Ladki Seal Kaise Tode – कामवाली की झांटो वाली गोरी चूत चोद ली

Ladki Seal Kaise Tode – कामवाली की झांटो वाली गोरी चूत चोद ली

Ladki Seal Kaise Tode

नमस्कार, मेरा नाम प्रवीण है। मैं 20 साल का हूँ। मेरी लम्बाई 5’10” है और मेरा लंड 7 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा है। वैसे तो मैं बचपन से मुठ मारने का शौक़ीन रहा हूँ मगर कभी किसी को चोद नहीं था। हमेशा अपने हाथ से ही अपनी चाह पूरी करता था। Ladki Seal Kaise Tode

मैं 18 साल का हो चुका था और अब आग बढती जा रही थी। मैं 12 वी कक्षा में था तब मैंने पहली बार सेक्स किया। मेरे पास न कोई गर्लफ्रेंड थी न कोई पड़ोसन। मैं पढाई में ज्यादा ध्यान देता था मगर दिन में 2-3 बार मुठी मार लेता था।

हमारी कामवाली बाई ने काम छोड़ दिया था तो मेरी माँ ने एक नयी कामवाली गोरखपुर से बुलवाई। उसका नाम था विभा। वो घर से सारे काम करती और घर में ही सोती और रहती थी। मैं उस पर ज्यादा ध्यान नहीं देता था। एक बार मम्मी-पापा को काम से 3 दिन के लिए दिल्ली जाना पड़ा।

वोह विभा को बोल गयी की मेरा ध्यान रखे। मैंने सोचा मम्मी-पापा घर पर नहीं है तो उस रात मैं 2 बजे तक फिल्म देखता रहा। फिर मुझे नींद तो आई नहीं फिर भी मैं लेट गया। सुबह चार बजे मुझे आँगन में कुछ आवाज़ आई तो मैंने खिड़की खोल कर देखा।

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नीचे विभा पूरी नंगी खड़ी हुई पानी भर रही थी। उसे लगा होगा कि कौन देखेगा। मगर उस दिन से मेरा नजरिया ही बदल गया। वो बहुत गोरी थी। मैंने कभी ध्यान नहीं दिया। वो नंगी खड़ी थी। उसका गोरा बदन कहर ढा रहा था।

उसके बूबे खरबूजे के आकर के थे। गांड की गोलाई भी गजब करीब 40 इंच की गांड थी उसकी। चूत एकदम गुलाबी। उसका फिगर 36-25-40 होगा। उसके बाल काले और कमर तक आते थे। उसकी आँखे बड़ी-बड़ी थी और वोह जब झुकती थी तो उसकी पूरी चूत दिखती थी।

उसे देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने 15 मिनट तक मुठ मारी। फिर मैं सो गया। सुबह 11 बजे वोह मुझे उठाने आई मैंने कुछ भी नहीं पहन रखा था। उसने मुझे थोड़ा हिलाया। जब मैं नहीं उठा तो उसने चद्दर खिंच ली। मुझे नंगा देख वोह भाग गयी।

मैं उठा और जल्दी से कपड़े पहने और बाहर आ गया उसने मुझे से कहा कि – तुम बहुत बेशरम हो। कोई रात को नंगा सोता है क्या?

मैंने उससे कहा – तुम भी कुछ कम नहीं हो।

वोह, मुझसे पूछने लगी क्या हुआ?

मैंने कहा – सुबह-सुबह, आँगन में कोई नंगा नहाता है क्या?

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वोह थोडा सकपकाई और फिर शर्मा कर चली गयी। उस दिन से मेरा उसे देखने का नजरिया ही बदल गया। वोह ब्रा और पैंटी तो पहनती नहीं थी। सिर्फ साड़ी और सूट पहनती थी। दो दिनों तक वोह मेरे सामने भी नहीं आई। जब माँ वापस आ गयी तो मुझे लगा कि मैं तो गया। मगर उसने माँ को कुछ नहीं बोला।

मैं भी समझ गया। उस दिन से मैंने रोज़ उसे छेड़ना शुरू कर दिया। जब मैं बैठा होता और वो झाड़ू-पोछा करती तो मैं उसके बूबे घूरता रहता और दिन मैं एक-दो बार जानबूझ कर उसकी गांड पर हाथ मार देता। जब कभी नहा कर आता तो पूरा नंगा उसके सामने आ जाता।

वो शायद इसे पसंद करती थी इसलिए माँ को कुछ नहीं बोलती थी। एक बार पापा बाहर गए हुए थे और माँ को काम से 3 दिन के लिए बुआ के घर जाना पड़ा। मैं घर में अकेला बैठा था। मैंने फुल वॉल्यूम पर पोर्न चलाई और मुठ मारने लगा।

फिर मुठ मारकर मैं चला गया मगर पोर्न चलती छोड़ दी। थोड़ी देर मैं विभा आई और उसने देखा। वोह पोर्न देखने लगी और अपने होंठ काटने लगी। मैं पीछे से आया और उसे पकड़ लिया उसने छुड़ाने की कोशिश की मगर मेरी पकड़ मजबूत थी। उसमें से गुलाब की महक आ रही थी। मैंने उसे धक्का दिया और वोह मेरे बिस्तर पर जा गिरी।

उसने कहा – नहीं बाबा, ये ठीक नहीं।

मगर मैंने उसकी नहीं सुनी।

मैंने कहा – अब कुछ मत कहो।

और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसके निप्पल कड़े हो चुके थे और उसकी चूत से पानी रिस रहा था जिस से उसकी साड़ी गीली हो रही थी और एक अजीब से महक कमरे में फ़ैल रही थी। वोह छुड़ाने की कोशिस कर रही थी मगर मैं उसके ऊपर लेटा हुआ था।

फिर मैं एक हाथ उसकी साड़ी के ऊपर फिराना चालू किया। उसके मुँह से आह निकली। मैंने उसे चूमना चालू रखा और एक हाथ साड़ी के अन्दर उसकी चूत पर रख दिया। ऐसा लग रहा था जैसे कि वो आज तक नहीं चुदी थी। उसकी चूत फूल कर संतरे जितनी हो गयी थी। झांट थी और बिलकुल टाइट चूत थी। फिर दूसरे हाथ से मैंने उसका ब्लाउज खोला। दोनों बूबे ऐसे बाहर निकले जैसे पिंजरे से आजाद हुए हो।

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उसका पल्लू मैंने हटाया और उसके बूबे चूसने शुरू किये वोह करहने लगी और बोली – आज मुझे मत छोड़ना। आज तो मुझे ऐसे चोदो कि ज़िन्दगी भर याद रहे।

मैंने उसका पेटीकोट नीचे किया और वोह पूरी नंगी थी। उसने मेरी शर्ट के बटन खोले और फिर मेरा लोअर नीचे किया मेरा लंड उछल कर बाहर आ गया। उसने मेरा लंड पकड़ा और कहने लगी – यह बहुत बड़ा है मेरी चूत में कैसे आएगा।

मैंने उसे कहा – विभा, तू चिंता न कर बस इसे चूसना शुरू कर।

उसने कहा – ना ना, यह तो गन्दा होता है चूसते नहीं है।

मैंने साइड में पड़ी चॉकलेट उठाई और खोल कर अपने लंड पर लगा दी और बोला – चॉकलेट तो खा ले।

उसने मेरे लंड चूसना शुरू किया और मैंने भी उसकी चूत चाटनी शुरू कर दी। हम दोनों 69 की पोजीशन मैं आ गए। 15 मिनट तक चूसने के बाद मैंने उसके मुँह में अपना सार माल गिरा दिया। उसने सब कुछ निगल लिया और चूसना चालू रखा। 5 मिनट मैं मेरा लंड फिर खड़ा हो गया।

अब वोह बोली – और मत तडपाओ, बस अब चोद दो।

मैंने वेसिलीन ली और अच्छी तरह से उसकी चूत के अन्दर बाहर लगा दी। फिर अपने लंड को भी अच्छी तरह से पोत दिया और अपना सूपाड़ा उसकी चूत पर रखा और धक्का दिया। उसकी चूत बहुत टाइट थी इसलिए लंड केवल आधा इंच ही अन्दर गया।

वोह चिल्ला उठी और कहें लगी – मुझ से नहीं होगा, प्लीज बाहर निकाल लो।

मैंने उसकी बात नहीं सुनी और उसे चूमने लगा और बूबे दबाने लगा। थोड़ी देर मैं उसका दर्द कम हुआ और मैंने फिर धक्का मारा। इस बार लंड 2 इंच चला गया। उसकी चूत से खून की धर बह निकली और 3-4 मिनट तक नहीं रुकी। उसे पता नहीं चला मगर दर्द उसे होता रहा।

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वोह रोने लगी और मुझसे कहने लगी – प्लीज, निकाल लो वरना मैं मर जाउंगी।

मैंने लंड थोडा सा निकाला तो उसे थोड़ी राहत मिली। करीब 5 मिनट तक में लंड अन्दर बाहर करता रहा। उसे थोडा आराम मिला। फिर मैंने एक और धक्का मारा और पूरा लंड अन्दर चला गया। वोह बहुत बुरी तरह चिल्लाने लगी।

मैंने उसे चूमना शरू कर दिया और बूबे दबाने लगा। वो रोने लगी मगर 5 मिनट मैं उसका दर्द कुछ कम हुआ। खून अभी भी निकल रहा था। मैंने थोड़ी सी बर्फ उसकी चूत पर लाकर रखी खून निकलना बंद हो गया। फिर मैंने लंड अन्दर डाला और चोदना शुरू कर दिया। उसे भी मज़ा आने लगा।

वोह चिल्लाने लगी – आहा अह आहा अहा आहा अह्ह्ह्ह अहह।

मैंने उसके बाल खोले और कहा कि घोड़ी बन जा। फिर मैंने उसके बालों को लगाम की तरह पकड़ा और लंड डालकर चोदता रहा। 15 मिनट बाद मैंने उसे उठने को कहा। फिर मैं लेट गया और उसे अपने लंड पर बैठने को कहा। वोह मेरे लंड पर बैठ गयी। “Ladki Seal Kaise Tode”

थोड़ी देर तक इस तरह उसे मैंने चोद और फिर उसका पानी छुट गया। पूरा बिस्तर खून, मुठ और उसके चूत के पानी से गिला हो चूका था। मैंने उसे चूत में लंड डाले-डाले ही गोद में उठाया और सोफे पर उल्टा लिटा दिया और पीछे से ही लंड डाल दिया।

10 मिनट चोदने के बाद मेरा मुठ निकला और पूरा मुठ उसकी चूत में छोड़ दिया। उसकी चूत से मुठ टपकने लगा। मैंने उसे अपनी बाँहों मैं उठाया और बड़े वाले बिस्तर पर लिटा दिया। वो और मैं नंगे ही एक दूसरे के साथ चिपक कर सो गए।

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3 घंटे बाद मैं उठा तो देखा की विभा अभी भी सोई हुई थी सोते हुए बिलकुल अप्सरा लग रही थी। उसकी चूत अभी भी सूजी हुई थी। मैंने उसकी चूत को थोड़ी देर तक चाटा। वो जग गयी और कपड़े पहनने के लिए उठी मगर उससे चला नहीं गया।

मैंने उसे लेटे रहने को कहा। 2 दिन तक मैंने उसे खूब चोदा और वोह भी बहुत मजे से चुदी। 3 दिन बाद जब माँ वापिस आई तो मैंने माँ को बोल दिया की विभा का पैर फिसल गया था इसलिए वो कुछ दिन काम नहीं कर पायेगी। उसके बाद से जब भी हमें मौका मिलता हम जम कर चुदाई करते।

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