Aunty Doggy Fuck – चाची की सहेली की चूत बजाने में बहुत मज़ा आया

Aunty Doggy Fuck – चाची की सहेली की चूत बजाने में बहुत मज़ा आया

Aunty Doggy Fuck

ये कहानी आज से लगभग 2 साल पहले की है जब मैंने पहली बार मेरी सुषमा चाची की चूत में लण्ड फंसा दिया था। अपनी पिछली कहानी में मैने आपको सब बताया था। अब मैं सुषमा चाची जी जमकर चूत ले रहा था। मेरे लण्ड के अब मज़े हो चुके थे। Aunty Doggy Fuck

मुझे सुषमा चाची की चूत बजाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। इसी बीच चाची की पड़ोसन रागिनी चाची उनके घर आती जाती रहती थी। कई बार उन्होंने मुझे चाची के आस पास मंडराते हुए भी देख लिया था। अब धीरे धीरे रागिनी चाची मेरे लंड को खटकने लगी। मेरा लण्ड रागिनी चाची के लिए खड़ा होने लगा।

रागिनी चाची लगभग 36 साल की है। वो ज्यादा गौरी चिकनी तो नहीं है लेकिन लंड को मज़ा देने वाली शानदार औरत है। चाची के बोबे लगभग 34 साइज के है।वो वैसे तो अपने बोबो को ढककर रखती है लेकिन फिर भी मैं मेरी नज़रे रागिनी चाची के बोबो पर सेकने लगा। चाची के बोबो को देख देखकर मै उन्हे मसलने के लिए मचलने लगा।

रागिनी चाची की चिकनी कमर लगभग 32 साइज की है। उनके कमर पर बहुत सारी चर्बी चढ़ी हुई है। चाची की कमर के नीचे उनकी बहलाती इठलाती हुई गांड लगभग 32 साइज की है। चाची की गांड उनकी साड़ी में अच्छी तरह से नज़र आती है। चाची की गांड बहुत ही ज्यादा कसी हुई है।उनकी गांड को देख देखकर मेरा लण्ड हिचकोले खाने लगा था।

अब जब भी मैं रागिनी चाची को देखता तो मुझे उन्हें बजाने की बहुत ज्यादा इच्छा होती। लेकिन दिक्कत ये थी कि रागिनी चाची को कैसे पटाया जाए? इसी उलझन में दिन निकलते जा रहे थे। मैं जब जब भी मौका मिलता तो सुषमा चाची को बजा रहा था।

अब मैंने सोचा “क्यों नहीं सुषमा चाची ही उनकी सहेली को मेरे लिए पटा दे।” अगर ऐसा होता है तो मज़ा आ जायेगा। अब मैं ये बात चाची से कहने की सोच रहा था लेकिन डर भी लग रहा था । चाची ये सुनकर पता नहीं क्या सोचेगी? अब एक दिन मैं चाची को चोद रहा था। मेरा लण्ड झमाझम चाची की चूत के परखच्चे उडा रहा था।

मेरा लंड चाची की चूत के अंतिम छोर तक दस्तक दे रहा था। चाची बहुत बुरी तरह से चिल्ला रही थी। “आहा आह्ह अहह आह्ह आह सिससस्स उन्ह ओह आहा धीरेरेरे,,,, धीरेरेरे…… आह्ह आह्ह।” मैं बिना बोले चाची को बजाये जा रहा था। आज तो मुझे चाची को चोदने का कुछ ज्यादा ही जोश चढ़ा हुआ था।

चाची तीन बार तो झड़ चुकी थी लेकिन मेरे लंड का जोश अभी तक भी ठंडा नहीं पड़ा था। फिर मैंने चाची को बहुत देर तक बजाया। अब मै चाची के भोसड़े में लंड का पानी भरकर चाची से लिपट गया। फिर मैंने चाची से हिम्मत करके कहा–चाची यार, अगर आप बुरा नहीं मानो तो एक बात कहूं?

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“हां, बोल ना।” चाची बात थोड़ी अजब सी है। पता नहीं आप क्या सोचोगी।

” अरे, पहले तू बात तो बता।” अब मै क्या करता? मैने चाची से बोल ही दिया ” आपकी सहेली, रागिनी चाची बहुत दिनों से मेरे लण्ड को खटक रही है। आप उन्हे मेरे लिए सेट कर दो यार।

चाची मेरी बात सुनकर एकदम से चौंक गई। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था।

” मनीष यार तू ये क्या कह रहा है? वो मेरी अच्छी सहेली है। तू उनके बारे में ऐसे सोच भी कैसे सकता है।”

” मैं ऐसा क्यों नहीं सोच सकता चाची? माना कि वो आपकी अच्छी सहेली है लेकिन वो है तो एक औरत ही। और हर औरत को लण्ड की ज़रूरत होती है। सबकी इच्छाएं दबी हुई होती है। बस कोई उन इच्छाओ को खोलने वाला होना चाहिए।”

” मनीष तू बात को समझ यार। ये इतना आसान नहीं है। अगर मैंने उनसे इस बारे में बात की तो उनके सामने अपनी सारी पोल खुल जाएगी।”

“तो खुलने दो ना, उसमे क्या दिक्कत है? अगर अपनी पोल खुलेगी तो उनकी भी तो चूत खुलेगी ना? फिर वो किसी को कुछ नहीं बताएगी।”

“नहीं यार मनीष ये सही नहीं है। अगर कुछ गलत हुआ तो सारा भांडा फूट जायेगा।”

मैं– अरे चाची कुछ नहीं होगा। उनको पता ही है कि मै आपको चोदता हूं। तो फिर क्या दिक्कत है? आप एकबार उनसे बात करके तो देखो। क्या पता वो मान जाये और मुझे आपकी सहेली की चूत मिल जाये।

“नहीं यार मैं नहीं कर सकती ये काम? मुझे तो बहुत डर लग रहा है। पता नहीं मैने डरते डरते तेरा लंड ही कैसे ले लिया?”

चाची को रागिनी चाची से चुदाई की बात करने में बहुत ज्यादा डर लग रहा था। उनकी गांड फट रही थी। तभी मैंने चाची से कहा– अच्छा चलो ठीक है, अगर आप ये काम नहीं कर सकती तो उनके सामने बात तो छेड़ सकती है? बाकी बात मैं खुद कर लूंगा।

“नहीं यार मनीष। तु रहने दे ना। तु मुझे चोद ही रहा है फिर क्या दिक्कत है?”

“अरे चाची बात आपको चोदने की नहीं है, बात रागिनी चाची को बजाने की है। और उन्हें देखकर मुझे लगता है कि वो भी मेरा लण्ड लेंने के लिए तरस रही है।”

चाची– तु यार मरवाएगा मुझे!

मैं– अरे चाची कुछ नहीं होगा आप चिंता मत करो।

अब मै फिर से चाची के ऊपर चढ़ गया और फिर लंड उनके मुंह में डाल दिया।अब चाचीेे मेरे लण्ड को चूसने लगी। थोड़ी देर बाद लण्ड खड़ा होते ही मैंने चाची को घोड़ी बनाया और फिर उनकी गांड की बखिया उदेड दी।

“आईईईई आईईईई आहा आह्ह आह्ह आईईईई आहा आह्ह आह्ह सिससस्स उन्ह आहा आह्ह।” फिर मैंने चाची को बहुत देर तक घोड़ी बनाकर बजाया। फिर चाची को बजाकर मैं घर आ गया। अब मैं अगले दिन का वेट करने लगा। फिर सुबह होने के बाद मैं चाची के घर चला गया।

चाची घर का काम कर रही थी। मैं उन्हे कमरे में चलने के लिए कहने लगा लेकिन चाची ने थोड़ी देर वेट करने के लिए कहा। फिर चाची थोड़ी देर बाद फ्री हुई और मैं उन्हें कमरे में ले गया।अब मैंने चाची की टांगे हवा में लहरा दी और झमाझम चाची को चोदने लगा।

फिर मैंने थोड़ी देर चाची को बुरी तरह से बजाया।अब मैंने चाची को रागिनी चाची को बुलाकर लाने के लिए कहा। तो चाची फिर से नखरे करने लगी। लेकिन फिर वो रागिनी चाची को बुलाने उनके घर चली ही गई। फिर थोड़ी देर के बाद रागिनी चाची, चाची के साथ ही आ गई। अब हम तीनों बैठकर इधर उधर की बाते करने लगे। मेरी नज़र रागिनी चाची के जिस्म पर टिकी हुई थी। वो भी मेरे लण्ड की तरफ देख ही रही थी।

अब चाची हमारे लिये चाय बनाने लग गई। तभी मैंने चाची से काम की बात छेड़ने के लिए इशारा किया तो चाची ने डरते हुए चिंगारी जला दी– अरे भाभीजी आजकल तो पुछो ही मत। ये मनीष मुझे काम ही नहीं करने देता है। सुबह से लगता है जो फिर शाम ही हो जाती है।

“हाँ, नया नया है ना, तो जोश भी बहुत है।”

मैं– हां चाची, पुरानी मशीन में वो बात कहां जो नई मशीन में होती है।

रागिनी चाची–हां, सही कह रहा है तू।

चाची– तभी तो देखो ना, मेरी क्या हालत कर दी है इसने। वो काम भी कर दिया जो अंकित के पापा ने भी नहीं किया था। बहुत तगडी सर्विस देता है ये और आप बताओ आपके क्या हाल है भाभीजी।

रागिनी चाची– हाल, बस अच्छे है। जो मिलता है उसी में खुश होना पड़ता है।

“तो ज्यादा खुश होने का इंतज़ाम कर लो भाभीजी। फिर देखो आपको फुर्शत भी नहीं मिलेगी।”

“नहीं यार सुषमा। मैं बाहर कहीं भी मुंह नहीं मारना चाहती। बस जितना मिल रहा है उसी में खुश हूँ।”

मैं– चाची, कभी कभी बाहर की दुनिया भी देख लेनी चाहिए। घर ही घर में रहकर बोर हो जाते है।

चाची– हां भाभीजी। सही कह रहा है मनीष।

तभी चाची ने चाय बना दी। अब हम तीनों चाय पीने लगे।

चाची– भाभीजी मनीष को तो आप जानती ही हो। बहुत अच्छा लड़का है। ये आपसे कुछ कहना चाहता है।

रागिनी चाची– हाँ तो बोल ना मनीष।

अब एक प्यासे को क्या चाहिए भला! मैने कह ही दिया “चाची मैं जो भी कहूंगा आप बुरा मत मानना बस मेरी इच्छा मैं आपको बता रहा हूँ।”

“हां मैं बुरा नहीं मानूँगी बोल तु।”

मै– चाची मैं आपको चोदना चाहता हूँ। आपको चोदने की बहुत इच्छा है मेरी।

चोदने का नाम ही रागिनी चाची सकपका गई। वो चाय पीती पीती ही रुक गई। उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या जवाब दे। तभी चाची ने बात सम्हाल ली।

चाची– हां भाभीजी, मनीष मुझसे बहुत दिनों से बोल रहा था लेकिन आज ये बात आपसे कही है।

तभी रागिनी चाची खुद को सम्हालती हुई बोली– यार मनीष तूने तो मेरे होश ही उड़ा दिए अब क्या जवाब दू मैं? मुझे तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है। क्या तु मुझे सच में……….

“हाँ चाची। मैं तो आपके लिये बहुत दिनों से तड़प रहा हूं। बस आपकी हां का इंतज़ार कर रहा हूं।”

लेकिन मैं ये सब नहीं करना चाहती। मुझे जितना मिल रहा है उतने में ही खुश हूँ।

“खुश रहना अलग बात है और जमकर मज़े लूटना अलग बात है चाची। आप चाहो तो वो मज़े लुट सकती हो। सिर्फ आपकी एक हां आपको जमकर मज़ा दिलवा सकती है।”

चाची– हां भाभीजी, बोल दो हाँ।इसमें इतना सोचने की क्या ज़रूरत है। आपको तो फूल मज़ा मिलेगा। पूरी सर्विस हो जायेगी आपकी।

“नहीं सुषमा, मेरी इच्छा नहीं है। ये सब करना अच्छा नहीं लगता मुझे। मेने कभी भी ऐसा काम नहीं किया है। बहुत बदनामी होती है ऐसे कामो में।”

“अरे भाभीजी, किसी भी काम की शुरुआत कभी न कभी तो करनी ही पड़ती है ना।और अब, आपको मौका मिला है। मत छोडो इस मौके को।”

मैं और चाची दोनों मिलकर रागिनी चाची को चूत खोलने के लिए पटा रहे थे लेकिन चाची लाइन पर नहीं आ रही थी। फिर बहुत कोशिश करने के बाद फिर आखिर में रागिनी चाची को बोलना ही पड़ा– मैं सोचकर कल बताउंगी।

मैं– अरे चाची, कल क्या, आज ही हां कर दो। वैसे भी आप कल हां ही कहने वाली हो।

“नहीं कहूँगी हाँ” , तु तो कुछ ज्यादा ही लालची हो रहा है।

“लालची होना पड़ता है चाची।”

अब चाची कल का नाम लेकर मुस्कुराती हुई घर चली गई। अब मैंने चाची से कहा– बहूत नखरे कर रही है रागिनी चाची।

चाची–कुछ नहीं कल देखना तू, घोड़ी बनेगी ये और जमकर लंड लेगी तेरा। फ्रेश लण्ड कहाँ मिलेगा इनको? जो ना कहेगी।

“हां चाची। मुझे भी यही लगता है।”

अब मैं चाची के बोबे मसलकर घर आ गया और कल का इंतज़ार करने लगा। बड़ी मुश्किल से मेरी रात निकली और फिर दोपहर में, मैं चाची के घर पहुँच गया। अब मैं रागिनी चाची के आने का इंतज़ार करने लगा।फिर थोड़ी देर बाद चाची, रागिनी चाची को बुलाकर लाई। “Aunty Doggy Fuck”

रागिनी चाची को देखते ही मेरा लण्ड बुरी तरह से तन गया। आज तो मैं कैसे भी लण्ड को रागिनी चाची की चूत में उतारना ही चाहता था। तभी रागिनी चाची ने इठलाते हुए कहा ” क्या यार! क्यों मुझे परेशान कर रहे हो तुम दोनों। इतना सारा काम पड़ा हुआ है घर पर।”

” चाची, काम तो होता रहेगा। अब चले कमरे के अंदर।” अच्छा अभी तो मैने हां ही नहीं कहा है उससे पहले ही तू मुझे अंदर चलने के लिए बोल रहा है।”

” अब इसमें क्या हां ,ना करना। आपका जवाब तो मै जानता ही हूं।” “अच्छा!” हां चाची।

” रहने दे तू तो। मुझे बहुत काम है घर पर।”

चाची और मैं रागिनी चाची को पटाने की पूरी कोशिश कर रहे थे लेकिन वो बहुत ज्यादा नखरे कर रही थी। तभी चाची ने कहा– जा ,इनको अंदर ले जा और अच्छे से सर्विस करना।

” मैं तो कब से तैयार हूं चाची। बस आपकी सहेली के ही नखरे कम नहीं हो रहे हैं।”

” अरे ये थोड़ी बहुत शरमा रही है।मुझे ही इनकी सारी शर्म उतारनी पड़ेगी।”

तभी चाची ने धक्का देकर रागिनी चाची को कमरे के अंदर भेज दिया। रागिनी चाची फिर मना करने लगी लेकिन चाची ने उनकी नहीं चलने दी। अब चाची ने गेट बंद कर दिया।अब कमरे में मैं और रागिनी चाची ही थी। तभी रागिनी चाची मुस्कुराते हुए कहने लगी– ये सुषमा आज मुझसे पाप करवाकर मानेगी।

” चाची अब कुछ मत सोचो।”

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तभी मैंने रागिनी चाची को बाहो में भरा और मैं चाची के रसीले होंठो को ताबड़तोड़ तरीके से चूसने लग गया। मैं भूखे शेर की तरह चाची पर टूट पड़ा था। कुछ ही देर में ऑउच्च पुच्च ऑउच्च पुच्च की आवाज़ों से पूरा कमरा गूंज उठा था। मैं चाची को साँस लेने का भी मौका नहीं दे रहा था। तभी मैंने चाची का पल्लू नीचे गिरा दिया और अब मैं चाची के बोबो को मसलने लगा।

आहा! क्या मस्त बोबे थे चाची के ! एकदम गदगदे । आहा! कितने दिनों से मैं इन बोबो के लिए तरस रहा था। आज जाकर चाची के बोबे मेरे हाथ लगे थे। मैं धुंआधार किस करते हुए चाची के बोबो को मसल रहा था। चाची को मसलने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।

मैं चाची के होंठो को मेरे होंठो से लॉक करके बुरी तरह से चुस रहा था। इधर मेरा दूसरा हाथ चाची के पेटिकोट के अंदर घुस चूका था।अब मैं चाची की चूत ढूंढ रहा था लेकिन चाची इतनी जल्दी मुझे चूत देने के मूड में नहीं लग रही थी। वो बार बार मेरे हाथ को पकड़ रही थी।

तभी मैं चाची को सरकाता हुआ दिवार के पास ले गया और उन्हें दिवार से सटा दिया। अब चाची को दिवार से सटाकर उन्हें बुरी तरह से मसलने लगा। बलाउज के ऊपर से बोबे के मसलने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा मिल रहा था। अब मैं चाची की चूत को नापना चाहता था। “Aunty Doggy Fuck”

अब मैं चाची के हाथ को झटका देने लगा और फिर मेरा हाथ चाची की चड्डी में घुस गया। अब चाची मेरे हाथ को बाहर निकालने की कोशिश करने लगी लेकिन अब मै चाची की चूत पर कब्ज़ा जमा चूका था। अब मैं चाची की चूत को मसलने लगा। आह! बहुत ही गरमा गरम चूत थी चाची की।

उनकी चूत के आस पास मुझे काली घनी झांटो को अंबार महसूस हो रहा था। इन्ही काली घनी झांटो के बीच चाची की चूत का दरवाज़ा खुलता था। अब मैं चाची के सभी सामानों को बुरी तरह से बजा रहा था। इधर मेरा लण्ड चाची की चूत नापने को तैयार हो रहा था।

अब मैं चाची की चुट को बुरी तरह से कुरेद रहा था। अब चाची कसमसा रही थी। इधर मैं चाची के बोबो को बुरी तरह से दबा रहा था। अब मुझसे सब्र नहीं हो रहा था। मैं चाची के बोबो को चुसना चाहता था। तभी मैंने चाची के बलाउज के हुक को खोल दिया और फिर चची की ब्रा को ऊपर सरकाकर चाची के बोबो को नंगा कर दिया।

चाची के बोबो को नंगा देखते ही मेरा लण्ड लोहे की रॉड बन गया। आह! क्या मस्त चुचे थे चाची के! आहा चाची के चुचो को देखते ही मज़ा आ गया था। अब मैंने चाची के चुचो को हाथों के दबाया और उन्हें बुरी तरह से कसने लगा तभी दर्द के मारे चाची की गांड फटने लगी।वो बुरी तरह से कसमसाने लगी। मैं चाची के बोबो को बुरी तरह से कस रहा था। “Aunty Doggy Fuck”

“आईईईई सिससस्स उन्ह आह्ह आहा ओह सिसस्ससस्स उन्हह धीरेरेरे …..धीरेरेरे।”

“ओह चाची आहा बहुत सेक्सी है तू। बहुत मज़ा आ रहा है। उन्ह।”

मैं चाची के दोनों बोबो को मुट्ठियों में भीच रहा था। मुझे तो चाची के बोबो को मसलने ले बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। फिर मैंने चाची के बोबो को मुंह में दबाया और फिर उन्हें बुरी तरह से झमाझम चूसने लगा।

“आहा! बहुत ही गज़ब था टेस्ट था चाची के बोबो का! मैं तो रगड़ रगड़ कर चाची के बोबो को चुस रहा था।”

अब चाची मेरे बालो में हाथ डालकर उन्हें संवार रही थी। चाची उनके खजाने को मुझे सौपकर निश्चिन्त हो चुकी थी। अब मैं चाची के खजाने को लूट रहा था। मुझे चाची के बोबे चूसने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।

“ओह चाची ! ,आहा बहुत ही मज़ा आ रहा है।आह।”

मैं चाची के बोबे चुस चूसकर लट्टू हो रहा था। फिर मैंने चाची के बोबो को बहुत देर तक चुसा। मैं चाची के बोबो को बुरी तरह से निचोड़ चूका था। चाची के बोबो को बुरी तरह से चूसने के बाद अब मेरा लण्ड चाची की चुत में कूदने के लिए बेताब हो रहा था। “Aunty Doggy Fuck”

अब मैंने चाची को दिवार के सहारे से हटाया और उन्हें घोड़ी बनने के कहा। लेकिन चाची घोड़ी नहीं बन रही थी। वो अभी भी उनकी चूत को बचाना चाहती थी। तभी मैंने तुरंत मेरे सारे कपडे खोल फेंके और नंगा हो गया। मेरे मोटे तगड़े काले लण्ड को देखते ही चौक सी गई। वो मेरे लण्ड को निहार रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे चाची ने इतना बड़ा लण्ड कभी लिया ही नहीं हो।

” चाची देख क्या रही हो। बनो ना घोड़ी।”

” अरे यार मनीष रहने दे ना। इतना कर लिया है वो ही बहुत है।”

” वो बहुत नहीं है चाची। घोड़ी तो आपको बनना ही पड़ेगा।”

” अरे यार…………….

तभी मेने चाची की टांगो में हाथ डाल दिया और चाची की साड़ी और पेटिकोट को उनकी कमर पर सरका दिया।

“मनीष क्या कर रहा है यार।”

” चाची मैं तो आपको तैयार कर रहा हूं।”

तभी चाची मुस्कुराने लगी ” ऐसे कोई करता है क्या यार।”

” तो मै भी क्या करूं चाची। आप तैयार ही नहीं हो रही हो। आपके सामने इतना मोटा तगड़ा लण्ड है फिर भी आप इतने नखरे दिखा रही हो।”

तभी मैं तुरंत चाची की चड्डी खोल उनकी टांगो में ले आया।

” मनीष तु सचमुच में पागल है।”

तभी चाची में टाँगे उठा दी और मेने झट से चाची की चड्डी खोल फेंकी।

चाची उनकी लाल चड्डी को देखती ही रह गई। ऐसा लग रहा था जैसे चाची कुछ कहना चाहती हो लेकिन चाची चुप थी। वो आज अपनी चूत फड़वाने के लिए पूरी तरह से तैयार थी।

” अब किसका इंतज़ार है चाची?” तभी चाची बेड पकड़कर घोड़ी बन गई।

” धीरे से डालना मनीष मुझे तो तेरा लण्ड बहुत बड़ा लग रहा है।”

” अरे आप चिंता मत करो चाची। मैं आराम से ही डालूंगा।”

अब मेरे लण्ड के लिए रास्ता खुल चूका था। अब मैंने चाची की चूत में लण्ड रखा और ज़ोर का झटका दे दिया। मेरा लण्ड एक ही झटके में चाची की चूत के अस्थि पंजर को तोड़ता हुआ उनकी चूत के अंदर पूरा घुस गया। चूत में लण्ड की घुसते ही चाची बुरी तरह से हिल गई। वो चिल्लाने लगी। “Aunty Doggy Fuck”

” आईईईई आईईईई मर गईईई अआईईई बहुत दर्द हो रहा है मनीष आईईईई। आईईईई।”

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मेरा लण्ड चाची की चूत में अच्छी तरह से फिट हो चूका था। तभी चाची ने थोड़ी देर रुकने के लिए कहने लगी।अब मैं थोड़ी देर रुका और फिर से चाची की चूत में लंड का ठोका। चाची फिर से दर्द से तिलमिला उठी। “आईईईई आईईईई मम्मी मर गईईई आह्ह आह्ह आह्ह आईईईई उन्हह।”

चाची को बहुत दर्द हो रहा था। मेरा मोटा तगड़ा लण्ड चाची को बहुत भारी पड़ रहा था। अब मैं चाची के बाल पकड़कर उन्हें झमाझम चोद रहा था।आहा! बहुत दिनों के इंतज़ार के बाद मेरे लण्ड को चाची की चूत मिली थी।

आज मैं मेरे लण्ड को रागिनी चाची की चूत का पूरा मज़ा देना चाहता था। मैं चाची को जमकर चोद रहा था। चाची की दर्द भरी चीखे कमरे में गूंज रही थी। मुझे चाची को चोदने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। ” आह्ह आह्ह आहा सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह मर गईईई आहा आहा आहा उन्ह आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह।”

मैं गांड हिला हिलाकर चाची की चूत बजा रहा था। चाची की चूत में जाकर आज मेरे लण्ड को बड़ी ठंडक मिल रही थी। रागिनी चाची जैसी मस्त बिंदास औरत को चोदना मेरे लिए बड़ी सौभाग्य की बात थी। तभी थोड़ी देर के झमाझम धक्कों के बाद चाची पानी पानी हो गई और उनकी चूत से माल नीचे बहने लगा। “Aunty Doggy Fuck”

“अआहः आह्ह आह्ह उन्ह आईईईई सिसस्ससस्स अहा आह्ह आह्ह उन्ह आहा आह्ह ओह।” मैं चाची को झमाझम चोद रहा था।चाची को घोड़ी बनाकर चोदने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची लपक लपककर मेरा लण्ड ले रही थी।

“बोलो चाची केसा लग रहा है अब?”

” हूँ बहुत अच्छा लग रहा है अब। ऐसे ही चोद आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह आह्ह आहहह सिससस्स आह्ह। इतने मोटे लण्ड से मैं पहली बार चुदवा रही हूं।”

” अब आप जब चाहोगी तब मैं आपकी ठुकाई कर दूंगा।। आह्ह बहुत रिपचिक हो आप।”

” ओह मनीष आह्ह सिससस्स आह्ह उन्ह सिसस्ससस्स।”

फिर मैंने बहुत देर तक चाची को घोड़ी बनाकर पेला। अब मैंने चाची को उठाया और उन्हें बेड पर पटक दिया। चाची की सकल अब देखने लायक थी। अब उनकी दशा बदल चुकी थी। अब मैंने चाची की साड़ी और पेटिकोट को उनके पेट तक सरका दिया। अब मैंने चाची की टांगो को मेरे कंधो पर रखा। चाची अब कुछ नहीं कह रही थी। चाची को मेरा लण्ड पसंद आ चुका था। “Aunty Doggy Fuck”

” बोलो चाची?”

” जो चाहता है वो कर ले।”

तभी मैने चाची की चूत में लण्ड ठोक दिया। अब मैं चाची को बेड पर पटक कर चोदने लगा। अब मेरा लण्ड फिर से चाची की चूत में घमासान मचाने लगा।

“आह्ह आह्ह आहाहाह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह आहा उन्ह आहाहाह ओह मर गईईई ओह आईईईई।”

मैं– ओह चाची आज तो आपकी चूत को फाड़ ही दूंगा।अआहः बहुत मज़ा आ रहा है।

“आहा आह्ह आईईईई सिससस्स आह्ह आह्ह अआहः ओह अआहः अआईईई। धीरे धीरे चोद मनीष।”

” आज मत रोको चाची,,, बससस्स जमकर पेलने दो। आह्ह! बहुत दिनों से प्यासा है मेरा लण्ड।”

“ओह सिससस्स आह्ह उन्ह सिसस्ससस्स ओह बजा ले मनीष जितनी बजानी हो। आह्ह आज तो मैं तेरी गुलाम हो गई।”

” हां चाची खूब बजाऊंगा आज तो मैं आपको। आह्ह।”

मैं चाची के टांगे पकड़कर उन्हें झमझम चोद रहा था। मेरा लण्ड चाची की चूत को भोसड़ा बनाने में लगा हुआ था। तभी चाची फिर से पानी पानी हो गई और उनकी चूत गरमा गरम पानी से भर गई। मैं चाची को अभी भी पुरे जोश के साथ चोद रहा था। ” आह्ह आह्ह सिससस्स आह्ह आईईईई अआहः अआहः उन्ह ओह मनीष।आह्ह आह्ह।”

मेरा लण्ड अब चाची के रस में भीग चूका था। मैं तो चाची को बजाये जा रहा था। मैं लण्ड पेल पेलकर पसीने में भीग चूका था। फिर मैंने चाची को बहुत देर तक ऐसे ही बजाया। अब मैं चाची को पूरी नंगी करना चाहता था।

अब मैंने चाची की साड़ी खोल फेंकी और फिर चाची के पेटिकोट का नाडा खोलकर उनके पेटिकोट को चाची के ऊपर फेंक दिया। तभी चाची ने पेटिकोट को मुँह ढक लिया। चाची पूरी नंगी होने के बाद बहुत ज्यादा शरमा रही थी। तभी मैं चाची के मुँह के ऊपर से पेटिकोट हटाने लगा

” चाची क्या कर रही हो यार? सामने तो देखो।”

“मुझे नहीं देखना।” ” अरे यार आप भी बच्चों की तरह नखरे कर रही हो।”

तभी मैने चाची को नज़र मारकर देखा तो चाची को नंगी देखते ही मेरे लण्ड की बांछे खिल उठी। चाची का गौरा चिकना जिस्म सोने की तरह चमक रहा था। अब मैं चाची की चिकनी नंगी टांगों को किस करने लगा। मुझे चाची की टांगो पर किस करने के बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची अब सिस्कारिया भर रही थी।

“आईईईई सिससस्स आह्ह उन्हहः सिससस्स ओह अआहः आह्ह सिससस्स।”

मैं जबरदस्त तरीके से चाची की टांगे चुम रहा था। फिर मैं चाची की टांगे चूमता हुआ उनकी चिकनी मलाईदार जांघो पर किस करने लगा। आहा! क्या मस्त जांघे थी चाची की! आह मज़ा आ रहा था यारो। तभी चाची पेटिकोट को छोड़कर बेड की चादर को मुट्ठियों में कसने लगी। वो बहुत ज्यादा बेचैन हो रही थी। “Aunty Doggy Fuck”

” ओह सिससस्स आह्ह उन्ह सिससस्स आह्ह।”

फिर मैंने चाची की गांड के नीचे एक तकिया रखा और फिर चाची की टांगो को फैलाकर चाची की चूत को चाटने लगा। आहा! बहुत ही शानदार टेस्ट था चाची की चूत का! आहा । अब मैं चाची की टांगेपकडकर चाची की चूत पर टूट पड़ा और भूखे कुत्ते की तरह चाची की चूत को चाटने लगा। चाची अब धीरे धीरे फिर से कसमसाने लगी।

“ओह सिससस्स उँह आह्ह सिसस्ससस्स ओह सिससस्स।” मुझे तो चाची की चूत को चाटने में अलग ही मज़ा मिल रहा था। चाची अभी भी पेटिकोट को ओढे हुए थी। “उन्ह ओह आह्ह आहा ओह सिससस्स आह्ह ओह आह्ह आह्ह सिसस्सस् आहा।”

अब चाची बेचैनी के कारण टांगो और गांड को इधर उधर हिला रही थी। उनकी चूत में मैं तगडी हलचल मचा रहा था। अब चाची से रहा नहीं गया और वो मेरे बालो को पकड़कर भिचने लगी। “उँह आह ओह सिसस्ससस्स आह्ह ओह मनीष मत कर अब्ब्ब्ब्ब आहा आह्ह नहीईईईई…..”

लेकिन आज मैं रुकने वाला नहीं था। मै तो चाची की चूत का पूरा मज़ा ले रहा था। अब तो चाची मेरे मुंह को उनकी चुत पर से हटाने की कोशिश करने लगी लेकिन उनकी कोशिश सफल नहीं हो रही थी।मैं रागिनी चाची की चूत पर कब्ज़ा करकर बैठ चूका था।

” ओह सिससस्स आह्ह उन्ह सिसस्ससस्स ओह मनीषत्तत्त” रागिनी चाची बहुत ज्यादा बेचैन हो रही थी। तभी कुछ देर बाद चाची की चूत में ज्वालामुखी फुट पड़ी और उनकी चूत से गरमा गरम लावा बहने लगा। ” ओह मनीष मर्रर्रर्र गईईई मैं तो।” अब मै चाची के उबलते हुए लावे को पीने लगा। चाची के नमकीन लावे को पीने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची तो बुरी तरह से पानी पानी हो चुकी थी। “Aunty Doggy Fuck”

” ओह सिसस्ससस्स बहुत कमीना निकला तू।”

तभी चाची ने पेटिकोट हटा फेंका। अब वो मेरे बालों में हाथ डाल रही थी। मै चाची की चूत को जमकर चाट रहा था।

“आह्ह सिअस्सस्स्स उन्ह ओह मनीषत्तत्त।”

फिर मैंने बहुत देर तक चाची की चूत का पानी पिया। अब मैं फिर से चाची के बोबो पर टूट पड़ा और उन्हें बुरी तरह से रगड़ रगड़कर चूसने लगा। चाची फिर से सिस्कारिया भरने लगी। मैं तो झमाझम चाची के बोबो को चुस रहा था।

” उन्ह आहा आहहह आह्ह सिससस्स आह्ह आह्ह ओह उन्ह सिससस्स ओह।”

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कुछ देर में ही मैंने चाची के बोबो को चुस चूसकर लाल कर दिया था। अब मैंने चाची की टांगे पकड़कर उन्हें आगे खीच लिया और फिर मैं झट से चाची के मुँह पर बैठ गया। अब मै रागिनी चाची के मुँह में लण्ड पेलने की कोशिश करने लगा लेकिन चाची मुँह खोलने को तैयार नहीं थी।

“चाची क्या कर रही हो यार। खोलो ना मुंह?” हूं हूं।

“अरे यार आप भी बहुत नखरे कर रही हो। खोलो ना मुंह।”

” हूं हूं।

चाची बार बार मुँह को इधर उधर कर रही थी लेकिन तभी मैंने चाची के मुंह को कसकर पकड़ा और फिर उनके मुंह में लण्ड पेल दिया। अब चाची के पास कोई रास्ता नहीं बचा था। अब मैंने चाची से लण्ड चूसने के लिए कहा लेकिन चाची मुँह में लण्ड होते हुए भी चूसने को तैयार नहीं हो रही थी।

फिर मैं ही चाची के मुँह में लण्ड को अंदर बाहर करने लग गया तब जाकर चाची मेरा लण्ड चूसने के लिए तैयार हुई। अब चाची आराम आराम से मेरा लण्ड चुस रही थी। मैं लण्ड तानकर चाची के मुंह में डाले हुए था।मुझे चाची को लण्ड चुसाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। “Aunty Doggy Fuck”

” ओह चाची आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। आह्ह ऐसे ही चुसो।”

चाची जीभ घुमा घुमाकर मेरा लण्ड चुस रही थी। मै चाची का जमकर मज़ा ले रहा था। फिर मैंने चाची को बहुत देर तक लण्ड चुसाया। फिर थोड़ी देर बाद मै आगे झुककर चाची के मुंह को चोदने लगा। आह! चाची के मुंह को चोदने में मुझे बहुत ही आनंद मिल रहा था।

” ओह चाची।आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है।उन्हहःहः।”

मेरा लण्ड झमाझम चाची मुँह की ठुकाई कर रहा था। मेरा लण्ड चाची के थुक से बुरी तरह लथपथ हो चूका था। फिर मैंने बहुत देर तक चाची के मुंह में लण्ड पेला। अब मैंने चाची को पलट दिया जिससे चाची की गांड मेरे लंड के सामने गई।

रागिनी चाची की मदमस्त गांड और चमचमाती हुई पीठ को देखकर मेरा लण्ड बुरी तरह से तन तना गया। अब मैंने झट से चाची को फिर से दबोच लिया और उनके कंधो पर ताबड़तोड़ किस करने लगा। चाची बुरी तरह से सिकुड़ने लगी।

मैं चाची के जिस्म को बुरी तरह से रगड़ रहा था। इधर मेरा लण्ड चाची की गांड में घुसने के लिए शोर मचा रहा था। तभी मैं चाची के रसीले जिस्म को चूमता हुआ जल्दी से चाची की गांड पर आ गया। अब मैं चाची की मदमस्त गांड पर जल्दी जल्दी किस करने लगा। “Aunty Doggy Fuck”

मुझे चाची की गांड पर ताबड़तोड़ किस करने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची बहुत ज्यादा बेचैन हो रही थी। मै तो चाची की गांड का फुल मज़ा ले रहा था। चाची के गोल गोल सेक्सी चिकने चूतड़ मुझे पागल कर रहे थे। मैं चाची के चुतड़ो को जमकर किस कर रहा था। तभी मैंने किस करते हुए चाची की गांड के हॉल में ऊँगली पेल दी।

” अआईईई उन्हह अआईईई सिसस्ससस्स।”

तभी चाची के मुंह से सिसकारी फुट पड़ी। चाची की गांड बहुत ही ज्यादा टाइट थी। शायद अभी तक चाची की गांड का उद्घाटन नहीं हुआ था। बस फिर क्या था? मै चाची के हॉल में कसकर ऊँगली करने लगा।

” यार गाँड़ में उंगली मत कर। आह्ह।”

“ओह चाची करने दो। आह्ह बहुत मज़ा आ रहा है। बहुत मस्त गाँड़ है आपकी।”

“यार गाँड़,,,,,,,,,,,,,,उन्ह।

चाची की गांड में ऊँगली करने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था। चाची धीरे धीरे सिस्कारिया भर रही थी।

” सिसस्ससस्स आहहह उन्हह सिससस्स।”

फिर मैंने थोड़ी देर चाची की गांड में ऊँगली की। अब मै चाची की गांड मारना चाहता था। तभी मैने चाची को सीधा कर लिया। अब मैने चाची से घोड़ी बनने के लिए कहा। लेकिन चाची घोड़ी बनने को तैयार नहीं हो रही थी। शायद चाची समझ चुकी थी कि आज उनकी गांड का छेद खुलने वाला है।अब मैं चाची को मनाने की कोशिश करने लगा। “Aunty Doggy Fuck”

” चाची यार आप घोड़ी तो बनो। मैं आपकी गांड में लण्ड नहीं डालूंगा।”

चाची– नही ,मैं घोड़ी नहीं बनूँगी।

“अरे यार चाची आप भी। अरे मेरी बात का विश्वास तो करो।”

चाची– नही, मुझे कोई विश्वास नहीं है।

“अरे चाची मैं सिर्फ चूत में लण्ड डालूंगा। गांड में नहीं। आप घोड़ी तो बनो।”

चाची– मैं तेरे इरादे सब समझ चुकी हूं। जो करना है ऐसे ही कर ले।

” अरे यार चाची आप भी बहुत नखरे करती हो। बन जाओ ना घोड़ी।”

“नहीं यार मैं घोड़ी तो नहीं बनूँगी।

मैं चाची को बार बार मनाने की कोशिश कर रहा था लेकिन रागिनी चाची गांड मरवाने को तैयार नहीं थी। तभी मैने चाची को गोदी में उठा लिया और बेड से नीचे उतारने लगा।

” अरे मनीष यार,,,, तू फिर से शुरु हो गया।”

” आपको घोड़ी तो बनाकर ही मानूँगा।”

अब मैं चाची को बेड से नीचे उतार लाया। और चाची को घोड़ी बनने के लिए कहा। फिर चाची मुस्कुराती हुई घोड़ी बन गई।

” गाँड़ में मत डालना यार।” हां चाची।

अब मैंने चाची की चूत में लण्ड सेट किया और फिर ज़ोर के झटके से मैनें चाची की चूत में लण्ड ठोक दिया।

” आह्ह सिसस्ससस्स।”

अब मै चाची के कंधे पकड़कर चाची को चोदने लगा। अब चाची फिर से फड़फड़ाने लगी।

“उन्ह आहा सिससस्स आह्ह आह्ह आहा ओह आह्ह सिससस्स आईईईई।”

अब मैं ज़ोर ज़ोर से चाची को घोड़ी बनाकर बजा रहा था। गांड में नहीं घुसने का गुस्सा अब मेरा लण्ड चाची की चूत पर निकाल रहा था। मै गांड हिला हिलाकर फूल स्पीड में चाची की चूत के परखच्चे उड़ा रहा था। मुझे चाची की चूत बजाने में बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।

” आह्ह आह्ह आहा सिससस्स आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स।”

तभी थोड़ी देर बाद चाची फिर से पानी पानी हो गई। अब उनकी चूत से गरमा गरम माल नीचे बहने लगा। अब चाची का हाल बेहाल हो रहा था। मेरा लण्ड चाची की चूत का भोसड़ा बना चुका था।

“अआईईई आईईईई उँह आह्ह आहहह सिसस्ससस्स अआहः आह्ह।”

चाची बहुत बुरी तरह से चुद रही थी तभी मैंने मौका देखा और लंड को चाची की गांड में सेट करने लगा लेकिन चाची ने गांड में लण्ड सेट होने ही नहीं दिया। चाची गांड मरवाने के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं हो रही थी। “Aunty Doggy Fuck”

“नहीं मनीष चालाकी नहीं।”

” अरे यार चाची आप भी बहुत कडूस हो। क्या करोगी इतनी मस्त गाँड़ का जब ये किसी के काम ही नहीं आये।”

” कुछ भी हो लेकिन मै गाँड़ नहीं मारने दूँगी।” “ओह ओह चाची आप भी।”

अब मेरे पास कोई और चारा भी नहीं था! अब मजबूर होकर मैंने फिर से चाची की चूत में लंड ठोक दिया और उन्हें फिर से झमाझम बजाने लगा। चाची की सिसकारियों से फिर से कमरा गूंज उठा। “आईईईई आईईईई अहह आह्ह सिससस्स आह्ह उन्ह आहाहाह।”

अब झमाझम ठुकाई के बाद मेरा लण्ड भी झड़ने वाला था। तभी मैंने लंड की स्पीड को बढ़ाया और फिर चाची के भोसड़े को लण्ड के पानी से भर दिया। अब मैं थोड़ी देर चाची से ऐसे ही चिपके रहा। फिर मैं थोड़ी देर बाद चाची से दूर हटा। अब चाची उठकर बेड पर लेट गई।

अब मैं फिर से चाची के ऊपर चढ़ गया और उनके रसीले होंठो को चूसने लगा। मैंने रागिनी चाची के होंठो पर बुरी तरह से हमला बोल दिया। अब पूरा कमरा ऑउच्च पुच्च पुच्च ऑउच्च पुच्च की आवाज़ों से गूंज उठा। आज मैं रागिनी चाची को अच्छी तरह से मसलना चाहता था।

मै रगड़ रगड़कर चाची के होंठो को खाये जा रहा था।फिर मैंने बहुत देर तक चाची के होंठो को रगड़ा। अब मैंने तुरंत चाची के बोबो को पकड़ लिया और ज़ोर ज़ोर से चाची के रसीले बड़े बड़े बोबो को मसलने लगा। तभी दर्द के मारे चाची की गांड फटकर हाथ में आने लगी।

” आईईईई अआईईई सिससस्स उँह अआईईई दर्द हो रहा है यार।”

मैं– होने दो चाची। आज तो मै आपके बोबो को निचोड़ डालूंगा। आहा।

मैं चाची के बोबो को ज़ोर ज़ोर से कस रहा था।चाची बुरी तरह से तड़प रही थी। फिर कुछ देर बाद मैंने चाची के बोबो को मुंह में ले लिया और उन्हें रगड़कर चूसने लगा। अब चाची आराम से मुझे बोबो का स्वाद चखा रही थी। मै जमकर चाची के बोबो को चुस रहा था।

रागिनी चाची के बोबे चूसने में मुझे बड़ा ही मज़ा आ रहा था। फिर मैंने बहुत देर तक चाची के बोबो को चुसा। अब मेरा लण्ड फिर से चाची की चीखे निकालने को तैयार हो चूका था। अब मै नीचे सरका और चाची की टांगो को मेरे कंधो पर रख लिया। अब मैंने फटाफट से चाची के भोसड़े में लण्ड सेट कर दिया और ज़ोर का झटका देकर लण्ड को चाची के भोसड़े में पेल दिया। अब मैं फिर से चाची के भोसड़े को बजाने लगा। “Aunty Doggy Fuck”

“आह्ह सिससस्स आह्ह ओह सिससस्स।”

मेरा लण्ड फिर से चाची की गहराई में डूब चूका था। मै झमाझम चाची को चोद रहा था।

“आहाहा आह्ह आह्ह धीरेरेरे….धीरेरेरे… सिससस्स आहाहाह उँह आह्ह आहा। अब क्या आज ही मेरी चूत फाडने का इरादा है क्या?”

“हां चाची। अब मै भी क्या करूँ? गांड तो आपने मारने ही नहीं दी तो फिर चूत में ही पूरा जोश निकालना पड़ रहा है।”

” आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स उन्ह। गांड में बहुत दर्द होता है यार। और मैने तुझे चूत दी उसका ही तूने बुरा हाल कर डाला। गांड दे देती तो पता नहीं क्या क्या करता तू।”

” गांड ही फाड़ देता चाची। बहुत इच्छा हो रही है आपकी गांड मारने की। लेकिन आप……………।”

” सब धीरे धीरे मिलता है मनीष। अभी तो मेरी चूत से ही तेरे लण्ड की हवस मिटा ले। बाकि गांड के बारे में कभी सोचूंगी।”

तभी मैं फिर से चाची को ज़ोर ज़ोर से कसकर चोदे जा रहा था।

” आह्ह आह्ह आह्ह आह्ह सिससस्स।”

चाची फिर से पसीने में भीगने लगी थी। उनकी चहेरे की हालत देखने लायक थी। मेरे लण्ड के हरएक झटके के साथ चाची के बोबे बुरी तरह से हिल रहे थे। फिर थोड़ी देर के घमासान के बाद चाची का भोसड़ा गरमा गरम पानी से भर गया। चाची फिर से पानी पानी हो चुकी थी।

“आईएईई अआईईई सिससस्स आहहह आईईईई सिससस्स आहः आह्ह आह्ह।”

मुझे तो चाची को बजाने में बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था। गांड नही मारने की कसर मेरा लण्ड चाची की चूत पर निकाल रहा था। मेरा लण्ड चाची के भोसड़े पर जमकर कहर बरफा रहा था। फिर कुछ देर बाद मैंने चाची की टांगो को फोल्ड करके उनके सिर से अड़ा दिया। अब मैं चाची को फोल्ड करकर उनके भोसड़े में लण्ड पेलने लगा। अब चाची को फोल्ड करके बजाने में मुझे अलग ही मज़ा आने लगा।

“अआहः आह्ह आह्ह सिससस्स उन्ह आहहह आह्ह आईईईई।”

आज मैं चाची के भोसडे में लगे जंग को अच्छी तरह से साफ करना चाहता था। मेरा लण्ड इसी काम में लगा हुआ था। तभी चाची का भोसड़ा फिर से पानी से लबालब हो गया। मै गांड हिला हिलाकर चाची के भोसड़े के लण्ड ठोक रहा था। चाची को पहली बार ठोकने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आ रहा था।

” अआईईई सिससस्स आहाहा आहः सिससस्स आह आह्ह।ओह मनीष बहुत शैतान है तू।”

” शैतान बनना पड़ता है चाची।”

फिर मैंने चाची को बहुत देर तक फोल्ड करकर ठोका। धमाधम चुदाई से चाची बहुत ज्यादा थक चुकी थी। उनका भोसड़ा पानी पानी हो चूका था। अब मैं बेड से नीचे उतर गया। अब मैंने चाची की टांगे पकड़कर उन्हें मेरी तरफ खीच लिया। अब मैंने चाची के भोसड़े के फिर से लण्ड सेट किया और फिर चाची की टांगे पकड़कर बुरी तरह से चाची को बजाने लगा। चाची फिर से सातवे आसमान के पहुँच गया। “Aunty Doggy Fuck”

चाची– आहाहा आह्ह आहहह सिससस्स उन्ह आहाहा सिससस्स ओह।

मेरे लण्ड के हर एक झटके से चाची का भोसड़ा बुरी तरह से दहल रहा था। मुझे चाची को बेड से नीचे खड़े होकर बजाने में अलग ही मज़ा आ रहा था। मै ज़ोर ज़ोर से चाची को बजा रहा था। फिर थोड़ी देर बाद चाची का भोसड़ा फिर से पानी पानी हो गया।

मेरे लण्ड की प्यास अभी बुझी नहीं थी। मैं वापस बेड पर चढ़ गया और फिर से चाची को बजाने लगा। मै रागिनी चाची को बुरी तरह से ठोक रहा था। फिर बहुत देर की ठुकाई के बाद मेरा लंड थक गया। अब मैंने चाची को मेरी बाहो में कसा और फिर चाची के भोसड़े को मेरे लण्ड के पानी से भर दिया।

अब मैं पसीने से लथपथ होकर चाची से लिपट गया। आज रागिनी चाची को चोद कर मैं बहुत ज्यादा खुश था। चाची को बजाने में मुझे बहुत ही ज्यादा मज़ा आया था। चाची भी मुझसे चुद्वाकार बहुत ज्यादा खुश थी।

अब हम दोनों थोड़ी देर उठे। पुरे कमरे में हमारे कपडे बिखरे पड़े थे।अब चाची में ढूंढ ढूंढकर उनके कपडे निकाले। अब चाची कपडे पहनकर बहार निकल गई।फिर थोड़ी देर बाद मैं भी कपडे पहनकर कमरे से बाहर आ गया। बरामदे में रागिनी चाची और सुषमा चाची बाते कर रही थी।मुझे देखकर सुषमा चाची मुस्कुरा गई। “Aunty Doggy Fuck”

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सुषमा चाची– आज तो खूब मज़े लुट लिए तूने भाभीजी के!

“हां चाची ,लेकिन थोड़ी सी कसर बाकी रह गई। चाची ने सबकुछ नहीं दिया।”

सुषमा चाची– कोई बात नहीं। अब जितना दिया है उसमे ही खुश रह। अभी तो पहली बार हैं। फिर कभी सबकुछ ले लेना।

” हां चाची, अब तो ये ही जाने।”

रागिनी चाची– अब इतना तो दे दिया यार मैंने। वो ही बहुत है। बाकी फिर सोचूंगी। इसमें ही मेरी हालत खराब कर दी।

चाची– हां सही कह रही हो भाभीजी आप। इसको तो एक ही बार में सबकुछ चाहिए। और बताओ भाभीजी मनीष ने आपकी कितनी खातिरदारी की?

” यार कुछ मत पूछ सुषमा। हालात खराब कर दी इसने तो मेरी। बहुत बुरी तरह से रगड़ा।पहली बार मेरी इतनी खतरनाक रगड़ाई हुई है लेकिन मज़ा भी बहुत आया। बहुत तगड़ा हथियार है इसका।”

तभी मेने रागिनी चाची पर जबरदस्त पंच मार दिया “तो फिर एकबार और हो जाये चाची।”

रागिनी चाची– इतनी देर में तेरी प्यास नहीं बुझी जो फिर से कह रहा है।

“क्या करूँ? ये लण्ड फिर से खड़ा हो रहा है।”

रागिनी चाची– ये तो ऐसे ही होता रहेगा। जा रही हूँ मैं तो घर पर सारा काम बाकी पड़ा है।

और इतना कहकर रागिनी चाची उनके घर जाने लगी।तभी मैंने उनका हाथ पकड़कर मेरी तरफ खीच लिया और उनको कमरे के अन्दर ले जाने लगा। रागिनी चाची कमरे के अंदर जाने को तैयार नहीं हो रही थी। तभी मैंने रागिनी चाची को बरामदे में ही नीचे पटक दिया और उनकी साड़ी में हाथ डालकर पेंटी खोलने लगा। “Aunty Doggy Fuck”

रागिनी चाची– मनीष क्या कर रहा है यार। कुछ तो शर्म कर ले।

“चाची बस एकबार और”

तभी मैंने चाची की पेंटी निकालकर फेंक दी। सुषमा चाची ये सबकुछ देखकर इधर उधर का काम करने में लग गई। अब मैंने मेरा पाजामा खोलकर लंड बाहर निकाला और चाची की चूत में ठोक दिया। अब मैं चाची की ताबड़तोड़ ठुकाई करने लगा। चाची फिर से सिस्कारिया भरने लगी।

“आह्ह आह्ह सिसस्स आह्ह आह्ह उन्ह आह्ह सिसस्स आह आह्ह ओह।”

मैं ज़ोर ज़ोर से चाची के भोसड़े में लण्ड पेल रहा था। चाची को बरामदे में बजाने में मुझे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा था।चाची बहुत बुरी तरह से चुद रही थी। फिर थोड़ी देर के घमासान के बाद चाची का भोसड़ा पानी पानी हो गया।

” आह्ह आह्ह बससस्स कर आह्ह आह्ह आह्ह।”

मैं चाची को पेले जा रहा था। फिर बहुत देर बाद मैंने चाची के भोसड़े में लंड का पानी भर दिया। अब जाकर मेरे लण्ड को शांति मिली थी। अब चाची जल्दी से उठी और पेंटी पहनकर खड़ी हो गई। अब मैंने भी पाजामा पहन लिया। “Aunty Doggy Fuck”

“बेशर्म कही का! यहाँ भी नहीं छोड़ा।

मैं– बेशर्म तो बनना ही पड़ता है चाची।

तभी सुषमा चाची आ गई।

सुषमा चाची– इसकी हरकतों की तो पुछो ही मतों। कहीं भी लंड ठोक देता है।

रागिनी चाची– हाँ यार देख तो सही।

मैं– तभी तो मज़ा आता है चाची।

तभी रागिनी चाची घर जाने लगी लेकिन सुषमा चाची ने उन्हें रोक लिया। ” रूको भाभीजी ,बहुत थक गई हो आप।चाय पीकर जाना।”

तभी रागिनी चाची रुक गई। फिर सुषमा चाची चाय बनाने लगी। रागिनी चाची मेरी ओर मुस्कुरा रही थी। वो मुझे गांड नहीं मारने के लिए चिड़ा रही थी।

” अभी मुस्कुरा लो चाची, लेकिन गांड तो मै लेकर ही रहूँगा।” वो तो तुझे कभी नहीं मिलेगी।

” देखते हैं चाची।”

फिर चाची ने हमको चाय पिलाई। चाय पीने के बाद रागिनी चाची उनके घर चली गई। फिर मै भी घर चला आया। आज मै रागिनी चाची को बजाकर बहुत खुश था।

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