Sali Ka Bra Khola – गबरू जवान ने दिल चुरा लिया मेरा 2

Sali Ka Bra Khola – गबरू जवान ने दिल चुरा लिया मेरा 2

Sali Ka Bra Khola

दोस्तों मैं आपकी सृष्टि, दोस्तों आपने मेरी कहानी के पहले भाग गबरू जवान ने दिल चुरा लिया मेरा 1 में आपने पढ़ा की मेरे बैंक मैनेजर ने मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की, पर मुझे अंशु ने बचा लिया वो दरोगा की तैयारी कर रहा था, और मैं उससे प्यार करने लगी और मैंने अपनी पहली चुदाई उसी से कराइ. अब आगे – Sali Ka Bra Khola

अब रोज सुबह उठ वो दौड़ने चला जाता शाम को मै उसकी जम कर मालिश कर देती कभी वो भी मेरी मालिश कर देता। वो बहुत मेहनत कर रहा था। अगले महीने वो दौडने चला जाता है मै अकेली थी तो मेरे साथ रहने उसकी बहन आ जाती है।

मै पहली बार उसके किसी फैमिली मेंबर से मिल रही थी वो मुझे काफी अच्छी लगी। दो दिन बाद वो दौड़ मे पास हो जाता है और घर आ जाता है। उस दिन हमने कुछ नही किया क्योंकि उसकी बहन थी हम सब बहुत खुश हुए।

दो दिन बाद उसने अपनी बहन को अपने गांव पहुंचा दिया, और शाम को वापस आ गया मै बैंक से घर आई तो वो आ चूका था। मेरे घर मे घुसते ही उसने मुझे गले लगा लिया मै भी उसे भी उसे चूमने लगी। कुछ देर हम यूंही किस करते रहे। वो मुझे गोद मे उठा बेड पर लेट गया।

मै: इतनी जल्दी क्या है , पहले मै फ्रेस हो लूं, फिर सारी जिन्दगी हमारी है।

अंशु: कुछ दिन मे मेरा भाई यहां रहने आ जाएगा, उसकी जॉब इसी कस्बे के सरकारी हाई स्कूल मे टीचर की लग गई है।

मै: (खुश होते हुए) तब तो ये बहुत अच्छी बात है अब हमारी शादी भी जल्दी हो जायेगी।

मै फ्रेश हो ली और हमने मिलकर खाना बनाया और खा लिया। अब हम बेड पर लेट कर बाते करने लगे मै उसे अपनी बांहों मे भर ली। उसे चूमने लगी हमारे जीभ एक दूसरे से कुश्ती कर रहे थे, बहुत देर हम दोनो सिर्फ जीभ चूसते रहे।

फिर मै उसके गाल गर्दन गले को चूसने लगी वो भी मेरे गाल गले गर्दन कान सभी जगह चूसता हमारे शरीर एक दूसरे से घिस रहे थे। अब मै बहुत गर्म हो गई थी हम दोनो ने अपने सारे कपड़े उतार दिए वोमेरे मम्मे चूसने लगा मेरी आह निकल जाती वो उन्हें सहलाते चूमते चाटते हुए खेल रहा था मै मजे ले रही थी।

अब वो निचे जाते हुए मेरे पेट नाभि पेडू को चूसने लगामेरी सिसकियां निकल जाती। अब उसने मेरी बूर पर जीभ फिरा दी मेरी चूत पहले से ही गीली हो रखी थी मै बोलने लगी डाल दो अब। उसने मेरी चूत चाटनी जारी रखा मै बोलने लगी आह अब डाल दो मुझसे बर्दास्त नही हो रहा।

वो अब मेरे ऊपर लेट गया और लन्ड मेरी चूत पर रख दिया मेरी सिसकारी निकल गई अब उसने हल्का सा लन्ड घुसा दिया मेरी आह निकल गई हल्का सा दर्द हुआ मीठा सा वो हल्के हल्के चोदने लगा। धीरे धीरे उसने पुरा लन्ड उतार दिया मेरी गीली चूत मे उसका लन्ड एक दम कसा हुआ जा रहा था।

मै मजे लेती हुई चुदवा रही थी मेरी आह निकल रही थी मै उसे चूसे जा रही थी उसके होंठ गाल मै बूरी तरह चूस रही थी। मेरा जोश बढ़ता ही जा रहा था कुछ देर ममै झड़ने वाली थी तो मैने उसके कमर को लपेट लिया अपनी टांगों से।

कुछ देर मे मै झड़ गई मेरी चूत फड़ फड़ा गई उसके लन्ड को निचोड़ रही थी कुछ देर मे वो भी मेरी चूत मे झड़ गया। हम हाफ रहे थे मै उसे किस करे जा रही थी। उस रात मै उससे 4बार चुदाई। हर बार रस बूर मे लेती रही मै तर गई।

सुबह उठी तो उसके होंठ लाल हो गए थे मेरी बूर हल्की दर्द कर रही थी। मै बर्दास्त कर उठी और नहा ली वो दौड़ कर आया और खाना बना रहा था। हमने खाना बनाया और मै बैंक चली गई। रात को इतनी बार चुदने के बाद बैंक जाना आसान नही था मेरी दर्द से हालत खराब होने लगी तो मै पेंकिलर ले ली थोड़ी देर बाद मुझे कुछ आराम हुआ।

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अब शाम को मै आ गई उसने खाना बनाया। मैने उसे बताया कि बहुत दर्द हुआ आज उसने मुझे खाना खिला रात को मेरे पुरे शरीर की मालिश कर दी मेरी सारी दर्द गायब हो गई। मुझे इतना मजा आया कि मुझे नींद आ गई।

अब सुबह उठी तो मेरे पीरियड आ गए तो अगले कुछ दिन तो हमने कुछ नही किया मै सिर्फ उसके होंठ चूसती, उसके सीने को चूमती और उसे बांहों मे भर सो जाती। मेरे पीरियड खत्म हुए तो मै बैंक से घर आते वक्त दर्द की दवा ले ली सोची आज फिर रात भर चुदूंगी।

घर आकर देखी उसका भाई आ गया था कल उसका पहला दिन था स्कूल मे। मैने उन्हें नमस्ते किया वो मेरी ही एज के थे तो मै उसे सर बुलाने लगी और मै बैंक मे काम करती थी तो वो मुझे मैम बुलाने लगे। अब वो दोनो भाई अपने रूम मे सो गए मै अपने रूम मे सो गई मुझे उसे बांहों मे भर सोने की आदत हो गई थी तो मुझे नींद ही नही आ रही थी।

मुझे बहुत देर बाद नींद आई। मेरे चुदाई के सारे अरमान पानी मे बह गए। अब हमारी चुदाई नही हो पा रही थी, हमारा मिलना भी मुश्किल हो गया था मै उसे किस तक नही कर पा रही थी, क्योंकि मेरे बैंक जाने के बाद उसके भईया स्कूल जाते और मेरे आने से पहले ही आ जाते। दो दिन बाद सैटरडे को मै बैंक से आई तो अंशु ने मुझे आते ही गले लगा लिया।

मै: क्या कर रहे हो भईया देख लेंगे।

अंशु: वो घर चला गया है कल सन्डे है तो अब कल शाम को आएगा या मंडे सुबह आएगा।

मै खुश हो गई और उसे चूमने लगी , मै अभी हॉल मे ही थी और मेरा पर्स मेरी हाथ मे ही था मै उसे चूसे जा रही थी हम वहीं जमीन पर लेट गए मैने अपनी सलवार खोल उतार दी और पैंटी भी उतार दी अब उसका पैन्ट उतार दी। हम बहुत गर्म हो गए थे मेरी चूत पानी छोड़ने लगी मै उसका लन्ड पकड़ अपनी चूत पर लगा दी उसने हल्का सा धक्का लगा लन्ड घुसा दिया.

मेरी आह निकल गई अब उसने हल्के हल्के चोदते हुए पुरा लन्ड घुसा दिया। मुझे हल्का हल्का मीठा मीठा दर्द हो रहा था मै मजे ले चुदवाती रही कुछ देर मे हम दोनो झड़ गए। अब हम उठे मै फ्रेस हो गई। अब हमने खाना बनाया और खा लिया। मै उसे बांहों मे भर ली।

मै: मुझे नींद नही आती तुम्हारे बिना।

अंशु: (हंसते हुए)मुझे भी नही आती, मुझे तुम्हारी बांहों मे सोने की आदत लग गई है।

मै उसके होंठ चूसने लगी फिर हमारे सारे कपड़े उतर गए और हमारी चुदाई शुरू हो गई उस रात मै 3 बार चुदाई। अगले दिन सन्डे था तो हमने फिर दो बार चुदाई करी फिर बाकि रात मे करने की सोची लेकिन उसके भईया शाम को ही आ गए और बहुत सारी मिठाई लेकर आए।

जीतू;(उसका भाई) लिजिए मिठाई खाइए.

मै: किस खुशी मे।

जीतू: अरे पहला दिन था जिस दिन मै लाया नही तो आज ले आया।

मै: मै सोची अपनी शादी की मिठाई खिला रहे हैं।

जीतू: अरे अभी नही।

ये मिठाई मेरी आज रात चुदाई ना होने के गम के नाम है, ये सोचते हुए मै मिठाई खा ली। अब यूंही दिन गुजरने लगे अंशु ने मुझे टेडी बीयर बड़ा सा लाकर दे दिया मै उसे ही पकड़ कर सोती हमारी चुदाई सिर्फ सन्डे को हो पाती मै उससे चुदाने के चक्कर मे अपने घर भी छूट्टी पर नही जाती।

एक बार मां ने फोन कर कहा कि नाराज है क्या घर क्यों नही आती मै बोली नही नाराज नही हुं। फिर अगले फ्राइडे को मै बैंक से सीधा अपने घर मां के पास चली गई। वहां पहुंच मां ने मुझे बताया कि मेरे भाई की नौकरी एमएनसी कंपनी मे लग गया है मै बहुत खुश हुई। मैने अपने भाई को फोन किया उसे बधाई दी।

मेरा भाई: थैंक्यू दी आपने मुझे इतना पढ़ाया, मुझे एमबीए कराया, पापा के जाने के बाद मुझे तो कुछ समझ ही नही आ रहा था, आपने हमे अपने बच्चों की तरह पाला आप मेरे लिए पापा जैसी हैं।

मै:(काफी इमोशनल हो गई) धत्त पागल ये मेरा फर्ज बनता है कि मै अपने बच्चों की अच्छी परवरिश करूं।

कुछ देर हमने उन्ही बात की।

मेरा भाई: दीदी बस अब आप शादी के लिए हां बोल दो, पैसे की चिंता मत करो मै सब देख लूंगा मौसा जी एक रिश्ता लेकर आए थे।

मै: मै कितनी बार कह चुकी हूं कि मै दहेज देकर शादी नही करूंगी।

वो मुझे मनाने लगा लेकिन मै नही मानी। कुछ देर मे मां गुस्सा हो गई।

मां: दो पैसे कमाने क्या लगी अपनी मनमानी करने लगी, तूझे अब जो जी मे आए तू कर।

मै: इसी झगड़े के कारण मै नही आती हुं।

मां:(गुस्से मे) ठीक है, मत आया कर ऐसा कर तू हमसे रिश्ता ही मत रख हम मां बेटी रह लेंगे।

बिल्लो: अरे इतना गुस्सा क्यों हो रही हो, वो कर लेगी ना शादी।

मां: तू भी उसका पछ लेती है, ठीक है मै अपने बेटे के पास चली जाती हूं तुम दोनो को जो मन मे आए करो।

मां काफी गुस्सा थी हम उसे मनाने की कोशिश करते हैं लेकिन वो नही मानी। अगले दिन मै अपने काम पर आ गई। कुछ दिनों बाद मां बंगलोर चली गई और बिल्लो मेरे पास आ गई। मैने बिल्लो को भी कोचिंग ज्वाइन करा दिया।

अब मै सुबह बैंक चली जाती और बिल्लो, अंशु के साथ बाइक से कोचिंग चली जाती। अब हमारी चुदाई बिल्लो के रहने से एक दम बंद हो गई हम किस भी नही कर पा रहे थे सन्डे को भी नही। कुछ दिन बाद अंशु के भईया ने ऊपर फ्लोर पर काम शुरु करा दिया ऊपर भी 2 बीएचके बनना था।

अब ठंड आ गई थी हमे चुदाई करे 2 महीने हो गए थे, मुझे अब बर्दास्त नही होता था मेरे अंग अंग मे एक टीस उठती रहती मेरा सारा शरीर जलता रहता। एक दिन मै उसे टैक्स्ट कर बताई की मुझसे अब रहा नही जाता कुछ करो तुम । उसने कहा उसका भी हाल कुछ ऐसा ही है। उसी रात हम खाना खा हॉल मे बैठे थे बिल्लो मेरे रूम मे और अंशु अपने रूम मे पढ़ाई कर रहे थे।

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मै: और बताइए जीतू सर शादी कब कर रहे हैं?

जीतू: अरे पहले छोटी बहन की शादी करूंगा तब अपनी शादी के बारे मे सोचूंगा। आप बताईए आप कब कर रही हैं।

मै मन मे सोची मेरी शादी के बीच मे आप ही तो रोड़ा बने हैं।

मै: (हंसते हुए) अरे अभी कहां अभी तो मेरी शादी और मेरे बीच बहुत रोड़े हैं।

जीतू:(हंसते हुए) तो रोड़े हैं तो हटाइए जिन्दगी के रोड़े खुद हटाने पड़ते हैं।

हम यूंही बात करते रहे। अगले दिन शाम को मै बैंक से आई तो देखी की पीछे के गार्डन मे पेड़ से और कुछ बांस से बांध कर कुछ ट्री हाऊस जैसा बना हुआ है। अब रात को सब खाना खाते हुए बात कर रहे थे। “Sali Ka Bra Khola”

जीतू: ये क्या पिछे गार्डन मे बना रहा है।

अंशु: ट्री हाऊस बना रहा हूं।

जीतू: क्यों बनवा रहा है फालतू मे समय बर्बाद और मजदूरी भी।

अंशु: अरे दिन भर छत पर कंट्रक्शन की आवाज आती है मुझे पढ़ने मे डिस्टर्ब होता है मै वही पढूंगा।

जीतू: अरे क्या कुछ भी करता है।

अंशु: आप तो दिनभर स्कूल मे रहते हो मुझे डिस्टर्ब होता है अगले महीने मेरा मेंस का एक्जाम है।

जीतू: ठीक है।

मै रात को अंशु को टेक्स्ट कर पूछी तो उसने कहा हमारे लिए बनवा रहा है। मै काफी खुश हुई। कुछ दिनो मे ट्री हाउस बन गया। मै दिन मे जा कर देखी तो नीचे मचान जैसा था जमीन से 6 फूट ऊपर मचान पर धान का नेवारी बिछा था उसपर छोटा सा गद्दा बिछा था सारी तरफ से बन्द था

बस एक छोटा सा गेट जैसा था जिसे अन्दर से एक प्लाई के टुकड़ा से बन्द कर सकते थे। अदंर दो लोग आराम से सो सकते थे पैर मोड़ कर खड़े नही हो सकते थे क्यूंकि ऊंचाई सिर्फ 4 फीट से थोडी ज्यादा होगी। मै बहुत खुश हुई। अब रात को अंशु टेंट मे ही सोने जा रहा था।

जीतू: अरे वहां क्यों सोने जा रहा है?.

अंशु: वहां एक किताब छुट गया है वहीं पढ़ना है रात मे कुछ देर पढूंगा और वहीं सो जाऊंगा, आपको भी तकलीफ नही होगी।

जीतू: ठीक है जाओ।

अब रात को जब बिल्लो सो गई तो मै टेक्स्ट की उसने कहा आ जाओ। मै पीछे का दरवाज़ा खोल पीछे गई वो नीचे ही खड़ा था ठंड बहुत ज्यादा थी कोहरा छाया था। मै जाते ही उसे बाहों मे भर ली। मै उसके साथ बांस की सीढ़ी चढ़ अंदर गई अन्दर आते ही हम गुत्थम गुत्था हो गए। “Sali Ka Bra Khola”

हम बहुत दिन बाद मिले थे मै उसे जोर जोर से चूस रही थी हमने स्वेटर खोल दिया मै सामने से खुलने वाला नाईटी पहनी थी उसे खोल अपनी ब्रा उतार दी वो मेरे गाल गले कान गर्दन सब जगह चूसने लगा मेरी आह निकल जाती मै उसे अपने मम्मे चूसने दी।

वो मम्मे चूसने लगा मेरी सिसकारी निकल जाती मै उसका शर्ट खोल उसके सीने को चूसने लगी। हमे ठंड लग रही थी,ठंडी हवा कहीं से आ रही थी तो हम रजाई मे आ गए मै नाईटी उठा पैन्टी निकाल दी वो मेरी जांघ चूसने लगा मेरी चूत पर मुंह लगा दिया.

मेरी आह निकल गई वो मेरी चूत चूसने लगा मै मजे लेने लगी मै मजे से मरी जा रही थी वो चूत मे जीभ डाल रहा था मेरा शरीर अकड़ गया और मै आह आह करते हुए झड़ गई। अब मै उसे अपने ऊपर खींच ली और उसे किस करने लगी उसका पैन्ट उतार दी उसके लन्ड को सहलाने लगी इतनी ठंड मे भी उसका लन्ड एक दम गर्म था।

अब चूत पर लगा दी उसने हल्का सा धक्का दे लन्ड घुसा दिया और हल्के हल्के चोदने लगा मेरी आह निकल गई मै सिसकारी भरती हुई चुदवाने लगी धीरे धीरे उसने पुरा लन्ड घुसा दिया मै मजे ले चुदवाती रही। मै उसे अपने टांगों मे जकड़ ली और अपनी गांड़ उठा उठा चुदाने लगी। “Sali Ka Bra Khola”

मै मजे से झड़ गई वो रूक गया मै कमर उचकानें लगी तो उसने फिर चोदना शुरू किया कुछ देर बाद हम फिर झड़ गए। उसका गर्म पानी मेरी चूत के कोने कोने की प्यास बुझा गया। हम उस रात 3 बार चुदाई किए और मै उसे बांहों मे भर सो गई सुबह 4 बजे उसने मुझे उठाया मै उठ कर अपने कमरे मे आ सो गई। बिल्लो सो रही थी।

7 बजे बिल्लो ने उठाया तो मै तैयार हो खाना बनाने मे मदद की और बैंक चली गई बूर मे हल्का दर्द था तो दर्द की दवाई ले ली और कॉन्डम का बड़ा सा डब्बा ले ली। अब रात को मै उसे टैक्स्ट कर दी जब बिल्लो सो गई तो मै पहुंच गई कॉन्डम का डब्बा ले।

वो कॉन्डम देख हंसने लगा बोला की इतना बड़ा डब्बा कहां छुपाऊंगा। मै बोली पेड़ पर छुपा देना। अब हम किस करने लगे मै उसे चूसने लगी हमारे कपड़े खुल गए उसने मेरी बूर चाट गीली कर दी अब मै उसे कॉन्डम पहनाने की कोशिश करने लगी।

हम दोनो का ही कॉन्डम के साथ पहला पहला एनकाउंटर था थोड़ी मुश्किल हुई लेकिन हमने जैसे तैसे कर कॉन्डम उसे लगा दी। अब मै चुदाने लगी थोड़ा मजा कम आ रहा था लेकिन चलता है मै 4 बार उस रात चुदाई मेरी बूर मे मीठा मीठा दर्द होता था उस दिन हमे उठने मे थोड़ी देर हो गई सुबह के 6 बजने वाला था कोहरा छाया हुआ था मै रूम मे पहुंची तो बिल्लो जाग रही थी। मै थोड़ी सी नर्वस हो गई। “Sali Ka Bra Khola”

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बिल्लो: इतनी सुबह सुबह कहां गई थी?

मै: अरे कहीं नही थोड़ी जॉगिंग करने गई थी।

बिल्लो: इतनी ठंड मे, अकेले।

मै: नही अंशु के साथ गई थी।

बिल्लो: अच्छा कल से मै भी चलूंगी मुझे भी उठा देना।

मै: अरे बहुत ठंड है मै कल से नही जाऊंगी, मेरी तबियत बिगड़ी तो मुझे छूट्टी लेनी पड़ेगी।

बिल्लो: अच्छा मै अंशु के साथ चली जाऊंगी।

मै: अरे वो भी कल से नही जायेगा उसका मेंस का एक्जाम है।

बिल्लो: ठीक है।

मै थोड़ी सतर्क हो गई एक दो दिन नही गई। कुछ दिन बाद एक रात को फिर गई और खुब चुदाई। अब हफ्ते भर रोज चुदाती रही सबके सोने के बाद जाती और 4 बजे के पहले ही आ जाती। मै खूब मजे लूट रही थी चुदाई के।

लेकिन एक दिन गड़बड़ हो गई थोड़ी उस दिन सैटरडे था मेरे पीरियड एक दिन पहले ही खत्म हुए थे तो मै उस रात बहुत जोश मे थी,अगले दिन सन्डे था ही तो मै उस और 6 बार चुदाई और सारा रस बूर मे लेती रही मुझे इतना मजा आया की मै बता नही सकती।

सुबह हमे उठने मे थोड़ी देर हो गई मै जल्दी जल्दी उठ कर अदंर आ गई और बाथरूम मे घुस गई। जल्दी जल्दी मे मै अपनी ब्रा पहननी भूल गई वो उधर ही छुट गया था मै सोची कोई बात नही उधर कौन जाता होगा हमारे सिवा।

मै खाना खा दोपहर मे अपने रूम मे बैठी थी अंशु बाजार गया था कुछ कंट्रक्शन का सामान लाने, उसका भाई घर गया था। तभी बिल्लो रूम मे आई उसके हाथ मे मेरी ब्रा थी जो ट्री हाउस मे छुट गई थी। “Sali Ka Bra Khola”

बिल्लो:(ब्रा दिखाती हुई) ये क्या है?

मुझे ठंड मे भी पसीना आने लगा।

मै: क्या है मतलब क्या, ब्रा है और!

बिल्लो : किसका है?

मै: मै, म म मेरा।

बिल्लो: तेरा है तो ये ट्री हाउस मे क्या कर रहा था।

मै: चला गया होगा।

बिल्लो: हां इसके पैर हैं जो चला गया होगा।

मै: अरे उड़ कर चला गया होगा।

बिल्लो: उड़ कर ये तकिए के नीचे चला गया होगा नही।

मै: अरे मेरा दिमाग क्यों खराब कर रही है।

बिल्लो: सच सच बोल क्या चल रहा है? कहीं तू चक्कर तो नही चला रही है।

मै: ये क्या बोल रही है फालतू तुझे अपनी बहन पर लांछन लगाते हुए शर्म नही आती।

बिल्लो: अगर तू लेकर नही गई इसका मतलब अंशु ले कर गया होगा।

मै: कुछ भी मत बोल वो क्यों लेकर जायेगा।

मेरी आवाज़ भारी हो रही थी।

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बिल्लो: तू जानती नही है आज कल के लड़के ना लड़कियों की पहनी हुई ब्रा पैंटी सूंघते हैं और गलत हरकत करते हैं।

मै: कुछ भी मत बोल वो ऐसा लड़का नही है बहुत सीधा है वो।

बिल्लो: तू बहुत भोली है कुछ नही समझती ।

मै: फालतू मत बोल वो बहुत अच्छा लड़का है।

बिल्लो: ओए होए मै समझ गई तेरा चक्कर चल रहा है, तू ही इसे ले गई है।

मै: तुझे जो समझना है समझ मेरा कोई चक्कर नही है।

बिल्लो: तो मै चक्कर चला लूं।

मै: अपनी बहन से ये कैसी बातें कर रही है तू।

बिल्लो: तेरा चक्कर चल रहा है तभी तू मना कर रही है।

मै: तुझे जो करना है कर वो ऐसा लड़का नही है बहुत सीधा है।

बिल्लो: बहुत सीधा सीधा कर रही है एक आंख मारूंगी ना तो वो मेरे कदमों मे गिरेगा। मेरे लिए पागल हो जायेगा मेरी भूरी नशीली आंखें देखी हैं ना तू मै इससे उसके दिल को छन्नी छन्नी कर दुंगी। अब भी वक्त है बता दे सचाई। नही तो मै ले उड़ूंगी।

मै: (हंसते हुए) तुझे जो करना है कर।

अब मै काफी सतर्क हो गई और कुछ दिन नही गई और अपने मोबाईल से सारे टैक्स्ट, फोटो वीडियो डिलीट कर दी। कुछ दिनों बाद अंशु ने मुझे टैक्स्ट कर कहा कि बिल्लो कुछ ज्यादा ही मुझसे फ्रैंक हो रही है। मैने उसे मिलने के लिए बैंक मे बुलाई और लंच टाईम मे हम मिले। “Sali Ka Bra Khola”

मै: क्या कह रहे थे तुम?

अंशु: यहीं की आज कल बिल्लो कुछ ज्यादा ही फ्रैंक हो रही है और मुझसे एक दिन पूछी की आपकी ब्रा मेरे ट्री हाऊस मे कैसे गई।

मै: तुमने क्या कहा?

अंशु: मैने कह दिया कि बाहर पेड़ पर सुख रहा था तो मेरी नजर रात को पड़ी तो मै हटा दिया की शीत में भीग ना जाए।

मै हंस पड़ी।

मै: अच्छा कैसे फ्रैंक हो रही है।

अंशु: अरे पहले तो आप आप कर बात करती थी अब तुम कहती है और क्लास जाते वक्त बाइक पर चिपक कर बैठती है। आँखें गोल गोल घुमाती है और आंख मारती है।

मै:(हंसते हुए) कहीं तुम उसकी नशीली आंखों मे डूब तो नही जाओगे।

अंशु: आपको ऐसा लगता है।

मै: नही मुझे तुम पर पूरा भरोसा है।

अंशु: पर वो ऐसा क्यों कर रही है?

मै उसे सब बात बताती हूं।

अंशु: अरे तो उसे सच्चाई क्यों नही बता देती।

मै: अरे वो मां को बता देगी।

अंशु: तो क्या मै उसे डांट दूं।

मै: नही तुम डांट दोगे तो हमारी शादी के बाद उसे तुम्हारे सामने बहुत बुरा फिल होगा, और शायद वो हमारी शादी मे रोड़ा अटका दे।

अंशु: तो मै अब क्या करूं?

मै:(हंसते हुए) तुम्हारी होने वाली साली है झेलो।

और एक बात ध्यान रखना उसकी आंखों मे कभी गौर से मत देखना।।

अंशु: क्यों,?

मै: उसकी आंखों मे जादू है, जो भी उसकी आंखें देखता है वो उसके बस मे हो जाता है।

अंशु: हां उसकी आँखें नशीली है तभी वो मुझसे आंख लड़ाने का कंपीटिशन करना चाहती है।

अंशु: हमारी शादी कब होगी?

मै: मैने तुम्हारे भईया से बात की थी पहले तुम्हारी बहन की शादी होगी, तब तुम्हारे भाई कि तब लास्ट मे हमारी।

अब यूंही समय कटने लगा बिल्लो अब मेरे सामने भी अंशु को छेड़ने लगी कभी उसके कमर पर चूंटी काट लेती तो कभी आंख मार देती कभी खाने के टेबल पर अपने पैर से उसके पैर लगाने लगती। वो बहुत पैंतरे कर ली लेकिन मेरे प्यार को डिगा ना सकी। एक रात मै और बिल्लो सोने के लिए आए।

बिल्लो: मान गई तेरे यार को दीदी।

मै: पहले तो मेरा कोई यार नही है और क्या हुआ ये बता।

बिल्लो: मै महीने भर से अंशु को छेड़ रही हुं लेकिन वो मेरे जैसी हुस्न की मलिका को भाव ही नही दे रहा है।

मै: मै बोली थी ना वो वैसा लड़का नही है।

बिल्लो: वो मेरी इन नशीली आंखों मे डूब नही रहा है इसका मतलब समझती हो?

मै: तू ही बता?

बिल्लो: इसका मतलब ये कि वो कहीं तो झील मे डुबकी लगा रहा है?

मै: (हंसते हुए) क्या बोल रही है?

बिल्लो: मुझे तो लगता है कहीं तू अपने झील मे उसे डुबकी तो नही लगवा रही है।

मै: तू फिर शुरु हो गई।

बिल्लो: अच्छा मत बता, लेकिन जिस दिन रंगे हाथों तुझे पकड़ूंगी उस दिन तु हमेशा याद रखेगी।

मै: जब कुछ है ही नही तो क्या ही कर लेगी।

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अब हमारी चुदाई तो एक महीने से बन्द थी ही तो मुझे कोई टेंशन नही थी। लेकिन एक दिन बड़ी मुसीबत आ गई। उस दिन 31 दिसम्बर की सुबह 4 बजे थे अंशु के भईया गांव वाले घर पिछली शाम को ही गए थे। मै उठी तो सोची की बिल्लो तो 6 बजे से पहले उठने वाली है नही तो मै अंशु के पास चली जाती हूं। “Sali Ka Bra Khola”

मै चुप चाप उठी और अंशु के रुम मे जा दरवाजा बंद कर ली और उसे किस करने लगी हम बहुत दिनो बाद मिले थे तो मै उसे चूसे जा रही थी हमारे शरीर एक दूसरे मे समा जाना चाहते थे हमारे कपड़े उतर गए और हम कम्बल ओढ़ एक दूसरे को चूसने लगे मै उसे खा जाना चाहती थी वो मेरे मम्मे चूस रहा था। तभी बिल्लो दरवाज़ा पिटने लगी हम डर गए हम अलग हुए और जल्दी से कपड़े पहने मै बेड के नीचे छुप गई। अंशु ने दरवाज़ा खोला। दोस्तों आपने मेरी कहानी अभी जारी रहेगी, पढ़ते रहिये क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम.

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