Threesome Chudai Hindi – मेरी खूबसूरत बीवी का गरम जिस्म 2

Threesome Chudai Hindi – मेरी खूबसूरत बीवी का गरम जिस्म 2

Threesome Chudai Hindi

हेल्लो दोस्तों, मैं राजवीर, कैसे है आप सब लोग. दोस्तों आपने मेरी कहानी के पहले भाग मेरी खूबसूरत बीवी का गरम जिस्म 1 में आपने पढ़ा की मुझे एक आथिया नाम की लड़की मिली थी जिससे मैंने शादी कर लि, और हम दोनों साथ में खूब चुदाई करते. अब आगे – Threesome Chudai Hindi

मै: (काजल लेकर आया) लाओ भाभी आपके टुल्लू मे नजर का टीका लगा देता हूं।

भाभी: ज्यादा बकवास ना किया करो, अपनी बीबी को लगाना।

मै समझ गया भाई ने उन्हें बता दिया है दिव्या मुझे एक पाउडर फेंक मारती है सभी हंसने लगे। दिव्या को भी मेरे साले ने बता दिया होगा। अब सभी बाते करते हैं और नाश्ता करते हैं। अब रात को फिर मुझे अकेला सोना पड़ा। मै फोन कर आज अथिया को बुलाता हूं वो आती है तो मै उसे छत पर ले जाता हूं।

मै:(उसे बांहों मे भर लेता हूं) आह कितने दिनों बाद तेरी बांहों मे आया हूं।

दिव्या: आपकी बांहों मे बहुत सुकून मिल रहा है।

मै उसे स्मूच करने लगा उसे छत पर कोने मे ले जा कान चूसने लगा उसके गर्दन चुसने लगा उसे लिटा उसकी साड़ी ऊपर कर बूर चाटने लगा वो आह आह करने लगी अब लन्ड डाल खाचा खच़ चोदने लगा वो सिसकारी भरती हुई चुदवाती रही।

कुछ 30 मिनट मै उसे चोद उसकी बूर मे झड़ गया वो तीन बार झड़ चुकी थी। अब हम उठे और फाइनल स्मूच कर उसे नीचे भेज दिया और मै हॉल मे सो गया। अब अगले शाम को भाई, मेरा साला और पापा कहीं प्रोपर्टी देखने गए थे मेरी बीबी और भाभी खाना बनाने की तैयारी कर रही थीं। हम सब हॉल मे नीचे बैठे थे दिव्या तो मुझसे तू तड़का मे बात करती ही थीं।

मै: मां देख इसे ये अब भी मुझसे तू करके बात करती है समझा इसे की अब ये मेरे साले की बीबी है मुझसे ऐसे बात ना किया करे।

मै हंस रहा था।

दिव्या: तू चाहे जो हो मेरे लिए तो वो लड़का ही रहेगा जो पैंट मे सूसू कर देता था बड़ा होकर भी।

मै उसे चूंटी काटता हूं।

मै: भाभी साले की बीबी को क्या कहते हैं?

भाभी: सलहज कहते हैं साले की बीबी को मगही मे सरहज कहते हैं।

मै: तो भाभी ये मेरी सरहज़ हुई ना?

भाभी: मुझे तुम दोनो का रिश्ता आज तक समझ नही आया।

मै: देखिए सरहज साहिबा अब आप से तमीज की उम्मीद करता हूं मैं।

वो मुझे मारने लगी।

मां: अब भी बच्चों के जैसे लड़ रहे हो तुमलोग मेरे सामने ही। मै कुछ दिन मे चली जाऊंगी तो क्या करोगे तुमलोग, अथिया और निथिया तुम दोनो देखना की ये लड़ाई ना करें और करे तो पीटना दोनों को।

दिव्या कुछ बोलने ही वाली थी की भईया, पापा साले के साथ आ गए। वो फ्रेस हो बैठे बहुत खुश लग रहे थे।

मै: क्या हुआ बहुत खुश लग रहे हैं?

भाई: मां इसने छोटी उम्र मे बहुत बड़ी जिम्मेदारी उठा ली और उसे पूरा किया।

पापा: तेरा ऑफिस देख कर आ रहा हूं बहुत बड़ा बना लिया।

मै पापा को गले लगा लिया।

मै: ये सब छोड़िए जमीन का क्या हुआ।

भाई: जमीन भी हो गया अगले महीने जा कर अपने साले के नाम करवा देना।

साला: मेरे नाम पर क्यों?

भाई: अरे बहुत सोचते हो तुम साले साहब।

अब सब खाना खा सोने जाने लगीं मेरी भाभी आज भी अपने बच्चों को मेरी बीबी के पास नीचे छोड़ चली गई मेरे भाई के साथ सोने। मै फिर हॉल मे सो गया मुझे नींद नही आ रही थी मै करवटें बदल रहा था। 2 बजे रात को भाभी बाहर निकली और फ्रिज खोली तो मेरी नींद खुल गई वो पूरी तरह अस्त व्यस्त थीं। मै सोफे पर सो रहा था।

मै: मेरी बीबी को निचे फंसा कर खुद मजे ले रही हो, मै इधर अकेला सोया हूं, ज्यादा टुल्लू मे आग लगी है तो बर्फ की सिल्ली ले जाओ और रख लो।

वो मेरे ऊपर कुछ बर्फ के टुकड़े फेंक चली जाती हैं।

मै फिर करवटें बदल सोने लगता हूं। अब कुछ दिन सभी रहते हैं फिर चले जाते हैं मां बहुत दुखी थी दिव्या से अलग हो कर दिव्या भी रो रो कर बुरा हाल कर रही थी मां मुझसे कहती है कि दिव्या का ख्याल रखना। दिव्या चाहती थी कि मां रुके इसलिए वो बहुत रोई। मै उसे चुप कराता हूं। एक दिन बाद वो ठीक हो गई। अब अगले दिन मेरा साला भी बेंगलुरु जाने वाला था।

मै: दिव्या तू भी चली जा।

दिव्या: नही मेरा वहां मन नही लगेगा।

साला: हां उसे कुछ समझ नही आयेगा और ज्यादा दूर थोड़े है मै आता जाता रहूंगा संडे को टाईम निकाल कर।

अब मेरा साला चला गया अब हम सभी नीचे के फ्लोर पर रहने लगे एक रूम मे मै मेरी बीबी और दूसरे मे दिव्या मेरी साली के साथ। मै अथिया को जम कर चुदाई करता और सारा माल बूर मे छोड़ता। कुछ महीने हो गए साला महिने मे दो बार एक दो दिन के लिए आ जाता।

मै प्रॉपर्टी और जमीन दिव्या और साले के नाम से खरीद दिया। सब कुछ अच्छा चल रहा था। एक दिन मेरे मन मे ना जाने कहा से विचार आया। हम लगभग 8,10 महीने से जम कर कर रहे थे और रस बूर मे डाल रहे थे लेकिन कुछ हो ही नही रहा था।

एक बार मेरा साला हफ्ते भर की छूट्टी मे आया हुआ था तो उसे ले मै अपनी पत्नी के साथ एक डॉक्टर को दिखाया वहां कुछ जांच हुई। दो दिन बाद रिपोर्ट आना था तो मै अपने साले बीबी के साथ गया। बीबी बाहर बैठी थी मै मेरे साले के साथ अंदर था।

डॉक्टर ने बोला कि आप बिल्कुल ठीक हैं आपकी पत्नी मां नही बन सकती। मेरा दिमाग सुन्न हो गया। डॉक्टर ने कुछ और भी मेडिकल टर्म बोले लेकिन उनकी आवाज़ मेरे कानों तक नहीं आ रही थी मेरे कान मे सिर्फ सीटी आवाज़ गूंज रही थी।

मेरे साले ने मुझे हिलाया तो मेरा ध्यान आया। डॉक्टर ने कहा कि कुछ ईलाज हो सकता है लेकिन कितना टाईम लगेगा कोई निश्चित नही है। उन्होने कुछ दवाई लिख दी। मेरे दिमाग मे पता नही क्या क्या चल रहा था। हमारी शादी 2013 मे हुई थी अब 2017 आ गया था और अब ये सब। मै सोच रहा था मेरी बीबी को कैसे बताऊंगा वो तो टूट जाएगी।

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मुझे कुछ समझ नही आ रहा था। मै बाहर निकलने से पहले साले को बोल दिया कि अपनी दीदी को मत बताए। वो मेरी तरफ देखा मेरी आंखों मे आंसू थे उसकी भी आंखें भरी थी। हमने आंसू पोछे और बाहर आ अथिया को ले घर आ गए।

कुछ और डॉक्टर को दिखाया सभी ने वहीं कहा। मै अपनी बीबी को नही बताया कुछ लेकिन मेरी उदासी देख उसने एक दिन रात को पुछ ही दिया क्या आया रिपोर्ट मे। मै घबराया नही और जो सोच रखा था वो बोल दिया कि मेरा स्पर्म काउंट कम है कुछ दिन दवाई खाने बोला है।

अथिया बिल्कुल दुखी नही हुई और मुझे गले लगा बोली मै आपकी इतनी सेवा करूंगी की सब ठीक हो जाएगा। वो मुझे बहुत प्यार करती थी। अगले दिन से उसने मेरा ऑफिस जाने आने का समय फिक्स कर दिया और मेरे मोबाईल लैपटॉप को टेबल से यूज करने को कहा।

मुझे बहुत सारे ड्राई फ्रूट्स ला कर खिलाती मुझे उसका ये प्यार देख बहुत हंसी आई और रोना भी मै उसे ड्राई फ्रूट्स खाने बोलता। मुझे दवाई की जरुरत नही थी तो मेरा दवाई नही लिखा था उसे मै ये कहकर खिलाता की ये फर्टिलाइजेशन को बढ़ाता है। कुछ हफ्ते तो ये सब चला लेकिन एक रात को मै उसे प्यार कर रहा था उसके होंठ चूस रहा था मेरे आंखों से आसूं निकल उसके गाल पर गिरे।

अथिया : क्या हुआ आप रो क्यों रहे हैं?

मै उसके सीने से लग फफक कर रो पड़ा। वो पुछती रही मै कुछ नही बोला वो मुझे चुप कराने लगी बोलने लगी कोई बात नही पहले आप चुप हो जाओ मै रोते रोते उसके बांहों मे सो गया। अगले दिन मै उठ कर खाना खा ऑफिस चला गया। शाम को आया तो सभी उदास बैठी थी। मै रूम मे जा कपड़े बदलने लगा अथिया आ गई और मेरे गले लग गई और रोने लगी।

मै: रो क्यों रही हो अब सब ठीक है कल मेरा कुछ तबियत खराब था तो मै रो रहा था ।

मै उसे चुप कराने लगा।

अथिया: आपने झूठ बोला मुझसे प्रॉब्लम मुझमें है और आपने बताया कि आपमें प्रॉब्लम है।

मै चौंक गया।

मै: अरे कोई प्रॉब्लम नही है तुम्हे किसने कहा तुम्हें।

अथिया: दिव्या को भाई ने बताया और मुझे दिव्या ने।

मुझे थोड़ा गुस्सा आया।

मै: अरे कोई प्रॉब्लम नही है, तुम टेंशन मत लो।

मै उसे चुप कराया। अब मै शाम को छत पर टहलने गया कुछ देर मे दिव्या आ गई।

मै:(थोड़ा गुस्सा हो) क्या जरुरत थी उसे बताने की?

दिव्या: बिना उसे बताए उसका ईलाज कैसे निकलेगा।

मै: तुम समझ नही रही हो ये एक बात कितना बड़ा बवाल खड़ा कर सकती है। अगर घर मे समाज मे किसी को पता चल गया कि अथिया मां नही बन सकती है तो क्या होगा तूने सोचा है कितना ताना उसे सहना पड़ेगा। मां तो चलो शायद कुछ ना बोले लेकिन भाभी को तू जानती है। उसका जीना दुस्वार हो जाएगा। “Threesome Chudai Hindi”

मेरे आंखों मे आंसू आ गए।

दिव्या:(मुझे चुप कराते हुए) मै वादा करती हूं ये बात अब इस घर से बाहर कोई नही जान पायेगा।

मै चुप हो जाता हूं।

मै: अच्छा किया जो तुने बता दिया मेरी तो कभी हिम्मत नही होती बताने की।

दिव्या: चल नीचे रात को खाना खा कुछ सोचते हैं।

अब रात को खाना खा हमने आईवीएफ कराने की सोची। अगले दिन हम आईवीएफ गए उन्होंने ने कुछ दिन बाद रिर्पोट दी और कहा कि अभी कुछ साल ईलाज करवाइए कुछ मेडिकल प्रॉब्लम है चांस है बनने का। फिर अथिया ने मना कर दिया आईवीएफ से उसने कहा कि पता नही किसका स्पर्म यूज कर ले। “Threesome Chudai Hindi”

अब हम ईलाज चलाने लगे। कुछ समय बाद मां का फोन आया कि भाई भाभी का झगड़ा हो गया है अपने भाई से बात कर ले। मै भाई को फोन लगाया। भाई बोला कि वो हम दोनो भाई मे झगड़ा करवाना चाहती है मां को भड़का रही थी तुम्हारे खिलाफ की तुम वहीं रहते हों अभी पोता पोती के बारे मे नही सोचते।

मै इधर बहुत टेंशन में था तो उसकी बात समझ नही आया। लेकिन मोटा मोटी समझा यहीं की भाभी मेरी शादी को 4 साल से ज्यादा हो गया है और बच्चा नही हुआ है तो मां से कह रही होगी। मै ये बात दिव्या को बताता हूं वो कहती है कि ये तो चिंता की बात है ऐसे तो सबको पता चल जाएगा। अब कुछ दिन बीत गए मेरा साला आता और हम सबको दुखी देख खुद दुखी हो जाता। एक रात हम सभी बैठे थे निथिया अपने रूम मे पढ़ रही थी। “Threesome Chudai Hindi”

मै: ऐसा करते हैं कोई बच्चा एडॉप्ट कर लेते हैं।

अथिया: नही।

दिव्या: एडॉप्ट करेगें तो क्या कहेंगे आंटी को की नौ महिने नही लगा अचानक बच्चा हो गया।

मै: इतने सारे तो बच्चे हैं, मै भाई से उसका बच्चा मांग लेता हूं।

दिव्या: क्या भाभी देगी और उसे पता नही चलेगा। वो जान गई तो क्या होगा पता है ना।

मै:(थोड़ा रूआंसा हो गया) तो क्या करूं अब ।

दिव्या: ऐसा नही हो सकता किसी और के भ्रूण से तुम्हारा बच्चा हो।

मै: ऐसे कैसे हो सकता है कौन इसके लिए तैयार होगी और इसमें मां को पता नही चलेगा कि नौ महीने नही लगे बच्चा हो गया।

दिव्या: वो मुझ पर छोड़ दो मै सब देख लूंगी।

अब कुछ दिन यूंही निकल गए एक रात को अथिया मेरे कमरे मे दिव्या को भेज दी और बाहर से बंद कर दी मै हैरान था ये क्या हो रहा है।

मै: ये सब क्या चल रहा है तुम यहां क्या कर रही हो।?

दिव्या: पहले बैठ जाओ आराम से बात करते हैं।

मै: बोलो क्या बात है?

दिव्या: मैने सोचा है कि मै तुम्हारे बच्चे की मां बन जाती हूं और उसे मै अथिया को दे दूंगी इससे किसी को पता नही चलेगा और डिलीवरी तक मै आंटी से नही मिलूंगी तो उन्हें पता नही चलेगा।

मै: पागल हो गई हो क्या?

दिव्या: सोचो इससे कितने लोग खुश होंगे।

मै: दिमाग खराब है तुम्हारा मै ये सब नही करने वाला।

वो मुझे सोने बोलती है। मै दरवाज़ा खोलने अथिया को बोलता हूं वो नही खोलती है मै दरवाज़ा पिटने लगा मुझे गुस्सा आने लगा तो दिव्या मुझे बांहों मे पकड़ ली मै उसे धक्का दे दूर किया और दरवाजे को धक्का देने लगा 10 धक्के मे दरवाज़ा टूट गया मेरे कंधे मे दर्द हो गया मै ऊपर कमरे मे जा गेट बंद कर सो गया।

सुबह उठा तो अथिया लकडी साफ कर रही थी दिव्या को थोड़ी चोट आई थी मेरे धक्का देने से मै सीधा तैयार हो बिना खाना खाए ऑफिस चला गया। शाम को आया तो मै किसी से बात नही किया और सीधा ऊपर रूम मे जा सो गया। वो लोग रात को खाने के लिए दरवाज़ा खुलवाने लगे लेकिन मै नही खोला।

अब अगले दिन उठा तो मुझे पूरा दिन नही खाने से कमजोरी सेसी लग रही थी। मै नहा लिया और ऑफिस के लिए तैयार होने लगा तो दिव्या मुझे ले खाने के टेबल पर बैठ गई और खाना खिलाने लगी मै नही खाने लगा। अथिया अब खाना खिलाने लगी। मै नही खा रहा था ना किसी से बात कर रहा था।

कुछ देर मे उनके जोर देने पर मै खाने लगा दोनों अपने हाथों से मुझे खाना खिला रही थीं। मुझे रोना आ रहा था। मै खाना खा आफिस जाने लगा तो उन्होने मुझे नही जाने बोला। अब कुछ दिन ऐसे ही चला अब सब नॉर्मल हो गया था फिर मेरा साला आ गया। उसने मुझे अपने रूम मे बुलाया वहां दिव्या भी थी। “Threesome Chudai Hindi”

साला: जीजा जी दिव्या ने कुछ कहा था आप से।

मै: हां, ये औरतें दिन भर घर मे रहती हैं और फालतू दिमाग लगाती रहती हैं। कल से चलना तू ऑफिस।

साला: मैने ही उसे बोला था।

मै: लेकिन क्यों?

साला: मुझसे मेरी बहन का दुख देखा नही जाता ।

मै: तो ऐसा करो तुम दोनों बच्चा कर लो और मुझे दे देना।

साला: मै ऐसा कर तो लूं, लेकिन मेरी बहन का बच्चा मेरा भी बच्चा होगा कैसा अजीब लगेगा।

मै: कुछ अजीब नही लगेगा।

साला: जीजाजी प्लीज आप मान जाओ ना।

मै गुस्सा करने वाला था।

दिव्या: गुस्सा मत करना ठंडे दिमाग से सोचो। मै सब सोच ली हूं किसी को कानो कान खबर नही लगने दूंगी ये वचन देती हूं हम पांच लोगों के अलावा किसी को भनक भी नही लगने दूंगी कि ये हमारा बच्चा है।

मै: यार तो तुमलोग कर लो ना।

दिव्या: ये अजीब लगेगा और चेहरा साउथ इन्डियन जैसा हो गया तो सबको पता चल जाएगा।

दिव्या हंसने लगी।

मै: कुछ पता नही चलेगा अथिया भी तो साउथ से है। और मामा का चेहरा मिलता है भांजे भानजी से।

दिव्या: अरे अथिया लड़की है साउथ इंडियन मर्द थोड़ा अलग दिखते हैं।

मै: दोनों तो गोरे ही हैं।

साला: जीजाजी प्लीज मान जाओ ना आप।

वो बहुत मनाता है लेकिन मै नही मानता। रात को मै सोने जाता हूं तो अथिया रूम मे आ जाती है मै उससे बात नही करता हूं। वो मुझसे चिपक जाती है और बाहों मे भर मुझे मनाने लगी। वो मुझे स्मूच करने लगी। “Threesome Chudai Hindi”

मै: क्या किया था तुमने उस दिन?

दिव्या: छोड़ो वो बात मै आज तुम्हें प्यार करना चाहती हूं।

हम प्यार करने लगे। मै उसे स्मूच करने लगा उसके मम्मे चूसने लगा उसके कपड़े उतार उसकी बूर चूसने लगा। मै डालने लगा तो वो रोने लगी।

मै: क्या हुआ रोने क्यों लगी।

अथिया: क्या फायदा करने का मै मां तो बन सकती नही।(वो रो रही थी).

मै: पागल हो क्या अभी ईलाज चल रहा है ना।

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वो रोए जा रही थी मै उसे चुप कराने लगा वो रोते हुए मेरी बांहों मे सो गई। अगले दिन मेरे साले और दिव्या ने फिर मुझे मनाने की कोशिश की मै नही माना। फिर मेरे साले ने जाते मुझे बहुत मनाया और रोने लगा मै ठीक है सोचूंगा बोल दिया। अब रात को दिव्या और अथिया मेरे रूम मे आ गए। “Threesome Chudai Hindi”

मै: क्या हुआ?

दिव्या: तुमने सुबह हां बोला था।

मै: सोचूंगा बोला था।

दिव्या: हां तो क्या सोचा।

मै: अभी नही सोचा है!

दिव्या: ठीक है सोचो हम यहीं बैठते हैं।

कुछ देर कोई कुछ नही बोला ।

दिव्या : क्या सोच रहे हो इतनी देर से।?

मै: मै तेरे साथ ऐसा नही कर सकता यार।

दिव्या: तू कुछ मत कर मै कर लूंगी।

मै: नही मेरा मतलब मुझे तेरे साथ वो फील नही आएगी।

दिव्या: फील नही आएगी का क्या मतलब किस तो हम कर ही चूके हैं।

मै: अरे पागल गाल पर किस माथे पर चूमना वो तो मै प्यार से कर देता था।

दिव्या: तो प्यार हुआ ना।

मै: अरे वैसा प्यार नही हुआ ना।

दिव्या: वैसे प्यार की क्या जरूरत है?

मै: ठीक है मै करुंगा लेकिन हमारे बीच बिल्कुल लस्ट नही होगा, आइडिया आया मुझे एक ऐसा कर तु कपड़े पहन कर रखना और खुद को पर्दे से ढंक ले मै एजाकुलेट करूंगा और जब क्लाइमैक्स होने को होगा तो इंसर्ट कर दूंगा। “Threesome Chudai Hindi”

दिव्या:(हंसते हुए) क्या बोल रहा है इससे अच्छा तो पिचकारी से डाल दे।

मै: क्या गलत बोल रहा हूं जब जरुरत सिर्फ बच्चे की है तो लस्ट की क्या जरूरत।

दिव्या: ऐसे बच्चा नही होता है।

मै: ऐसे ही होता है।

दिव्या: मै ऐसा नही करुंगी मुझे चाहिए पूरा प्यार।

मै: तू मेरे लिए लस्ट रखती है।

दिव्या:(हंसते हुए) हां रखती हुं आखिर मै तेरी सरहज़ हुं।

मै: बकवास बंद कर जा अब सो जा।

दिव्या: मै तेरे साथ ही सोऊंगी। देखती हूं तू नारी के सामने कैसे नही पिघलता।

मै: तुझे जो करना है कर मै सो रहा हूं।

दिव्या: अथिया तुम जाओ मै इसे आज देखती हूं बस ये गेट ना तोड़े।

अथिया चली जाती है दिव्या गेट बंद कर बेड पर आ लेट जाती है।

दिव्या: आज तो गेट नही तोड़ोगे ना उस दिन तेरे धक्के से मै गिर गई, मुझे कितनी चोट आई।

मै उसके हाथ को चूम लिया।

दिव्या: यहीं तो प्यार चाहिए मुझे।

मै: भूल जा और चुप चाप सो जा।

दिव्या मुझे कुछ देर रिझाने की कोशिश करती है कभी वो चेहरे पर हाथ फेरती है तो कभी सीने पर कभी कमर पर टांग चढ़ा लेती है और पीठ पर चूमने लगती है मै उसे दूर हटने बोला। कुछ देर मे वो तरह तरह के हथकंडे कर थक जाती है कुछ देर वो मुझे समझाती है मै उसकी बातें सुनते हुए सो जाता हूं।

मै सुबह उठा तो दिव्या मेरे होंठ चूम भाग गई। अथिया दिव्या को सवालिया निगाहों से देख रही थी वो मना करती है अथिया के चेहरे पर थोड़ी निराशा होती है। मै उठ कर नहा कर खाना खा ऑफिस चला गया। अब रात को मै बेडरूम मे गया तो वो दोनों फिर आ गई। “Threesome Chudai Hindi”

मै: आज फिर आ गई कोई बात नही।

आज दोनों तैयार हो कर आई थी साउथ इंडियन ड्रेस मे। दोनो बहुत सुन्दर लग रही थीं।

मै: रिझाने के लिए इतना सजी हो कोई फायदा नही है।

वो दोनों मेरे आजू बाजू लेट गई। मेरे सीने को सहलाने लगी।

मै: ऐसा क्यों कर रही हो तुम दोनो?

दिव्या: तुने हमारे लिए कितना कुछ किया है हम तुम्हारे लिए कुछ करना चाहते हैं तो करने दे और तूने ही तो बोला था अपने पति की हर बात मानना तो मान रही हुं। मै उन्हें वचन दी हुं कि मै तुम्हें बच्चा दुंगी। तो वचन निभा रही हुं।

मै: ऐसे वचन निभाते हैं।

वो मेरे होंठ पर ऊंगली रख दी दोनो मेरे बाजू पर सिर रख लेटी थीं और अपने हाथ मेरे सीने पर चला रही थीं।

दिव्या: आपको पता है अथिया मेरी मां की डेथ हुई थी तो इसने ही मुझे सम्हाला था ये मेरे साथ सारा दिन होता था।

मै: बस कर अब।

दिव्या: नही बताने दो अभी, ये मेरे साथ ही सोता मै रात को रोने लगती तो मुझे गले लगा चुप कराता।

वो मुझे गले लगा बताती है।

मै: बस कर अब पहले मै बच्चा था। अब मै बड़ा हो गया हुं।

दिव्या: तू चाहे कितना भी बड़ा हो जाए मेरे लिए तो वहीं रहेगा जो मुझे प्यार करता था मुझे सम्हाला था। और बड़े होने पर भी सुसु कर पैंट गीला करता था।

वो हंसने लगी।

मै : तुझे अब भी लगता है कि वो सुसु से ही गिला होता था।

दिव्या:(शर्माते हुए) मुझे पता है तेरा नाइट फॉल होता था तू रोता था फिर सुबह उठ कर जल्दी नहा लेता था।

मै कितनी बार तेरे कच्छे धोई हूं।

मै: हां तो तेरे भी तो पीरियड शुरु मे हुए थे तो रोती थी मैने ही मां को बताया था कि तेरा ब्लीडिंग हुआ है।

दिव्या: हां उसके बाद आंटी मुझे अपने साथ सोने बोलने लगी लेकिन फिर भी मै तेरे साथ सोती थी।

मै: और कभी कभी ब्लड मेरे पैंट पर लगा देती थी।

दिव्या: तेरा भी तो गिला कच्छा मेरे कपड़े से टच हो गिला कर देता था जब ठंड मे सट कर सोता था।

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अथिया ये मेरे बाल बनाता था।

मै: और जुएं भी तो निकालता था।

दिव्या मुझे चूंटी काट ली।

अथिया: मेरे मम्मी पापा के जाने के बाद भी इसने मेरे परिवार को सम्हाला।

दुसरा कोई होता तो शादी के लिए मना कर देता लेकिन आपने मेरे भाई बहन को पढ़ाया मुझे संभाला मेरे भाई को नौकरी दिलवाई आप नही होते तो मेरे लालची रिश्तेदार तो हमे मार ही देते। उसकी आँखें भर आई। “Threesome Chudai Hindi”

मै:(उसे चुप कराते हुए) पागल तूने भी तो मुझे इतना अच्छा परिवार दिया है।

अथिया: मेरा भाई तो आपको बहुत मानता है।

दिव्या: हां वो बोल रहे थे कि अगर जीजाजी नही होते तो पता नही उसका क्या होता।

मै: बस करो अब।

दोनों एक साथ: आपने हमारे लिए इतना कुछ किया है अब हमारी कसम आपको हमे भी करने दो।

उनकी आंखों मे आंसू थे। अथिया को मै चुप कराने लगा वो अपने होंठ मेरे होंठ पर रख दी मेरी आंखें बन्द हो गई कुछ देर मे मुझे उसके होंठ का टेस्ट चेंज लगा। मै आंख खोल देखा तो दिव्या मेरे होंठ चूस रही थी। मै उसे हटाने लगा।

मै: क्या कर रही हो तुम?

दिव्या: (मेरे होंठ काटते हुए) कितने रसीले होंठ हैं तेरे।

मै: पहले हटो तुम।

दिव्या: देख मै ना कभी तुझसे नाराज हुई हुं ना रूठी हूं, अब अगर तूने मना किया तो मै कभी तुझसे बात नही करूंगी।

मेरे आंखों मे आंसू आ जाते हैं।

मै: जो करना है तुमलोगों को करो।

दिव्या मेरे होंठ चूसने लगी मै बिलकुल साथ नही दे रहा था।

दिव्या: अथिया तुम किस करो।

अथिया किस करती है तो मै साथ देता हूं।

दिव्या: उसके साथ कैसे अच्छे से किस कर रहा है और मेरे साथ नही। क्या अन्तर है दोनो मे।

मै कुछ नही बोला।

अथिया: प्लीज मान जाओ ना।

उसके आंखों मे आंसू थे।

मै: ठीक है,।

वो दोनो खुश हो गई और मेरे गाल कान गले को साथ मे चूसने लगी। दोनो मेरे होंठ चुसने लगी अथिया मेरा हाथ पकड़ दिव्या के कमर पर रख सहलाने लगी। कुछ देर हम किस कर अलग हुए।

मै: लाइट बंद कर दो।

दिव्या: नही चालू रहने दो।

मै: तो क्या दोनों रहोगी।

अथिया जाने लगी।

दिव्या: मत जाओ ये मुझसे लड़ाई कर सो जाएगा।

मै: अरे लेकिन दोनों कैसे?

दिव्या: क्यों तू दो हसीन जवान लड़कियों को खुश नही कर सकता क्या? तुझमे दम नही है क्या?

वो हंस रही थी।

अथिया: (हंसते हुए)दम तो इतना है की 3, 4लड़कियों को खुश कर सकते हैं।

दिव्या: (हंसते हुए)तो निथिया को भी बुला लें।

मै उसके गान्ड पर मारता हूं।

अथिया: एक बात तो मै कभी बताई ही नही मुझे लगता है निथिया को इनपर क्रश है। वो कुछ तो खिचड़ी पका रही है।

दिव्या: हां मुझे भी कुछ कुछ शक होता है उस पर।

मै: फालतू बातें बन्द करो तुम सब।

दिव्या: ठीक है मुद्दे पर आते हैं।

वो मेरे ऊपर चढ़ जाती है मुझे स्मूच करने लगी मै भी साथ देने लगा उसके मम्मे मेरे सीने पर चुभ रहे थे। वो मेरा हाथ पकड़ अपने कमर पर रखती है। मै हटा लेता हूं। अब वो मुझे उठाती है।

दिव्या: चलो खड़े हो जाओ।

मै खड़ा हो जाता हूं वो मेरा चेहरा पकड़ स्मूच करने लगी मेरा हाथ अपने मम्मे पर रख दबा दी मै हटाने लगा लेकिन उसने हटाने नही दिया।

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दिव्या: चलो अब सब कपड़े उतारो।

मै: कपड़े उतारने की क्या जरूरत है।

दिव्या:(मेरे गर्दन चूसने लगी) कपड़े उतार करने मे बहुत मजा आता है और अथिया ने बताया कि तूझे भी पूरे कपड़े खोल करने मे मजा आता है।

मै; हम मजे के लिए ये नही कर रहे हैं।

दिव्या मेरा टी शर्ट उतार दी और अथिया मेरा पैंट और चड्डी। मै अपना लन्ड छुपाने लगा।

दिव्या: आह कितना प्यारा टुन्नी है तेरा ।

मै:(हंसते हुए) क्या बोल रही है।

दिव्या: जिससे तुने मेरी शादी कराई है उसने मुझे सब सिखा दिया है।

दोनों मुस्कुरा रही थीं। दिव्या मेरे लन्ड को पकड़ ली।

मै: छोड़ इसे।

दिव्या: आह कितना हार्ड हो गया है।

दिव्या: चल अब हमारे कपड़े निकाल प्यार करते हुए।

मै कुछ देर बाद मान गया। मै पहले अथिया को किस करते हुऐ उसके शरीर को सहलाने लगा उसके कान गले गर्दन को चूसने लगा। अब उसके सीने को चूसते हुए ब्लाउज खोल दिया उसने ब्रा नहीं पहनी थी उसकी दो शानदार चूंचियां सामने आ गई।

उन पर जीभ फिरा मै उसके पेट चूमते हुए नीचे बैठने लगा और नाभि चूसने लगा अब उसकी साड़ी उतार दिया वो अब सिर्फ पेटीकोट मे थी मै उसे भी उतार दिया और पैन्टी को मुंह मे भर उतार दिया। “Threesome Chudai Hindi”

दिव्या: वाह कितना रोमेंटिक है तू चल अब मुझे भी वैसे ही प्यार करते हुए कपड़े उतार।

मै:(उसके गाल खिंचते हुए) चल खुद उतार।

वो मेरे गाल पर काट लेती है। अब मै उसे कस कर बांहों मे भर लिया और उसके कान चूसने लगा उसे गुदगुदी होने लगी उसके गर्दन चुसने लगा उसके गले को चूसने लगा उसकी आह निकल गई। अब उसके सीने को चूसने लगा।

मेरा हाथ उसने ब्लाउज के बटन पर रख दिया मै खोलने लगा अथिया हमे देख रही थी। मै ब्लाउज खोल दिया उसने भी ब्रा नही पहनी थी उसके दोनों चूंचियां मेरे नजरों के सामने तने हुए थे मै अपनी आंख बन्द कर लिया। दिव्या मेरे होंठ चूसने लगी और मेरा हाथ अपने चूचों पर रख दी।

दिव्या: आंख खोलो।

मै: (धोरे से आंख खोलता हूं) आह कितनी बड़ी हो गई ये।

दिव्या: क्यों छोटी ही रहने देती इसे।

मै कुछ नही बोला। दिव्या मेरा सिर अपने चूचों पर झुकाती है। मेरा चेहरा उसके चूचों पर था मै जीभ फिरा देता हूं वो सिसक उठी। अब नीचे जाते हुए मै उसके पेट पेडू नाभि चूसने लगा वो सिसकारियां भरने लगी और मेरा बाल सहलाने लगी।

मै अब उसकी साड़ी पेटीकोट उतार दिया अब दांत से उसकी पैन्टी उतार दिया। उसकी गीली बूर की खुश्बू मेरे नाक मे भर गई मै आंख बन्द कर लिया। दोनो ने मुझे बेड पर लिटाया और दोनो तरफ लेट मुझे किस करने लगी मेरे सीने को चूसने लगी मेरे पेट को चूसने लगी। मेरे निप्पल काट लेती।

मै: आह अब तुम दोनों लेटो मै प्यार करता हूं।

अब वो दोनों लेट गई मै दोनों को देखने लगा दोनों गजब की सुन्दर थीं मेरी बीबी की चूंचियां थोड़ी बड़ी थीं क्योंकि मै 4साल से मेहनत कर रहा था उसकी गान्ड भी शेप मे थी। “Threesome Chudai Hindi”

दिव्या: क्या देख रहे हो?

मै दोनों को बारी बारी चूसने लगा उनके जिस्म से प्यार करने लगा दिव्या के चूंचे कड़क और सख्त थे जबकि अथिया के मुलायम और गुलगुल। मै दोनों को सहलाते हुए पीने लगा कभी दिव्या के कभी अथिया के। उनके निप्पल चूसता।  अब उनकी नाभि चूसने लगा उनके पेडू चूसने लगा। दोनो आह आह सी सी कर रही थीं। मै अब अथिया के बूर पर मूंह लगा दिया।

दिव्या:(हैरानी से) उसे भी चूमा जाता है क्या?.

अथिया:(हंसते हुए) क्यों मेरे भाई ने कभी नही चूसा क्या?

दिव्या शर्मा गई।

मै: शर्मा क्यों रही है बोल।

दिव्या: (शर्माते हुए) नही, अगली बार आए तो आप ही बोल देना चूसने को।

अथिया:(हंसते हुए) मै क्यों बोलूंगी तेरा पति है तू बोलना।

सभी हंसने लगे। मै अब अथिया के बूर को बूरी तरह से चूस रहा था उसके जांघ चूस रहा था उसके क्लिट को जीभ से सहला रहा था वो आह आह करने लगी दिव्या गौर से हमे देख रही थी कुछ देर मे ही अथिया झड़ गई। मै उसका सारा रस चाट कर साफ कर दिया। “Threesome Chudai Hindi”

दिव्या: आह कितना मस्ती करते हो तुम लोग।

मै: क्यों तू नही करती क्या?

दिव्या:(शर्माते हुए) करती हूं लेकिन तुमलोग तो अलग लेवल पर हो। अब मेरे साथ भी ऐसा करो।

मै:( हंसते हुए) चल ठीक है।

मै उसके ऊपर लेट उसे स्मूच करने लगा उसके सीने को चूसने लगा अब उसके दोनो कड़क मम्मे को हाथ से सहलाते हुए उन्हें मुंह मे भर लिया और चूसने लगा उसके निप्पल दांत से दबा देता उसकी सिसकी निकल जाती उसके मम्मे चूस मै लाल कर दिया।

अब उसके पेट नाभि को चूसने लगा उसकी सपाट पेट पर नाभि पर जीभ फिराते ही वो आह आह कर उठी। अब पेडू चूसते हुए जीभ सीधा उसकी चिकनी बूर पर फिरा दिया वो आह कर उठी। उसकी बूर पानी छोड़ रही थी जिसका टेस्ट मेरे मूंह मे आया उसकी बूर का टेस्ट अथिया से अलग था।

मै उसकी बूर की फांकों को फैला उसमे जीभ फिराने लगा वो सीसी आह आह ओह ओह करने लगी। उसकी बूर अथिया से थोड़ी अलग थी सबकी बूर अलग अलग होती है ऐसा मुझे लगता था वैसे उस टाईम मै सिर्फ उन दोनो की ही बूर देखा था। मै बूर जोर जोर से चूसने लगा वो आह आह करते हुए झड़ गई मेरा मुंह गिला हो गया मै उसका सारा रस पी गया।  दिव्या आह आह करते हुए शान्त हुईं। “Threesome Chudai Hindi”

मै: कैसा लगा?

दिव्या: आह ऐसा लगा मै बादलों मे उड़ रही हुं।

मै: तो कौन पहले करेगी?

दिव्या: पहले तू अपनी बीबी के साथ ही कर।

मै अथिया को चूमने लगा। अब बेड किनारे उसकी गान्ड कर मै खड़ा हो उसकी टांग फैला दिया और लन्ड बूर पर रख दिया अब उसके तलबे चूसने लगा।

दिव्या: पैर भी चूमता है तू।

मै उसके भी पैर चूसने लगा और अथिया के बूर मे लन्ड घुसा दिया वो सिहर गई आह आह करने लगी अब धीरे धीरे चोदने लगा और पुरा लन्ड घुसा दिया वो आह आह करते हुए चुदाने लगी बहुत दिनो बाद हम चुदाई कर रहे थे। मै उसे बांहों मे भर स्मूच करते हुए चोदने लगा कुछ देर मे जोर जोर से चोदने लगा।

दिव्या: इतनी जोर से कर रहा है उसे दर्द नही होता?

अथिया: आह नही मजा आता है।

मै जोर जोर से दबा कर चूसने लगा और चोदने लगा करीब 10 मिनट बाद अथिया झड़ गई तो उसने मुझे हटने बोला। मै उतर कर उसे प्यार करने लगा।

अथिया: अब आप दोनो करो।

मै दिव्या को बेड किनारे करते हुए उसकी टांग फैला बूर चूसा अब लन्ड घिसने लगा।

मै: एक बार और सोच लो क्या सच मे करना है।

दिव्या: आह डालो अब बहुत सोचते हो तुम मै सब सम्हाल लुंगी।

मै अब लन्ड घुसा दिया उसकी सिसकारी निकल गई।

दिव्या: आराम से करना।

मै: क्यों, अभी तो बहुत उछल रही थी।

दिव्या: अबे तुझे मनाने के चक्कर मे मै बहुत दिन से नही चुदाई हूं।

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मै हल्के हल्के चोदने लगा धीरे धीरे पुरा लन्ड घुसा दिया। वो लम्बी सिसकारी भरने लगी। मै अब उसके ऊपर लेट गया और हल्के हल्के चोदने लगा वो सिसकारियां भरने लगी आह आह करने लगी मै उसके गले को चूसते हुए चोदने लगा वो सी सी करती रही। मै जोर से धक्के मारता तो वो मना करती उसकी बूर एकदम टाईट थी मेरे लौड़े को कसे हुए थी मै हल्के हल्के चोदते रहा. “Threesome Chudai Hindi”

कुछ देर मे मेरे लन्ड को उसकी बूर खींचने लगी और मै चोदते हुए उसकी बूर मे झड़ने लगा वो भी उसी टाईम झड़ गई और हमारी चुदाई की आवाज चप चप पट पट होने लगी मै उसकी बूर मे झड़ गया उसने मुझे सीने से लगा लिया मेरे कमर को अपने पैर से लपेट ली। मै हटने लगा तो वो मुझे जकड़ कर अपने ऊपर करे रही।

दिव्या: ऐसे ही रहो कुछ देर।

मै लन्ड डाले ही कुछ देर पड़ा रहा वो मुझे चूमती रही, अथिया हम दोनो को देख रही थी और मेरे पीठ सहला रही थी। कुछ देर बाद मै उसके ऊपर से उतर गया मै दोनों के बीच मे लेटा था दोनों मेरे सीने से लगीं थीं।

दिव्या: तेरे सीने पर सर रख मुझे बचपन की याद आ गई, बचपन मे भी हम ऐसे ही सोते जब मै उदास होती।

मै:(हंसते हुए) सिर्फ कपड़े पहने होते थे।

वो दोनो मुझे फिर चूमने लगी। मै अथिया को चोदने लगा और उसके अन्दर झड़ गया अब दिव्या को एक बार जम कर चोदा और दोनों को बांहों मे भर सो गया। कहानी अभी जारी रहेगी दोस्तों आगे की कहानी पढने के लिए क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पढ़ते रहिये. “Threesome Chudai Hindi”

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