Desi Animal Sex – प्यासी घरेलु महिला की गरम चूत डॉक्टर ने शांत की

Desi Animal Sex – प्यासी घरेलु महिला की गरम चूत डॉक्टर ने शांत की

Desi Animal Sex

मैं इंदु एक शादीशुदा औरत हूं मेरी उम्र पैंतालीस साल है। पति रेल कोच फैक्ट्री में काम करते हैं और एक अच्छी पोस्ट पर नौकरी करते हैं जहां उन्हें फैक्ट्री से दूर भी इंस्पेक्शन के लिए भी एक दो हफ्ते के लिए जाना पड़ता है। वह उम्र में मुझसे दस साल बड़े हैं। हमारे दोनो बच्चे दूर के बड़े शहरों में पढ़ाई करते हैं जो चार छः महीनों बाद ही हमारे पास मिलने आते हैं। Desi Animal Sex

असल में हम एक पहाड़ी गांव के रहने वाले हैं जहां पर हमारा एक बहुत बड़ा परिवार भी रहता है। पर पति की नोकरी की वजह से हमें रेल फैक्ट्री की कालोनी में रहना अच्छा लगता है। हमारी कालोनी बहुत अच्छी है। जिसमें बढ़िया स्कूल, अस्पताल, रोड़, पार्क और स्विमिंग पूल और जिम हैं। पास में ही रेलवे स्टेशन है।

कालोनी में हमें एक बढ़िया क्वार्टर मिला हुआ है यहां हमें सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। और हम जिंदगी को बढ़िया तरीके से एंज्वॉय कर रहे हैं। पर कुछ समय से मेरे पति को ज्यादा समय तक टूर पर रहना पड़ रहा था और बह थोड़ी शराब भी पीने लगे थे इसलिए वह मुझे सैक्स में पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पा रहे थे।

मेरे अकेलेपन को दूर करने के लिए एक दिन वह एक छोटा सा डाबरमैन कुत्ते का बच्चा ले आए जिसका नाम हमने शेरू रख दिया। सर्दियों का मौसम था इसलिए शेरू को हम अपने साथ ही सुलाया करते थे। शेरू का जिस्म काफ़ी गर्म रहता था और उसे अपने साथ सुलाने से हमें काफी गर्मी महसूस होती थी।

एक दिन मैं रात को घर में अकेली थी और पति के साथ फोन पर सैक्सी बातें कर रही थी। इसी दौरान मैं अपनी चड्डी उतार कर अपनी चूत सहला रही थी तो मुझे सर्दी लगने लगी तो मैंने शेरू को उठा कर अपनी नंगी जांघों के बीच अपनी चूत के ऊपर जैसे ही लिटाया तो उसकी नन्ही सी लूली की बिना बालों वाली स्किन जब मेरी चूत से टच हुई.

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तो उसकी गर्मी से मुझे करंट सा लगने लगा और मैं उत्तेजित होने लगी। जिससे मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं। तो पति ने फ़ोन पर इसका कारण पूछा तो मैंने शेरू के बारे में बताया तो पति हंसते हुए बोले कि अगर शेरू जवान होता तो तू आज इससे ज़रूर चुदवा लेती।

थोड़ी देर बाद पति ने मुझे गुडनाईट कहा और फ़ोन बंद कर दिया। पर मेरी चूत इतनी गीली हो गई थी कि उसमें से चूत रस बहने लगा था। तभी शेरू थोड़ा नीचे खिसका और मेरी चूत का रस चाटने लगा। अपनी चूत उसकी नाज़ुक जीभ से चटवाने में मुझे मजा आने लगा.

तो मैंने अपनी टांगें और फ़ैला दीं जिससे मेरी चूत थोड़ी खुल गई और शेरू भी मेरी चूत में अपनी जीभ घुसा कर चाटने लगा। मुझे उस रात बहुत ही मजा आया। समय बीतता गया और तकरीबन एक साल बाद मेरे सिर में कभी कभी दर्द होने लगा और  मुझे कुछ बीपी महसूस होने लगा।

पर मैंने दवाई लेना ठीक नहीं समझा। पति कुछ दिनों के लिए टूर पर गए हुए थे। जब मैंने उनसे बात की तो उन्होंने मुझे कालोनी के अस्पताल में डाक्टर को दिखाने की सलाह दी। अगले दिन दोपहर को मैं सज संवर कर नीले रंग की साड़ी पहने कालोनी के अस्पताल में पहुंची तो ओ पी डी में न कोई डाक्टर और न ही कोई मरीज था।

तभी मैंने पर्ची बनाने वाले लड़के से फिजिशियन के बारे में पूछा तो उसने बताया कि डाक्टर सभी मरीजों को चैक करके अब अपने कमरे में बैठा है। आप पर्ची लेकर वहां जाईए और अपना चैक आप करवा लीजिए। मैंने जाकर डाक्टर का कमरा ढूंढ लिया और फिर डोर नाक किया तो डाक्टर ने अन्दर आने के लिए बोला।

मैंने देखा तो एक गोरा और चिकना सा सरदार लड़का डाक्टर की ड्रेस में कुर्सी पर बैठ कर सामने टेबल पर रखे लैपटाप को चला रहा था। मैंने उसे विश किया तो उसने भी जवाब देते हुए मुझे अपने पास रखे हुए गोल स्टूल पर बैठने को कहा। फिर उसने मुझे प्राब्लम पूछी तो मैंने बीपी के बारे में बताया।

फिर उसने मेरी पर्ची पर मेरा नाम और उम्र देखे तो हैरान हो कर बोला,” मैडम जी क्या आपकी उम्र सच में पैंतालीस साल हो गई है?” तो मैंने हां में सिर हिलाया तो वह बोला,” आप तो अभी तीस के आस पास दिखती हैं। आपकी बाडी स्ट्रक्चर और स्किन से भी आप अभी बिल्कुल जवान लगती हैं”।

फिर उसने मेरा बीपी और धड़कन चैक किए और फिर बोला, “आपका बीपी थोड़ा बढ़ा हुआ है। क्या अभी आप कोई बीपी की दवाई लेती हैं” तो मैंने न में सिर हिलाया। तो उसने कहा कि यहां तक हो सके लेनी भी नहीं चाहिए और बह फिर बोला, “देखिए आपकी बाडी और चेहरे की खूबसूरती से लगता है कि आपको बीपी नहीं होना चाहिए पर औरतों को बीपी होने के दो मुख्य कारण होते हैं, पहला टैंशन और दूसरा सैक्स में संतुष्टि न होना। क्या आपको किसी किस्म की कोई टैंशन रहती है?”

तो मैंने कहा कि मुझे किसी भी किस्म की कोई टैंशन नहीं है। तो उसने कहा, “तो आपकी सैक्स लाइफ कैसी चल रही है?” तो मैंने कहा कि वह भी तकरीबन ठीक ही है तो उसने कहा कि आपके पति की उम्र क्या है और वह कोई नशा बगैरा तो नहीं करते, और हफ्ते में कितने बार सैक्स कर लेते हैं और क्या वह आपसे पहले तो डिस्चार्ज तो नहीं हो जाते?”

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तो मैंने शरमाते हुए कहा,” वह उम्र में मुझसे दस साल बड़े हैं और कभी कभी शराब भी पी लेते हैं और पहले तो दूसरे तीसरे दिन करते थे अब उनके टूर ज्यादा होते हैं और एक दो हफ्ते बाद ही कर पाते हैं। और तकरीबन वह जल्दी डिस्चार्ज हो जाते हैं” तो डाक्टर ने कहा, “आप कोई चिंता नं करें अपने पति को भी साथ लेकर आइए और मैं आपका गारंटीड इलाज कर दूंगा”।

तो मैंने कहा,”वह तो अभी हफ्ते के बाद ही आएंगे आप मेरा तो कुछ इलाज़ शुरू कर दीजिए और मुझे अच्छी तरह चैक कीजिए कि बीपी का कारण क्या है ” तो उसने मुझे अपने कमरे में पर्दे के पीछे लगे एक ऊंचे से बैंच जिसपर एक पतला सा गद्दा बिछा हुआ था पर लेटने को कहा। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

मैं वहां पर जाकर पीठ के बल लेट गई। फिर बह डाक्टर गले में स्टैथोस्कोप लगा कर हाथ में ग्लब्ज लगा कर टार्च जैसा कुछ पकड़े हुए आ गया और मेरी बांह में बीपी की मशीन बांध कर कानो में स्टैथोस्कोप लगा कर मेरा बीपी और धड़कन चैक करते हुए वह टार्च जैसी मेरे ब्लाऊज के ऊपर से मेरे स्तनों पर घुमाने लगा।

जिससे मुझे पहले तो बहुत गुदगुदी होने लगी पर बाद में ऐसा लगने लगा जैसे कोई मेरे स्तनों को प्यार से सहला रहा है। मैं आंखें बंद कर के सिसकने और मेरे स्तन तन कर खड़े होने लगे। फिर आहिस्ता आहिस्ता वह वाईब्रेटर मेरे पेट और नाभि से होते हुए चूत के थोड़ी ऊपर चलने लगा तो डाक्टर ने मुझे मेरी साड़ी कमर तक ऊपर खींचने को कहा। “Desi Animal Sex”

तो मैंने अपनी कमर उठा कर साड़ी को ऊपर खींच लिया। अब मेरी नंगी गोरी जांघें और जालीदार लाल पैंटी डाक्टर के सामने थीं। डाक्टर बही वाईब्रेटर अब मेरी चूत के ऊपरी हिस्से पर पैंटी के ऊपर से ही फिराने लगा तो मुझे करंट सा लगने लगा। मैं आहें भरने लगी और सिसकारियां लेती हुई अपनी टांगें फैलाने लगी।

तभी डाक्टर अपनी एक उंगली से मेरी चड्डी को मेरी चूत पर से एक तरफ़ हटाने लगा तो तभी मैंने डाक्टर से पूछा” डाक्टर साहब अब इसे भी उतार दूं क्या?” तो उसने कहा, “आप मज़े से लेटे रहिए मैं ही उतार देता हूं”। और फिर उसने मेरी चड्डी उतार कर मेरे पेट पर रख दी।

अब बह मेरी क्लीनशेव चूत पर अपना वाईब्रेटर चलाने लगा जिससे मैं झट से उत्तेजित हो कर आहें भरने लगी और मेरी चूत गीली हो गई। तभी डाक्टर ने एक हाथ से मेरे भगनस पर वाईब्रेटर चलाना शुरू किया और दूसरे हाथ की एक उंगली मेरी चूत में घुसा कर अन्दर बाहर करने लगा।

मैं अपनी टांगें और चौड़ी कर के मज़े लेने लगी। तभी मेरे मुंह से निकल गया, “हाय डाक्टर साहब मर गई कोई मोटी और लंबी सी चीज घुसाओ न प्लीज़” तभी डाक्टर ने मेरी चूत में से उंगली निकाल ली। और मेरा हाथ खींच कर वाईब्रेटर उसमें थमा दिया और बोला कि इसे यहीं चलाती रहो पर अपने अंदर घुसाने की कोशिश न करना। “Desi Animal Sex”

फिर मेरा बीपी और धड़कन चैक करने लगा तो मैं अपनी आंखें बंद किए हुए बोली, “हाय क्या करूं मेरे अंदर कुछ जाना चाहिए मेरी हालत बहुत ख़राब हो रही है”। तो डाक्टर बोला,” मैडम जी तभी तो मैंने कहा था कि अपने पति के साथ आना, अब थोड़ा सहन करो वाईब्रेटर से ही आप थोड़ी देर में झड़ जाओगी.”

तो मैंने डाक्टर का हाथ ज़ोर से पकड़ लिया और बोली, “डाक्टर साहब अगर आप का लंड खड़ा हो जाए तो प्लीज़ आप मुझे अपने लंड से ही चोद डालो हाय.” तो उसने कहा, ” मैडम जी आखिर मैं भी तो मर्द हूं मेरा लंड से खड़ा है पर मुझे मरीज़ का ग़लत फायदा नहीं लेना चाहिए.”

और फिर उसने अपना तना हुआ लंड मेरे हाथ में पकड़ा दिया। जो बहुत सख्त, मोटा और गर्म था। जब मैंने अपनी आंखें खोल कर उसे देखा तो वह लम्बा भी बहुत था। मैं तो डर गई और बोली, “आपका तो बहुत सुंदर है पर मेरे पति का इससे बहुत छोटा है। मैंने कभी भी आजतक अपने पति के सिवा किसी से नहीं चुदवाया आप घुसा कर देखो अगर यह मेरी चूत में चला गया तो मैं आपका एहसान कभी नहीं भूलूंगी, अब जल्दी कर लो मुझसे रहा नहीं जा रहा.”

तभी डाक्टर ने मुझे कंडोम दिया और लंड पर चढ़ाने को बोला मैंने झट से कंडोम चढ़ा दिया और लंड को अपने मुंह लेकर थूक से अच्छी तरह गीला कर दिया फिर डाक्टर मेरी फैली हुई टांगों की तरफ़ आ गया और अपना थूक लगा कर मेरी गीली चूत में लंड घुसाने लगा।

मुझे थोड़ा दर्द तो हुआ पर लंड अंदर चला गया। डाक्टर अपनी पैंट उतार कर मेरे ऊपर चढ़ गया और मुझे जल्दी जल्दी चोदने लगा। मुझे जिंदगी में पहली बार इतना मज़ा आने लगा कि मैंने अपने ब्लाऊज़ और ब्रा को भी निकाल दिया और अपनी कमर उठा उठा कर चुदवाने लगी।

थोड़ी ही देर में मैं झड़ गई और डाक्टर से लिपट गई। फिर डाक्टर ने मुझे वहीं पर घोड़ी बना लिया और मेरे नितम्बों को चूमने के बाद फिर मेरी चूत में लंड डाल कर मुझे चोदने लगा। मैं फिर से गर्म हो गई और और फिर झड़ गई और थोड़ी देर बाद डाक्टर भी झड़ गया। “Desi Animal Sex”

उसने कंडोम उतार कर अपने लंड को अच्छी तरह साफ किया और अपनी पैंट पहन कर अपनी कुर्सी पर जा बैठा। थोड़ी देर बाद मैं भी अपने कपड़े ठीक कर के अटैच बाथरूम में चली गई और पेशाब करके अपने बाल बगैरा ठीक किए और फिर डाक्टर के पास स्टूल पर बैठ गई। डाक्टर ने फिर मेरा बीपी और धड़कन चैक किए। जो अब बिल्कुल नार्मल थे।

फिर मैंने कहा, ” डाक्टर साहब आप बहुत अच्छे हैं मैं आप यह अहसान कैसे चुका सकूंगी। कि आप ने एक इतनी उम्र की औरत का आपने जवान जिस्म से इलाज करके उसे दो बार बिल्कुल संतुष्ट कर दिया।”

तो बह बोला,” मैडम जी अहसान तो आप ने किया है, मेरे लंड को आज पहली बार इतनी सुन्दर चूत मिली और आपका हर एक अंग और इतने प्यार से चुदवाना मुझे हमेशा याद रहेगा। आप अपने पति को मेरे पास ले आना मैं अपने इलाज़ में उनके लंड को दोबारा लोहे जैसा सख़्त बना दूंगा जो आपको पूरी तरह संतुष्ट कर सकेगा।”

तो मैंने कहा,” पर आपका इतना मोटा और लम्बा लंड मुझे हमेशा याद आएगा।”

तो उसने मुझे किस करते हुए कहा, “आप चिंता न करें मैं आपके सेवा के लिए हमेशा हाज़िर रहूंगा मैडमजी”।

फिर मैंने पूछा, “सर हम दोनों ही इज्ज़तदार हैं, ऐसा रोज़ तो नहीं हो सकता पर यहां बहुत सी औरतें ऐसी हैं जिनके पति विदेश में काम करते हैं बह अपना काम कैसे चलाती होगी, उनका भी तो सैक्स करने को दिल करता होगा”।

तो डाक्टर ने मेरी तरफ़ मुस्कुराते हुए देखा और फिर बोला, “कुछ तो ठंडी औरतें होती हैं जिनका दिल ही नहीं करता। पर बहुत सी औरतें किसी राज रखने वाले रिश्तेदार जैसे देवर, भाई, भतीजे, भांजे, बहनोई, ननदोई और ससुर से संबंध बना लेती हैं। कोई अपने नौकर से करवाती हैं और जो खुद नौकरी करती हैं वह अपने आफिस के किसी लड़के को पटा लेती हैं पर इनमें बदनामी का खतरा बना रहता है। पर सब से सेफ वह औरते हैं जो अपने घर में ही रह कर अपने आप को किसी न किसी तरीके से संतुष्ट कर लेती हैं.”

तो मैंने कहा कैसे?

तो उसने कहा, “वह अपनी उंगली से हस्तमैथुन कर लेती हैं या बैंगन, मूली, खीरा, केला, या गाजर से भी काम चला लेती हैं और जिनको यह भी पसंद न हो तो वह अपने घर में किसी अच्छी नस्ल का कुत्ता पाल लेती हैं। कुत्ते से अपनी चूत चटवा कर गर्म हो जाती हैं उसके लंड से अपनी प्यास बुझा लेती हैं।”

तो मैंने पूछा, ” पालतू कुत्ते से करवाने में बहुत ख़तरा रहता होगा.”

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तो उसने कहा, “इसमें आपके पास टाइम थोड़ा ज़्यादा होना चाहिए क्योंकि उसका लंड अपकी चूत में फंसे जाएगा और बाहर निकलने में थोड़ा समय लगेगा। ऐसे में घबराना नहीं चाहिए और कुत्ते से चूत मरवाते हुए इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि उसके नाखुश आपको जख्मी न कर दें इसलिए या तो उसके नाखूनो पर कोई कपड़ा बांध लेना चहिए या फिर मोटी जैकैट पहन कर चुदवाना चाहिए। और सुना है कि जैसे घोड़ी मर्द को औरत से ज्यादा मजा दे सकती है और वैसे ही कुत्ता औरत को मर्द से ज़्यादा मज़ा दे सकता है.”

ऐसे ही बातें करते करते मेरी नज़र डाक्टर की पैंट पर पड़ी तो देखा की उसकी पैंट में उनका लंड फिर फूल चुका था। यह देखकर मेरी चूत फिर से गीली होने लगी। तभी बातें करते करते डाक्टर अपने लंड को पैंट के ऊपर से ही मसलने लगा.

तो मैं पूछ बैठी, “लगता है आपका फिर खड़ा हो गया है.”

तो वह बोला, “हां अगर आप बुरा न मानें तो मेरा एकबार फिर करने को दिल कर रहा है.”

मैंने कहा,” आप पैंट में आपका तना हुआ लंड देख कर मेरी चूत भी तो गीली हो गई है”। और फिर हम दोनो खड़े हो कर आपस में लिपट गए और एक दूसरे को किस्स करने लगे। उसके दोनों हाथ मेरी साड़ी के ऊपर से ही मेरे नितम्बों को सहलाने लगे और मैं उसकी कमर में हाथ डाले उसको अपने साथ चिपकाने लगी। “Desi Animal Sex”

फिर मैं बहुत गरम हो गई और आहें भरते हुए उससे अलग हो कर उसकी पैंट की ज़िप खोलने लगी तो उसने खुद ही अपनी पैंट उतार कर अपना मूसल जैसा लौड़ा मेरे हाथ में पकड़ा दिया। मैं नीचे बैठकर उसके लौड़े को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी।

वह अपनी क़मर हिला हिला कर मेरे मुंह को चोदने लगा। तभी मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने खड़े होकर अपनी साड़ी को उठाया और अपनी पैंटी निकाल दी। मेरे ऐसा करते ही उसने मुझे टेबल पर झुका दिया और मेरी टांगें फैला कर मेरी टांगों के बीच बैठ गया और मेरी चूत को चाटने लगा। ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो मैंने कहा,”डाक्टर साहब अब रहा नहीं जा रहा, जल्दी से मेरी तपती हुई चूत में अपना लौड़ा डाल कर मुझे चोद डालो.”। तो बह झट से उठकर खड़ा हो गया और फिर उसने मेरी चूत पर अपने लौड़े का सुपाड़ा सैट किया और मेरी क़मर को ज़ोर से पकड़ कर ऐसा जोरदार धक्का लगाया कि मेरी चीख निकल गई और उसका लौड़ा एक ही धक्के में पूरा अंदर चला गया।

मैं हांफने लगी पर उसने झुक कर मेरे ब्लाऊज के अंदर अपने हाथ डाल कर मेरे दोनों मम्में पकड़ लिए और जोर जोर से लंड मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगा। मैंने जल्दी से ब्लाउज के बटन खोल कर अपनी ब्रा भी ऊपर कर ली और अपने मम्मों को आजाद कर दिया। फिर वह उन्हें मसलते हुए मुझे पीछे से चोदने लगा। “Desi Animal Sex”

मुझे बहुत मज़ा आने लगा और मैं अपनी आंखें बंद कर के चुदवाने लगी। हमारी सिसकारियां पूरे कमरे में गूंजने लगीं। काफ़ी देर चुदाई के बाद मैं झड़ गई और उसके थोड़ी देर बाद उसने भी मेरी चूत में ही अपनी पिचकारी छोड़ दी और मेरे ऊपर ही ढेर हो गया।

जब हम दोनों शांत हुए तो उसने मेरी चूत में से अपना मुर्झाया हुआ लौड़ा बाहर निकाला और उसे कुर्सी की बैक पर रखे हुए तौलिए से पोंछने लगा। फिर उसने वही तौलिया मेरी टांगों के बीच फंसा दिया और मुझे मेरी चूत साफ़ करने को कहा। जब मैं खड़ी हुई तो देखा कि उसका वीर्य मेरी टांगों तक बह कर आ गया था।

फिर मैंने अपनी चूत और टांगों को अच्छी तरह साफ किया। और फिर मैं अपने कपड़े ठीक करके थक कर वहीं स्टूल पर बैठ गई। तभी किसी ने बाहर से दरवाजा नाक किया तो डाक्टर ने उसे अंदर बुला लिया। बह कोई चपरासी था जो हाथ में जूस का गिलास लिए था। उसने गिलास टेबल पर रखा और चला गया। “Desi Animal Sex”

डाक्टर ने वह गिलास मुझे थमा दिया और पीने को कहा। तो मैंने मना कर दिया तो उसने कहा,” पी लीजिए आज अपने मेरी मेहमान बनकर बहुत बड़ा एहसान किया है। फिर जब मैं उठकर आने लगी तो डाक्टर मुझे दरवाजे तक छोड़ने आया और बोला कि कि फ़िर भी कभी बीपी ज्यादा बढ़ जाए तो मुझे फ़ोन करके आ जाना, मैं आपकी सेवा के लिए हाज़िर रहूंगा।

और फिर मैं खुशी खुशी अपने क्वार्टर को बापस आ गई। उस दिन मैं बहुत थकी हुई थीं रात को खाना खाकर जल्दी ही सो गई। सुबह जब मैं जागी तो बहुत हल्का और फ्रैश महसूस कर रही थी। दो तीन दिन ऐसे ही बीत गए। फिर एक रात को मैं जब सोने लगी तो नींद नहीं आ रही थी। मुझे डाक्टर के लंड की याद सताने लगी।

मैं उस लंड को याद करते हुए अपनी चूत को सहलाने लगी तो मुझे उत्तेजना होने लगी और मेरी चूत फिर गीली हो गई । मुझे डाक्टर की हर बात याद आने लगी। तभी मुझे कुत्ते से चुदाई की बात याद आई और मैं अपने शेरू के बारे में सोचने लगी क्योंकि शेरू अब जवान हो चुका था।

मैंने शेरू को अपने बैड पे बुला लिया और उसे प्यार से अपने साथ सुलाने लगी। शेरू को न जाने कैसे मेरी चूत से बह रहे रस की सुगंध आ गई और वह मेरी सलवार के ऊपर से ही मेरी चूत को सूंघने लगा और फिर उसमें अपना मुंह घुसाने लगा।

मुझे उसपर रहम आ गया और मैंने अपनी सलवार और पैंटी उतार दी और अपनी नंगी टांगें फैला कर लेट गई। शेरू मेरी चूत को चाटने लगा। उसकी खुरदरी जीभ अब मेरी चूत के अंदर तक जाने लगी तो मुझे बहुत मज़ा आने लगा। मेरे मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं और मैं उत्तेजित होने लगी। “Desi Animal Sex”

मैंने शेरू को अपने ऊपर खींच लिया और उसके पेट के नीचे साथ फिराने लगी। पर वह मुझसे छुड़ाने की कोशिश करने लगा। तो मैंने चमड़ी के ऊपर से उसके लंड को पकड़ लिया और उसे आगे पीछे करने लगी तो शेरू मज़े से यह सब करवाता रहा और शांत हो कर खड़ा रहा। थोड़ी देर में ही मुझे लगा कि चमड़ी में ही उसका लंड फूलने लगा।

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मुझे और अच्छा लगने लगा तो मैं और जोर जोर से अपना हाथ आगे पीछे चलाने लगी। तो शेरू की सांसें तेज़ हो गईं और वह अपनी क़मर को आगे पीछे करके धक्के लगाने लगा जिससे उसका पतला सा लाल लाल लंड बाहर निकलने लगा। और मेरे हाथ में एक बार सा फूलने लगा।

फिर मैंने थोड़ा जोर लगा कर हाथ से चमड़ी को आगे पीछे किया तो उस भी अपने धक्कों की स्पीड और बढ़ा दी तो उसके और मेरे जोर लगाने से लंड के साथ वह बार भी बाहर आगया और उसके लंड से निकलते हुए पानी से मेरा पेट गीला हो गया।

फिर मैंने अपना हटा कर शेरू के लंड की तरफ़ देखा तो बह किसी बड़े केले से भी मोटा और लम्बा था और नीचे लटक रहा था। और शेरू उसे चाटने की कोशिश कर रहा था। अब मेरा दिल शेरू का लंड अपनी चूत में डालने को करने लगा और मैंने फूले हुए बाल के पीछे से लंड को पकड़ लिया और अपनी गांड़ उठा कर उसे अपनी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगी।

तभी शेरू मुझे गुर्राने लगा तो मैंने लंड को छोड़ दिया। शेरू नीचे बैठ गया और अपने फूले हुए लंड को चाटने लगा। काफी देर बाद उसका लंड सिमटता हुआ दोबारा चमड़ी के अंदर छुप गया। मैं मायूस हो कर अपनी चूत को फिर सहलाने लगी और मेरी चूत फिर गीली हो गई। “Desi Animal Sex”

मैं सोचने लगी कि शेरू से चुदवाने के लिए मुझे भी कुतिया बनना पड़ेगा और मैं घुटनों के बल बैठकर आगे को झुक गई और शेरू को अपने पीछे बुलाने लगी। शेरू झट से मेरे पीछे आ गया। और फिर जब मैंने अपनी टांगों को थोड़ा फैलाया तो वह पीछे से मुंह घुसा कर फिर मेरी चूत को चाटने लगा।

मैंने अपने नितम्बों को अपने एक हाथ से थपथपाता और उसे मेरे ऊपर चढ़ने का इशारा किया पर वह कुछ नहीं समझा और ज़ोर ज़ोर से अपनी दुम हिलाने लगा। मैंने पीछे हाथ करके उसके अगले दोनों पंजे पकड़ लिए और उसे अपने ऊपर खींच लिया। तो उसका लंड मेरी चूत को टच करने लगा।

फिर मैंने अपना एक हाथ पीछे करके लंड को चमड़ी समेत पकड़ लिया और उसे जैसे ही आगे पीछे करने लगी तो। शेरू जोश में आ गया और अपनी कमर हिला हिला कर धक्के लगाने लगा। पर उसका लंड मेरी कमर पे घिसने लगा। मैं भी पागल सी हुई जा रही थी।

मैं बड़ी मुश्किल से उसके लंड को अपनी चूत के सुराख पर जैसे ही सैट किया तो उसका लंड मुझे चुभने लगा और शेरू तेज तेज कमर हिलाने लगा। जब उसका थोड़ा सा लंड अंदर चला गया तो मैंने उसे छोड़ दिया और उसके दुसरे पंजे को भी फिर से पकड़ लिया। “Desi Animal Sex”

अब मुझे शेरू के छोटे छोटे और तेज़ तेज़ धक्कों से बड़ा मज़ा आने लगा। और उसका वह फूला हुआ बाल मेरी चूत के बाहर टकराने लगा। पर शेरू ने एक ऐसा जोरदार धक्का लगाया कि मेरी जान निकल गई। और एक तो मुझे लगा कि मेरे अंदर कोई खंजर घुस गया है और दूसरा लगा कि कोई मोटी चीज मेरी चूत को फ़ाड़ कर मेरी चूत में समा गई है।

मेरे मुंह से चीख निकल गई। और मेरी सांस फूल गई पर मैंने उसके पंजों को अपने हाथों से नहीं छोड़ा। शेरू ने दो तीन धक्के और लगाए और अपना पूरा लंड मेरी चूत में फंसाए शांत हो गया।अब उसका लंड मु चुभना बंद हो गया और मेरे मुझे मेरी बच्चेदानी के पास शेरू के लंड के छोटे छोटे झटके महसूस होने लगे.

जिससे मुझे बहुत मज़ा आने लगा और मैं वहीं मज़ा लेते लेते अपनी कमर मरोड़ मरोड़ कर अंदर फंसे लंड का मजा लेने लगी। इसी तरह मैं बहुत उत्तेजित भी हो गई और आखिर झड़ गई। पर शेरू का लंड मेरी चूत में फसा यह और मीठे मीठे झटके देता रहा।

जब मैं तक गई तो मैंने उसके दोनों पंजे छोड़ दिए तो शेरू भी मेरी कमर पर से उतर गया और मेरी गान्ड की तरफ अपना पिछवाड़ा करके खड़ा हो गया पर उसका लंड मेरी चूत में झटके देते हुए फंसा हुआ था। काफी देर बाद मुझे महसूस हुआ कि मेरे अंदर फंसा हुआ लंड बहुत गर्म हो कर फूल रहा है और तेज तेज झटके लगा रहा है। “Desi Animal Sex”

मुझे फिर बड़ा मज़ा आने लगा और मैं फिर से अपनी कमर घुमा घुमाकर उत्तेजित हो गई और फिर जब शेरू के लंड ने मेरे अंदर गर्म गर्म सा पानी निकाला तो मैं फिर झड़ गई।अब शेरू अपना लंड बाहर निकालने के लिए जोर लगाने लगा पर लंड फूल कर मेरी चूत में फंसा हुआ था।

मेरा दिल तो कर रहा था कि यह लंड अभी मेरी चूत में ही रहे। फिर शेरू ने बहुत ज़ोर लगाया तो मुझे फिर से दर्द होने लगा और आहिस्ता आहिस्ता लंड बाहर निकलने लगा और फिर मेरी चूत में एक दर्द का झटका लगा और शेरू का लंड मेरी चूत से निकल गया।

मैंने झट से निकले हुए लंड को देखा तो हैरान हो गई। वह फूल कर दस इंच लम्बा और बहुत मोटा हो गया था और लटक कर नीचे बैड पर टच हो रहा था। शेरू से तो अब उठाया भी नहीं जा रहा था। तो शेरू भी हांफता हुआ बैड पर ही बैठ गया और फिर अपने लंड को काफ़ी देर चाटता रहा और काफी देर बाद वह सिकुड़ा और फिर चमड़ी के अंदर छुप गया।

इधर मैं अपनी गांड़ काफ़ी देर उठा कर अपनी चूत साफ़ करती रही। एक तो मेरी चूत का मुंह इतना खुल गया था कि बंद होने का नाम नहीं ले रहा था और दूसरा शेरू का वीर्य बार बार मेरी चूत में से बाहर निकल रहा था। काफी देर बाद मैंने कपड़े पहने और फिर चैन की नींद सो गई। “Desi Animal Sex”

फिर कुछ दिनों बाद मेरे पति घर आए तो मैं बहुत खुश थी रात को बह मुझे नंगा करके सैक्स करने के लिए गर्म करने लगे तो मेरी चूत गीली हो गई।वह टांगें फैला कर नंगें लेटे हुए थे और मैं उनकी टागों के बीच घुटनों के बल बैठी झुककर उनका लंड खड़ा करने के लिए चूस रही थी तभी शेरू भी आ गया और मेरे नीचे अपना मुंह घुसा कर मेरी चूत चाटने लगा।

मैं उसको हटाने लगी तो पति ने मना कर दिया। शेरू के चाटने से मैं तो उत्तेजित हो गई जिसे देखकर मेरे पति और भी उत्तेजित हो गए। उन्होंने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मुझे अपने लंड पर बैठा कर निचे से धक्के लगाने लगे तो मैं भी थोड़ा उपर झुक कर चुदवाने लगी. ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

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शेरू मेरे पीछे आ कर चुदाई करते हुए लंड और चूत को साथ साथ में चाटने लगा जिस से हम पति पत्नी को कुछ अलग ही मज़ा आने लगा और हमारा जोश दोगुना हो गया। मैं तो पहले ही झड़ गई और कुछ देर चुदाई के बाद मेरे पति भी झड़ गए। उस रात हम दोनों बहुत खुश हुए।

अगले दिन हम दोनों उसी डाक्टर के पास चले गए। डाक्टर ने मेरे पति को कुछ दवाइयां लिखकर दी, कुछ एक्सरसाइज बताई और कुछ खान पान के बारे में समझाया। थोड़े ही दिनों में मेरे पति बिल्कुल ठीक हो गए। अब उनका लंड किसी अठारह साल के लड़के की तरह लोहे जैसा सख़्त हो जाता है और वह मुझे वह मज़ा देते हैं जो मुझे जवानी में भी नहीं मिला था। अब मेरा बीपी बिल्कुल नार्मल है। क्योंकि वह डाक्टर अब मेरे पति का दोस्त बन गया है और कभी कभार मेरी सेवा में हाजिर भी हो जाता है और अगर दिल करे तो मैं शेरू की सेवा भी ले लेती हूं।

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