Bahan Tight Gand Chudai – बहन की जवानी को 2 भाइयों ने संभाला

Bahan Tight Gand Chudai – बहन की जवानी को 2 भाइयों ने संभाला

Bahan Tight Gand Chudai

एक दिन हमने सुप्रिया को उसके बॉयफ्रेंड से चुदते देख लिया. वो मेरी बहन सुप्रिया को हमारे ही घर में चोद रहा था. भोसड़ी का कॉलेज के नोट्स मागने के बहाने से आया था. जब बड़े भैया किसी काम से सुप्रिया के कमरे में गये तो वो चुद रही थी. गोद में बैठकर उसका बॉयफ्रेंड सुप्रिया को चोद रहा था. Bahan Tight Gand Chudai

बड़े भैया का खून खौल गया था. उन्होंने कुल्हाड़ी उठाकर सुप्रिया के बॉयफ्रेंड को दौड़ाया था. किसी तरह वो जान बचाकर भागा था. तबसे हम दोनों भाई अपनी सगी २४ साल की बहन को चोदते आ रहे थे. बड़े भैया ३० के थे. सेक्स कैसी की जाती है जानते थे. जबकि मैं अभी १८ साल का था. मेरी बहन सुप्रिया मुझसे ६ साल बड़ी थी.

हम दोनों भाइयों से वो चुदने को जरा भी तयार न थी. पर बड़े भैया से उसके गाल पर तमाचा ही तमाचा मारा था. ‘रांड!! जब तेरा आशिक तेरी फुद्दी में लौड़ा दे रहा था तब तो मजे से चुदवा रही थी. अब हमारा लौड़ा खाने में क्या दिक्कत है. ‘नही भैया!! रहने दो! छोड़ दो भैया!! मैं तुम्हारी बहन हूँ! मत चोदो! मत चोदो मुझे!! सुप्रिया गुहार कर रही थी.

पर भैया ने उसकी एक न सुनी. उसकी स्कर्ट का हुक खोल दिया. बहुत सारी झालरों वाली स्कर्ट नीचे सरक गयी. बड़े भैया ने सुप्रिया को गोद में उठाकर स्लीपवेल वाले मोटे बिस्तर पर पटक दिया. स्कर्ट निकाल दी और दूर फेक दी. सुप्रिया पैर बंद करने लगी. बड़े भैया से उसे इतना जोर का तमाचा मारा की उसकी माँ चुद गयी. दिमाग हिल गया बहन का.

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भैया ने उसके पैर खोल दिए. जब बहन की चूत देखी तो बहुत जादा फटी चूत थी. ये देखकर भैया आग बबूला हो गये थे. २ ४ तमाचा उन्होंने और बहन के गोरे चिकने गाल पर जड़ दिया था. ‘ सही सही बता रंडी ! कितने दिनों से अपने आशिक से चुदवा रही है?? सही सही बता दे वरना इसी कुल्हाड़ी से काट दूंगा’ बड़े भैया गरजे. सुप्रिया बहुत भयभीत हो गयी थी.

२ साल से चुदवा रही हूँ!!’ रोते रोते उसने जवाब दिया था. २ साल यही कहा था सुप्रिया ने. उसके बाद कितने सौ बार उसके गाल पर जोर जोर के तमाचे पड़े थे ये न सुप्रिया को पता था और ना बड़े भैया को. रो रोकर सुप्रिया का काजल उनकी आँखों के इर्द गिर्द बिखर गया था. कुछ समय के लिए वो बेहोश हो गयी थी.

जब बहन की आँख खुली थी तो सुप्रिया की गुलाबी मासूम चूत में बड़े भैया का बहुत बड़ा लौड़ा था. अनगिनत बार सुप्रिया चुद चुकी थी. पर कब तक कितनी देर तक भैया उसकी मीठी चूत मारेंगे ये ना भैया को मालूम था न बहन को पता था. वो इस बात पर बहुत गुस्सा थे की बहन शादी से पहले क्यूँ अपने आशिक से चुदवा रही थी.

क्यों समाज में उनकी इज्जत की माँ बहन कर रही थी. भैया इसी बात पर गुस्साए थे और जोर जोर से सुप्रिया हो चोद रहे थे. कुछ देर के लिए वो बेहोश भी हो गयी थी. जब पहली बार बहना बड़े भैया से चुद गयी थी वो शांत हो गयी थी.

उस दिन के बाद तो ये नियम बन गया था की जब बड़े भैया शाम को अपने ऑफिस से आते थे तो सुप्रिया उनके लिए रसोई में जाकर खाना बनाना शुरू कर देती थी. भैया बाथरूम में नहाने चले जाते थे. जबतक वो कच्छा और बनियान पहनकर पहुचते थे बहन सुप्रिया उनके कमरे में खाने की मेज पर खाना लगा देती थी.

मैं भी उनके साथ ही खाना खाता था. ‘सुप्रिया!! जा जल्दी से बर्तन मांज पर कमरे में आजा’ भैया कहते थे. फिर वो अपना कच्छा उतार देते थे. मुझे अपने लंड में सरसों के तेल की मालिश करवाते थे. जब तक सुप्रिया बड़े भैया के पास लौटती थी उनके लंड की अच्छी खासी मालिश मैं कर चूका होता था.

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फिर रात भर भैया बहन सुप्रिया की चूत का भोग लगाते थे. दोस्तों, पिछले ५ महीनो से मेरे घर का यही नियम बन गया था. अब भैया मुझे सुप्रिया को चोदना सिखा रहे थे. मैं सुप्रिया को ४ बार भी चोदा था. वो मुझसे ६ साल बड़ी थी. मैं इसी वजह से संकोच करता था.

पर बड़े भैया का कहना था जब घर की इज्जत चुदासी हो जाए और बाहर का लंड खाने लग जाए तो उसे इतना चोदना चाहिए की उसकी प्यास बुझी रहे. ये बात सच भी थी. हमारी बहन सुप्रिया २६ की हो चुकी थी. उसके जिस्म में टेसटोरेन हार्मोन एक्टिवेट हो गये थे. इसी वजह से सुप्रिया ने अपने आशिक से २ साल तक चुदवाया था.

पर जबसे बड़े भैया ने उसकी चूत मारना शुरू किया था सुप्रिया की प्यास बुझी हुई थी. बड़े भैया हर रात सुप्रिया को ३ ४ बार चोद देते थे. वो हाफ जाती थी. उसकी चुदास शांत हो जाती थी. आज एक बार फिर से सुप्रिया चुदने वाली थी. बड़े भैया ने मुझसे वादा किया था आज वो मुझे सुप्रिया की गांड मारना सिखाएंगे. जब सुप्रिया हमारे कमरे में आ गयी तो उसने अपना कमीज निकाल दिया और सलवार भी उतार दी.

‘भैया लंड में तेल मल लिया??” सुप्रिया बोली.

‘हाँ बहना ! आज प्रवीण से मलवाया है चल जल्दी खोल. जल्दी से तेरी बुर चोदूं’ बड़े बोले. सुप्रिया जल्दी से कपड़े उतार कर बिस्तर पर भैया के बगल लेट गयी.

भैया उसकी टांग उठाकर उनको चोदने लगा. मैं वहीँ कमरे में था और अपनी बहनिया को चुदते हुए देख रहा था. आज मुझे भी बहन की चूत में लंड देंना था. फटर फटर करके बडे भैया ने सुप्रिया को एक राउंड चोद लिया फिर बोले ‘प्रवीण!! आ तेरी बारी!’ मैं उनके पास चला गया. वो बिस्तर पर बगल हो गये.

मेरी जवान और कामवासना की पुजारिन बहन ने दोनों पैर खोल दिए. सुप्रिया किसी कुतिया की तरह बिस्तर पर पड़ी थी. मैं कपड़े निकाल के उस पर चढ़ गया. बहना के चुच्चे अनमोल थे. बताओ २ साल ने वो अपने यार से पेलवा रही थी. और हम भाइयों को खबर भी नही थी.

२ साल में तो बहना कम से कम ७३० बार चुद गयी होगी. मैंने सोचा. मैंने बहन की मुलायम नर्म छातियाँ इस वक़्त पी रही थी. अब वो कोई नाटक नही करती थी और रोज रात में चुदवा लेती थी. हम दोनों भाई बहन को इतना डोस दे देते थे की वो बाहर किसी लडके की तरह न देखा.

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बहना की छातियाँ मासा अल्लाह थी. कितनी मुलायम, कितनी गोल, कितनी सुडौल. मैं जीभ से सुप्रिया की छातियों की काली निपल्स चाटता रहा. फिर मुँह में भरके पीने लगा. किनती मीठी छातियाँ थी बहन की. फिर मैंने दूसरी छाती पी. बहन के होठ फड़क रहे थे. सुप्रिया चुदासी की हालत में थी. वो हल्का हल्का मिमिया रही थी ‘भाई करो अब कितना तडपाओगे?

….भाई चोदो भी अब. कितना तड़पाओगे!’ सुप्रिया बुदबुदा रही थी. उसका मुँह भी खुला हुआ था. मैं जान गया था वो चुदासी है. लंड की तलब है उसे. मैंने अपना मुँह सुप्रिया के मुँह पर रख दिया. और उसके होंठ पीने लगा. मैं मुँह चला चलाकर मुँह पीने लगा. उसके ओंठ पीने लगा.

वो भी गर्म हो गयी. और मुँह चला चलाकर मेरे ओंठ पीने लगा. जब मैं जान गया की उसको लंड की बहुट जादा दरकार है तो मैं सीधा हाथ बहना की चूत पर ले गया और उसकी चूत सहलाने लगा. मैं उनकी क्लाइटोरिस [भग शिश्न] को ऊँगली से जोर जोर से रगड़ने लगा. सुप्रिया को बहुत जादा सनसनी होने लगी.

ऐसे उसके भग शिश्न को घिसने से उसकी चूत में खलबली मच गयी. मैं जोश में आ गया और जोर जोर से उसका दाना घिसने लगा. उसकी चूत में जवालामुखी उठने लगा. इधर मैं उसके ओंठ पी रहा था.बहन की गर्म गर्म सांसे मेरी नाक में जा रही थी. मैं सोच रहा था की २ साल तक बहन के आशिक ने उसे इसी तरह गर्म करके खूब चोदा होगा.

कितना दूध पिया होगा. कितनी छातियाँ पी होंगी. कितनी चूत मारी होगी. मेरी बहन से उनसे कितना मजा लिया होगा. ये सब बातें सोचते सोचते मैंने सुप्रिया की चूत में ऊँगली दे दी. और उसकी चूत फेटने लगा. सुप्रिया का बुरा हाल हो रहा था. क्यूंकि किसी भी लौंडिया की चूत में ऊँगली करो तो खलबली मच ही जाती है.

फिर मैं लौड़ा बहन की चूत में दे दिया और चोदने लगा. खुले हुए चमकदार बालों में बहन किसी अफसर से कम न लग रही थी. वो तो बड़े भैया ने इस छिनाल को रंगे हाथ पकड़ लिया वरना ये चूत कभी नही देती. कितना मारा पीटा इस रंडी को जब जाकर ये चूत देने को तयार हुई. मैं बहन को चोद कर बहनचोद बन गया था. “Bahan Tight Gand Chudai”

सुप्रिया की चूत मलाई जैसी थी. बहुत अच्छी! बहुत मीठी!! मैं खट खट करके उसकी चूत मार रहा था. बीच में लौड़ा निकाल लेता था और उसकी क्लिटोरिस पर लंड से घिसने लग जाता था. बड़ी देर ये खले चला. फिर लंड सुप्रिया के भोसड़े में दे देता और चोदने लगा जाता. मैंने उसे काफी देर तक पेला फिर लंड निकाल के उसकी चूत के उपर ही माल गिरा दिया. अब बड़े भैया का नंबर था.

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“प्रवीण!! आज मैं तुझको बहन की गांड मारन सिखाऊंगा. जब तू कोई माल पटाएगा तो उसकी गांड मारते रहने. इससे लडकियाँ वश में रहती है!’ बड़े भईया बोले.

उन्होंने बहन को कुतिया बना दिया था. ‘देख!! इसकी गांड देख’ भैया बोले मैं उनके बगल ही खड़ा हो गया. ध्यान से बहन की गांड देखने लगा. कुवारी गांड थी बहन की. ‘देख! सबसे पहले गांड के छेद को एक गीले रुमाल से घिस घिस के साफ़ करना चाहिए फिर पीना चाहिए’ भैया बोले. मैं हाँ में सर हिला दिया.

भैया ने एक सूती मोटा रूमाल गीला कर लिया और सुप्रिया की गांड पोछने लगे. मेरे लिए ये सब बड़ा आकर्षक था. सुप्रिया अपने हाथ के दोनों कोहनियों और पैर के घुटनों पर झुकी कुतिया बनी थी. उसके चमकदार सिल्की बाल बहुत ही खुबसुरत लग रहे थे. पीछे से नंगी बहन बिलकुल कडक चोदने लायक माल लग रही थी.

पहले भैया गुलाब की पत्तियां बहन के बदन पर बिखेर के उसको पेलते खाते थे. कुतिया बनकर जब पीछे से बहना की चूत मारते थे तो एक हाथ से गुलाब की पातियाँ उपर से लंड के उपर डालते रहते थे. फिर खपा खप चोदते रहते थे. मैं बगल में खड़ा होकर देखता था. पर अब नोर्मल तरह से लेते थे. “Bahan Tight Gand Chudai”

बड़े भैया इस वक़्त जोर जोर से गीले रुमाल से पोछ पोछ कर बहन की गांड के छेद को चमका रहे थे. बड़ा बारीक सा छेद था बहन की गांड का. चारों तरफ से सैकड़ों सिलवटे थी गांड के छेद में. कुंवारी गांड थी दोस्तों. फिर उन्होंने सूखे कपड़े से गांड अच्छे से पोछ दी. बहन सुप्रिया की गांड चमकने लगी.

‘देख प्रवीण!! अब इसमें तेल लगाकर पीना है’ वो बोले.

पास पड़ी शीशी उन्होंने उठाई और हेथेली पर झुकाकर ढेर सारा तेल निकाल लिया. शीशी बंद कर दी और बहन की गांड के छेद में तेल मलने लगे. ये सब मेरे लिए बड़ा रोमांचकारी थी. मैंने कभी किसी लडकी की गांड चुदते नही देखी थी. इसलिए दोस्तों, मेरे लिए ये नई बात थी.

भैया अच्छे से सुप्रिया की गांड के छेद में तेल दोनों हाथों से लगा रहे थे और दोनों गोल गोल चूतड़ों पर मालिश भी कर रहे थे. आज वो मुझे बहन की गांड चोदना सिखाने वाले थे. जब सुप्रिया की गांड तेल से चमकने लगी तब भैया अपनी जीभ के कोने से उसकी गांड चाटने लगे. और गांड पीने लगा.

ये सब देखकर मेरा तो लड़ खड़ा हो गया. सुप्रिया भैया को गांड पिला रही थी. उसे भी गुदगुदी हो रही थी. सुप्रिया की गांड से चूत तक एक लाइन नेचुरल तरह से बनी हुई थी. भैया उसकी गांड को बड़े मनमोहक अंदाज में चाट रहे थे. जैसे कोई आवारा कुत्ता अपनी लम्बी जीभ से किसी आवारा कुतिया की गाड़ चाटता है बिलकुल उसी अंदाज में बड़े भैया आज बहन की गांड पी रहे थे. “Bahan Tight Gand Chudai”

‘देख प्रवीण!! अपने अपने लौड़े में भी तेल मल लेना है. तभी ये लडकी की गांड में आराम से सरकेगा’ बड़े भैया ने मुझे सिखाया. ये कहकर उन्होंने तेल की शीशी दुबारा उठाई और हथेली में ढेर सारा तेल लिया और लौड़े में दोनों हाथों से मालिश की. फिर बहन की गांड के बहुत ही बारीक सुराख़ में डाल दिया.

एक जोर का धक्का दिया और उनका लंड बहन की गांड में दाखिल हो गया. ये देखकर मुझे बड़ा मजा आया. कितने शानदार तरीके से बड़े भैया ने बहन की गांड की सील तोड़ दी. बहन की गांड का कसा छेद किनारे किनारे ने उपर उठ गया था. क्यूंकि शक्तिशाली लंड ने उसे फाड़ दिया था. सुप्रिया रो रही थी. ‘भैया धीरे धीरे गांड चोदो!! बहुत दर्द हो रहा है!’ सुप्रिया रोते रोते बोली.

भैया अपना लंड चलाने लगे. बहन की गांड चुदने लगी. वो रो रही थी. वो कुतियाँ बनी हुई थी. सुप्रिया के आंसू नीचे टप टप करके टपक रहे थे. लग रहा था फूल पेड़ से झड रहे हो. सुप्रिया के बड़े बड़े आम नीचे मुँह बाये लटके हुए थे. बड़े भैया सगी बहनिया की गांड चोद रहे थे. ये सब बहुत कमाल का दोस्तों.

धीरे धीरे बड़े भैया ताबड़तोड़ धक्के देने लगे. उनका लौड़ा सटर सटर करके बहन की गांड के कुवारे छेद को चोदने लगा. ये सब बहुत कमाल का था. मैं नही जानता था की चूत के छेद की तरह गांड के छेद को भी चोदा जा सकता है. ये बात मुझे बिलकुल नही पता थी.

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कुछ देर बाद बड़े भिया सुप्रिया की गांड में ही झड गया. जब उन्होंने लंड निकाला तो बहन की गांड फट चुकी थी और खूब बड़ी हो चुकी थी. ‘चल प्रवीण! आकर अपनी बहना की गांड चोद आकर!’’ भैया का हुक्म था. मैंने अपने लंड पर तेल मला. सुप्रिया बहन की गांड के छेद में मैंने जीभ डाल दी और गांड पीने लगा. “Bahan Tight Gand Chudai”

अब सुप्रिया बिलकुल शांत थी. वो नही हो रही थी. वो चुप थी. मैं जीभ के कोने से उसकी गांड को चाट चाटकर पीने लगा. फिर मैंने लंड उसकी गांड में डाल दिया. सच में दोस्तों, मेरी बहन की गांड बहुत सुंदर थी, बहुत खूबसूरत थी. मैं उसको चोदने लगा. इस बार सुप्रिया को कुछ सेकंड के लिए दर्द हुआ. फिर उसको भी मजा आने लगा.

मैं अपनी सगी बहन सुप्रिया की गांड चोदने लगा. अभी बड़े भैया ने उसकी गांड चोदकर छेद में काफी बड़ा कर दिया था. और अब मैं अपने लंड में तेल लगाकर सुप्रिया की गांड चोद रहा था. मुझे ये कहना होगा की बहना की गांड उसकी गुलाबी चूत के जितनी ही मीठी थी. मेरा लंड सट सट उसकी गाड़ में सरक रहा था.

मुझे बहुत कसा कसा लग रहा था. बहुत नशीली रगड़ थी दोस्तों. ये अच्छा अनुभव था. बहना की चूत तो बहुत जादा ही फटी हुई थी. क्यूंकि २ साल उसने अपने आशिक से चुदवाया था. अब हम भाई उसकी चूत मार रहे थे. इसके साथ ही बड़े बहिया का लौड़ा बहुत जादा मोटा था, उन्होंने तो सुप्रिया की बुर फाड़के रख दी थी. इसलिए केवल गांड ही वो चीज ही जो कसी हुई थी. मैं बहन की गांड बहुत देर तक चोदता रहा. फिर लगा की छूटने वाला हूँ. मैं बहुत जोर जोर से धक्के मारने लगा. फिर कुछ समय बाद सुप्रिया की गांड में ही झड गया.

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