Sexy Lucknow Nurse Boobs – मुझे आज भी अपनी वो पहली चुदाई याद है

Sexy Lucknow Nurse Boobs – मुझे आज भी अपनी वो पहली चुदाई याद है

Sexy Lucknow Nurse Boobs

मैं लखनऊ अपनी मौसी के घर में अकेली रहती थी और मेरी मौसी अमेरिका में अपनी फैमिली के साथ सेटल थी. उनका बहुत बड़ा माकन खली पड़ा था किउंकी मेरी नरसिंग की जॉब भी लखनऊ में लग गयी थी तो उन्होंने मुझे अपने घर की सारी जिम्मेदारी दे राखी थी. मुझे लखनऊ में छह महीने हो गए थे तो मेरी लखनऊ मैं कई सहेलियां बन गयी थी और मैं अक्सर पार्टीज मैं जाया करती थी और बहुत फ़्लर्ट करती थी. Sexy Lucknow Nurse Boobs

मेरी भरी भरी गांड थी और मेरी चूचियों के तो क्या कहने. मुझे मर्दों को तड़पाना बहुत अच्छा लगता था मैं कई बार तो जान बूझ कर पार्टी या हॉस्पिटल अपना शरीर मर्दों के साथ रगड़ देती थी और न जाने मैंने कितनो के लण्ड खड़े करके बिना किसी से चूत मरवाए बैठा दिए थे.

मैंने सैकड़ो मर्दो के साथ ऐसे ही खेल खेल खेले थे मेरा लखनऊ मैं अभी तक किसी से अफेयर नहीं था पर मैंने दो चार बार जलांधर मैं अपने आशिक़ से चूत ज़रूर मरवाई थी यानि मेरी चूत तब तक किसी से भी जमकर नहीं चुदी थी. जिसका मुझे बहुत अफ़सोस था मैं चाहती थी की कोई मुझे ऐसा रगड़े की मेरी चूत की सारी खुजली मिट जाये.

पर तब तक कोई ऐसा मर्द नहीं मिला था जो मेरी प्यास को शांत करे. मैं तो बस ऊँगली से ही काम चला रही थी या कभी कभी बैगन ले लिया करती थी. पर एक रात मेरे साथ कुछ ऐसा हुआ की मेरे सारी हसरतें पूरी हो गयी.

उस रात ग्यारह बज रहे थे और उस रात भी मैं पार्टी से पी कर लड़खड़ाते हुए घर पहुंची ही थी की तभी मैंने अपने घर के बाहर किसी को अँधेरे में खड़ा पाया मुझे लगा की कोई मेरे कोई हॉस्पिटल से है और कोई इमर्जेसी काम होगा.

मैं एक नर्स थी जिसने अभी अभी अपना कोर्स पूरा करके जॉब करनी शुरू की थी और डॉक्टर साहिब अक्सर मुझे एमर्जेन्सी मैं बुला लिया करते थे. में खड़ा होने के कारण मैं उसका चेहरा साफ साफ नहीं देख पा रही थी. अभी मैं उसको पहचानने की कोशिश ही कर रही थी के उसने रुमाल मेरे मुंह पर रख मुझे कुछ सुंघा दिया और मैं बेहोश हो गयी.

कुछ देर बाद जब मुझे होश आया तो मैंने पाया की मेरी आँखों पर पट्टी बंदी हुई थी और मैं बिल्कुल नंगी थी, मेरे दोनों हाथ ऊपर पंखे की हुक से बंधे हुए थे. उस आदमी ने मेरे मुंह पर भी पट्टी बांध रखी थी और मैं सिर्फ उसे सुन सकती थी.

तभी उसने बोलना शुरू किया और कहने लगा किउं जानेमन बहुत शौक है तुम्हें मर्दों के साथ अपनी यह गांड रगड़ने का और उनके लण्ड खड़े करके तड़पाने का, आज में तुम्हें इतना तडपाऊंगा, इतना तडपउंगा कि तुम जिंदगी में किसी मर्द के लण्ड को इस तरह खड़ा करके उससे बिना चुदाई के नहीं जाने दोगी.

उसकी बात सुनकर में समझ गयी कि यह शख्श मेरी हरकतों से तंग आ कर मेरी चुदाई का प्रोग्राम बना के आया है, किउंकि मैं सैकड़ो लोगो तड़पा चुकी थी इसी लिए मैं उसकी आवाज को और उसको भी नहीं पहचान पा रही थी. मैं समझ गयी कि आज तो यह मुझे छोड़ेगा नहीं किउं कि मैं घर मैं अकेली रहती थी. मुझे पता था कि मेरी चुदाई हो के ही रहेगी.

मैं यह सोच ही रही थी कि वह झुका और मेरी टाँगे चौड़ी कर दी गजब की ताकत थी उसमें, मैं पूरा ज़ोर लगा कर भी अपनी गुलाबी चूत को अपनी जांघों के बीच छुपा नहीं पा रही थी. मुझे लगा की वह अभी मुझे चोदना शुरू कर देगा पर वह झुका और मेरी गुलाबी रसभरी मासूम सी चूत को अपनी गर्म जीभ से चाटना शुरू कर दिया, जैसे ही उसने चाटना शुरू किया मेरी नस नस में बिजलियाँ कड़कने लग गयी.

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उसकी गरम जीभ कभी मेरी चूत के दाने को रगड़ती और कभी चूत की पत्तिओं को रगड़ती. मुझे बड़ा मज़ा जो काम अब तक मुझे जबरदस्ती चुदाई का लग रहा था अब वह मुझे मजा देने लगा था, किउं की मेरी भी चुदाई काफी टाइम से नहीं हुयी थी तो मैंने उसकी इस हरकत जवाब अपने चूतड़ हिला हिला कर देना, जब वह मेरी चूत को चाटता मैं ज़ोर से अपनी चूत को उसके मुंह पर रगड़ देती.

मुझे जन्नत का नजारा आ रहा था वह बहुत बड़ा खिलाडी लग रहा था किउं की मैंने पहले भी चूत चटवाई थी पर आज जो मजा आ रहा था वह किसी ने नहीं दिया वह बिलकुल ब्लू फिल्मों की तरह मेरी चूत को चाट रहा था और अपनी जीभ को मेरी चूत के अंदर बाहर भी कर रहा था.

जब उसने देखा की मैं उसका साथ दे रही हूँ तो बोला जानेमन मन तुम्हारी मुंह की टेप उतरने जा रहा हूँ. पर अगर तुमने शोर मचाया तो मैं दुबारा तुम्हारा मुंह बांध दूंगा. मैं हाँ मैं सर हिलाया तो उसने चूत चाटते चाटते मेरी पट्टी खोल दी. पट्टी खोलते ही मेरे मुंह से ज़ोर की सीत्कार हुई जो मैंने कब से अपने अंदर दबा के रक्खी थी.

वह हस पड़ा और बोला किउं जाने मन अब पता चला तड़पना क्या होता है. उसकी बात सुन कर मैं बोली मेरे राजा तुम हो कौन. तो उसने जवाब दिया मैं वह हूँ जो आज तुम्हें चुदाई का असली मतलब समझाएगा. और तुम्हें दिखाएगा की असली पंजाबी चुदाई के खेल कैसे खेले जाते हैं और इतना कहते ही ज़ोर ज़ोर से चूत चाटने लगा.

मैं मजे मैं पागल हो गयी सिर्फ दो मिनट मैं ही मैं झरने वाली थी. मैंने मजे मैं चिल्लाना शुरू किया की प्लीज रुकना मत और ज़ोर से चाटो मेरी चूत को मैं अपना रास तुम्हारे मुंह पर छोड़ने वाली हु मेरे राजा आह आहहहह ह ह ह रुकना मत राजा आ आ जब उसने देखा की मेरा पानी छूटने वाला हैं.

वह झट से पीछे हट गया. मैं उसकी इस हरकत से तड़प उठी और उसकी मिन्नते करने लगी और उसकी मिन्नते करने लगी की वह मुझे झार दे. पर वह हसने लग गया और उसकी शैतानी हसी ने मेरी चूत की आग और बढ़ा दी.

वह बोला जाने मन मैं अभी आया और इतना कह कर वह चला गया. जाते जाते वह बोला “game is on now”. मैं समझ गयी की यह कोई खेल खेल रहा हैं, मैं वैसे ही उस जगह बंधी हुई अपनी चूत को अपनी जांघों मैं दबा दबा कर मजे लेने की कोशिश करने लगी. तकरीबन २ घंटे के बाद वह आया तब तक मेरे चुदने की चाहत और बढ़ गयी थी.

वैसे तो मैं अंधेरे से डरा करती थी जब तक उसने मुझे यह नहीं सिखाया कि यह कितना अद्भुत हो सकता है। मेरी आँखों पर पट्टी बाँधने से मेरी दूसरी इन्द्रियां नाटकीय रूप से बढ़ गई थी । मेरी आँखों के रुमाल से ढका होने पर मैं अलग अलग इंद्रियों से हालत का जायज़ा लेने की कोशिश कर रही थी, मैं मोमबत्ती को सूंघ सकती थी, उसकी भारी साँस लेने की आवाज़ सुन सकती थी, उसके पसीने की महक सूघ सकती थी.

मैं अपनी रसीली चूत को भी सूघ सकती थी जो उसके चाटने से शहद जैसा रास टपका रही थी, वह नंगा मेरे पास आया और मेरे सामने खड़ा हो गया इतना पास की मैं उसके लण्ड कि खुशबु तक सूघ सकती थी। मुझे पता था कि वह मुझे देख रहा है। मैं एक दम सीधी और नंगी खड़ी थी।

मैं उसका घूरना महसूस कर सकती थी. मेरी चूत से रस टपक रहा था. हालांकि उसने मुझे गुलामो की तरह बांध रखा था पर मैं खुद को एक रानी से कम नहीं समझ रही थी. जिसकी रसीली चूत ने उसे गुलाम बना के रख दिया था और वह आज मजबूर होकर मुझे चोदने जा रहा था इस तरह किसी अजनबी के सामने नंगा खड़ा होना मुझे बहुत उत्तेजित कर रहा था।

वह काफी देर से मेरे सामने नंगा खड़ा था, मैं चाह रही थी कि वह मुझे चोदना शुरू कर दे पर वह मेरे सबर का इम्तिहान ले रहा था और कबसे मेरे सामने चुपचाप खड़ा था. मैं अपनी नग्न चूचियों पर उसकी नज़रों को महसूस कर रही थी, खासकर उस जगह पर जो चॉकलेट की तरह गहरी थी.

वह मेरी नगी चूचियों ऐसे निहार रहा था जैसे कोई भेड़िया अपने शिकार को निहारता है. कभी वह मेरी चूचियों को, कभी वोह मेरे दूधिया पेट को और कभी दो जांघों के बीच मेरी रस टपकाती चूत को निहारता. उसका लण्ड मेरे नंगे बदन को देखकर झटके पर झटका मार रहा था.

मैं घंटों इस पल का इंतज़ार कर रही थी, उसने जब मैं बेहोश थी तब उसने मुझे चूत को चाट कर उठाया था. तब मुझे लगा था की ब वह मेरी जम कर चुदाई करेगा और मेरी चूत की आग अपने लण्ड के पानी से बुझाएगा. पर उसने चूत चाटने के बाद कहा की आज वह एक खेल खेलेगा. “Sexy Lucknow Nurse Boobs”

मुझे वह बड़ा हरामी था और लग रहा था की वह अक्सर ऐसे खेल खेलता होगा वह अच्छी तरह जानता था की किसी औरत की चुदने की चाहत को कैसे बढ़ाते हैं. चूत चाटने की उसकी इस हरकत ने मेरी नस नस मैं आग लगा दी थी.

मैं उसके लोहे जैसे लोडे को चूसना चाह रही थी, मैं तब तक उसके लोडे को चूसना चाहती थी, जब तक की मेरे होठ न दुख्ने लग जाये. फिर मैं उसके लोडे को अपनी गांड में डलवाना चाहती थी और तब तक गांड मरवाना चाह रही थी की जब तक मेरी गांड की धजियां न उड़ जाये अंत में जो मेरी चूत में दो घंटे से जबरदस्त खुजली हो रही थी उसे उसके लोहे जैसे मूसल लण्ड से रगड़ रगड़ कर मिटाना चाहती थी.पर वह तो कोई खेल खेलना चाहता था.

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मैंने उससे कहा की इतनी देर किउं लगा रहे हो. तो वह हस कर बोला की सबर करो सबर का फल मीठा होता है. मैंने उसकी बात को काटते हुए कहा कि मुझे मीठा नहीं नमकीन फल चाहिए. वह हस पड़ा, वह जानता था कि मैं तो उसके लॉलीपॉप जैसे लण्ड कि बात कर रही हूँ, जो कि नमकीन रस टपकाता है.

इसके बाद उसने खेल शुरू कर दिया और वह मेरे पैरों में लेट गया, उसने मेरे पैरों को चाटना शुरूकर दिया. जिसे ही उसने मेरे अंगूठे को मुंह में लिया एक बिजली सी मेरे पैर से शुरू हो कर मेरी जांघों से होती हुई, मेरी चूत में समां गयी.

में सिसक उठी, मुझे लगा कि जैसे मेरी चूत में हजारो चीटियां रेंगनी शुरू हो गयी हैं और मेरी चूत कि दीवारों पर ज़ोर ज़ोर से काट रही है. वह हँसा और बोला क्या हुआ चूत में झटका लगा क्या. मैंने मन में सोचा कि तुझे क्या बताऊँ कि मेरी क्या हालत है, कितनी आग लगी है मेरी चूत में. इतने में वह फिर चालू हो गया.

मेरे हाथ बंधे होने के कारण मैं तो अपनी चूत के दाने को रगड़ भी नहीं सकती थी. बस अपनी जांघों को सिकोड़ कर अपनी चूत को थोड़े बहुत झटके दे रही थी. मेरी चूत से पानी निकल कर मेरी जांघों को चिपचिपा कर रहा था.

मैं सब्र से इंतज़ार कर रही थी कब यह खेल खत्म हो और मुझे इनाम के तोर पर लोहे जैसा लण्ड जमकर पेले. वह जैसे जैसे ऊपर कि और बढ़ रहा था वैसे वैसे मेरी चूत के अंदर कि चीटियां मुझे और ज़ोर ज़ोर से काट रही थी और मैं सिसकियाँ ले रही थी कभी कभी मुझे लग रहा था कि जैसे आज मेरी चूत में किसी ने पेट्रोल डाल कर आग लगा दी है. आज तक मेरी चूत ने कभी भी इतनी आग नहीं ऊगली थी. “Sexy Lucknow Nurse Boobs”

अभी मैं अपनी चूत की आग के बारे मैं सोच ही रही थी कि उसने फिर से मेरी टांगो को चाटना शुरू कर दिया. मैं तड़प उठी और वह मेरी जांघों को अपनी गर्म गीली जीभ से चाटता रहा. मैंने उससे मिन्नत की के वह मेरे हाथ खोलदे ता की मैं उसके लण्ड से खेल सकूं मैं उसकी लण्ड की सख्ती महसूस करना चाहती थी.

मैं देखना चाह रही थी की उसका लण्ड कितना मोटा और लम्बा है. आज तक उसने जितनी भी चूते मारी होंगी सबको क्या उनको भोसड़ा बन कर छोड़ा होगा या उसका लण्ड छोटा सा है. मैं चाहती थी कि वह मेरी गुलाबी और रसीली चूत को ऐसे चोदे कि मैं कई दिन तक ठीक से चल न सकूं.

मैं अपनी चूत को सबक सीखना चाहती थी जिसकी आग ने मुझे इतना तड़पाया था. कुछ देर मेरी जांघों को चाटने के बाद वह मेरी पीठ की तरफ घूम गया. उसने मेरी जांघों को पीछे से चाटना शुरू कर दिया मेरी हालत बद से बदतर होती जा रही थी मैं सोच रही थी की पता नहीं उसके दिमाग मैं कौन सा खेल चल रहा है.

तभी उसने एक झटके से मेरी दोनों चूतड़ों की दरार को चौड़ा किया और झट से अपनी जीभ मेरी गांड के छेद से भिड़ा दी. मैं इस झटके के लिए तैयार नहीं थी और मेरी सिसकारी सारी बेसमेंट में गूँज गयी. वह मेरी गांड को ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा और मेरी जो चीटियां अब तक मेरी चूत को अंदर से काट रही थी वह अब मेरी गांड में भी कुलबुलाने लगी. मैं तड़प उठी और सोचा मुझे पता नहीं था कि गांड में भी इतनी खुजली होती है.

मैं ज़ोर ज़ोर से अपनी जांघों को भींचने लगी ता कि किसी तरह मेरी चूत और गांड को सकून मिल सके. पर उसने मेरी सीत्कार को अनसुना कर दिया और ज़ोर ज़ोर से मेरी गांड का छेद खोल कर चाटने लगा. मुझे नहीं पता था कि उसने मेरी हाथ ऊपर पंखे कि हुक के साथ इस लिए बांधे थे कि मैं अपनी चूत और गांड मैं ऊँगली न कर सकु.

कुछ देर बाद उसने गांड के छेद से अपना मुँह हटाया तो बोल जानु यह मेरी तरफ से तुम्हारी पहली और आखरी चुदाई है और मैं यह चाहता हूँ कि तुम यह चुदाई मरते दम तक याद रखो. मैं बोली इसे चोदना नहीं तड़पना कहते हैं, मेरी बात सुन कर वह बोला जानु अभी तो मैंने तुम्हें तड़पाना शुरू ही नहीं किया. मैंने पुछा क्या मतलब ?? “Sexy Lucknow Nurse Boobs”

मेरा सवाल सुन वह बोला अभी बताता हूँ. वह झट से दूर हट गया और टेबल के पास जा कर कुछ निकाल कर फिर मेरे पास आ गया. मैं उसके दूर जाने और फिर पास आने की आहट साफ़ सुन सकती थी.

वह फिर मेरी गांड की तरफ गया और मे्रे चूतड़ों को खोल कर छेद को चाटा मैं तो पहले ही मरी जा रही थी. उसने मेरी गुलाबी गांड के छेद पर बहुत सारा थूक लगा दिया, मैंने पुछा यह क्या कर रहे हो ??

वह बोला मेरी रंडी अभी बताता हूँ. बहुत शोक हैं तुझे चुदने का रंडी बनने का. आज मैँ तुम्हें ऐसे चोदुंगा की तू हमेशा के लिए रंडी बन कर रह जाएगी. और तुझे दुनिया का कोई और लण्ड नहीं भाएगा. तू हर वकत मे्रे लण्ड और मुझसे चुदाई के बारे मैं सोचेगी.

इतना कहते ही उसने मेरी कुंवारी गांड के गुलाबी छेद में कुछ झटके से ठोंक दिया. मेरी चीख निकाल गयी किउंकी मैंने तब तक चूत तो दो चार बार मरवाई थी पर मैंने कभी गांड में ऊँगली तक नहीं की थी लण्ड तो बहुत दूर की बात थी. उस दिन पहली बार मुझे बताया की इसे डिलडो कहते हैं. और यह तब काम में आता है जब आस पास में कोई लण्ड मौजूद न हो.

मैंने करहते हुए कहा निकालो इसे बहार मैं मर जाऊंगी. वह बोला जानेमन मुझसे चूत मरवाना कोई बच्चों का खेल नहीं और अभी तुमने इस डिलडो का कमल देखा ही कहाँ है. .इतना कहते ही उसने डिलडो का बटन दबा दिया. तब मैं समझी की यह तो वाइब्रेटर वाला डिलडो है.

फिर जो हुआ मैं बता नहीं सकती उसने जैसे ही हिलना शुरू किया मे्रे गांड के अंदर की चीटियां काट रही थी वह और भी ज़ोर ज़ोर से काटने लगी. मुझे इतना मजा आने लगा की मुझे लगा की मैं झर जाऊंगी.

जैसे ही मैं झरने को हुई उसने वाइब्रेटर की स्पीड कम कर दी. मैंने उसकी मिन्नतें करनी शरू कर दी की प्लीज अब तो मुझे झर जाने दो पर उसने मेरी एक न सुनी. और कहने लगा मेरी छिनाल बहुत जल्दी हा तुझे झरने की. मे्रे लण्ड से क्या तेरी माँ चुदेगी. यह जो इतनी देरसे फुंकार रहा है इसको कौन ठंडा करेगी “तेरी बहिन”. अगर चुदने का इतना शोक होता है तो थोड़ा सबर भी कर मेरी रखेल. लण्ड तो तुझे मिलेगा ही पर इस लण्ड की एक कीमत अदा करनी पड़ती है. “Sexy Lucknow Nurse Boobs”

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इतना कहते ही उसने पीछे से मेरी हाथ लाकर चूत में एक ऊँगली डाल दी, और मेरी चूत के दाने को ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लग गया. एक तो मेरी गांड में वाइब्रेटर का धीरे धीरे हिलना ऊपर से पेरी चूत के दाने की रगड़. मेरी तो पसीने से बुरी हालत हो गयी इतना मजा मैंने जिंदगी में कभी नहीं लिया था, अगर कोई कमी थी तो बस मेरी चूत की ठुकाई की, ता कि अब मैं झर जाऊं.

मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरी चूत लब लब पानी से भर गयी है और किसी भी वकत यह बांध टूट सकता है. पर वह कमबकत इतना मंझा हुआ खिलाडी था कि मे्रे झरने के टाइम से बिलकुल पहले या तो मेरी गुलाबी गांड के वाइब्रेटर कि स्पीड कम कर देता था या रसभरी चूत के दाने को मसलना छोड़ देता था.

कुछ देर बाद वह पीछे हटा और उसने मे्रे हाथ जो छत के साथ बांधे थे ढीले कर दिए. मैं खुश हो गयी कि अब मेरी चुदाई होने वाली है. पर तभी उसने मुझे घुटनो के बल बैठने को कहा. मैं सोच रही थी कि यह अब क्या करने वाला है क्या वह मुझे चोदेगा या वह बस मुझे तड़पाएगा.

तभी उसने मेरे बालों को कसके पकड़ा और मेरे मुंह में वह ऊँगली जो उसने मेरी चूत में डाली थी वह डाल दी. अपनी चूत के पानी का स्वाद पाकर मुझे बड़ा मजा आने लगा, मुझे नहीं पता था की मेरी चूत का पानी इतना स्वादिष्ट होगा. उसने मुझे मुँह और ज़ियादा खोलने को कहा.

वह मेरे इतने करीब था की उसके लण्ड की गर्मी और महक मुझे मदहोश कर रही थी. मुझे पता था की मेरी पहली इच्छा जो की उसका तगड़ा मूसल लण्ड अपने मुँह में लेने की थी वह अब पूरी होने जा रही थी.

मैंने सोच लिया था की मैं आज इस लण्ड को चूस चूस कर निचोड़ दूँगी, पर यह सब कुछ उसके ऊपर था की वह मुझसे लण्ड चुस्वाता है या नहीं. अभी मैं ऐसा सोच ही रही थी की उसने घप्प से मेरे मुँह में अपना मोटा लण्ड डाल दिया. “Sexy Lucknow Nurse Boobs”

मैं हैरान थी कि मैंने जितना मोटा लण्ड सोचा था यह उससे कहीं जियादा बड़ा था. वह मूसल जैसा लण्ड इतना बड़ा था कि पूरा मुंह खोलने पर भी, मुँह में बड़ी मुश्किल से आ रहा था. तभी उसने मेरे कुछ सोचने से पहले अपनी कमर और मेरे मुंह आगे पीछे करना शुरू कर दिया.

वह मेरे मुंह में लण्ड को इतनी अंदर तक ले जा रहा था कि मेरा सांस लेना मुश्किल हो रहा था, पर वह था कि मेरे मुंह को घपा-घप चोदे जा रहा था. कभी वह टेढ़ा होता तो मेरी गाल पर ठोकर लगती, अगर वह सीधा ठोकता तो मेरे गले के अंदर तक चोट लगती. मुझे लगा कि वह मेरे मुंह में ही झर जायेगा. लेकिन वह मेरे मुंह को लगातार चोदे जा रहा था.

करीब दस मिनट के बाद उसने मेरे मुंह से लण्ड को निकाला और फिर उसने मुझे खड़ा होने को कहा. उसने रस्सी को फिर से कस दिया पर इस बार रस्सी थोड़ी ही कसी ताकि मै थोड़ा झुक सकूं. तभी मुझे एहसास हुआ कि मेरे मुंह कि कितनी जबदस्त चुदाई हुई है.

मेरा सारा जबड़ा दर्द कर रहा था. गाल भी दुख रहे थे. गाल और होंठ लोहे जैसे लण्ड कि ठोकरे खा खा कर सूज गए थे, मुझसे तो बोला भी नहीं जा रहा था, पर मेरे अंदर चुदाई कि इतनी भूख थी कि में सारे दर्द भूल गयी थी.

तभी उसने मेरे होठो को चूमा और मेरे पीछे कि तरफ चला गया. मेरी पीठ पर हाथ रखते हुए उसने मुझे झुकने को कहा. में रस्सी के सहारे आगे को झुक गयी जैसे कि कोई घोड़ी घोड़े से चुदवाने जा रही हो.

तभी उसने मेरी सूज चुकी गुलाबी गांड के छेद से वाइब्रेटर निकाल दिया मेरी गांड काफी देर तक वाइब्रेटर अंदर रखने के कारण धीरे धीरे बंद हो रही के तभी उसने झुक कर मेरी बंद होती गांड के छेद में अपने लप-लपाती जीभ कि ठोक दिया. और अपनी जीभ को ऊपर नीचे , दाएं बाएं नाचने लगा. मुझे उसकी जीभ ऐसे लग रही थी कि जैसे मेरी गाड़ में कोई बड़ा सा कीड़ा कुलबुला रहा हो. मैं मस्ती में मदहोश होने लगी.

तभी उसने वाइब्रेटर जो कि उसके हाथ में था मेरी चिकनी गुलाबी चूत में पेल दिया और उसकी स्पीड बढ़ा दी. मुझे ऐसा लगने लगा कि जैसे मैं जन्नत कि सैर कर रही हूँ. अब तक मेरे अंदर कि आग भड़क कर सो गुना हो चुकी थी. मैं इतनी मस्त हो चुकी थी कि मुझे सब कुछ गुलाबी नज़र आने लगा था. “Sexy Lucknow Nurse Boobs”

जो चीटियां अब तक मेरी चूत और गांड मैं काट रही थी वह अब मेरे सारे बदन में काटने लगी थी. मुझे उसने इतनी मजबूर कर दिया था कि अगर उस समय मेरे सामने कुत्ता भी आ जाता तो मैं उससे भी चुदवा लेती.

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अब तो मैं मन्नतें मांगने लग गयी थी कि अब तो वह मेरी जम के चुदाई कर दे. तभी उसने अपनी जीभ मेरी गांड के छेद से निकाली और मेरी गांड पर ढेर सारा थूक लगा दिया और अपने गधे जैसे लण्ड के टोपे को मेरी गांड के गुलाबी छेद से लगाया. किउं कि मेरी गांड मैं पहले से वाइब्रेटर निकल चूका था मुझे यकीन था कि उसके लण्ड से मुझे जियादा दर्द नहीं होगा.

तभी उसने मुझे कहा चल मेरी चुद्दकड़ छिनाल तू भी क्या याद करेगी कि मैने तुझ पर तरस खाकर तेरी चुदाई जल्दी शुरू कर दी. इतना कहते ही उसने मेरी कमर को कसके पकड़ा और एक झटके में आधा लण्ड अंदर कर दिया. मुझे तो ऐसा लगा कि किसी ने मेरी कुंवारी गांड में गरम लोहे की सलाख डाल दी हो.

मै दर्द के मारे चीख उठी और छोड़ दो मुझे छोड़ दो मुझे चिल्लाने लगी. उसका लण्ड तो मेरी सोच से कहीं जियादा मोटा था. इससे पहले की मै समभ्ल पाती उसने एक और झटका मार कर सारे का सारा लण्ड मेरी गांड में डाल दिया. में तो बेहोश होते होते बची. तभी वह रुक और मेरी चूचियों को सहलाने लगा वह पीछे से घोड़े की तरह मेरी गर्दन और मेरी पीठ को चूमने लगा.

एक हाथ से वह मेरी चूत के वाइब्रेटर की स्पीड को कम जियादा कर रहा था और एक हाथ से चूचियों को मसल रहा था. मुझे अब दर्द काम होने लगा था और मेरी अंदर की हवस और भड़कने लगी थी. उसने धीरे धीरे अपनी कमर को चलाना शरू कर दिया. मुझे उसका लंड नाभि तक पंहुचा हुआ लग रहा था. “Sexy Lucknow Nurse Boobs”

उसने झटके तेज कर दिए मुझे भी मजा आने लगा और में अपनी कमर पीछे हिलते हुए गांड मरवाने लगी. वह भी अब अपना लण्ड सुपाड़े तक बहार निकल कर दना दन चुदाई कर रहा था मेरी गांड का बैंड बज रहा था और मैं घोड़ी बनी अपनी बैंड बजने का मजा ले रही थी.

मेरी गांड अंदर से छिल चुकी थी पर मैंने भी सोच लिया था की आज मैं टॉप की रंडी बनकर दिखाऊंगी. मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी. मुझे ऐसे लग रहा थी की जैसे मैं किसी बेसबॉल बैट से चुद रही हूँ. पर इस चुदाई का भी अपना मजा था.

मे्रे शरीर का एक एक हिस्सा चुद रहा था. ऐसे तो कोई किसी रंडी को नहीं चोदता जैसे उस दिन मेरी चुदाई हुई और अभी तो खेल बाकी था. तभी मुझे लगा की मैं झर जाऊंगी मेरा जिस्म अकड़ने लगा था मैं झरने ही वाली थी उसने मेरी दना दन चुदती गांड से आपने लण्ड को झटके से खींच लिया और मेरी चूत के वाइब्रेटर को भी निकल लिया.

मैं उसकी इस हरकत से दंग रह गयी. मेरी चूत से मस्ती का फवारा छूटने ही वाला था की उसने ये हरकत कर दी मैं इतनी चुदास हो गयी थी की मैं उसकी मिन्नते करने लगी की प्लीज मुझे चोदते रहो. प्लीज मेरी चुदाई मत रोको मैं झरने वाली थी और वह मेरी चूत को प्यासा छोड़ कर मेरे सामने खड़ा हस रहा था.

मेरी चुदाई की मिन्नतें सुन कर उसे बड़ा मजा आ रहा था. मेरे हाथ और मेरी आँखे बंधी होने के कारण मैं तो अपनी चूत की प्यास अपनी ऊँगली से भी नहीं बुझा सकती थी. तभी शायद उसको मुझ पर तरस आ गया और उसने मेरी चूत से निकाला हुआ वाइब्रेटर मेरी गांड में धकेल दिया और फुल स्पीड पर छोड़ दिया. मैं फिर से जन्नत की सैर पर निकल पड़ी. “Sexy Lucknow Nurse Boobs”

मैं तो इस बात से हैरान थी की उसका कितना कंट्रोल था खुदपर. अगर वह चाहता तो मुझे पांच बार झड़ सकता था और खुद भी झर सकता था. पर उसे तो खेल खेलना था मुझे रंडी होने का एहसास करवाना था. मुझे उस दिन पता चला की चुदाई की चीटियां जब काटती है तो कोई भी औरत रंडी बनने को भी तैयार हो सकती है.

मैं सोच में थी तभी उसने मुझे मेरी जांघों से उठा लिया. वाइब्रेटर अभी भी मेरी गांड मैं फुल स्पीड पर चल रहा था. इसने मेरी दोनों जांघों को अपनी कमर के इर्द गिर्द लपेट लिया और मेरी गांड को पकड़ कर मुझे उप्पर को उठाया. उसके जबरदस्त लण्ड का गरम अंगारे जैसा सुपाड़ा मेरी गुलाबी प्यासी चूत के मुंह से टकराने लगा.

उसके सुपाड़े ही गर्मी से मेरी चूत ने अपना मुँह खोल दिया. उसने कुछ देर मेरी चूत के दाने को रगड़ा और फिर मेरी चूत की पत्तियों को फैलाकर मुझे अपने लोहे जैसे लण्ड पर दबा दिया. उसके लण्ड मेरी गुलाबो जैसी कोमल चूत को चीरता हुआ आधा धस गया.

जैसे ही मेरी चूत मैं लण्ड घुसा मेरी नस नस मैं बिजलियाँ कौंध गई. दर्द को सहते हुए मैं चिल्लाई. हाँ मैं तेरी रंडी हूँ.. हरामज़ादे.. मैं छिनाल भी हूँ और.. मैं तेरे लण्ड की भूखी भी हूँ.. चोद साले चोद मुझे. फाड़ डाल मेरी चूत को जैसे तूने मेरी गांड को चोदा है वैसे ही मेरी गुलाबी चूत की भी धज्जियाँ उड़ादे.

इतना सुनते ही वह भी जोश मैं आ गया और झटके से आठ इंच का मूसल जैसा लण्ड मेरी चूत मैं उतार दिया और मुझे दिन मैं ही तारे नजर आ गये दर्द के मारे मैं हाथ पैर मारने लगी. और हाय हाय करने लगी पर वह कहाँ सुनने वाला था उसने दना दन मुझे चोदना शुरू किया.

उसकी ताकत देखके मैं हैरान थी वह खड़ा खड़ा मुझे गोदी में पकड़ कर ऐसे चुदाई कर रहा था जैसे मैं कोई गुड़िया हूँ. वह सुपाड़े तक लण्ड निकालता और घप से लण्ड जड़ तक पेल देता और उसके लण्ड की ठोकर से मेरी बच्चेदानी हिल जाती. “Sexy Lucknow Nurse Boobs”

लगभग पांच मिनट के बाद उसने मेरी हाथ जो की ऊपर बंधे हुए थे खोल दिए. और मुझे गोदी में ही चोदते हुए बेड पर ले गया. मैंने आँखों की पट्टी उतारनी चाही पर उसने उतरने नहीं दी. तभी उसने मुझे बेड पर चित्त लेता दिया और मेरी दोनों टांगो को अपने कंधे पर रख लिया.

फिर वह मेरे ऊपर झुक गया मेरी टाँगे मेरी चूचियों से लगने लगी. फिर उसने ताबड़ तोड़ चुदाई शुरू की. सारे कमरे में ठप ठप की आवाजे गूंजने लगी. उसका लण्ड इस तरह चोद रहा था की जैसे कोई मशीन मुझे चोद रही हो मेरा अंग अंग टूट चूका था पर में फिर भी झरना छह रही थी.

मेरी चूत का छेद एक दम चौड़ा हो गया था जब वह लण्ड को सुपाड़े तक खींचता तो ऐसा लगता की मेरी बच्चेदानी बहार आ जाएगी. और जब वह लण्ड को जड़ तक पेलता तो ऐसा लगता वह मेरी रस भरी चूत को बीच में से चीर देगा. उसने आधा घंटा मुझे उसी तरह चोदा.

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मैं अब झरने वाली थी तभी वह बोला की इस बार मैं रुकूंगा नहीं तैयार हो जायो मेरे लण्ड का अमृत अपनी चूत को पिलाने को मैं भी सम्भल गयी तभी उसने इतनी जोर से चुदाई शुरू कि के सारा बेड हिलने लगा जैसे भूचाल आता है उसके लण्ड कि चोट से मेरा सारा बदन हिलने लगा.

मैं भी चिल्लाने लगी चोद मेरे गांडू चोद दे. बर्बाद कर दे मेरी चूत को भरदे अपने मूसल जैसे लण्ड के पानी से इसे, मैं तेरे लण्ड कि दासी बन के रहूंगी चोद डाल चोद डाल. और यह कहते कहते मैं झर गयी. मेरी चूत से मेरे रस कि नदियां बह गयी इतना पानी तो मेरी गुलाबो ने कभी नहीं छोडा था. मेरा सारा शरीर कांप रहा था. मेरी चूत रुक रुक के पानी छोड रही थी.

तभी वह बोला ले मेरी रंडी पी ले मेरे लण्ड के पानी को जी भर के पी और वह भी झर गया. उसके लण्ड ने भी ऐसा गरम फवारा छोडा कि मेरी चूत को पूरा भर दिया. वह धीरे धीरे झटके मारता रहा जब तक की उसके लण्ड के मस्त पानी की एक एक बूँद न टपक गयी.

वह मेरे ऊपर ही निढाल हो कर पड़ा रहा. मैंने अपनी आँखों कि पट्टी हटानी चाही पर उसने ऐसा न करने दिया. मैंने भी ज़ोर नहीं डाला किउं कि मुझमें इतनी हिम्मत ही नहीं थी कि मैं उससे कोई बहस करती. “Sexy Lucknow Nurse Boobs”

मेरी चूत अब भी झटके मर रही थी वह थोड़ा सा हिला और उसने अपना लण्ड मेरी सूज चुकी चूत से बाहर निकाला जैसे ही लण्ड बाहर निकला एक चीस सी उठी मेरी चूत में. मेरी चूत से उसके माल और मेरी रस कि नदी सी बहती हुई मेरी गांड के छेद को भिगोने लगी. वह मेरे ऊपर से उठ चूका था.

मेरी चुदाई के बाद ऐसी हालत हो गयी कि मुझे पता ही नहीं चला कि मुझे कब नींद आ गयी. मैं जब सुबह को उठी तो वह जा चूका था मैं हैरान थी कि उसने मुझे जाते वक़्त बताया तक नहीं. उस चुदाई के पांच दिन बाद तक भी मेरी चूत दरद करती रही और आज आठ साल बाद भी जब मैं उस रात कि ज़बरदस्त चुदाई के बारे मैं सोचती हूँ कि काश वह चुदाई एक बार फिर हो जाये.

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