Village Girl First Sex – बचपन में गाँव की चुदाई कहानी

Village Girl First Sex – बचपन में गाँव की चुदाई कहानी

Village Girl First Sex

मेरे पड़ोस में एक लड़की रही थी सुनयना, मैं मैं अक्सर उसके घर जाता था, वो अभी जवान की दहलीज पे थी मैं भी ज्यादा बड़ा नहीं मुझे उस समय किसी को चोदने का मन करता था इस वजह से मैंने उसके घर और भी ज्यादा जाना सुरु कर दिया, उसके घर बाले समझते थे की दोनों दोस्त है इस्सवजह से पढाई लिखे के बारे में डिसकस करते होंगे, पर मेरा इरादा कुछ और था| Village Girl First Sex

सुनयना एक माध्यम कद काठी की लड़की थी, जैसे की ताजा खीरा हो, बिलकुल खच खच, मुझे बहुत ही पसंद थी, वो सम्ब्ली थी पर बड़ी ही सेक्सी दिखती थी, उसका चूच बड़ा बड़ा नहीं था पर जितना था मजेदार था, चलती थी तो मानो हिरणी भी सरमा जाये और किसी के तरफ देख ले तो सावन बरस जाये, पीछे से अगर आप देख लेते तो मुह से हाय्य्य्य्य के अलावा कुछ भी नहीं निकालता आप तो ठीक रहते पर लंड बेचारा खड़ा होके भी कुछ नहीं कर पाता, मैंने खुद कितने बार मूठ मार के काम चलाया.

एक दिन की बात है मैं उसके घर गया वो घर में अकेली थी उसके घर बाले कही बहार गए थे शाम को आते गर्मी का दिन था, सब लोग अपने अपने घरों में थे, कोई धुप की वजह से बहार नहीं निकल रहा था, मैं उसके घर गया तो वो बोली आज मम्मी पापा और दादी तीनो कही गए है रिश्तेदार के यहाँ वो लोग शाम को पांच बजे तक आएगा.

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मुझे कुछ उम्मीद जगी की हो सकता है आज मैं अपने ज़िंदगी का पहली चुदाई का या तो यों कहिये की पहली बार किसी लड़की को छूने का मौक़ा मिल जाये क्यों की आज तक किसी लड़की को छुआ ही नहीं था वासना की नज़र से. मैंने बैठ गया और बोला “सुनयना आज मैं तुमसे कुछ मागूंगा” बोली क्या “मैंने कहा अगर दोगी तो बोलो, अरे बोलो तो सही क्या चाहिए.

मैंने कहा ऐसे क्या बोलना अगर नहीं दी तो, मैंने मन ही मन सोच लिया था की अगर मामला बिगड़ेगा तो बोल दूंगा मैंने अचार माँगा था, तो वो बोली देने लायक होगा तो जरूर दूंगी, मैंने कहा पक्का हां पर देने लायक होगा तो अगर कुछ गलत बोलोगे तो नहीं. मैं समझ गया की वो समझ चुकी है तो क्यों ना डायरेक्ट ही बोल दिया जाये, मैंने कहा चोदने दोगी?

बोली नहीं नहीं ये तो गलत बात है, मैं नहीं दूंगी, मैंने कहा कुछ भी नहीं होगा, बस एक बार बस एक बार फिर मैं कभी नहीं कहुगा, वो बोली नहीं नहीं किसी को पता चल जायेगा, मैंने कहा माँ कसम मैं किसी को नहीं बोलुँगा, वो बोली नहीं ये सब गलत है, मैंने कहा सुनयना कुछ भी गलत नहीं है प्लीज एक बार फिर कभी भी नहीं मांगूगा.

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वो मान गयी, बोली ठीक है बस एक बार मैंने कहा ठीक है. वो पहले मैं दरवाजा के पास आके देखि बहार कोई बाहर तो नहीं है, चारो तरफ झाकने के बाद वो अंदर आये और पलंग पर लेट गयी, मेरी तो साँसे फूल रही थी, क्यों की ये काम ज़िंदगी में पहली बार करने जा रहा था डर लग रहा था, पर ख़ुशी भी थी, मेरे पुरे शरीर में करंट दौड़ रहा था.

मैंने अंदर गया वो लेटी थी, मैंने उसको किश कर लिया, मैंने पहली बार किसी लड़की को इतने करीब से देखा, किश करते ही मेरा लौड़ा खड़ा हो गया खड़ा तो पहले ही हो चूका था जब मैं उससे बात कर रहा था पर अब फूल मोशन में था.

मैंने पहली बार लड़की की बदन की खुशबु महसूस की, मैंने उसके कपडे के ऊपर से ही उसकी क्रिकेट के बाल के साइज की चूचियाँ दबाई, पहला एहसास गजब का था वो हरेक दबाब पे कह रही थी “धीरे ना दर्द होता है” ये लाइन आज भी जब याद करता हु तो सब कुछ भूल जाता हु, उतना हसीन एहसास आज तक नहीं हुआ मेरी ज़िंदगी में.

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मैंने उसके कपडे को ऊपर कर दिया और चूचियाँ दबाने लगा, वो आह आह आहाह उह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह उह्ह कर रही थी मैंने उसके सलवार का डोरी खोल दिया, और निचे कर दिया, वो अंदर कुछ भी नहीं पहनी थी, उसके बूर में बाल नहीं थे बिलकुल साफ़ था, मैंने उसके दोनों टांगो को अलग किया और बूर को चिर के देखा तो अंदर लाल लाल दिख रहा था.

अंदर कोई भी छेद नहीं था जिससे मेरा लंड अंदर जा सके, एक पतला सा छेद था, मैंने अपना लंड निकाल लिया, मेरी साँसे जोर जोर से चलने लगी, वो भी मुझे एक बार ही अपना बूर दिखाई फिर वो हाथ से धक दी, मैंने अपना लंड उसके बूर पे लगाया और लेट गया, पता ही नहीं चल रहा था की क्या हो रहा है, अंदर भी जा रहा है की नहीं पर धक्के जरूर लगा रहा था,

वो अपना मुह ऐसे बना रही थी की मानो काफी दर्द हो रहा हो, पर मेरा लंड ऊपर ही तैर रहा था, एक कहावत है “अगर अनारी चोदने बाला हो तो बूर का सत्यानाश हो जाता है” बस वही हो रहा था, पर मैंने सम्हाल गया और फिर से अपने लंड पे थूक लगाया और उसके बूर पे रख के इसबार घुसाने की कोशिश की, थोड़ा गया. “Village Girl First Sex”

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वो चीखने लगी, निकालो निकालो मैं फिर डर गया फिर से निकाल लिया, बोली नहीं देना है, मैंने फिर से रिक्वेस्ट की वो फिर मान गयी, इस बार मैंने उसके बूर में पूरा का पूरा लंड घुसा दिया, करीब १० से बीस धक्के मारे और इस विच में उसकी चुचिया दबाता रहा, पर वो खुश नहीं थी वो दर्द से कराह रही थी, जैसे ही मैं अपना लंड बाहर निकाला तो देखा खून लगा हुआ था.

मैं डर गया मैंने सोचा की मेरे ही लंड में कुछ हो गया है, मैं फटा फट वह से निकला, और तालाब के पास जाके मैं अपना लंड चेक करने लगा, पर मेरे लंड में कुछ भी नहीं हुआ था, फिर दूसरे दिन भी उसके घर गया, धीरे धीरे हम दोनों के बीच में अच्छे सम्बन्ध बन गए वो सरे नादानी भी खत्म हो गयी थी अब तो हम दोनों एक नंबर के चुदक्क्ड़ हो गए थे. खूब मजे किये जब तक की उसकी शादी नहीं हो गयी.

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