Desi Girl Boobs Show – बाथरूम में दीदी की चूत दिखाई दी

Desi Girl Boobs Show – बाथरूम में दीदी की चूत दिखाई दी

Desi Girl Boobs Show

दोस्तो मेरा नाम. रियाज है, ये कहानी तब की है जब मैं 11 क्लास मे था और मैं देल्ही मे एक गँवरमेंट.कॉलोनी मे अपनी फॅमिली के साथ रहता था. मेरे अम्मी और अबु दोनो गँवरमेंट जॉब मे है, और मेरे अलावा मेरी एक सिस्टर भी है, उसका नाम साजिया है, जो मुझसे 2 साल बड़ी है, मैं उन्हे हमेशा दीदी जान कह कर ही बुलाता हूँ. Desi Girl Boobs Show

उन दीनो हम दोनो के बोर्ड के एग्ज़ॅम्स चल रहे थे. अम्मी सुबह ऑफीस जाते हुए हम दोनो को स्कूल छोड़ देती जो कुछ डिस्टेन्स पर ही था और वहाँ से हम दोनो एक साथ घर आ जाते, मोम हमारा लंच सुबह ही तैयार करके जाती थी, जिसे गर्म करके दीदी जान मुझेे बड़े प्यार से खिलाती.

एग्ज़ॅम्स के बाद हम दोनो को 2 महीने का ब्रेक मिला, और हम दोनो भाई बहन घंटों तक पार्क मे, घर पर अकेले या आस पड़ोस के दोस्तों के साथ खेलते रहते थे. उन दिनो हम एक गेम खेला करते थे जिसका नाम था स्टाचु (स्टॅच्यू). इस गेम मे कोई भी, कभी भी एक दूसरे को स्टाचु बोल देता था और वो उसी पोज़िशन मे तब तक फ्रीज़ होकर खड़ा रहता जब तक स्टाचु बोलने वाला उसे रिलीस ना कर दे…

और स्टाचु बने रहने के दौरान वो ना तो हिल सकता था, और ना ही कुछ बोल सकता था, वरना उसे सज़ा मिलती…शुरू मे तो वो गेम दूसरी गेम्स की तरह ही थी पर एक दिन उस खेल के दौरान सब बदल गया.. यहाँ तक कि हम भाई बहन के रिश्ते भी..उस दिन सुबह उठकर मैं बाथरूम के अंदर बने वाश्बेसिन मे ब्रश कर रहा था कि तभी दीदी जान भागती हुई सी अंदर आई…

साजिया : “ओ भाई, जल्दी से बाहर निकल, मुझे सूसू आया है ज़ोर से..”

मैने ब्रश मुँह मे रगड़ते हुए कहा : “अभी 5 मिनट और लगेंगे दीदी, जान रूको बस..”

साजिया : “इतना टाइम नही है, ज़ोर से लगी है मुझे…”

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मुझे अब हँसी आ गयी, वो भी मेरे साथ अक्सर ऐसा ही करती थी, मैं बाहर खड़ा हुआ चिल्लाता रहता और वो नहाने मे ज़्यादा से ज़्यादा टाइम लगाती..इसलिए मैं आराम से ब्रश करता रहा. जब वो समझ गयी कि मैं उसी बात का बदला ले रहा हूँ तो उसने अचानक मुझे स्टाचु कहा.. और मैं जहाँ का तहाँ रुक गया…

ब्रश मेरे मुँह मे था पर ना तो मैं हिल सकता था और ना ही कुछ बोल सकता था.. और वो झट से मेरे पीछे बने कॅमोड के पास आई और अपनी पयज़ामी खोलकर उसपर बैठ गयी… मेरे तो कान गर्म से हो गये ये सोचकर कि मेरी सग़ी बहन ठीक मेरे पीछे बैठकर मूत रही है…

सुर्र्रर की आवाज़ के साथ उसकी एक ठंडी सी आह मुझे सुनाई दी, यानी वो हल्की हो गयी थी अपना मूत निकाल कर… और जब वो उठी तो उसने अपनी कुरती को दांतो तले दबाया और अपनी पयज़ामी का नाडा बाँधने लगी… और यही वो मौका था जब मेरी नज़रें सामने वाले मिरर पर जमकर रह गयी, जहाँ से दीदी जान की चूत सॉफ दिख रहा था..

और इस वक़्त मैं उन्हें नीचे से नंगा देख पा रहा था. मैने लाइफ मे पहली बार चूत देखी और वो भी अपनी खुद की बहन की. साजिया दीदी जब खड़ी हुई तो उनकी चूत मुझे शीशे मे सॉफ दिख रही थी, उन्होने अपनी पैंटी उपर उठाई और फिर पयज़ामी के नाडे को बाँध कर अपना चेहरा उपर उठाया और तभी उनकी नज़रें सामने लगे मिरर से टकराई और मेरी घूरती हुई आँखो से आ मिली..

एक पल के लिए तो वो सकपका सी गयी, उन्हे पता चल चुका था कि मैने सब देख लिया है और ये सोचते ही उनकी आँखो मे गुलाबीपन सा उतर आया… मुझे तो लगा था कि वो गुस्सा हो जाएगी और मुझे मारेगी भी, पर ऐसा कुछ नही हुआ… वो धीरे से मुझे रिलीस बोलती हुई बाहर निकल गयी..

मैने ब्रश मुँह से निकाल कर एक गहरी साँस ली, कुल्ला करके मैं बाहर आया तो वो किचन मे मेरे लिए नाश्ता बना रही थी, उसके बाद उस बारे मे कोई बात नही हुई. पर मैं सोफे पर बैठकर सोच रहा था कि दीदी ने मुझ पर गुस्सा क्यो नही किया…

मैने जो हरकत की थी उसके बाद तो वो मुझे मार भी सकती थी, मेरी शिकायत अम्मी से करने की धमकी देकर मुझसे घर के सारे काम भी करवा सकती थी, पर उन्होने ऐसा कुछ भी नही किया, मुझे इसी बात की हैरानी हो रही थी कि ऐसा ना करने के पीछे दीदी जान का क्या मकसद हो सकता है..

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और तभी मेरे दिमाग़ की घंटी जल उठी… कहीं उन्हे ये बात पसंद तो नही आई की मैने उन्हे नीचे से नंगा देख लिया है…इस तरह की बाते स्कूल मे अपने दोस्तों के साथ करने मे मज़ा तो मुझे भी बहुत आता था, कभी अपनी क्लास की लड़की के बारे मे या किसी टीचर के बारे मे बोलकर हम सभी दोस्त काफ़ी मज़ा लेते थे..

पर कभी अपनी माँ या बहन के बारे मे ऐसे गंदे विचार नही आए थे. पर अपनी बहन के साथ हुई इस घटना के बाद आने लगे थे, अब मैं सोफे पर बैठा हुआ अपनी बहन को देख कर उसके बारे मे गंदा-2 सोचने लगा..साजिया दीदी के बूब्स छोटे-2 थे, टेन्निस बॉल जितने और उनका बॉडी स्ट्रक्चर भी नॉर्मल सा था, गान्ड वाले हिस्से पर कुछ ज़्यादा ही माँस था.

और इस वक़्त उन्हे किचन मे इधर से उधर हिलता हुआ देख कर मेरी नज़रें उनकी गान्ड पर ही जमी हुई थी.. पर दीदी जान मेरे लिए नाश्ता बनाकर ले आई और मेरे सामने रख दिया और रखते हुए जब वो झुकी तो मेरी गंदी नज़रों ने पहली बार, जान बूझकर, उनकी कुरती के खुल्ले हुए गले की तरफ देखा… और जो मुझे दिखा, उसके बाद तो मेरे लंड का बैठे रहना मुस्किल हों गया..

गला नीचे करने की वजह से उनके गले की गहरी घाटियाँ अंदर तक मुझे दिखाई दे गयी… दो पके हुए मोटे अमरूद ठीक मेरी नज़रों के सामने थे…उनकी कसावट का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता था कि वो हिल भी नही रहे थे, एकदम किसी पत्थर की तरह जम कर चिपके हुए थे वो उनकी छाती से.. पर बाथरूम की तरह यहाँ भी मेरी गंदी नज़रों की चोरी पकड़ी गयी. “Desi Girl Boobs Show”

मैं उनके बूब्स को देख रहा था और वो मुझे साजिया : “आजकल कुछ ज़्यादा ही बदमाशियाँ दिखा रहे हो तुम” और एक कातिलाना स्माइल देकर वो अपनी गान्ड मटकाती हुई फिर से किचन मे चली गयी.. मेरा मुँह खुल्ला का खुल्ला रह गया, दूसरी बार भी उन्होने कुछ नही कहा…

एक तरह से देखा जाए तो मैने एक ही दिन मे उन्हे उपर से नीचे तक नंगा देख लिया था, पहले उनकी नंगी चूत और अब ये ऑलमोस्ट नंगे बूब्स… और दोनो ही बार उन्होने मुझे देखते हुए पकड़ा भी और मुस्कुराइ भी.. यानी उन्हे इस बात मे मज़ा आ रहा था…मैने ये बात आज़माने की सोची और हिम्मत करके, उठकर उनके पास जाकर खड़ा हो गया..

दीदी ने मेरी तरफ देखा और मुस्कुराइ, और अपने काम मे लगी रही… मैं साइड मे खड़ा हुआ उनकी छातियों की गोलाई नापने की कोशिश कर रहा था.. वो काम करते-2 बोली : “अब क्या हुआ, क्या देख रहा है…?”उन्होने जिस अंदाज मे, मुस्कुराते हुए ये बात कही थी, उससे सॉफ पता चल रहा था कि वो जानती है कि मेरी नज़रें इस वक़्त कहाँ है और मेरी तरह उनके मन मे भी गुदगुदी हो रही है.

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और अचानक मैने उनसे कहा स्टाचु, और वो जम कर वही खड़ी रह गयी.. मैं धीरे से उनके पीछे आया और उनसे बिल्कुल सट कर खड़ा हो गया… यानी अपने लंड वाला हिस्सा उनकी गान्ड से लगाकर..मैने अपने हाथ उनके पेट पर रखकर उन्हे बाँध सा लिया.. वैसे तो इस तरह की टचिंग और हग करना हम दोनो मे आम सी बात थी, पर आज ये कुछ ख़ास तरह का थी…

मैं जिस पोज़िशन मे खड़ा था, वहाँ से मैं आगे झुककर दीदी जान की बूब्स को देख पा रहा था… और मेरे इतने करीब खड़े होने की वजह से दीदी जान की नन्ही छातियाँ उपर – नीचे होने लगी… मुझे उनके उठते-गिरते सीने के बीच रह-रहकर नन्हे बूब्स की छवि भी दिख रही थी… और वो देख कर मेरा लंड झटके मारने लगा…

और शायद ये झटका दीदी ने भी महसूस किया…और पहली बार वो स्टाचु की गेम बीच मे ही छोड़कर भागती हुई अपने कमरे मे चली गयी..मैं पीछे खड़ा हुआ उनके हिलते चूतड़ देखता रह गया… अब मुझे पूरा यकीन हो चुका था कि वो मेरी इन हरकतों का विरोध नही करेगी… और मैं इसी अंदाज मे उन्हे खेल से भागने की सज़ा देने के लिए उनके रूम की तरफ चल दिया. “Desi Girl Boobs Show”

मैं दीदी जान के रूम मे पहुँचा तो वो बिस्तर पर ओंधी पड़ी हुई अपनी साँसों पर काबू पाने की असफल कोशिश कर रही थी. मैं भी बेड पर जाकर उनके करीब लेट गया, हम दोनो के चेहरे एक दूसरे के बिल्कुल करीब थे. मैं : “क्या हुआ दी, आपने गेम को बीच मे क्यो छोड़ दिया.”

साजिया दीदी ने अपनी आँखे खोली और शराबी आँखो से मुझे देखते हुए कही: “तुम्हारी बदमाशी की वजह से, क्यो पकड़ा था मुझे तुमने पीछे से ?”उनकी आवाज़ मे हल्की मिठास के साथ एक छुपी हुई सी शिकायत थी..मैं : “अर्रे, ये तो हम अक्सर करते है, आज क्या हो गया आपको, मुझे तो नही लगता कि ये बदमाशी कहलाएगी.”

साजिया (शरमाते हुए) : “बदमाशी तुम नही कोई और कर रहा था ..”उनकी ये बात सुनते ही मेरी नसें सुलग उठी… यानी वो मेरे लंड की हरकत का ज़िक्र कर रही थी..मैं फिर भी अंजान बनता हुआ बोला : “क्या दीदी, मैं कुछ समझा नही…”साजिया : “तू सब समझने लगा है आजकल..तभी तो तेरी नज़रें बदमाशियाँ करने पर उतारू है..”

मैं मंद-2 मुस्कुरा उठा… फिर मैं अचानक बोला : “चलो, ये सब छोड़ो आप, मैं तो यहाँ आपको गेम को बीच मे छोड़ने की सज़ा देने आया हूँ…चलो अब खड़ी हो जाओ और जैसा मैं कहूँ वैसा करो..”वो बिना किसी विरोध के खड़ी हो गयी, मेरा मन तो कर रहा था कि उन्हे कस कर पकड़ लूँ और सज़ा के तौर पर अनगिनत किस्स कर दूं और शायद वो मना भी नही करेंगी…

पर ऐसा करने की मेरी हिम्मत नही हुई. मैं : “अब आप 10 उठ बैठ लगाओ यही, मेरे सामने’ बोलते हुए मैने कुछ ज़्यादा ही दबाव डाला दीदी जान समझ गयी कि मेरे दिमाग़ मे क्या चल रहा है… वो मेरे सामने अपने हाथों और पैर के समेट कर उठ बैठ की पोज़िशन मे आ गयी..

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और लगभग उसी वक़्त मैं दीदी के पीछे पड़ी एक चेयर पर जाकर बैठ गया जहाँ से मुझे वो नज़ारा सॉफ दिख रहा था जिसके लिए मैने उन्हे ये सज़ा दी थी…यानी उनके पजामी में कैद उनकी गांड.. वो धीरे-2 उठ बैठ करने लगी… मेरी नज़रें यही थी कि दीदी जान की तरबू जैसी खुबसूरत गांड की दर्शन हो जाए, पर पैंटी फिटिंग इस तरह की बनी हुई थी की दीदी की गांड दो भागो मे बंट रही थीं पर जो भी मुझे दिख रहा था वो भी कम नही था. “Desi Girl Boobs Show”

उनकी गोलाइयाँ और कठोर गांड देख कर मेरे लंड मे एक बार फिर से कठोरता भरती जा रही थी… और मैं अपने लंड को अपनी दीदी के पीछे ही पेंट मे अड्जस्ट करने लगा.. मैं तो दीदी के गांड को देख रहा था पर मैं ये नही देख पाया कि दीदी की नज़रें भी मेरे हाथ और अड्जस्ट हो रहे लंड पर थी.

कुछ ही देर मे उन्होने अपनी सज़ा के 10 उठ बैठ कर लि और वो उठ खड़ी हुई. मैं वही का वही भुत बनकर बैठा रहा, अब तक मुझे इस बात का ज्ञान भी हो चुका था कि अपने खड़े लंड के साथ अगर मैं अपनी जगह से उठा तो मेरी दीदी जान उस उभार को सॉफ देख लेगी, इसलिए मैं बैठ ही रहा.. दीदी ये सब देख कर मंद-2 मुस्कुरा रही थी.

और शायद अब उनके दिमाग़ मे भी मेरी तरह कोई प्लानिंग चल रही थी.थोड़ी देर मे जब मेरा लंड थोड़ा ढीला हुआ तो मैं बाहर निकल कर अपने रूम मे आ गया और जल्दी से अपनी पेंट उतार कर एक तरफ उछाल दी और अपने अंडरवेर को घुटनो तक सरकाकर अपना लंड बाहर निकाल लिया और शीशे के सामने खड़ा होकर मैं अपने लंड को बुरी तरह से मसल्ने लगा…

ओर मूठ मारने लगा और तभी मेरे दरवाजे पर कुछ आहट हुई, मैने तुरंत अपना अंडरवेर उपर खींच लिया और ठीक उसी वक़्त मेरी दीदी जान मेरे रूम मे दाखिल हुई…जल्दबाज़ी मे मैने दरवाजा खुल्ला ही छोड़ दिया था. मैने पलटकर अपनी पेंट उठानी चाही पर उससे पहले ही दीदी जान ज़ोर से चीखी स्टाचु और मैं जहाँ का तहाँ खड़ा रह गया.

अब मेरी हालत ये थी कि मैं सिर्फ़ एक टी शर्ट और अंडरवेर मे खड़ा था और मेरा लंड पूरा खड़ा होकर बंदूक की नोक बनाकर मेरे अंडरवेर के अंदर था. मैं समझ गया कि मैं बुरी तरह से फँस चुका हूँ… और दूसरी तरफ अपनी इस चाल पर मुस्कुराती हुई मेरी सिस्टर साजिया दीदी धीरे-2 चलती हुई मेरे पास आकर खड़ी हो गयी.

पहली बार इस गेम मे फंसकर मुझे दर लग रहा था, पर जो भी था , मज़ा बहुत आने वाला था अब. दीदी मेरे पास आई और बोली : “अब आया ऊँट पहाड़ के नीचे, बच्चू मुझे स्टाचु बोलकर तुमने बहुत सताया है, अब मैं मज़ा चखाती हूँ तुम्हे…” “Desi Girl Boobs Show”

उन्हे शायद पता था कि उनके रूम से आने के बाद मैं क्या कर रहा होऊँगा, और मेरे हिसाब से तो ये सब पता होने के बाद उन्हे मेरे रूम मे आना ही नही चाहिए था और अगर आ भी गयी थी तो मेरी हालत देख कर वापिस चले जाना चाहिए था.. पर उन्होने ऐसा नही किया..

साजिया दीदी ने मुझे स्टाचु बनाकर मेरी हालत का मज़ाक सा बना दिया था. पर उनकी बातें सुनकर मुझे लग रहा था कि अब कुछ ऐसा होने वाला है जिससे उनके मन मे जो चल रहा है वो सब बाहर आ जाएगा, इसलिए मैं भी स्टाचु बनकर वैसे ही खड़ा रहा, मैं देखना चाहता था कि आज ये खेल किस हद तक आगे जाता है.

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वो मुझे बड़े गोर से देख रही थी, ख़ासकर मेरे अंडरवेर को और उसमे खड़े मेरे लंड को…वो मेरे चेहरे के बिल्कुल करीब आई और बोली : “ओले ओले, मेरी भाई जान लगता है मैं ग़लत टाइम पर आ गयी, मेरे भाई जान को कुछ और ही करना था लेकिन अब कैसे करेगा जब तक मैं तुम्हे रिलीस नहीं करूँगी…”

मैं उनकी इस बात को सुनकर समझ गया कि वो अच्छे से जानती थी कि मैं मूठ मारने वाला था. लेकिन मैं शांत खरा रहा फिर दीदी जान बोली : “मैं भी तो देखु, मेरे भाई को कितना कंट्रोल है अपने आप पर…तुम कितनी देर तक ऐसे रह पाओगे…”

इतना कह कर उन्होने अपनी बाहें मेरे गले मे डाल दी और मेरे बहुत करीब आ गयी, इतने करीब की दीदी की साँसे मेरे चेहरे से टकरा रही थी, उनके बूब्स मेरी छातियो से और मेरा खड़ा हुआ लंड उनके पेट से… मैने जिस अंदाज मे उन्हे पीछे से हग किया था, वो मेरे सामने से कर रही थी.

मुझे तो यकीन ही नही हो रहा था कि वो ऐसी हरकत कर रही है, और वो भी अपने खुद के सगे भाई के साथ… और दीदी मेरे लंड को अपने मुंह में चूसने लगी. आगे की कहानी अगले भाग में……

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