Chudasi Student Sex – 2 टीचर कॉलेज में मेरी चूत के लिए झगड़ने लगे

Chudasi Student Sex – 2 टीचर कॉलेज में मेरी चूत के लिए झगड़ने लगे

Chudasi Student Sex

मेरा नाम आरुशी है मैं बागपत की रहने वाली हूँ। मैं बहुत गोरी और सुंदर हूँ। मेरे घर के आसपास के लकड़े मुझे माल, सामान, आईटम, टोटा और ना जाने क्या क्या बुलाते है। मैं अच्छी तरह से जानती हूँ की वो मुझे बहुत पसंद करते है और मेरे मस्त मस्त मम्मे वो पीना चाहते है और मेरी रसीली बुर वो चोदना चाहते है। Chudasi Student Sex

जब मैं किसी सड़क से निकलती हूँ तो लड़के मुझे बार बार पलट कर देखते है और मन ही मन मुझसे प्यार करने लग जाते है। मेरी एक एक मुस्कान पर कितने लड़कों का क़त्ल हो जाता है और उनका दिल उछलकर बाहर आ जाता है। सब मुझसे बात करना चाहते है और बस मिलने का कोई बहाना ढूँढना चाहते है। सभी मुझे बस एक बार जी भर के चोदना और खाना चाहते है।

मैं आपको जो कहानी सुना रही हूँ वो कुछ हफ्ते पहले ही है। मैं कॉलेज में पढ़ रही थी और बी कॉम फाईनल इअर में थी। मैंने फाइनल में कॉर्पोरेट एकाउंटिंग और ऑडिटिंग के पेपर लिए हुए थे। रिंकू सर मुझे कॉर्पोरेट एकाउंटिंग और पवन सर मुझे आडिटिंग पढ़ाते थे। दोनों ही सर अच्छा पढ़ाते थे।

धीरे धीरे मेरी दोस्ती रिंकू और पवन दोनों सरो से हो गयी और मैं दोनों से प्यार करने लगी। इतना ही नही मैं दोनों के घर पर जाकर शाम को ट्यूशन पढ़ती थी। रिंकू और पवन दोनों सर ने मुझे चोद लिया था। एक दिन जब मैं पवन सर के घर पर थी, हम दोनों प्यार कर रहे थे।

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वो मेरे मोबाइल से मेरी कुछ फोटो खींचने लगे और इसी बीच उन्होंने मेरी रिंकू सर के साथ में कई नंगी तस्वीरे देख ली। पवन सर मुझे बहुत प्यार करते थे, इसलिए उन्होंने मुझसे कुछ नही कहा। पर अगले दिन उन्होंने रिंकू सर का कॉलर पकड़ लिया और उसको २ ४ लपोटे मार दिए।

“आरुशी सिर्फ मेरी माल है। उसकी चूत सिर्फ मैं लूँगा। अगर दोबारा मेरी माल से मिलने की कोशिश की तो तेरे हाथ पैर तोड़ दूंगा!!” पवन सर बोले.

रिंकू सर के मुंह से खून बह रहा था। उनकी नाक टूट गयी थी। वो भी पवन सर को पलटकर मारने लगे और मामला बहुत आगे बढ़ गया। मुझे पता चला तो मैं भागी भागी वहां पहुची। दोनों एक दूसरे से कह रहे थे की दूसरा मुझसे ना मिले। मैंने दोनों सर को अलग अलग किया।

“आप लोग गली के कुत्तो की तरह लड़ना बंद करो!! सच तो ये है की मैं आप दोनों से प्यार करती हूँ। इसलिए मैं दोनों से मिलती रहूंगी और चुदवाती रहूंगी!!” मैंने कहा.

उसके बाद रिंकू और पवन सर में आपस में सुलह हो गयी। एक दिन मैंने दोनों से एक साथ चुदवाने का प्लान बनाया। मेरे घर से पवन सर का घर पास पड़ता था। इसलिए मैंने रिंकू सर को पवन सर के घर पर आने को बोल दिया। कॉलेज का बहाना मारकर मैं घर से बाहर निकल आई और सीधा रिक्शा करके पवन सर के घर पहुच गयी।

कुछ देर में रिंकू सर भी वहां आ गये। उसके बाद हम तीनो आपस में प्यार करने लगे। पहले पवन सर ने मुझे बिस्तर पर लिटाकर मेरे रसीले होठ चूसे, फिर रिंकू सर ने मेरे लब चूसे। फिर हम तीनो से अपने कपड़े उतार दिए। रिंकू और पवन सर में आपस में सुलह हो गयी थी।

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मैं बोल दिया था की अगर वो आपस में किसी कुत्ते की तरह लड़ेंगे तो मैं किसी को भी चूत नही दूंगी। ये बात मैंने साफ साफ़ दोनों से बोल दी थी। हम तीनो नंगे हो गये और प्यार करने लगे। पवन सर को मैं जादा प्यार करती थी। मेरे भरे हुए जिस्म को दोनों बार बार ताड़ रहे थे और मजा ले रहे थे।

मैंने अपने बाल खोल दिए थे, जिसमे मैं और भी सेक्सी और हॉट लग रही थी। मेरे मम्मे ३६” के थे जो बहुत जूसी और रसीले थे। ये बात सच थी की आज मैं दोनों से चुदवाना चाहती थी।

“आरुशी बता तू किस्से जादा प्यार करती है!” रिंकू सर ने पूछा। मैं हँसने लगी और दोनों की तरफ देखने लगे। रिंकू सर सोच रहे थे की मैं उनका नाम लुंगी, पर पवन सर जानते थे की मैं उनसे जादा प्यार करती हूँ।

“मैं पवन सर से जादा प्यार करती हूँ, इसलिए मेरे मस्त मस्त दूध पीने का पहला हक पवन सर का है!!” मैंने कहा.

इसके बाद मैं लेट गयी और पवन सर मेरे उपर लेट गये। उन्होंने मेरे रसीले दूध को मुंह में ले लिया और मजे लेकर पीने लगे। दोनों सर के लौड़े काफी लम्बे लम्बे थे, पर पवन सर का लंड तो ८” का था, जबकि रिंकू सर का लंड ७ इंच का था। पवन सर के हाथ मेरे चुचियों को सहलाने लगे और होले होले दबाने लगे। रिंकू सर ने मेरे दूध और निपल्स को १५ मिनट चूसा।

“आओ रिंकू सर आप भी मेरे मम्मे पी लो!!” मैं बोली। पवन सर मेरे उपर से हटे तो रिंकू सर आकर मेरे दूध पीने लगे। वो मेरी रसीली चूचियों को मुंह में लेकर चूसने लगे। चूं चूं….की आवाज आने लगी। मेरे मम्मे किसी अनार जैसे लाल लाल गुलाबी गुलाबी और बड़े खूबसूरत थे। वृत्ताकर दूध के शिखर पर काले काले रंग के घेरे वाले चूचुक थे, जो बहुत मस्त और सेक्सी लगते थे।

रिंकू सर मेरी काली काली निपल्स में अपनी खुदरी जीभ को बार बार टकरा रहे थे। मैं उतेज्जना और चुदास से पागल हुई जा रही थी। वो मेरे दूध को किसी पके टमाटर की तरह कसकर दबा देते थे, मेरी तो जान ही निकल जाती थी। लग रहा था आज वो मेरा दूध ही पी लेंगे और सारा रस चूस लेंगे। “Chudasi Student Sex”

मैं उनके दांतों की तेज धार को अपने नर्म मम्मो पर महसूस कर सकती थी। मैं “……उई..उई..उई…. माँ….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ…. .अहह्ह्ह्हह..” करके सिसक रही थी। हाँ आज मैंने उसने कसकर चुदवाना चाहती थी। कुछ देर तक मेरे बूब्स पीने के बाद रिंकू सर हट गये और पवन सर फिर मेरे पास आ गये।

“आरुशी….मेरी जान आ मेरा लौड़ा चूस आकर!! हम दोनों तुझे बी कॉम फाइनल में इतने मार्क्स देंगे की तू कॉलेज टॉप कर जाएगी!!” पवन सर बोले.

“सर, टॉप आने के लिए तू मैं कुछ भी करुँगी!!” मैंने कहा.

उसके बाद मैं पवन सर का मोटा लंड हाथ में लेकर चूसने लगी और मुंह में लेकर चूसने लगी। रिंकू सर को एक कमाल का आइडिया आया और वो मेरे दोनों पैर के नीचे चूत के नीचे आ गये। इसलिए मुझे मजबूरी में घोड़ी बनना पड़ा। रिंकू सर ने अपना सर मेरी दोनों टांगो के नीचे डाल डाल दिया और लेटकर मेरी चूत पीने लगे।

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ये एक गजब का क्रांतिकारी आइडिया था। मैं इधर पवन सर का मोटा ८” लौड़ा चूसने में मस्त थी, और उधर रिंकू सर मेरी चूत नीचे सर डालकर पी रहे थे। जितना जादा मजा मुझे पवन सर का लंड चूसने में मिल रहा था, उससे कहीं जादा सुख को रिंकू सर को अपनी बुर पिलाने में मिल रहा था। दोनों आज मुझे कसकर चोदना चाहते थे और फिर मुझे अच्छे नम्बर एग्जाम में देने वाले थे। “Chudasi Student Sex”

दोस्तों, बड़ी देर तक ये चुसी चुसाई का खेल चला। मैंने पवन सर के मोटे लौड़े को इतना चूसा की उन्होंने अपना माल मेरे मुंह में ही छोड़ दिया, जिसे मैं पूरा का पूरा पी गयी। उधर रिंकू सर लेटकर जो मेरी बुर पी रहे थे, उससे मैं भी उसके मुंह में एक बार झड़ गयी थी।

मेरी चूत का सारा पानी उनके मुंह में छूट गया था, जिसे वो पी गये थे। उसके बाद पवन सर ने मुझे सीधा लिटा दिया और मेरी लाल लाल चूत में अपना मोटा लंड डाल दिया और मुझे मजे मजे चोदने लगे। मैंने हाथ के पंजों से बिस्तर की चादर पकड़ ली और कसकर भींच ली।

वो हौक हौंक के मेरी चूत मारने लगे। इस तरह चुदवाने में कुछ आराम मिल रहा था। खाली मुट्ठी चुदवाने में बड़ा अजीब लगता है। हाथ में तो कुछ होना ही चाहिए। पवन सर फक फक करके मुझे फक [चोद] कर रहे थे। मैं अच्छी तरह जानती थी की पवन सर मेरे रूप, रंग और खूबसूरती को भोगना चाहते है।

वो मुझे पेट पर हाथ से गोल गोल सहला सहलाकर चोद रहे थे। कुछ देर बाद मेरी चूत रवां हो गयी और पूरी तरह से खुल गयी। मेरी चूत से ढेर सारा ताजा मक्खन निकला रहा था चुदते समय जो सर के मोटे लौड़े पर ग्रीस की तरह अच्छे से चुपड़ गया था।

इससे वो अच्छे से फट फट करके मुझे चोद पा रहे थे। किसी पिस्टन की तरह उनका लौड़ा मेरी चूत में फिसल रहा था, अंदर बाहर हो रहा था और मेरी चूत को चोद रहा था। आडिटिंग के साथ साथ सर कामशास्त्र और चोदनशास्त्र में भी प्रवीण थे, माहिर थे। ये बात आज मुझको पता चल गयी थी। “Chudasi Student Sex”

फिर पवन सर का माल मेरी चूत में ही छूट गया। मैं एक बार अपने कॉलेज के आडिटिंग के सर से चुद चुकी थी। अब मुझे चोदने का नम्बर रिंकू सर का था। मादव सर हट गये और पानी की बोतल से पानी पीने लगे।

उनकी बहुत सारी ताकत और ऊर्जा नस्ट हो चुकी थी मेरी चूत मारने में। अब रिंकू सर मेरे उपर आकर लेट गये। और मेरी चूत को पीने लगे। दोस्तों आज तो मेरी फुल पार्टी हो गयी थी। २ २ सर के दो दो मोटे लौड़े मुझे खाने को जो मिल रहे थे।

“ओह्ह…आरुशी तुम बहुत खूबसूरत हो….सच में तुमको देखते ही मुझे कुछ हो जाता है!!” रिंकू सर मेरी तारीफ़ करने लगे। उसके बाद वो मेरी चूत पीने लगे।

इससे पहले मैं कुछ समझ पाती सर ने अपना मुंह मेरी चूत पर लगा दिया और चूत पीने लगे। उन्होंने मेरी दोनों टाँगे पूरी तरह से खोल दी थी। इसके साथ ही उन्होंने अपनी मध्यमा (हाथ की बीच वाली ऊँगली) मेरी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगे। “आऊ….. आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह….सी सी सी सी.. हा हा हा..” करके मैं तेज तेज चिल्लाने लगी।

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मैं क्या करती दोस्तों, मेरी चूत में अजीब से सनसनाहट हो रही थी। सर जल्दी जल्दी अपनी मध्यमा से मेरी बुर फेटने लगे। मैं अपनी कमर और पेट उपर उठाने लगी। मेरा गला बार बार सुख रहा था। अजीब हालत थी ये। तेरे तन मन में सनसनाहट हो रही थी। एक तरह रिंकू सर की ऊँगली, तो दूसरी तरह उनकी जीभ और होठ।

आज मेरा बच पाना मुश्किल ही नही नामुमकिन था। सर को जाने क्या मजा मेरी चूत पीने में मिल रहा था, मैं नही समझ पा रही थी। उनकी जीभ मेरे जिस्म के सबसे कोमल और सम्वेदनशील हिस्से से खेल रही थी। ये विचित्र और अलग अहसास था। मेरे चूत के दाने को वो अपने दांत से पकड़ लेते थे और उपर की तरह खीच लेते थे। मैं पागल हो रही थी। “Chudasi Student Sex”

“प्लीससस……..प्लीससस,  उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…सर, अब मुझे चोद लीजिये वरना मैं मर जाउंगी!!” मैंने कहा.

फिर रिंकू सर को मेरी जवानी पर तरस आ गया। उन्होंने अपना ७” का लौड़ा मेरी बुर में डाल दिया और मुझे चोदने लगे। मैंने उनके गले में हाथ डाल दिया। मेरे दिमाग में बड़ी जोर की यौन उत्तेजना होनी लगी। मेरे जिस्म की रग रग में, एक एक नश में खून फुल रफ्तार से दौड़ने लगा। मैं चुदने लगी।

सर का मजबूत लौड़ा खाने लगी। मैं संभोहरत हो गयी, चुदवाने लगी। रिंकू सर आलराउंडर  की तरह मेरी चूत मे बैटिंग करने लगा। मेरा चेहरा तमतमा गया। सर का मस्त बड़ा सा लौड़ा खटर खटर करके मेरी चूत में दौड़ने लगा। मैं जोशा गयी।

“….ओह्ह्ह्ह फक मी हार्डर….ओह्ह्ह यससससस….कमोंन फक मी हार्ड!! ओह्ह माय गॉड….यससससससस यस!!” मैंने उत्तेजना में चुदवाते चुदवाते हुए कहा। रिंकू सर बहुत जोर जोर से मुझे पेलने लगे। मेरा पूरा चेहरा तमतमा गया। मेरे कान, नाक, आंख, स्‍तन, भगोष्‍ठ व योनि की आंतरिक दीवारें फुल गयी।

मेरा भंगाकुर का मुंड नीचे की तरफ धस गया। मेरी धड़कने बढ़ गयी। मेरी चूत अच्छे से चुदने लगी। चूत की दिवाले योनी पथ पर अपना तरल पदार्थ चोदने लगी। इस चिकने मक्खन से मेरी चूत और भी जादा चिकनी और फिसलन भरी हो गयी।

रिंकू सर  का लौड़ा मेरी चूत के छेद में खटर खटर करके फिसलने लगा जैसे किसी कोयले की अँधेरी खदान में काम कर रहा हो। वो मुझे किसी रंडी की तरह चोदने लगे। कुछ देर में उनका माल मेरी बुर में ही छूट गया। “Chudasi Student Sex”

अब तक मेरे कॉलेज के दोनों सर से मुझे एक एक बार चोद लिया था। पवन सर ने फ्रिज से शेम्पेन की बोतल निकाली और हवा में लहराई। उन्होने पार्टी का मस्त इंतजाम किया था। हम तीनो से शेम्पेन के गिलास आपस में टकराए और सेलिब्रेट करने लगे।

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“यार आरुशी तूने तो आज जिस तरह हमे खुलकर चूत दी है, हम तो तेरे दीवाने हो गए है!!” पवन सर बोले.

“हाँ आरुशी, आज तो तूने रंग जमा दिया यार!!” रिंकू सर बोले.

कुछ देर तक हम आराम आराम से शेम्पेन का मजा लेते रहे। उसके बाद फिर से चुदाई का मौसम बन गया। हम तीनो सोफे पर चले गये। पवन सर सोफे पर बैठ गये। मैं उनके लंड को हाथ में लेकर फेटने लगी।

“आरुशी जान….अब मैं और रिंकू तुमको एक साथ चोदेंगे। तुमको इसमें बहुत मजा आएगा….डोंट वरी!!” पवन सर बोले.

“ओके!!” मैं कहा.

कुछ ही देर में उनका लंड फिर से खड़ा हो गया। सर के इशारे पर मैं पवन सर की तरह अपनी पीठ करके खड़ी हो गयी। पवन सर ने अपने ८” के लंड पर ढेर सारा तेल लगा लिया और मेरी गांड में अपना लंड डाल दिया। “हाईईईईई, उउउहह, आआअहह…” मैं चिल्लाई। मुझे दर्द हो रहा था, पर किसी तरह मैं बर्दास्त कर रही थी। पवन सर ने मुझे अपने उपर लिटा लिया। मेरी पीठ उनकी तरह थी।

“रिंकू….आ जा यार!…इस कुतिया को साथ में चोदते है!!” पवन सर बोले। मुझे अच्छा लगा। अब मेरे दूसरे आशिक रिंकू सर भी आ गये और उन्होंने अपने लंड में थोड़ा तेल लगा लिया, मेरी चूत ठीक उनके सामने थी। रिंकू सर ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। मैं चिल्लाई। दोस्तों, अब २ २ लौड़े मेरे दोनों छेद में थे। धीरे धीरे पवन और रिंकू सर दोनों अपने अपने लंड मेरी चूत और गांड में धीरे धीरे चलाने लगे। मेरी तो जान ही जाने लगी। उसके बाद दोनों ने एक साथ मेरी चूत और गांड मारी और सवा घंटे मुझको पेला।

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