Devar Friend Fuck Story – सोफे पर ही चुदवाने लगी चुदासी भाभी

Devar Friend Fuck Story – सोफे पर ही चुदवाने लगी चुदासी भाभी

Devar Friend Fuck Story

मेरी उम्र ३० साल है और मैं एक शादीशुदा औरत हूं. मेरी फिगर कोई ३४-२८-३६ है पर मैं दिखने में अभी भी किसी लड़की से कम नहीं लगती हूं, क्योंकि मैं अपने आप को फिट रखती हूं और अगर कोई अनजान मर्द मुझे देख ले तो मुझे महेज एक कुंवारी लड़की ही समझता है. Devar Friend Fuck Story

यह कहानी मेरे और मेरे प्यारे देवर के बीच रिलेशन के बारे में है. हम दोनों का रिलेशन कोई पति पत्नी से कम तो नहीं है. पर मेरी फूटी किस्मत की उसका ट्रांसफर किसी दूसरे स्टेट में हो गया और वह जॉब के कारण कई कई महीनों के बाद घर वापस आने लगा.

वह जब भी आता मेरी अच्छी तरह से तसल्ली करवाता पर मुझे तो उस के साथ की जैसे आदत सी पड़ गई थी, क्योंकि मेरा पति तो बस एक नंबर का निकम्मा है, पर मुझे मेरे देवर ने अच्छी तरह से संभाल रखा था. खेर उस का साथ अब मेरे साथ कम था तो इसलिए मेरा जीवन तो उदासी से भर गया.

पर जैसा की आप कहानी के टाइटल से समझ ही गए होंगे मेरे देवर का एक बहुत अच्छा दोस्त था और वह अक्सर हमारे घर आया जाया करता था. जब भी वह घर पर आता तो में अक्सर उसे चाय कॉफी देने जाती तो हम दोनों की नजरे आपस में मिल ही जाती और कभी कभी तो मैं उसका हाल चाल भी पूछ लिया करती थी.

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वैसे वह मुझे पहले से ही पसंद था. उसका शरीर काफी अच्छा था, उसकी हाईट भी अच्छी खासी थी, मैं अंदर ही अंदर उसे चाहने लगी थी. पर एक दिन जब मेरा देवर मेरी चुदाई कर रहा था तो उसने मुझे बताया कि उसने हम दोनों के इस चक्कर के बारे में अपने दोस्तों को बता दिया है.

जैसे ही मैंने अपने देवर के मुंह से यह बात सुनी तो मैं दंग ही रह गई और मुझे उस पर बहुत गुस्सा आया और मैं उस के ऊपर बैठ कर उछल उछल कर चुदवा रही थी तो साइड में हो गई और उस पर गुस्सा करने लगी. पर तभी उसने मुझे बताया कि जयंत से डरने की कोई जरूरत नहीं है.

वह किसी को कुछ नहीं बताएगा क्योंकि हम दोनों के सेक्शुअल रिलेशन थे, यह बात सुन कर मुझे एक बहुत बड़ा झटका लगा. एक पल के लिए तो मैं समझ ही नहीं पाई कि आखिर मेरे देवर ने मुझे क्या कह दिया और फिर जब मैंने उसे दोबारा पूछा तो उसने बताया कि उसके फ्रेंड के साथ उसके सेक्स रिलेशन है जैसे कि वह एक दूसरे की गांड मार चुके हैं और अक्सर अभी भी मारते हैं.

देवर जी की यह बात सुन कर मुझे थोड़ी शांति तो मिली पर इसके साथ साथ मेरा इंटरेस्ट जयंत में और बढ़ गया और मैं अपने देवर और उसके दोस्त के साथ उस दिन के बाद से बहुत ही फ्रेंडली होकर बातें करनी लगी.

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जयंत भी अब मेरे साथ काफी करीबी बातें करने लगा था और मुझे पूरा यकीन था कि मेरे देवर ने उसे सब कुछ बता दिया था कि मैं उनके सेक्स रिलेशन के बारे में जानती हूं. फिर इसी तरह कुछ दिन बीत गए और मेरा देवर जो कुछ दिनों की छुट्टी पर घर आया था वापिस अपनी जॉब करने स्टेट से बाहर चला गया, और मैं बेचारी फिर से प्यासी रहने लगी.

पर इस दौरान जयंत कभी कभी हमारे घर आ जाया करता और अब तो मैं उसके साथ थोड़ी नॉटी बातें भी करने लगी थी, और शायद इसीलिए वह घर आता था, वह दिखने में काफी शरीफ था और बातें भी कुछ वैसे ही करता था, इसलिए सभी घरवाले उसे पसंद करते थे और उसे घर के बेटे की तरह ही मानते थे.

पर मेरे मन में तो इस घर के बेटे का लंड लेने का प्लान बन रहा था, मैं चाहती थी कि वह पहल करें और इसीलिए मैं उसे सिड्यूस करने के बारे में सोचा पर मुझे मौका नहीं मिल रहा था, क्योंकि हमारे आस पास हमेशा कोई ना कोई होता था और जब कभी भी अकेले होने का मौका मिलता तो वह कुछ ज्यादा नहीं होता कि उस में कुछ किया जा सके.

तभी एक दिन वह दिन आया, घर के सारे लोग पड़ोस की ही एक शादी में गए हुए थे और मैं घर पर अकेली थी. तभी मैंने देखा कि किसी ने घर की बेल बजाई और जैसे ही मैंने दरवाजा खोला तो सामने जयंत खड़ा था. उसे देख कर मानो मेरी तो दिल की तमन्ना पूरी हो गई, पर मैंने अपने आप पर काबू किया.

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उसको अंदर आने को कहा फिर मैंने पानी दिया उस के साथ बैठ गई, हम दोनों एक ही सोफे पर बैठे थे. पहले कि मैं कुछ करती वह बोल पड़ा भाभी आज तो आप काफी सेक्सी लग रही है, उस के मुंह से सेक्सी शब्द सुन कर मुझे अच्छा लगा.

जैसे कि मैंने बताया कि मैं अक्सर उस के साथ ऐसी बातें कर लिया करती हूं, तो मैं भी उसकी फिरकी सी लेने लगी तंग करते हुए यहां वहां की बातें करने लगी. तभी अचानक वह उठा और उस ने मेरे चेहरे को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और मुझे चूमने लगा.

उस के किस करने का अंदाज काफी खराब लग रहा था कि वो पहली बार किसी औरत को किस कर रहा है. उस पल के लिए मैंने भी उसकी किस का जवाब दिया और उस के होंठ चूमने लगी और जैसे ही वह पीछे हटने लगा तो मैंने उस के सिर को पीछे से पकड़ा और अपनी ओर खींच लिया और किस करने लगी और बढ़ने लगी.

मेरी तरफ से हरी झंडी मिलते ही उसने तुरंत मेरे बड़े बड़े चूचो पर अपने हाथ रख दिए और सहलाने लगा. मुझे भी उसके से सहलाने से मजा आने लगा और मैंने किस तोड़ कर उस के मुंह में को सीधा अपनी क्लीवेज पर लगा दिया और उस के चेहरे को अपनी छाती पर दबाने लगी.

मेरा बदन कई दिनों से किसी मर्दों को मांग रहा था और इस तरह अचानक से जयंत के मर्दाना शरीर के एहसास को पाते ही मैं बेकाबू सी होने लगी और धीमी धीमी सिसकियां भरने लगी. तभी जयंत ने मुझे एक जोर का धक्का मारा और मैं सोफे पर लेट गई.

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और वह मेरे ऊपर आ गया और उसने मेरे दोनों चूचो को पकड़कर एकसाथ भींचने लगा और अपना मुंह मेरी क्लीवेज के बीच में डालकर मेरी छाती को चाटने लगा. उसकी नरम और गरम जीभ के एहसास से मैं एकदम बेकाबू सी हो गई और मैंने भी अपना एक हाथ निचे किया और पेंट के ऊपर से ही उसके लंड को टटोलने लगी.

उसका लंड कभी पूरी तरह से तयार नहीं था तो इसलिए मैंने उसे अपने ऊपर से उठाया और एक ही झटके से ब्रा सहित अपना पेटीकोट निकाल दिया और ऊपर से एकदम नंगी हो गई. मेरे नंगे शरीर को देख कर वह तो जैसे मुझ पर टूट पड़ा और मेरी चूचियों को बारी बारी से पकड़ कर किसी बच्चे की तरह चूसने लगा.

और कभी कभी वह मेरे निपल्स को काट कर देता जिस कारण मेरे मुंह से हल्की सी सिसकारी निकल जाती. वह पूरे जोश में आ गया था तो वह पीछे हुआ और उसने अपनी पेंट नीचे खिसका दी, उसने अंडरवियर नहीं पहना था तो उसका लंड एक झटका खाकर मेरी आंखों के सामने आ गया. “Devar Friend Fuck Story”

उसका लंड मेरे देवर जितना ही था तकरीबन ८ इंच का तो होगा ही. तभी मैंने भी उसके लंड को हाथ में पकड़ लिया और वह बहुत कडक था. मेरे देवर के लंड से भी ज्यादा कड़ा, बहुत गर्म था, और जब मैं उस के लंड को आगे पीछे करने लगी तो मुझे उसकी नसे भी महसूस हो रही थी.

उस के लंड को देख कर मुझे रहा नहीं गया और मैं उसके लंड को मुंह में लेने ही वाली थी की उसने मुझे रोक दिया और दुबारा सोफे पर धक्का दे दिया और मेरे पेटीकोट में हाथ डाल कर उसे मेरी गांड तक खीसका दिया और तभी उसने मेरी पेंटी हलकी सी साइड में की और एक ही बार में पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया.

यह मेरे लिए काफी शॉकिंग था पर मुझे इस में मजा भी बहुत आया और उस के अगले ही पल उसने मेरी दोनों बगलों में अपने हाथ जमाएं और धक्के पे धक्के लगाना चालू कर दिया और मेरी चूत जो पहले से ही काफी गिली हुई पड़ी थी पच पच पच पच की आवाज निकालने लगी और मेरे मुंह से खुद ब खुद सिस्कारियों के आवाज निकल पडे.

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मैं बस ऐसे ही बड़बड़ाने लगी और जयंत एक सांड की तरह मेरी चूत बजाने लगा और जैसे जैसे वो थपकिया लगाता गया मेरा मजा भी बढ़ता गया और मैं मस्ती में आह हहू हहह ओ हां अम्म्मो हहह ओ हहह निकलने लगी. जयंत और भी चोदो मेरी चूत का बाजा बजा दो अपनी भाभी का जयंत मेरे देवर चोद अपनी भाभी की चूत. “Devar Friend Fuck Story”

और सिसकिया लेते लेते मैं कब झड़ गई मुझे पता ही नहीं चला और थोड़ी देर बाद जयंत भी जड़ने लगा और मेरी चूत के अंदर ही झड़ गया और मेरे ऊपर निढाल हो कर गिर पड़ा. उसके बाद जयंत का हमारे घर आना जाना लगा ही रहता था.

और जब भी हमें मौका मिलता था तो हम चुदाई किया करते थे और तो और मैंने देवर, जयंत और मेने थ्रीसम भी किया है, जिस में उन दोनों ने एक दूसरे की गांड के साथ साथ मेरी भी गांड मारी. पर उसके कुछ ही महीनो के बाद जयंत की भी जॉब लग गयी और वह भी मुझसे काफी दूर चला गया, में अब फिर से प्यासी ही रहती हु, सोचा यह कहानी लिख कर आप सभी को अपनी परेशानी बता दू.

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