Chut Ka Namkeen Swad – दीदी की सहेली को अपनी सेक्स सर्विस दिया

Chut Ka Namkeen Swad – दीदी की सहेली को अपनी सेक्स सर्विस दिया

Chut Ka Namkeen Swad

मैं दीदी को कई बार चोद चुका था। एक दिन दीदी को मैं अपनी बाईक पर ले जा रहा था, दीदी को बाजार जाना था। रास्ते में दीदी ने एकदम से मुझसे बोला- विकाश जरा बाईक रोक… मैंने बाईक रोक दी, दीदी एकदम चिल्लाईं- नेहा..! मैंने देखा सड़क की दूसरी तरफ़ एक लड़की खड़ी है। Chut Ka Namkeen Swad

दीदी उसके पास जाकर उसके गले मिलीं और उससे बात करने लगीं। मैं दूसरी तरफ़ बाईक के पास खड़ा था। वो शादीशुदा थी, उसने लाल रंग का सलवार-सूट पहन रखा था। दूर से ही एकदम मस्त लग रही थी। कुछ देर में दीदी उससे बात करके आईं और बोलीं- चल… मैंने बाईक चालू की और हम चल दिए। दीदी ने बाजार से अपनी जरुरत का सामान लिया और हम घर आ गए।

रास्ते में मैंने दीदी से पूछा- दीदी वो लड़की कौन थी?

दीदी बोलीं- वो नेहा थी.. मेरी कॉलेज की सहेली..

मैंने कहा- इतनी मस्त!!

दीदी बोलीं- उसकी कुछ ही महीने पहले शादी हुई है और उसका पति आर्मी में है।

बातों-बातों में हम घर आ गए। दोस्तो, रात को मेरा लन्ड चुदाई के लिए फ़नफ़नाने लग जाता है। पापा और मम्मी अपने कमरे में सो रहे थे और हम तीनों भाई और दीदी अपने लड़के को लेकर एक अलग कमरे में लेटते हैं। मैंने रात को दीदी को आहिस्ता से जगाया और ऊपर छत पर चलने के लिये इशारा किया और मैं ऊपर चला गया।

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कुछ देर में दीदी भी छत पर आ गई और हम एक-दूसरे को चूमने लगे। दीदी मेरे लन्ड को निक्कर के ऊपर से ही मसल रही थी। यह हमारा रोज का काम था। मैं दीदी के होंठ चूस रहा था, मैंने दीदी की मैक्सी को ऊपर उठा कर दीदी को दीवार के सहारे खड़ा कर लिया और मैं दीदी की गाण्ड को चौड़ा करके गाण्ड को चाटने लगा।

मुझे दीदी की गाण्ड चाटने की तो जैसे लत ही लग गई है। दीदी मेरे सिर के बालों को पकड़ कर अपने गाण्ड के छेद को चटवा रही थी। जब मैं दीदी की गाण्ड चाट रहा था तो मुझे दीदी की दोस्त नेहा की याद आई।

मैंने दीदी से बोला- दीदी आपकी सहेली नेहा बहुत मस्त है, उसको मैंने जब से देखा है मुझे उसकी गाण्ड ही नजर आ रही है… दीदी किसी तरह उसकी गाण्ड चटवा दो।

दीदी बोली- अभी तू मुझे तो चोद… उसकी बात बाद में करना।

मैंने दीदी को खूब चोदा दीदी की चूत को भी चाटा। दीदी ने मेरे लन्ड को भी मस्त चूसा। फ़िर हम कमरे में आकर सो गए। अगले दिन रविवार था, सब लोग घर पर ही थे। दोपहर में सब एक कमरे में सो गए और मैं और दीदी टेलीविजन देख रहे थे।

मैंने दीदी से कहा- दीदी… आप से मैंने रात में आपकी सहेली नेहा के बारे मे कुछ कहा था?

दीदी ने कहा- विकाश, देख में उससे बात करती हूँ अगर उसने मना कर दिया या कुछ उल्टा हुआ तो फ़िर तू देख लियो।

मैंने कहा- दीदी, आप पहले किसी और तरीके से बात करना अगर आपको लगे कि बात बन सकती है तो ही आगे बात करना… वरना मत करना।

दीदी ने उससे उसका फ़ोन नम्बर ले लिया था मैंने कहा- आप उसे फ़ोन करो।

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दीदी ने नेहा को फ़ोन किया और कहा- नेहा कल में तुझसे मिली, पर तुझसे बातों-बातों में तुमसे ये पूछना तो भूल ही गई कि तुम कहाँ रह रही हो।

नेहा ने बताया कि वो और उसकी सासू गाजियाबाद में विजय नगर में एक फ्लैट में रहते हैं और उसने कहा- कभी आओ।

दीदी ने कहा- कभी गाजियाबाद आना होगा तो आऊँगी।

उन्होंने बात करने के बाद फ़ोन काट दिया।

दीदी बोली- किसी दिन चलना उसके घर… तब बात करते हैं।

मैं दीदी के होंठों को चूम कर बोला- शुक्रिया दीदी।

फ़िर एक दिन हम गाजियाबाद गए, दीदी ने मुझ से कहा- तू शिप्रा मॉल चला जा और मैं जब तक फ़ोन ना करूँ, तब तक मत आना।

मैंने कहा- दीदी मैं आपके साथ क्यों नहीं चल सकता?

दीदी ने कहा- मेरे दिमाग में एक योजना है तू समझा कर।

मैं चला गया। मैंने मॉल में जा कर थोड़ा घूमा। करीब दो घन्टे के बाद दीदी का फ़ोन आया और मैं दीदी की बताई जगह पर पहुँच गया। मैंने दीदी से पूछा- क्या हुआ?

दीदी बोली- घर चल… काम हो गया, पर घर चल कर बताऊँगी।

मैं बहुत खुश हुआ और दीदी को घर ला कर दीदी से पूछा- बताओ न क्या हुआ.. दीदी कैसे बात की आपने?

दीदी ने बताया- उसका पति फ़ौज में है और शादी को आठ या नौ महीने हुए हैं। इन महीनों में वो सिर्फ़ दो बार ही घर आया है। जब बातों-बातों में मैंने उससे पूछा कि सेक्स का दिल नहीं करता.. तो उसने कहा कि यार मैं कर ही क्या सकती हूँ इतना तो सब्र करना ही पड़ता है।

मैंने कहा मुझ से तो नहीं होता मैं तो घर वाला नहीं तो बाहर वाला। तो वो बोली क्या मतलब, मैंने कहा कि जब वो कुछ दिनों के लिए कहीं जाते हैं तो मैं तो कालबॉय बुला लेती हूँ, तो वो बोली कि यार ये तो गलत है तो मैंने बोला कि यार हमारी सोसायटी में तो यही होता है और किसी को पता भी नहीं चलता।

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मैं बोला- फ़िर दीदी?

तो दीदी बोली- काफ़ी देर बाद साली ने बोला कि तू किसे बुलाती है, तब मैंने उसे तेरा नम्बर दिया है और सुन तू उसे अपना नाम राहुल बताइयो।

मैंने कहा- ठीक है दीदी।

दोस्तो, उसका कई दिनों में फ़ोन आया, उसने पूछा- आप राहुल बोल रहे हो?

मैंने कहा- हाँ.. जी, बोलो.. मैं राहुल ही बोल रहा हूँ.. बोलो?

वो बोली- मुझे आप की सर्विस लेनी है।

मैं बोला- हाँ जी, आप अपना नाम और पता बताओ और आप को कब सर्विस लेनी है?

मैं भी सब योजना के अनुसार किया हुआ ही बोल रहा था जो दीदी ने मुझे समझाया था। उसने मुझे मंगलवार को बुलाया, उसने बोला कि मैं उसके घर ठीक दोपहर को बारह बजे पहुँच जाऊँ। उसका फ़ोन रविवार को आया था और मुझे एक दिन काटना भारी हो गया।

मैं मंगलवार को ठीक बारह बजे उसके घर पहुँच गया। मैंने दरवाजे को खटखटाया तो एकदम से एक आवाज आई- रुको आती हूँ! दरवाजा खुला तो मेरे सामने दीदी की वही दोस्त नेहा थी। उस दिन मैंने उसे दूर से देखा था और आज वो मेरे एकदम सामने थी।

क्या गजब की बला थी.. एकदम दूध की तरह गोरी.. उसने काले रंग की कुर्ती और नीचे जीन्स पहनी हुई थी। उसके चूतड़ों का साईज और चूची का साईज एकदम आयशा टकिया की तरह था। मैं तो उसे देख कर वहीं दरवाजे पर ही खड़ा रह गया, एकदम उसने कहा- हैलो राहुल… अन्दर आ जाओ।

मैं अन्दर आ गया।

उसने कहा- घर तलाशने में कोई दिक्कत तो नहीं हुई?

मैंने कहा- नहीं।

फ़िर उसने कहा- आज मेरी सासू माँ जी कहीं गई हैं और वो रात को ही आएंगी। मैं एक हाऊस-वाईफ़ हूँ और आप एक कॉल-बॉय हैं तो आप अपनी फीस सर्विस के बाद लेना। मैं उसकी बात सुनकर सोफ़े से उठा और उसको पकड़ कर बोला- ठीक है..

मैंने उसके होंठों को मुँह में भर लिया।

उसने मुझ से कहा- पहले आप कुछ चाय वगैरह तो ले लो।

मैंने कहा- सब बाद में।

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मैं उसके होंठों को चूसने लगा वो भी मेरा साथ दे रही थी। थोड़ी देर में उसने कहा- अन्दर कमरे में चलो… और आज मुझे इतना प्यार करो राहुल कि मैं आपको भूल ना पाऊँ। मैंने उसे गोद में उठाया और कमरे में बिस्तर पर लिटा दिया।

मैंने उसको लिटा कर उसके होंठों को प्यार से पिया… उसके होंठ एकदम लाल थे, उन्हें चूसने का मजा और उसके जिस्म की महक एकदम मुझे मदहोश कर रही थी। एक हाथ से मैं कुर्ती के ऊपर से ही उसके चूचे दबा रहा था… एकदम टाईट दूध थे, नेहा भी मेरा साथ दे रही थी। “Chut Ka Namkeen Swad”

हम दोनों सातवें आसमान पर थे। मैंने उसकी कुर्ती को निकाल दिया, अन्दर गुलाबी रंग की ब्रा पहनी हुई थी, मैंने नेहा को बहुत चूसा, कभी उसके गाल, कभी होंठ तो कभी गरदन पर चुम्बन… माहौल गर्म था। उसने मेरी शर्ट को निकाल दिया, थोड़ी देर में ही हम दोनों नंगे थे।

मैंने उससे कहा- नेहा, आप मेरा लण्ड चूसो।

तो उसने मना कर दिया- नहीं.. मुझे लण्ड नहीं चूसना।

मैंने ज्यादा नहीं बोला और उसके पैरों के बीच आ गया। मैंने उसके पैरों को फैला कर उसकी एकदम साफ़ चूत पर अपने होंठ लगा दिए और चूत को चाटने लगा, चूत रसीली हो रही थी, मैंने चूत को मुँह में भर कर खूब चूसा।

दोस्तों मुझे चूत का नमकीन सा स्वाद बहुत मस्त लगता है। मैंने चूत को करीब दस मिनट तक चूसा। कभी जीभ को चूत के अन्दर, कभी चूत के दाने को मुँह में भर कर, कभी कुत्ते की तरह चाटा। इस दौरान नेहा एक बार झड़ चुकी थी।

फ़िर उसने कहा- अब अन्दर डालो..

मैंने कहा- नेहा जी अभी नहीं.. अभी तो चुदाई में बहुत कुछ होना बाकी है।

मैंने नेहा को नीचे फर्श पर खड़ा किया और एक पैर बिस्तर पर और दूसरा फर्श पर रखा। मैं नेहा के नीचे बैठ गया और गाण्ड को चौड़ा कर मुँह घुसा दिया और गाण्ड को चाटने लगा।

नेहा मुझसे बोल रही थी- राहुल, आप मुझे पागल कर दोगे अह्ह अह्ह्ह छ्ह्ह्ह म्म्मऊऊउ ऊऊओआ हाँ चाटो मूऊउ..!

कमरे में एक मधुर आवाज गूँज रही थी। नेहा बिस्तर पर उलटी लेट गई, पैर नीचे लटका कर और मैं गाण्ड को चाट रहा था। गाण्ड के छेद को चाटता कभी तो कभी जीभ अन्दर डाल देता। अब मैंने नेहा को सीधा लिटाया और अपना लण्ड चूत पर लगा कर एक धक्का मारा.

नेहा की चूत कई महीनों से नहीं चुदी थी, इस वजह से नेहा को थोड़ा दर्द हुआ पर दूसरे धक्के में लन्ड चूत में अन्दर तक चला गया, नेहा ने मुझे कस कर जकड़ लिया और लण्ड के अन्दर जाते ही दूसरी बार झड़ गई। नेहा ने कहा- अब आराम-आराम से चोदो। “Chut Ka Namkeen Swad”

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मैं मस्ती से चुदाई करने लगा। थोड़ी देर बाद वो भी नीचे से अपनी गाण्ड को हिला-हिला कर चुदवाने लगी। मैंने चुदाई की गति तेज कर दिया इस तरह करीब 20 या 25 मिनट तक चुदाई चली। जब मेरा निकलने को हुआ तो मैं लण्ड को बाहर निकालने लगा पर उसने मुझे जकड़ लिया और मेरा सारा माल अन्दर ही निकल गया और मेरे साथ ही नेहा भी तीसरी बार झड़ गई और हम दोनों इसी तरह एक साथ लेटे रहे।

नेहा मुझे चुम्बन कर रही थी और बोल रही थी- आपने अब तक कितनी लड़कियों को चोदा है?

मैंने कहा- आप से पहले एक को सिर्फ़..!

मेरी बात सुन कर नेहा चौंक गई और बोली- झूट मत बोलो।

मैंने कहा- कसम से, आप दूसरी हो जिसको मैंने चोदा है।

तो नेहा ने कहा- मेरी दोस्त को आप कैसे जानते हो?

तो दोस्तो, मैंने उस से झूट बोल दिया कि वो मेरी पहली ग्राहक है। उस दिन मैंने उस को चार बार चोदा। फ़िर मैं शाम को 7 बजे वहाँ से घर के लिए निकला। जाते समय उसने मुझे 3000 रुपये दिए और मुझे चूम करके विदा किया।

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