Bahan Ki Lal Chut – भैया मेरी पेंटी पर मुठ मार कर गिराते

Bahan Ki Lal Chut – भैया मेरी पेंटी पर मुठ मार कर गिराते

Bahan Ki Lal Chut

दोस्तो, मेरा नाम विशाखा है. हम 3 भाई-बहन हैं. हम लोग पटना में रहते हैं. मेरी उम्र 23 साल है और मेरे जिस्म का साइज 34-30-36 है. मेरी छोटी बहन बाहर रहकर पढ़ाई कर रही है! जब मैं 19 की हुई थी तभी से ही चुदाई करवा रही हूं. मेरी चूत की चुदाई मैं अपने सगे भाई से ही करवाती आ रही हूं. Bahan Ki Lal Chut

उसका नाम अमित है और वो अब 25 साल का है. अमित मुझसे बड़ा है और जॉब करता है. ये बात तब शुरू हुई थी जब मेरे भाई ने 4 साल पहले मेरे साथ ऐसी हरकत करना शुरू की थी जिसके बाद हम दोनों के बीच में सेक्स संबंध बन गये.

एक रात की बात है कि जब मैं सोकर उठी तो मेरे कपड़ों पर मुझे सुबह कुछ दाग जैसा दिखा. वो कुछ सूखा पदार्थ लगा हुआ था. मुझे समझ नहीं आया. मैंने सोचा कि शायद किचन से कुछ लग गया होगा. फिर उसके दो दिन के बाद भी ऐसा ही हुआ.

अब मैंने इस बात पर खास ध्यान देना शुरू कर दिया कि मेरे कपड़ों पर ये दाग कहां से आते हैं भला? उस रात को मैं साफ कपड़े पहन कर सोई. मैंने किचन का काम भी निपटा लिया और उसके बाद मैं धुले हुए सफेद रंग के नाइट ड्रेस में सोई.

मस्त हिंदी सेक्स स्टोरी : सावन की बारिश में मेरे यौवन की प्यास बुझी

अगली सुबह जब उठी तो मेरी चूचियों पर वही दाग मिले. अब मैंने सोच लिया कि मुझे पता करना पड़ेगा कि ऐसा कैसे हो रहा है. फिर मैं रोज रात को जागने लगी. बस सोने का नाटक करती रहती. दो-तीन रात ऐसे ही गुजार दी मैंने. उस दौरान मैं दिन में सोती और रात में जागती.

फिर एक रात की बात है कि करीब 1 बजे के आसपास मेरे रूम का दरवाजा खुला. मैंने धीरे से आंख खोलकर देखा तो अमित चुपके से मेरे रूम का दरवाजा बंद कर रहा था. मेरी ओर उसकी पीठ थी तो मैंने तुरंत फिर से आंखें बंद कर लीं.

वैसे तो मुझे हल्की घबराहट हो रही थी क्योंकि अमित कभी रात को मेरे पास नहीं आता था. पर मैं चुपचाप लेटी रही. थोड़ी देर के बाद मुझे आवाजें और सिसकारियां सुनाई देने लगीं. फिर उसका एक हाथ मेरे बदन पर आ गया. वो मेरी चूचियों को हल्के से छूने लगा. मुझे करंट सा लग रहा था.

इससे पहले किसी लड़के ने मेरे बूब्स को टच भी नहीं किया था. मेरी चूचियों को हल्की दबाने के बाद उसने मेरी जांघों पर हाथ फिराया और फिर मेरी चूत को भी छूने लगा. वो मेरी चूत के होंठों पर उंगली फिरा रहा था और मेरे जिस्म में करंट सा दौड़ रहा था.

सच बताऊं तो मेरा मन कर गया कि भाई मेरी चूत को पैंटी के अंदर हाथ देकर सहलाये. पर वो ऊपर से ही चूत को सहलाता रहा और मुट्ठ मारता रहा. उसके हाथ के आगे पीछे होने की हलचल का मुझे साफ पता लग रहा था.

फिर उसने हाथ हटा लिया और उसकी सिसकारियां थोड़ी तेज हो गयीं. फिर अचानक मेरी चूचियों पर कुछ गर्म गर्म सा लिक्विड आकर लगा. मैं जान गयी कि भाई ने अपने लंड का पानी गिराया है. अब मुझे सारी बात समझ में आ गयी कि रात को मेरे कपड़ों पर वो दाग कैसे आते थे.

इस बारे में मैंने किसी को कुछ नहीं बताया. अब मैं भैया पर ध्यान देने लगी थी. मुझे उसको देखना अच्छा लगता था. वो भी जवान था और मैं भी. मैं उसकी ओर आकर्षित हो रही थी. मगर मैं सीधे उसको नहीं बोल सकती थी.

चुदाई की गरम देसी कहानी : चाची की गरम चूत में जीभ घुसाने लगा

दो दिन के बाद फिर से वही हुआ. अमित मेरे रूम में आया और मेरी चूचियों को छेड़ने लगा. फिर उस दिन उसने मेरी लोअर में हाथ डाला और मेरी पैंटी के ऊपर से चूत को छेड़ने लगा. मैं भी गर्म होने लगी. भाई की उंगलियां मेरी चूत पर चल रही थीं.

मेरी सांसें भारी होने लगी. मगर मैं खुद को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही थी. अमित मेरी चूत को सहलाये जा रहा था और मुझे मजा आने लगा था. फिर उसने अपना लंड निकाल लिया और उसको मेरे होंठों व चेहरे पर रगड़ने लगा.

उसके लंड की गंध मुझे साफ पता चल रही थी. आज तक मैंने किसी लड़के का लंड ऐसे नहीं देखा था. देख तो उस दिन भी नहीं पा रही थी लेकिन चेहरे पर महसूस कर रही थी. काफी देर तक वो मेरे चेहरे पर लंड को रगड़ता रहा.

उसका लंड बहुत गर्म था और मुझे अपने गालों पर उसका लंड रगड़वाने में मजा आ रहा था. फिर वो मुठ मारने लगा और उसने मेरे चेहरे पर माल गिरा दिया. फिर वो चला गया. उसके जाने के बाद मैंने आंखें खोलीं और फिर खुद को आईने में देखा.

मेरे गालों पर उसके लंड का माल लगा हुआ था. मैंने उसको हाथ से छुआ और फिर उंगलियों में मसल कर देखा. मुझे बहुत अच्छा लगा. मेरी चूत में भी पानी आने लगा. अब मेरा मन करने लगा कि काश ये लंड का माल मेरी चूत पर लगा होता और मैं उसको अपनी उंगली से अंदर करते हुए चूत को रगड़ती.

उसके बाद मैं चूत में उंगली करके सो गयी. मैं अब अमित को चाहने लगी थी. मैं उसके साथ अब खुलकर मजा लेना चाहती थी. अब कई बार मैं उसके सामने अपनी चूचियों को उभार कर रखती थी. अपनी गांड को उसके सामने ज्यादा मटकाती थी.

वो भी मेरी ओर देखता था लेकिन चोरी चोरी देखा करता था. वो खुलकर शायद कुछ बोलना नहीं चाहता था. अगले दिन मैं बाथरूम में नहाने गयी. जब मैं नहाने के बाद अपनी पैंटी पहनने लगी तो मैंने उस पैंटी पर भी वैसे ही दाग देखे.

ये देखकर मैं गर्म हो गयी. ठीक चूत वाली जगह पर अमित ने अपना माल छोड़ा हुआ था. अब मैं जान गयी कि भैया भी मेरी चूत चोदना चाहता है. इसलिए मैं भी अब उससे खुलकर बात करने के मूड में आ गयी. फिर मैंने शाम को उसे अपने रूम में बुलाया.

मैंने कहा- आपसे एक जरूरी बात करनी है.

वो बोला- हां विशाखा कहो?

मैंने कहा-भैया आप मुझे पसंद करते हो क्या?

वो बोला- हां विशाखा , तुम बहन हो मेरी, ये भी कोई पूछने की बात है क्या?

उससे मैं सीधे तौर पर पूछना चाहती थी.

मैंने बोला- मैं भाई-बहन वाले प्यार की बात नहीं कर रही.

अमित- तो और कैसा प्यार होता है भाई-बहन के बीच? विशाखा

मैंने कहा-अमित भैया, आप बनो मत, मैं जानती हूं आप मेरे कपड़ों के साथ क्या करते हो. रात को भी मैं सब देख चुकी हूं.

ये सुनकर उसके चेहरे का रंग उड़ गया.

वो बहाने बनाने लगा और बोला- ये क्या कह रही है छोटी, कैसी बातें कर रही है तू?

मस्तराम की गन्दी चुदाई की कहानी : सगी बहन को दिया चुदाई का दर्द

उसको आईना दिखाने के लिए मैं अपनी पैंटी को निकाल लाई. ये वहीं पैंटी थी जिस पर उसके लंड का माल लगा हुआ था. पैंटी दिखाते हुए मैं बोली- भैया ये देखो, मैं सब जानती हूं. आप रात को सोते हुए मेरे साथ यही करते हो.

वो बोला- देख विशाखा, मैं तुझे पसंद करता हूं. मगर ये बात तू किसी को कहना मत. मुझसे गलती हो गयी. सॉरी.

मैं बोली- अमित भैया, मैं भी आपको लाइक करने लगी हूं. आप सॉरी मत बोलो.

ये सुनकर उसने मुझे सीने से लगा लिया और मुझे किस करने लगा.

मैंने कहा- भैया अभी नहीं, रात को आना. अभी तो पकड़े जायेंगे.

अमित- ठीक है विशाखा, लेकिन मां को क्या कहोगी?

विशाखा – उनको मैं कुछ भी बहाना बना दूंगी. आप रात के लिए तैयार रहना.

फिर वो मुझे गाल पर किस करके चला गया. मुझे बहुत अच्छा लगा. आज रात को मैं अमित भैया का लंड देखने वाली थी और उससे चुदने वाली थी. रात का खाना होने के बाद सब लोग सोने लगे.

मैंने मां से कहा- मुझे रात में बहुत डरावने सपने आते हैं मां. फिर नींद खुलती है तो डर लगता है. अमित भैया को बोलो न कि मेरे रूम में सो जाये?

वो बोली- तू ही पूछ ले. मैं क्या अलग से कहूंगी?

अमित भैया और मेरे बीच में तो पहले से ही सब सेट हो चुका था. भैया ने तुरंत हां कर दी. हम दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कराने लगे. मां और पापा अपने रूम में जा चुके थे. फिर मैं अपने रूम में चली गयी.

अंदर जाकर मैंने अपने कपड़े उतार दिये और केवल ब्रा और पैंटी में बैठ गयी. कुछ देर के बाद अमित भी रूम में आ गया. आते ही अमित ने दरवाजे को अंदर से बंद कर लिया. वो मुझे देखता ही रह गया और फिर मुझे गोद में उठा लिया. हम दोनों एक दूसरे को होंठों पर किस करने लगे.

उसके बाद उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और अपने कपड़े़ खोलने लगा. वो केवल अंडरवियर में आ गया और मेरे ऊपर आकर किस करने लगा. मैं भी उसके होंठों को चूमने और चूसने लगी. फिर हम दोनों 10-15 मिनट तक किस ही करते रहे.

उसके बाद उसने मेरी ब्रा को उतार फेंका और वो मेरी चूचियों को मुंह में लेकर पीने लगा. मुझे बहुत मजा आने लगा. पहली बार मैंने किसी लड़के के मुंह का स्पर्श अपनी चूचियों पर करवाया था. वो काफी देर तक मेरी चूचियों को पीता रहा.

फिर वो नीचे की ओर गया और उसने मेरी पैंटी खींचकर निकाल दी. मेरी चूत पर हल्के बाल थे और वो गीली हो चुकी थी. फिर अमित मेरी चूत को चाटने लगा. मैं मदहोश होने लगी. जल्दी ही मेरी चूत से बहुत सारा पानी निकल गया. उसके बाद मैं ढीली पड़ गयी.

अब अमित ने मुझे अपने ऊपर लिटाया और फिर से मेरे होंठों को चूमने लगा. मैं अब कुछ देर उसके होंठों को चूमने के बाद उसके बदन को किस करने लगी. किस करते हुए मैंने नीचे आ गयी. मैंने उसके लंड के पास किस किया तो मुझे लंड से अजीब सी गंध आई.

वो मुझे लंड चूसने के लिए कहने लगा लेकिन मेरा मन नहीं किया. फिर मैं अमित भैया के लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी. उसकी जांघों पर मैंने अपनी गांड रख ली और लंड को चूत पर रगड़ने लगी. वो सिसकारियां लेने लगा तो मैंने कहा- आवाज मत करो! “Bahan Ki Lal Chut”

मगर उससे रहा नहीं जा रहा था. उसने मुझे उठाया और फिर से नीचे लिटा लिया. अब वो मेरी टांगों को खोलकर मेरे बीच में आ गया और अपने लंड को मेरी चूत पर रगड़ने लगा. मैं सिसकारियां लेने लगी. फिर उसने लंड को चूत पर सेट कर दिया.

उसने धक्का लगाया तो मेरी चीख निकली लेकिन उसने एकदम से मुंह पर हाथ रख दिया. वो इशारे से बोला- श्श्श्श … घरवाले उठ जायेंगे. इधर मेरी जान निकली जा रही थी. वो फिर मेरे ऊपर ही लेट गया. मेरे होंठों को किस करने लगा.

मेरी चूत में दर्द हो रहा था. मैं छटपटाती रही. भैया लंड को चूत में डाले हुए लेटा रहा. कुछ देर के बाद भैया ने लंड को थोड़ा धकेला तो मुझे फिर से दर्द हुआ. अमित मेरी चूचियों को सहलाता रहा. मुझे ऊपर तो मजा आ रहा था लेकिन नीचे चूत में ऐसा लग रहा था जैसे कोई छील रहा है. भैया ने देखा तो मेरी चूत से खून निकल रहा था.

अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरीज : दीदी की खूबसूरती उनकी दुश्मन बनी

वो बोला- छिनाल विशाखा तेरी चूत की सील टूट गयी है.

मैं बोली- तो अब अमित भैया?

भैया ने कहा- अब क्या साली छिनाल ? ये पहली बार सेक्स करने में टूटती है. अब तू कुंवारी नहीं रही विशाखा. तेरे भाई ने तेरी चूत का उद्घाटन कर दिया है.

ये सुनकर मैंने अमित भैया को गले से लगा लिया और फिर वो भी मुझे किस करने लगा. कई मिनट तक हम किस करते रहे और फिर मेरी चूत का दर्द भी कम हो गया. अब मेरा भाई मेरी चूत में धक्के देते हुए मुझे चोदने लगा. मेरी चूत में अमित भैया का लंड पूरा फंसा हुआ लग रहा था. “Bahan Ki Lal Chut”

मुझे अब मजा आने लगा था. फिर वो स्पीड में चोदने लगा. थोड़ी देर में दोनों एक दूसरे की ओर धक्के लगाने लगे और सिसकारते हुए चुदाई का मजा लेने लगे. मुझे अमित के लंड से चुदते हुए अब बहुत मजा आ रहा था और मैं उसके लंड से चुदते हुए मदहोश होती जा रही थी.

फिर मेरी चूत का पानी निकल गया. वो अब भी नहीं रुका और चोदता रहा. अब रूम में पच-पच होने लगी. मेरी चिकनी चूत बहुत आवाज कर रही थी. वो भी लगातार चोदे जा रहा था. 15 मिनट तक अमित ने मेरी चूत को बहुत चोदा और फिर वो मेरी चूत में ही झड़ गया.

मैंने उसको गले से लगा लिया और मेरा भाई मेरी चूत में लंड को डाले हुए मेरे ऊपर ही लेट गया. जब उसने चूत से लंड को बाहर निकाला तो मेरी चूत में से खून और वीर्य का द्रव बनकर निकल रहा था. भैया ने मेरी चूत को साफ किया और उसके अंदर तक देखा. “Bahan Ki Lal Chut”

चूत एकदम से लाल हो गयी थी. मैं पहली बार चुदी थी. मेरी चूत में बहुत जलन हो रही थी लेकिन अमित भाई के लंड से चुदकर मुझे मजा भी बहुत मिला. फिर हम बाथरूम में गये और भैया ने मेरी चूत को धोकर उसे साफ किया.

फिर हम लेट गये. मगर थोड़ी देर के बाद अमित भैया का लंड फिर से खड़ा हो गया और एक बार फिर से उसने मेरी चूत में लंड दे दिया. इस बार भैया ने 20 मिनट तक चुदाई की और मेरी चूत का बाजा बजा दिया. दूसरी बार भाई सेक्स के बाद मेरी चूत पूरी सूज गयी. वो एकदम फूल गयी.

उसके बाद मैं थककर सो गयी. मगर सुबह होने से पहले अमित ने एक बार फिर से मेरी चूत चोद डाली. इस तरह से पहली चुदाई में मैं अमित भैया के लंड से तीन बार चुदी. मुझे बहुत मजा आया लेकिन दर्द भी बहुत ज्यादा हुआ.

उस दिन के बाद से अमित भैया और मेरी बीच चुदाई का ये सिलसिला अभी भी चला आ रहा है. हम दोनों किसी तरह चुदाई का मौका निकाल लेते हैं. मैं विशाखा खुशी खुशी भैया की रंडी बन चुकी हूं और अमित भैया से खूब चुदवाती हूं. भैया के लंड को लेकर मुझे बहुत सुकून मिलता है. “Bahan Ki Lal Chut”

कामुकता हिंदी सेक्स स्टोरी : भाभी की गांड के लाल छेद में लंड घुसाया

अमित भैया ने चोद चोद कर मेरी चूत को लंडखोर बना दिया है. मैं अब भैया के लंड से चुदे बिना नहीं रह पाती हूं. अमित भैया भी अपनी छिनल बहन विशाखा की चूत के लिए प्यासे रहते हैं. कुछ दिन पहले ही मेरी शादी की बात फिक्स हो गयी है. मगर मैं अभी भी अपने भाई सेक्स का मजा लेती हूँ.

मैं अपने ससुराल जाने से पहले पूरा मजा लेना चाहती हूं. मैं अमित भैया के बच्चे की मां बनना चाहती हूं. इस लॉकडाउन में मैंने बहुत कोशिश की कि अमित भैया मुझे प्रेग्नेंट कर दे लेकिन हमें चुदाई का ज्यादा मौका नहीं मिल पाया क्योंकि सब लोग घर में ही रहने लगे थे.

अभी भी मैं रात को किसी तरह अमित भैया के लंड को ले ही लेती हूं. तो दोस्तो, ये थी हम भाई बहन की चुदाई की स्टोरी. आपको ये बहन भाई सेक्स की कहानी पढ़ने में मजा आया होगा. तो मुझे बताना. आपकी अपनी छिनाल विशाखा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *