Ghar Chudai Ki Planning – दीदी और मौसेरी बहन दोनों को लंड चाहिए 2

Ghar Chudai Ki Planning – दीदी और मौसेरी बहन दोनों को लंड चाहिए 2

Ghar Chudai Ki Planning

हाय दोस्तो मैं रियाज कैसे है आप सभी. मुझे उम्मीद है आप सभी लोग सही होंगे. दोस्तों आपने मेरी कहानी दीदी और मौसेरी बहन दोनों को लंड चाहिए 1 के पिछले भाग में आप सभी ने अभी तक पढ़ा की दीदी साजिया और मोसी की लड़की नगमा एक ही बात बोली अब आगे की कहानी पढ़े और अपनी बात कह कर वो अपनी नन्ही सी गान्ड मटकाती हुई बाहर निकल गयी.. Ghar Chudai Ki Planning

मैने कस कर अपने लंड को पकड़ लिया और उसकी किस्मत की दाद देने लगा, आज उसे 1 नही 2-2 किस मिली थी, और वो भी मेरी बहनो से… ऐसी किस्मत कम ही होती है लंड की. मैने फटाफट अपने कपड़े पहने और नीचे आ गया, आज मेरी पसंद का नाश्ता बन रहा था, अमी के साथ-2 वो दोनो भी किचन मे थी, मैं डाइनिंग टेबल पर बैठकर पापा से बाते करने लगा..

बातो-2 मे पापा से बाहर जाने की पेर्मिशन भी ले ली, पापा ने अपनी पॉकेट से 500 के 8-10 नोट निकाल कर मुझे दे दिए ताकि वो आज हम तीनों घुम सके.. सभी बहुत खुश थे. नाश्ता करके अमी-अबु ऑफीस के लिए निकल गये और साजिया दी के साथ नगमा उनके रूम मे जाकर तैयार होने लगी.

मैं भी रूम मे गया और तैयार होकर नीचे आ गया… वो दोनो अभी तक अंदर ही थी…मन तो कर रहा था कि अंदर घुस जाउ और देखु ज़रा उन्हे कि कैसे कपड़े बदल रही है वो.. आज तो वैसे भी मेरा दिन था, इसलिए मुझे मना करने का तो सवाल ही नही था.. वो तो बस दोनों एक साथ थी नहीं तो मैं घुस भी जाता अंदर.

कुछ ही देर मे वो दोनो बाहर निकल आई, और जैसा कि मैं सोच रहा था , उन्होने ठीक वैसे ही कपड़े पहने हुए थे, साजिया दी ने टाइट सी जीन्स के उपर एक टाइट सी सेंड़ो पहनी हुई थी और उसके उपर एक शर्ट जिसके बटन खुल्ले थे सामने से… और नगमा ने पतली डोरी वाला हॉल्टर टॉप पहना हुआ था जिसकी पतली डोरी ने उसके नर्म कंधो को बड़ी ही नज़ाकत से पकड़ा हुआ था..

नीचे उसने ब्लॅक जीन्स पहनी थी और नेवेल वाला हिस्सा नंगा था, जिसमे से उसकी अंदर की तरफ धँसी हुई नाभि काफ़ी सेक्सी लग रही थी.. मैं तो आँखो ही आँखो से उन्हे चोदने लगा.. साजिया दी और नगमा मेरे अगल बगल आकर खड़ी हो गयी और मुझसे चिपक कर उन्होने काफ़ी पिक्स खिचवाई, उन दोनो के बूब्स मेरी कोहनियो मे चुभ रहे थे.

मैं मोबाइल में टाइमर सेट कर के 10 फोटो शूट कर दिया सजिया दी ने मुझसे कहा : “तू आज फ़िक्र ना कर, आज पूरा दिन हम दोनो बहने तेरे अगल बगल मे रहेंगी… इट्स युवर डे भाई, सो एंजाय…” पायल दी की बात सुनकर मैं हंस दिया कुछ देर मे हम सभी बाहर निकल आए, और ऑटो पकड़ कर सीधा एक माल मे आ गये.

जहाँ सबने मेरी पसंद की एक मूवी की टिकेट ली और हम अंदर आकर बैठ गये, सिनिमा हॉल मे भी साजिया दीदी और नगमा मेरे अगल-बगल मे ही बैठी उन दोनो के हाथ लगातार मुझे दबोचे हुए थे इसलिए रह रहकर मुझे उनके बूब्स का टच मिल रहा था, दोनो के जिस्मों से आ रही महक भी मुझे दीवाना सा बना रही थी, ऐसा लग रहा था जैसे आज मैं डबल डेट पर आया हूँ.

बैठने के कुछ देर बाद साजिया दीदी मेरे बिल्कुल करीब खिसक आई और मेरे कानो मे अपनी गर्म साँसे छोड़ते हुए बोली : “सुनो…आज तुम्हारा दिन है, और आज के दिन तुम मेरे साथ कुछ भी कर सकते हो…” उनके कहने का तरीका ही इतना सेक्सी था कि मुझसे सब्र नही हुआ और मैने उनकी तरफ चेहरा घुमा दिया और ना चाहते हुए भी हम दोनो ने एक छोटी सी किस कर ली..

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ये सब इतनी जल्दी हुआ कि मैं साजिया दी के रसीले होंठों का स्वाद ही नही ले पाया… सिर्फ़ एक हल्का सा एहसास ही मिला उनके लिप्स का. मैने नगमा की तरफ देखा तो वो मूवी देखने मे बिज़ी थी या मूवी देखने का नाटक कर रही थी… साजिया दी का चेहरा अभी तक मेरे चेहरे के बिल्कुल करीब था..

हमारी सबसे पीछे वाली लाइन मे सीट्स थी इसलिए पीछे से किसी के देखने का डर नही था.. इसलिए एक बार फिर से मैने अपना चेहरा साजिया दी की तरफ कर दिया और उनके भूखे होंठों पर टूट पड़ा… इस बार की किस नही बल्कि स्मूच थी, ऐसी स्मूच जिसमे मैने उनके अंदर की सारी लार को खींचकर अपने अंदर समेट लिया…

पर फिर भी ना जाने कहाँ से लगातार उनके मुँह से मिठास बाहर आती जा रही थी. मैं तो उन्हे किस करने मे इतना बिज़ी था कि मुझे दिन दुनिया का एहसास ही नही रहा, अचानक नगमा ने मेरी टाँग पर चूंटि मारी…

मैने झट से उसकी तरफ देखा तो नगमा बहन बोली पॉप कॉन वाला आराहा हैं मैं जल्दी से सीधा हो गया और मन ही मन नगमा को थॅंक्स कहा नही तो वो मुझे देख लेता मैं पॉप कॉन खरीदा और हम तीनो मूवी देखने लगे थोड़ी देर बाद मैं अपने दोनो तरफ बैठी हसिनाओं की जाँघो पर हाथ फिरा रहा था.

अंधेरा इतना था कि कोई शायद ये नही देख पा रहा होगा फिर से मेरा एक हाथ साजिया दी की जाँघो के बीच चला गया उन्होने मेरी हथेली को अंदर लेकर उसपर अपनी दूसरी टाँग रख दी थी, और मेरी उंगलियाँ उनकी गर्म चूत के बिल्कुल करीब थी, सिर्फ़ उनकी जीन्स का कपड़ा था बीच मे वरना मैं उनकी नंगी चूत को छू रहा होता.

मैने अपना दूसरा हाथ नगमा की तरफ खिसकाया दिया और उसकी चूत को उसकी पेंट के उपर से ही मसल्ने लगा.. वो तो मेरे एक टच से ही इतनी गर्म हो गयी कि उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे रोकना चाहा पर मैं रुका नही.. फिर मैने हिम्मत करके अपना हाथ थोड़ा उपर किया और उसकी जीन्स के अंदर घुसा दिया.

मैने महसूस किया कि उसका पूरा बदन काँप सा गया मेरी इस हरकत से पर बेचारी बर्थडे बॉय को ना नही बोल पाई. और मेरी उंगलियाँ मकड़ी की तरह धीरे-2 उसकी चूत की तरफ बढ़ने लगी.. उधर साजिया दी ने खुद अपनी तरफ से मेरे हाथों पर अपनी चूत को रगड़ना शुरू कर दिया..

और अचानक उन्होने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी जीन्स मे खुद ही घुस्वा लिया.. एक तरफ मैने घुसाया तो दूसरी तरफ उन्होने घुस्वा लिया.. इसी बात से मैने अंदाज़ा लगा लिया कि दोनो की पर्फॉर्मेन्स बेड पर कैसी रहेगी..

साजिया दी एकदम वाइल्ड कॅट जैसी होंगी जो खुद ही मुझे लिटा कर मुझे चूमेंगी, मेरे लंड को पकड़ कर उसे चूस डालेंगी, मेरे मुँह पर चाड़कर अपनी चूत मुझसे चुस्वाएँगी और मेरे लंड को खुद अंदर लेकर मेरे उपर कूदेन्गि. वही दूसरी तरफ नगमा हर बात पर शरमाएगी, बूब चुस्वाते हुए मुझे पीछे धकेलेगी.

मेरे लंड को चूसने के नाम से भी घबरा जाएगी और चूत मरवाते हुए नीचे लेटकर अपना चेहरा छुपा लेगी.. दोनो का अपना -2 मज़ा होगा. पर वो होगा जब होगा, अभी के लिए तो जो सामने था वही बहुत कुछ था. और अब मेरे हाथो का आलम ये था कि वो दोनो हाथ उन दोनो की चूतो के उपर थे और दोनो की चूते एक से बढ़ कर एक तरीके से गीली हुई पड़ी थी..

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आज मुझे इन चूतो का हलवा अच्छी तरह से खाना था. मैने उनकी चूत मे अपनी उंगलियाँ धुसा दी और दोनो हाथों से दोनो बहनों की चूत में धीरे धीरे उंगली डालने लगा… दोनो बहनों की हालत खराब थी, वो चाहकर भी चीख नही पा रही थी, साजिया दी बहुत माजा ले रहि थी और मुझसे लिपट कर अपनी कसक को मेरे शरीर से रगड़ कर बयान कर पा रही थी…

और जल्द ही साजिया दीदी की शरीर एक अजीब सी तरंग के साथ लहराते हुए झड़ने लगी… और झड़ते झरते दीदी मेरे हाथ को इतनी ज़ोर से पकड़ी कि उनके नाख़ून मुझसे बुरी तरह से चुभ गये… हल्का खून भी निकला.. पर इतना तो बनता ही था… ऐसी वाइल्ड तरीके वाली मास्टरबेशन करवाकर अब साजिया दीदी मुझसे सॅट कर बैठी रही…

और मैं उनकी चूत से निकली उंगलियों को बारी-2 कुलफी की तरह चूस्ता हुआ मज़ा लेने लगा…तभी थोड़ी देर बाद नगमा भी झड़ गई मैं दोनों बहनों की चूतकी कुल्फी टेस्ट किया दोनों की मलाई नमकीन पर एक जैसा सवाद था कुछ देर मे इंटर्वल हो गया और दोनो बाथरूम की तरफ चल दी, अपना-2 हुलिया ठीक करने.

और जब वो वापिस आई तो दोनो के चेहरे देख कर ही मैं समझ गया कि कुछ प्लानिंग होकर आई है वहाँ से… और मूवी जब दोबारा स्टार्ट हुई अभी लाइट जल रही थी तभी साजिया दी और नगमा ने एकसाथ मेरे कान मे कहा ”अब तुम्हारी बारी” हैं भाई जान मेरे तो सारे दाँत निकल आए ये सुनकर, आज पूरे सिनेमा हॉल मे मेरे जैसा खुशनसीब और कोई नही था. “Ghar Chudai Ki Planning”

जिसकी बगल मे बैठी दोनो बहने उसे खुश करने पर आमादा थी. मैं आराम से सिर को पीछे लगा कर बैठ गया और इंतजार करने लगा अब आगे क्या करेगी मेरी दोनों बहने जब मूवी स्टार्ट हुई तो लाइट बंद कर दिया अब अंधेरा हो गया, और जैसा कि मैने सोचा था, दोनो के नर्म और मुलायम हाथ एक साथ मेरे लंड पर आ लगे.

मुझे तो अभी तक लग रहा था कि साजिया दी को नगमा इसलिए पसंद नही है क्योंकि मैं उसकी तरफ अट्रॅक्ट हो रहा था पर अब लग रहा था कि ज़रूर दोनो मे कुछ मांडवाली हो गयी है इसलिए दोनो मिलकर मेरे साथ ये काम कर रही हैं.

और देखा जाए तो यही सही था मेरे लिए भी, वरना साजिया दी के गुस्से से बचने के लिए मुझे छुपकर नगमा के साथ चुदाई करना पड़ता और शायद ये भी हो सकता था कि नगमा को भूल जाना पड़ता, पर अब ऐसा नही था, मुझे विश्वास था कि अब दोनो मिलजुलकर जो मज़ा देंगी उसके बाद कुछ भी करने मे मुझे तकलीफ़ नही होगी.

मेरी गोद मे पॉपकॉर्न का टब पड़ा था, उसी की आड़ मे उन दोनो ने अपना हाथ मेरी तरफ किया हुआ था, पॉपकॉर्न तो उपर थे पर असली माल डब्बे के नीचे था, नाजिया दी ने मेरी जीन्स की जिप खोल दी और उस असली माल को बाहर निकाल लिया, दोनो मे इतना तालमेल था कि एक बार मे सिर्फ़ एक ही मेरे लंड को पकड़ रहा था.

दूसरी मेरी बॉल्स को सहला रही थी, और जब नगमा ने लंड पकड़ा तो साजिया दीदी मेरी बॉल्स को मसल रही थी. मैने तो सपने मे भी नही सोचा था कि मेरे लंड के इतने अच्छे दिन भी आएँगे कि उसे एक साथ 2 लड़कियाँ पकड़ेंगी, ये एक ऐसी अचीवेमेंट थी जो शायद लाखों मे से एक की लाइफ मे ही मिल पाती है.

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दोनों बहनों ने मेरे लंड को पकड़ रखी थी अब आगे मेरे दिमाग़ मे जैसे एक फिल्म सी चल रही थी, जैसे उन दोनो के हाथ मेरे लंड को एक साथ सहला रहे थे वैसे ही मेरा लंड भी जल्द ही एक साथ दोनो के मुँह मे जाएगा.

वो मेरे सामने बैठेंगी और मैं बारी-2 से अपने खड़े हुए लंड को छड़ी की तरह उनके चेहरों पर मारूँगा, उनके नर्म होंठों से चुस्वाउंगा, और बाद मे झड़ते वक़्त अपना रस उन दोनो के चेहरों पर फेला कर उन्हे पिलाउन्गा. काश, इस वक़्त सिनेमा हॉल में नहीं होते तो दोनो के सिर पकड़ कर अभी अपने लंड पर लगा देता, और अपनी खुद की फिल्म बनाता. “Ghar Chudai Ki Planning”

पर्सनल वाला एमएमएस, जिसमे मेरी दोनो बहने मेरा लंड चूस रही है और मैं राजा बनकर उन्हे डाइरेक्ट कर रहा हूँ. दोनों बहनों से लंड सहलवाते ही मुझे सुबह वाली बात याद आ गयी जिसमे दोनो ने मेरे लंड को पप्पी करी थी, मेरा लंड तो उस पल को याद करके एक बार फिर से बिफर गया, और मेरे लंड के माध्यम से, मेरे अंदर से आवाज़ आने लगी कि सुबह वाली किस एक बार फिर से हो जाए.

मैने नगमा की तरफ देखा और उसे अपना लंड मुँह मे लेने का इशारा किया, उसने आँखे दिखाते हुए धीरे से कहा : “पागल हो गये हो क्या, भैया यही शाजिया दीदी बैठी है उन्होने देख लिया तो मार डालेगी मुझे” मैने शाजिया दी की तरफ देखा और इसारे से लंड को चुसने को बोला.

उन्होने मना तो नही किया लेकिन इशारा करते हुए कहा : “ये नगमा ना होती तो तुझे कहने का मौका ही ना देती, पर मेरे पास एक आइडिया है, मैं कैसी आइडिया तब दीदी ने एक आँख मारती हुई बोली : “अगर ये मज़ा आगे भी बढ़ाना है तो नगमा को भी शामिल करना पड़ेगा, और वैसे भी तुम्हे 2-2 लड़किया मिल रही है इतना बोल के शाजिया दीदी बाथरूम चली गई मैं भी तो यही चाहता था.

मैने जल्दी में नगमा से बोला चलो जल्दी करो शाजिया दीदी को बाथरूम से आने से पहले काम खतम कर दो वो भी मुस्कुरा दी, उसका हाथ मेरे लंड पर और तेज़ी से चलने लगा.मैने एक बार फिर से उसे अपने लंड को चूसने के लिए कहा, इस बार उसने मना नही किया पर बुरा सा फेस बनाया कि ये कैसे-2 काम करवा रहे हो.

मैने कहा : “मेरा बर्थडे है, मैं कुछ भी करवाउन्गा, तुम्हे करना पड़ेगा, ” उसने जीभ निकाल कर मुझे चिड़ाया, मैने उसे अपनी तरफ झुकाते हुए अपनी गोद मे गिरा लिया, सीट्स के बीच मे हाथ रखने वाले हिस्से को उपर कर दिया मैने, और पॉपकॉर्न का टब थोड़ा उपर उठा लिया ताकि उसके निचे नगमा छुप जाए और कोई देखना भी चाहे तो उसे वो दिखाई ना दे. “Ghar Chudai Ki Planning”

वैसे भी हम सबसे पीछे वाले सीट पर थे जैसे ही मेरे लंड के उपर जब उसकी गर्म साँसे एकबार फिर से टकराई तो मुझसे सब्र नही हुआ और मैने बड़ी ही बेदर्दी से अपना लंड पकड़ कर उसके मुँह मे ठूंस दिया, बेचारी गिडगिडा कर रह गयी, और मेरा 8 इंच का पूरा लंड उसकी हलक मे घुसता चला गया.

ये एक ऐसा एहसास था जिसका मुकाबला दुनिया की किसी और खुशी से किया ही नही जा सकता था, गर्म साँसे और नर्म होंठ जब लंड की सेवा करती है तो मज़ा ही आ जाता है. वही मज़ा मैं लेने मे लगा था इस वक़्त, नगमा को भी शायद मेरे लंड का स्वाद पसंद आया था, उसने मेरे लंड को आइस्क्रीम की तरह चूसना शुरू कर दिया.

मैने तो उसे अपने टटटे भी चुस्वा लिए, उनपर होंठ लगते ही मेरे बदन मे झुरजुरी सी दौड़ रही थी, वो बारी-2 से मेरे लंड और बॉल्स को अच्छी तरह से चूस रही थी, मैने तो आँखे बंद कर ली और उसके रेशमी बालों को सहलाते हुए अपना लंड चुस्वाता रहा.

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नगमा चाहती थीं की जल्दी से लंड को झार दे नगमा बहन अपनी होठों की पकड़ लंड पर कसती जा रही थी और जल्द ही उसके जादुई होंठों ने कमाल दिखाया और मेरे लंड का पारा उपर तक चढ़ता चला गया, और एक के बाद एक मेरे लंड ने फवारो की बोछार करनी शुरू कर दी.

नगमा के लिए ये पहला मौका था उसे तो शायद ये भी पता नही था कि लंड से इस तरह ढेर सारा रस निकलता है, वो बेचारी मुँह पीछे भी नही कर पाई, और तब तक उसे रस का स्वाद भी मिल गया था जो उसे इतना अच्छा लगा कि वो खुद ही अंदर घुस-घुसकर मेरे लंड को चूसने लगी, और बिना एक भी बूँद बाहर निकाले वो मेरे लंड का सारा वीर्य अंदर निगल गयी.

उपर मुँह करते हुए उसका चेहरा एक अलग ही तरह से दमक रहा था, मेरे लंड का पानी अभी तक उसके होंठों पर चमक रहा था, जिसे उसने बड़े ही सेक्षुयल तरीके से अपनी जीभ से सॉफ करते हुए अंदर ले लिया. जितना वो लंड चूसने को मना कर रही थी, उतना ही वो उसे दोबारा चूसने के लिए लालायित दिखी मुझे. “Ghar Chudai Ki Planning”

और इस बीच शाजिया दी ने जो कमाल किया उसका तो पूछो ही मत, जबतक नगमा मेरा लंड चुस्ती रही तब तक शाजिया दीदी बाथरूम से आई नहीं सब कुछ ठीक होने के बाद साजिया दीदी आई और मुझे देखते ही धीरे से मुस्कुराई पर वो अपने मन की बात बोल भी तो नही सकती थी सायेद शाजिया दीदी को विश्वास ही नही हुआ कि नगमा ने ऐसा कुछ किया है…

कोई लड़की इस तरह से किसी लड़की को सक नहीं करेगी लेकीन नगमा की होठ पर लगी सफेद वीर्य को देख शाजिया दीदी सब कुछ समझ गई और. मूवी देखते हुए शाजिया दीदी जब मेरी गोद मे पड़े पॉपकॉर्न के डब्बे मे हाथ डालती तो ंदीदी की हाथ और अंदर तक घुस गईं मेरे गोद मे पड़ा पॉपकॉर्न का डब्बा उपर नीचे होने लगा..

डब्बे के नीचे मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था. दीदी तुरंत मेरी बाजू पकड़ कर निचे बैठी पॉपकॉर्न के डिब्बे के नीचे मेरा लंड पूरा खड़ा था, शाजिया दी ने जीप खोलकर अपना हाथ अंदर डाल दिया और बड़ी मुश्किल से मेरे हिनहिनाते हुए घोड़े को अपने हाथो मे पकड़ कर काबू किया.. पर आज मेरा. उत्तेजना अधिक होने की वजह से लंड ज़्यादा कड़क और बड़ा लग रहा था इस वक़्त..

अब शाजिया दीदी के हाथ मेरे लंड को उपर नीचे करने लगे.. पहले धीरे-2 और फिर तेज़ी से… मैं तो पहले से ही उत्तेजित था इसलिए अपने ऑर्गॅज़म के करीब पहुँचने मे मुझे ज़्यादा समय नही लगा.. और अब मैं गहरी साँसे लेते हुए फुसफुसाने लगे अहह शाजिया दीदी.. यू आर अमेज़िंग…. यू आर सूऊ हॉट…. शाजिया दी…. उर बूब्स…. उफफफफफ्फ़…. इट्स टू हार्ड….. आइ वॉंट टू सक देम शाजिया दी…. आइ वॉंट टू बाइट देम,…. उम्म्म्मम ” और शाजिया दीदी के बूब्स और उसकी जवानी की तारीफ करते-2 मैं झड़ने के करीब पहुँच गये..

जब मेरे लंड से सफेद वीर्य की बारिश शुरू हुई तो शाजिया दी ने पॉपकॉर्न के टब को टेडा करके मेरे लंड की टोपा को पकर कर पॉपकॉन की तरफ कर दिया.. और जो भी मलाई मेरे लंड से निकली वो सारी पॉपकॉर्न के उपर आ गिरी… और इस तरह से उन्होने सिंपल सॉल्टेड पॉपकॉर्न को फ्लेवर वाले पॉपकॉर्न मे बदल दिया… “Ghar Chudai Ki Planning”

और बाद मे शाजिया दी ने बड़े मज़े ले-लेकर वो पॉपकॉर्न खाए… और शाजिया दी अपनी हालत ठीक करके फिर से मूवी देखने लगे… वैसे भी मूवी देखी किसने थी… पर फिर भी लास्ट तक बैठने का नाटक तो करना ही था…मेरे हाथ आख़िरी तक नगमा की छातियो को मसल्ते रहे…

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और मूवी ख़त्म होने से पहले मैने उसकी तरफ झुकते हुए धीरे से कहा : ”आज की रात मुझे तुम्हारी चूत को चूसना है करना है….”ये सुनकर वो शरमा सी गयी…. शायद चूत मे हो रही हलचल को महसूस करके.. और कुछ ऐसा ही शाजिया दीदी भी सोच रही थी मूवी ख़त्म होने के बाद हम तीनो एक अच्छे से रेस्टोरेंट मे गये और वहाँ डिन्नर किया…

मैने वहाँ पर केक भी काटा, खाना खाने के बाद सभी घर आ गये.. अम्मी अबु के साथ कुछ देर बैठने के बाद हम तीनो अपनी रूम मे आ गये… अंदर आते ही नगमा ने जल्दी से सोने का नाटक किया , ये बोलकर कि वो काफ़ी थक गईं है, ये उनका तरीका था शाजिया दीदी को जल्दी सुलाने का ताकि हम दोनों एक साथ मस्ती कर सके.. “Ghar Chudai Ki Planning”

पर शाजिया दीदी भी उनकी प्लानिंग को अच्छे से जानती थी, इसलिए दीदी सोई नही… बस आँखे बंद करके लेट गई.. करीब आधे घंटे बाद नगमा उठी और शाजिया दीदी हिलाते हुए दीदी जान दीदी जान बोली पर पार शाजिया दीदी सोने का नाटक करती रही अब आगे की कहानी भाग 3 में लिखूंगा.

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