Maa Dardnak Chudai – बेटे के बड़े लंड ने बहुत दर्द दिया

Maa Dardnak Chudai – बेटे के बड़े लंड ने बहुत दर्द दिया

Maa Dardnak Chudai Hindi Sex Story

दोस्तों, आपने मेरी पहली कहनी crezy sex story पर पढ़ी, “विधवा माँ को लंड की बहुत जरूरत थी” जिसका बहुत अच्छा रिस्पॉन्स आप लोगो ने दिया। दरअसल ये कहानी मेरे बेटे मयंक ने शेयर की थी, अपनी और मेरी पहली चुदाई की। ये मेरे बेटे ने मुझे बाद में बताया और कहाँ की माँ इससे मुझे शुकुन मिला है। Maa Dardnak Chudai

अब मेरे और मेरे बेटे मयंक के बीच हुई पहली चुदाई के बाद अगले दिन क्या हुआ, मैं अपने शब्दों में बता रही हु। दोस्तों, मेरा नाम अर्चना पँवार हैं और मैं एक विधवा ओरत हू, मेरी उम्र 47 वर्ष है और मेरे बेटे मयंक की उम्र 19 साल है। मै उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की रहने वाली हूं औऱ सरकारी बाबू हू।

मेरी लम्बाई 5 फ़ुट 2 इन्च, वजन 70 किलो हैं। मेरा रंग गोरा है और मेरी चुचिया 38 है औऱ चूतड़ 42 है मेरा फिगर देखकर बुढो के लंड भी तनाव लेने लगते है। पहली कहानी में आपने पढ़ा कि कैसे मेरे बेटे ने मुझे मजबूर करके रात भर चोद दिया, अब आगे बताती हूँ।

मेरे आँख सुबह 6 बजे खुली, तो मयंक के बिस्तर पर बिल्कुल नंगी पड़ी थी। मैंने देखा मयंक मेरे बगल में नँगा लेता था, उसका लंड सिकुड़ा हुआ था और खून व वीर्य से सना था। मैं मायूस थी और मेरे पेट मे व चूत में अभी भी दर्द था। मैं उठी और अपनी पैंटी उठाई तो देखा कि पैंटी पर काफी खून लगा था, मैने पैंटी, ब्रा, ओर लोअर टी शर्ट उठाई औऱ बाथरूम में घुस गई।

मैं रात का मंजर सोचकर रोने लगी, की क्यों मयंक ने मेरे साथ जबतदस्ती सेक्स किया। कुछ देर रोने के बाद सोचने लगी कि शायद होनी को यही मन्जूर था। मैं रात की घटना बुरा सपना सोचकर भुलाना चाह रही थी औऱ यही सोचते सोचते अपनी चूत की ओर देखने लगी।

मेरी चुत सूज गयी थी, मेरी जांघों पर खून के धब्बें लगे थे। मैंने कॉटन से चूत साफ़ की, कॉटन खून से भीग गयी थी। खैर नहाकर मैंने पण्टी पहनना ठीक नही समझा औऱ ब्रा डालकर ऊपर से मैक्सी पहनकर गीले बाल लेकर किचन में आ गयी।

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मैं चाय बनाने लगी औऱ सोचती रही कि ये क्या हो गया, मैं कभी मयंक को माफ नही करूँगी, उसने माँ बेटे का रिश्ता शर्मसार किया है। मै बस सोच ही रही थी कि किसी ने पीछे से आकर मेरे दोनों चूचे पकड लिए, मैंने पीछे थोड़ा से मुड़कर देखा तो मयंक था।

मैं: गुस्से में पीछे हट मयंक क्या बदतिमीजी है छोड मुझे, लेकिन मयंक पर कोई असर नहीं हुआ औऱ उसने चूचे दबाना चालू रखा।

मयंक- मम्मी मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ औऱ सारे सुख देना चाहता हूं। मुझे रोको मत, इस चूत पर मेरा अधिकार है.

मै- दूर हट मुझसे, ये नहीं होगा।

मयंक – साली फूफा से तो चुदवाना अच्छा लगता है लेकिन घर मे लंड होने के बावजूद नख़रे करती हो और इतना कहकर मयंक ने अपना मोटा सख्त लंड मेरे बाल पकड़कर मुँह में डाल दिया।

मैंने न चाहते हुए लंड मुट्ठी में पकड़ लिया, है भगवान कितना टाइट लंड था मयंक का। खासकर सुबह के वक़्त लंड सामान्य से कहीं ज्यादा टाइट रहता है लड़को का, और दूसरे मैंने अपने बेटे को शुरू से ही अच्छा खिलाया था।

मयंक का लंड 5 इंच ही मुँह में जा रहा था जिससे वो मुझे मुँह में चोद रहा था। लगभग 5 मिनट मुँह चोदने के बाद मयंक ने मुझे खड़ा किया औऱ मेरे होंठ चूसने लगा। मै उसकी छाती पर मुक्के मारने लगी कि वो मुझे छोड़ दें, लेकिन वो नही माना औऱ मूझे किचन के स्लेब पर झुका दिया औऱ पीछे से मैक्सी के ऊपर से बूब्स दबाने लगा।

मैं रोये जा रही थी लेकिन मयंक पर मेरे रोने का कोई असर नहीं हो हो रहा था। मयंक ने मेरा दाई टाँग उठाकर स्लैब पर रख दी। मेरे कुछ समझ नहीं आ रहा था, तभी मुझे अपनी चूत पर कुछ गरम से महसूस हुआ, मैने हल्का सा मुड़कर देखा तो मयंक बिल्कुल नंगा था औऱ कूल्हे उचकाकर अपना मोटा विकराल लंड चूत के मुँह पर सेट करने में लगा था।

मैं – रोते हुए, मयंक मत कर बेटा, मेरी चूत में बहुत दर्द है रात से। मै और नही कर सकती। मुझमे हिम्मत नहीं है मुझे जाने दे, माफ कर दे बेटा, अब कभी गैर मर्द से नही चुदूँगी।

तभी मुझे मेरी चूत फटती महसूस हुई, नीचे देखा तो मयंक अपना मूसल जैसा लंड चूत में उतार चुका था, मेरी चीख निकल गयी।

मै- आह…ई…मर गयी मा……, मेरा मुँह खुल गया औऱ मेरी टाँगे काँपने लगी।

महिलाएं जानती होगी कि इस पोजीशन में चुदने में बहुत तकलीफ होती है। मयंक का 5 इन्च लण्ड चूत में था औऱ इतने से ही वह अंदर बाहर करके चोदने लगा। मै बेबस थी कुछ नही कर पा रही थी। मयंक में मेरा चेहरा पीछे घुमाया और मेरे होंठ चुसने लगा, साथ ही बहुत स्लो मोशन में लंड से चोद रहा था।

वो मुझे गर्म करना चाह रहा था। आखिर मै भी एक ओरत थी जो पिछ्ले 19 साल से तबीयत से नहीं चुडी थी, मै गर्म होने लगी औऱ मेरे अन्दर से चूत रस बहने लगा। ।मयंक मेरी हालत जान चुका था और मौका देखकर पूरा लंड बाहर निकाल लिया।

मै हवस में होठ चुसवाते हुए लन्ड निकलने से मायूस हो गई थी। तभी मयंक ने लण्ड जो कि मेरे चूत रस से गिला था, दोबारा चूत के मुंह पर रखा औऱ एक तेज झटका देकर पूरा 11 इन्च लंड मेरी चूत के भीतर उतार दिया, मैं चिल्लाने लगी।

मैं- आह…. ह….है….मर गई हे भगवान……… मै गयी….।

मयंक ने तेज तेज धक्के लगाने चालू कर दिए। फच… फच…. फच। मेरी हालत खराब हो चुकी थी, मयंक का लोडा बहुत सख्ती से मेरी चूत चोद रहा था। अगर सूत भर भी उसका लोडा मोटा होता तो मेरी चूत फट जाती।

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मयंक 10 मिनट चोद कर रुका औऱ मेरी टाँग स्लेब से नीचे उतारी। मुझसे खड़ा नही होय जा रहा था। मयंक मेरी हालत समझ गया था, तभी मेरी नजर उसके लंड पर पडी तो मै हैरान हो गई, उसका लण्ड 90 डिग्री में छत की ओर मुह किए खड़ा था.

है भगवान क्या स्टैमिना था मयंक का, एक साथ 4 औरतों को चोदने की ताकत थीं उसके लण्ड में। मयंक का लंड ख़ून से भीग गया था, मेरी चूत के ख़ून से। मैने अपनी चूत पर डरते हुए हाथ लगाया तो गिलगिला से लगा, मैंने अपनी उंगली देखी तो उनपर खून था। मैं फिर रोने लगी औऱ बोली

मैं- बेटा मेरी चूत फट गई हैं औऱ मत चोद, मै तेरे पाँव पडती हूं।

मयंक- बेशर्मी से बोला, आजा मेरी जान, तेरी चूत ने मुझे पागल बना दिया है तुझे बिना चोदे मैं नही रह सकता।

मयंक ने मेरी मैक्सी उतार दी औऱ गोद मे उठा कर हॉल में ले आया। उसने मुझे डाइनिंग टेबल पर बैठा दिया औऱ लंड आगे पीछे करके बोला, जान अपनी टाँग खोल। मैंने अपनी टांगे भे भीच रखी थी, ऊसने जोर देकर मेरी टाँग खोलकर अपना लंड मेरी चूत पर रखा औऱ 2 इन्च घुसा दिया, औऱ धीरे धीरे चोदने लगा, साथ ही मेरी गोरी गोरी चुचिया दाबने लगा।

मै बेसुध थीं तभी उसने मेरी दोनों टांगों के निचे से हाथ निकाल कर मेरे चूतड़ों पर हथेली की ग्रिप बना ली औऱ मुझे झटके से हवा में उठा लिया, अचानक उठाने से मुझे खुद को संभालने के लिए अपने हाथ उसके गले मे इर्द गिर्द डालने पड़े।

मयंक ने एकदम से हवा में मुझे उछाला औऱ जैसे ही मै निचे को आई उसका मोटा लंड मेरी चूत में उतरता चला गया। मैं छटपटाने लगी औऱ मयंक मेरा खुद का बेटा उछाल उछाल कर चोदने लगा। हर झटके के साथ मेरी चूत फट रही थीं।

10 मिन्ट हवा में चोदने के बाद उसने मुझे नीचे उतारा औऱ मुझे डाईनिंग टेबल पर घोडी बना दिया। मै सोच रही थी कि मुझ जैसी भारी भरकम 70 किलो की ओरत को कैसे आसानी से हवा में उठाकर चोद रहा था। “Maa Dardnak Chudai”

मैं घोडी बनी थी कि तभी मयंक ने मेरे मोटे मोटे गोल गोर चुटडो को हाथो से दबाना शुरू कर दिया औऱ अपना मुँह चुटडो के बीच फसा दिया। मयंक जीभ चलाने लगा मेरी चूत में। मैं आह भरते हुए बोली, मयंक तू कब झडेगा, मेरे अंदर ही हिम्मत नहीं हैं तो हाथ से कर ले।

मयंक की जीभ जादू कर रही थीं औऱ एकाएक मेरा शरीर अकड़ने लगा औऱ चूत झड गई। मयंक ने सारा चूत रस पी लिया। मै निढ़ाल हो गयी औऱ डाईनिंग पर पसर गई। तभी मयंक ने मेरे पेट के इर्दगिर्द अपने हाथ फंसाकर मुझे उठा लिया औऱ मुझे हाल के फर्श पर पडे गद्दे पर ले गया।

मैं- बेटा तू कंडोम लगा ले, बिना कन्डोम मै नहीं कराऊंगी।

मयंक- चल बकवास मत कर। आज तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊंगा।

मयंक पीछे से मेरे ऊपर झुक गया औऱ लन्ड को चूत के होठो के बीच फसा दिया। मै आने वाले खतरे से अनजान थी, तभी एक जोरदार झटका देते हुए मयंक ने अपने कुल्हे आगे की और उछाले और मयंक का ओजार मेरी चूत की दीवार को भेदता हुए अंदर दाख़िल हो गया। मेरी चीख़ निकल गई।

मै- हा…. मा बचा ले मुझे, आह हा… छोड दे ब कौन चोदता हैं हये मर गई।

मयंक ने तेज तेज धक्के स्टार्ट कर दिये। इस पोजीशन में 20 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई करते हुए वो जड़ तक उतरना चाहने लगा, मैं रोते हुए समझ की की उसका होने वाला है मै- बेटा बाहर झाड दे, अन्दर मत डालना। बच्चा टिक जयेगा।

उसने कुछ नहीं सुना औऱ गर्म लावा मेरी चूत में झाड़ने लगा। मयंक हॉफ रहा था 2 मिनट उसने लंड बाहर खीच लिया औऱ बाथरूम में चला गया। मेरा शरीर कॉप रहा था मैं सीधी होकर बैठ गई औऱ चूत को देखने लगी। चूत से गर्म वीर्य व खून का मिक्सर बहकर बाहर आ रहा था।

मैं घुटनों पर सर टेककर रोने लगी। सोचने लगी कि कोई बेटा अपनी माँ को कैसे चोद सकता है।मुझे मयंक से नफरत हो गयी थी। मैं उठी और किचन में गयी औऱ अपनी पैंटी और मैक्सी उठाकर अपने रुम में चली गई। “Maa Dardnak Chudai”

मै बिस्तर पर लेट गई औऱ घडी की ऒर देखने लगी, सुबह के 8:30 बज चुके थे, मयंक ने 7 बजे चोदना शुरू किया था औऱ 8:30 तक डेढ़ घण्टे चोद दिया था। मै थकी थी मुश्किल से अपनी पैंटी पहनी औऱ ऊपर से मैक्सी पहनकर बेड पर लेट गयी। तभी मुझे मयंक मेरे रूम में आया औऱ मुझे सॉरी बोला।

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मयंक- मम्मी मुझे माफ कर कर दो, मै तुमसे बहुत प्यार करता हूं। मैं तुम्हें बेटे, पति वाला सुख देने की कोशिश कर रहा हूँ। मैं जानता हूँ कि तुम 24 साल की उम्र। में विधवा हो गयी थी और बिना मर्द के एक ओरत कैसे जीती है समझ सकता हूं।

मै चुपचाप उसकी बात सुनती रही, मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था मयंक पर। फिर वो एक्टिवा उठाकर बाहर चला गया। मैं लड़खड़ाते हुए अलमारी खोली औऱ ब्रा, पैंटी औऱ सूट लेकर बाथरुम चली गईं। बाथरूम में जाकर अच्छे से चूत की धुलाई की औऱ ब्रा पैंटी, सूट पहनकर रूम में आ गई।

मैं पलंग पर बैठकर सोचने लगी कि ये क्या हो रहा है मेरे साथ, साथ ही मन खुश भी था कि घर में ही लण्ड मिल गया है लेकिन दुख था तो इस बात का, कि मै खुलकर बेटे के साथ एंजॉय नहीं कर सकती थी। तभी मयंक बाहर से वापस आ गया और मेरे पास पानी का गिलास लेकर आया औऱ मुझे अनवांटेड 72 पिल दी औऱ कहा। “Maa Dardnak Chudai”

मयंक- मम्मी ये पिल ले लो, आपको प्रेगनेंसी नहीं होगी, वरना रोज रोज की चुदाई से आपको बच्चा ठहर सकता हैं। मैं अपने बेटे की होशियारी देखकर स्तब्ध थी कि कैसे प्लानिंग कर रहा है खैर मैंने पिल खा ली और किचन में जाकर नाश्ता बनाने औऱ नाश्ता बनाकर मयंक को देने उसके रूम में गयी।

मै उससे कितना भी नाराज होऊ लिजिन एक माँ का दिल तो आप जानते ही हो। मैंने नाश्ता दिया और खुद भी हॉल में बैठकर नाश्ता किया। जो हो गया सो हो गया, होनी को कौन टाल सकता है। यही सोचकर अपनी एक्टिवा स्टार्ट की, लेकिन मुझसे स्कूटी संभल नहीं रही थी क्योंकि मेरी चूत ओर पेट मे दुखन थी।

खैर हिम्मत करके मैं अपने सरकारी दफ्तर चली गयी। मेरी चाल आज कुछ अलग थी जिसे मेरे स्टॉफ वाले भाफ रहे थे, लेकिन मैने बोल दिया कि पैर स्लिप हो गया था। रह रह कर मुझे अपनी चुदाई याद आ रहीं थीं, आये भी क्यो न, झड़ी तो मै भी कई बार थी, कहि न कही रोमांच था मन मे की अब मेरी चूत सूखी नहीं रहेगी.

लेकिन जैसे ही लंड के मालिक मयंक का ख्याल आता तो एक नफरत थी मेरे मन में, कि क्यों मयंक ने अपनी माँ को चोद दिया। खैर अपना आफिस वर्क करने लग गयी। हालाँकि मेरे स्टॉफ में भी कई लोग मुझे चोदने की फिराक में थे लेकिन मैं बदनामी से डरती थी. “Maa Dardnak Chudai”

इसलिए मैंने किसी को चूत नही दी, केवल बड़ा बाबू ही कभी कभार चुचिया दबा देता था लेकिन चूत तक नही पहुँचने दिया। 12 बजे मुझे पेसाब लगी तो मैं बाथरूम गयी औऱ चूत की हालत देखी, मेरी चूत 3 बार की चुदाई से सूज गयी थी औऱ ब्लीडिंग भी थोडी से थी अभी भी।

मै वापस आयी ऑफिस में औऱ मोबाइल देखने लगी, तभी मयंक का मैसेज आया, खोलकर देखा तो मयंक के खड़े लन्ड की पिक थी औऱ नीचे लिखा था कि मम्मी मेरा लंड आपका इंतजार कर रहा है आओ मुझे चोद कर ठण्डा करो।

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मैं परेशान थी कि क्या करूँ, मैंने वापिस मैसेज किया कि मैं 47 साल की ओरत हू रोज़ नही चुद सकती। मयंक ने वापिस मैसेज किया कि जल्दी आ जाओ धीरे धीरे करूँगा अब। मैं मजबूर होकर घर आ गयी अंदर देखा तो हॉल में मयंक बिल्कुल नंगा खडा अपने मूसल से लण्ड पर आयल की मसाज कर रहा था।

उसका लंड देखकर मेरी कपकपी छूट गयी, हो भी क्यों न उसका लंड बहुत विकराल था लगभग 11 इंच लंबा और 3.5 इंच मोटा था जैसे गधे का होता है। मुझे देखकर बोला आओ मेरे ऊपर बैठकर मुझे चोदो।

मै- कैसे करना है मुझे नही आता, मैंने कभी किया नही।

इस पर मयंक बोला – मम्मी जान चूतिया मत बनाओ, चूत औऱ ।

मैंने अपना कुर्ता सलवार निकाल दिया, अब मेरे शरीर पर बस रेड कलर की ब्रा पैंटी थी। मैंने दोनों हाथों से चूचे ढक लिए औऱ चुपचाप खड़ी रही। मयंक मेरे पास आया औऱ मेरी ब्रा का हुक खोल दिया औऱ पैंटी भी उतार दी। मेरी चूत पर हाथ फेरते हुए होंठ चुसने लगा। “Maa Dardnak Chudai”

फिर वो गद्दे पर लेट गया औऱ मूझे अपने ऊपर पैरों की तरफ मुँह करके बैठाया। वो मेरे चूतड़ों को मसलने लगा। मयंक- अपनी चूत को लंड पर रखो मम्मी। मैं बोली कन्डोम लगा ले। उसने मुझे कन्डोम दिया औऱ कहा कि जानेमन तेरा लण्ड तेरा इन्तजार कर रहा है चढ़ा दे।

मैं शर्माते हुए कन्डोम का रैपर खोला औऱ मयंक के लंड पर कन्डोम चढ़ा दिया। अभी भी आधे से ज्यादा लण्ड उनकवर्ड था। मयंक ने चूत पर लंड रगड़ना चालू कर दिया। मैं घबराते हुए बोली कि धीरे धीरे डालना। दर्द होता हैं बहुत।

मैंने चूत उसके लण्ड पर टिकाई औऱ धीरे से वजन डालने लगी। खचाक से 6 इन्च लंड चूत को फैलाता हुआ अंदर सरक गया। मैं उछल उछल कर अपने बेटे को चोदने लगी। तभी मयंक ने मेरे दोनो चूतड को कस के पकड़ा और मुझे नीचे को दबाया औऱ अपने कुल्हे झटके से उछाले।

सटाक से 11 इन्च का लन्ड मेरी चूत को चीरता हुआ मेरी बच्चेदानी से टकराया। मैं चिल्लाईं, ओह….. मार दिया रे, फट गई मेरी चू…. त। मैंने नीचे देखा तो मेरी चूत लण्ड के चारों तरफ चिपकी पड़ी थी। कोई भी बता सकता था कि ओवर साइज़ लंड घुसा हुआ है।

मयंक ने ताबड़तोड़ धक्के शुरू कर दिए। मै दर्द सहन न कर पाने की स्थिति में थीं। मैं उठ खड़ी हुई। सटाक से लंड बाहर निकल गया। मयंक मेरा हाथ पकड़कर मेरे रुम में ले गया औऱ बिस्तर पर लिटा दिया। मयंक मेरे दोनो जांघों के इर्दगिर्द अपनी टाँगे फैलाकर मुझ पर झुक गया औऱ मिसनरी पोजीशन में टाइट लण्ड चूत पर रगड़ने लगा। “Maa Dardnak Chudai”

चूत पहले से ही गीली थी। अचानक मैंने अपनी चूत को लंड लपकने के लिए उपर को उठाया, तो मेरे बेटे का मोटा तगड़ा लंड मेरी चूत में उतरता चला गया। मेरी तो जान ही निकल गई इस पोजीशन में लंड लेकर। मयंक ने प्रति मिनट 40-45 धक्के लगाने चालू कर दिया।

मेरा बेटा पूरा लन्ड बाहर निकलता औऱ एक झटके में जड़ तक भीतर उतार देता। मुझे भयंकर दर्द हो रहा था थोडा सा गर्दन उठा कर देखा तो उसका लंड लोहे की रोड के माफिक मेरी चूत में सख्ती से अंदर बाहर हो रहा था।

कुछ पल के बाद मेरी चूत लन्द लेने में दिक्कत करने लगी, मैंने सर उठा कर देखा तो मेरी चूत लंड पर बुरी तरह चिपकी थी । लंड के अंदर बाहर होने के साथ ही चूत भी अंदर बाहर खिंच रही थी। अचानक मयंक ने लन्ड बाहर खींच लिया। मयंक मुझे खड़ा करने लगी.

मै – मयंक के पैर पकड़कर गिड़गिड़ाने लगी, मेरी चूत तेरा लोडा झेल नही पा रही हैं, मै जल्दी तेरी शादी करा दूंगी। अब मत कर।

मयंक ने मुझे गोद मे उठा लिया औऱ दिवार के सहारे खड़ा कर दिया औऱ सामने खड़ा होकर खड़े खड़े चूत में लोडा घुसा दिया। मैं फिर से कराहने लगी। आह… आई….. हम्म…. धीरे धीरे आ… आ। इसी पोजीशन में 10 मिनट लगातार चोदने के बाद मेरे बेटे ने अपना गर्म लावा मेरी चूत में डिस्चार्ज कर दिया। “Maa Dardnak Chudai”

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मुझे गर्म वीर्य अंदर महसूस हो रहा था। 2 मिनट बाद उसने लण्ड बाहर निकाल लिया औऱ अपने रुम में चला गया। मयंक का वीर्य मेरी जांघों पर बह रहा था। मैं जहां खड़ी थी हाल में, वहां से मेन गेट सीधे नज़र आता था और मयंक ने जल्दबाजी में हाल का गेट बंद नही किया था।

अचानक मेरी नजर गेट की ओर गई, तो ऐसा लगा कि कोई बाहर से अंदर झांक रहा है, मैं घबरा गई औऱ तुरंत अपनी चूत को हाथों से ढककर बाथरूम में भाग गयी। कुंडी लगाकर शॉवर चालू किया और चूत को धीरे धीर धोते हुए सोचने लगी कि कौन हो सकता हैं जो मेरी चुदाई देख रहा था। खैर मैं अच्छे से नहायी।

चूत काफी गंदी हो गई थी औऱ सूज गयी थी। कॉटन से चूत को अच्छे से साफ करके कपड़े पहने औऱ रुम में आ गयी। दोस्तों अपने बेटे से चुद चुद कर मन बहुत भारी हो गया था इसलिये ये सब लिखकर मन हल्का हो गया है। भगवान न करे मेरे जैसी किसी माँ की चुदाई उसके सगे बेटे से हो। ये सच्ची घटना कैसी लगी, कॉमेंट जरूर करना। आगे क्या हुआ ये अगली स्टोरी में बताउंगी।

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