेरा घर पर अब बिल्कुल मन नहीं लगता मैंने भावना मैडम से कहा आप तो बड़ी ही अच्छी महिला है लेकिन आपको देखकर मैंने कभी नहीं सोचा था कि आप इतनी परेशान होंगी।

वह मुझे कहने लगी विवेक तुम्हें क्या बताऊं मेरी परेशानी का कारण तो बस इतना ही है मैं अपने पति से कुछ चीजों की मांग करती हूं लेकिन वह मेरी इच्छाओं की पूर्ति नहीं कर पाते मै जब भी उनसे बात करती हूं तो वह मुझे कहते हैं तुम मुझसे इस बारे में बात ना किया करो इसी वजह से हमारे घर में झगड़े होते रहते हैं और इसका असर हमारे निजी जीवन पर पड़ने लगा है।

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मैंने उनसे पूछा मैडम आपको किस चीज की कमी है। वह कहने लगी तुम्हारी तो शादी हो चुकी है और तुम्हें पता होगा एक औरत को क्या चाहिए होता है। मैं समझ गया उन्हें क्या चाहिए मैंने उनसे कहा मैडम आप इस बारे में अपने पति से बात कीजिए।

वह मुझे कहने लगी उनके बस की बात नहीं है। मैंने जब उनके कोमल हाथों पर अपने हाथ को रखा तो वह खुशी से झूम उठी वह मुझे कहने लगी विवेक अब तुम ही मेरी इच्छा पूरी कर सकते हो। मैं भी उनके हुस्न को देखकर फिदा तो था ही लेकिन मैंने कभी उनके बारे में सोचा नहीं था परंतु जब मुझे उनके जैसी टाइट हुस्न वाली मिल रही थी तो मैंने भी मौके को नहीं गांवाया। “Sexy Horny Professor Lady”

मै उन्हें कैंटीन के बाथरूम में लेकर चला गया वह तो जैसे सेक्स की भूखी थी उन्होंने मेरी पैंट की चैन को खोलते हुए मेरे लंड को बाहर निकाल लिया और मेरे लंड को चूसने लगी। वह जैसे ना जाने कितने समय से भूखी बैठी हो मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था.

काफी देर तक ऐसा करने के बाद जब मैंने उनके ब्लाउज के बटन को खोला तो वह कहने लगी विवेक जल्दी से तुम मेरे स्तनों का रसपान करो। मैंने जल्दी से उनके स्तनों का रसपान करना शुरू कर दिया मै बड़े ही अच्छे से उनके स्तनों का रसपान करता रहा। जब मैंने उनकी योनि के अंदर उंगली डाली तो वह गिली हो चुकी थी.

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मैंने उन्हें घोडी बनाते हुए उनकी योनि के अंदर अपने लंड को डाल दिया। मै उनकी योनि के अंदर बाहर अपने लंड को करने लगा उनकी योनि की गर्मी मे बढ़ोतरी होने लगी मुझे मजा आने लगा लेकिन मैं उनकी गर्मी को नहीं झेल पाया जैसे ही मेरा वीर्य पतन हुआ तो मैंने उन्हें कहा मैडम आप मेरा वीर्य पतन हो चुका है।

वह कहने लगी तुम्हारा तो बहुत जल्दी गिर गया मेरी इच्छा पूरी नहीं हुई है। मैंने उनकी गांड पर हाथ फेरा तो उनकी गांड देखकर मेरा मन मचल उठा मैंने जल्दी से उनकी गांड के अंदर अपने लंड को डाल दिया और उनके साथ मैंने काफी देर तक मजे लिए जितनी देर मैंने उनकी गांड मारी उनके मुंह से आवाज निकल रही थी वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी।

उस दिन मैंने उनकी इच्छा पूरी कर दी उसके बाद तो जैसे वह हमेशा ही अपनी इच्छा पूरी करवाने के लिए मेरे पास आ जाती थी। मुझे भावना मैडम की बात करने का तरीका पहले से ही पसंद था और उनके साथ समय बिताना भी अच्छा लगता है। वह मुझे बहुत अच्छे से समझाती भी हैं इसीलिए मैं उनके पीछे फिदा हो चुका हूं मेरा कैंटीन का काम भी अच्छा चल रहा है जिस वजह से मेरे जीवन में खुशियों की बहार आ चुकी है।

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