Threesome Sex Hindi Kahani – मेरे बॉयफ्रेंड से चुदना चाहती थी मेरी सहेली

Threesome Sex Hindi Kahani – मेरे बॉयफ्रेंड से चुदना चाहती थी मेरी सहेली

Threesome Sex Hindi Kahani

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम पल्लवी है. मेरी सहेलियों के नाम कुछ इस तरह है, एक नाम प्रतिमा है और दूसरी का नाम अंकिता। प्रतिमा के स्तनों के बारे में तो क्या कहु, हम तीनो में प्रतिमा के ही स्तन सबसे ज्यादा बड़े है। उसके बाद स्तनों के आकर में अंकिता का दूसरा और मेरा तीसरा नंबर आता है। Threesome Sex Hindi Kahani

हम तीनो सबसे अच्छी दोस्त है। हम अपने बिच कुछ नहीं छुपाते सारी बातें शेयर करते है। हमारी दोस्ती की तो पूरी कॉलेज में मिसाल दी जाती है। एक दिन की बात है हम तीनो अंकिता के घर बैठ बातें कर रही थी। तभी अंकिता ने मेरी बॉयफ्रेंड के साथ पहली चुदाई कहानी पूछी। मैंने भी पूरे विस्तार से उनको अपनी कहानी सुनाई.

मैंने प्रतिमा से पूछा “क्यूँ प्रतिमा तुझे कहानी पसंद नहीं आई?”

मेरे ऐसे पूछने से वो कहने लगी “अरे ऐसी बात नहीं है मुझे भी तुम्हारी कहानी काफी पसंद आई।” तभी उसने विषय बदला।

मैंने महसूस किया की वो थोड़ी उदास है। लेकिन तब मैंने उससे कुछ पूछा नहीं। कुछ देर ऐसे ही बातें करते रहे। फिर प्रतिमा कहने लगी की काफी दे हो चुके अब उसे घर जाना है। मैंने सोचा की मैं भी उसके साथ ही चलती हूँ। शायद वो अपनी उदासी का कारण बता दे।

हमने अंकिता को अलविदा कहा और हम दोनों मेरी स्कूटी पे बैठकर प्रतिमा के घर जाने लगे। रास्ते में मैंने उससे कुछ नहीं पूछा। थोड़ी देर बाद हम प्रतिमा के घर पहुंचे। प्रतिमा ने मुझे अपने घर मे आने का न्योता दिया तो मैं उसके साथ उसके घर गयी और हम दोनों सोफे पे बैठ गए। मैंने बिना वक़्त जाया किये प्रतिमा से उसकी उदासी का कारण पूछा।

वो कहने लगी ” यार पल्लवी तुझे तो पता है ना की मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है। अंकिता और तुम जब अपने अपने किस्से सुनाती हो तो मैं काफी गरम हो जाती हूँ। और जब तुम्हारी कहानी पढ़ी तो मैं कुछ ज्यादा ही गरम हो गयी। मेरा भी मन करता है की सेक्स करू लेकिन किसके साथ यही सोच कर मैं उदास हूँ।”

उसकी ये बात सुनकर मुझे बुरा लगा। मैं और अंकिता ने कभी नहीं सोचा हमारे बातों से प्रतिमा को कैसा लगता होगा। मैं उसके नजदीक गयी उसे अपनी बहो में लिया।

मैंने उसे कहा – तू भी ना प्रतिमा। पहले क्यों नहीं बोला तूने। कुछ ना कुछ जुगाड़ कर लेंगे ना यार। तेरे लिए भी बॉयफ्रेंड ढूंढ लेंगे। वैसे भी तेर स्तन को देख कोई भी तुझपे फ़िदा हो जायेगा मेरी जान।

ये कहते हुए मैं उसके बाएं स्तन को दबाने लगी। उसके से मुँह कामुक आवाज़ें आने लगी। उसने अपनी आंखे बंद कर ली थी। मुझे मेहसूस हुआ की वो गरम हुयी है। मैं धीरे धीरे अपना हाथ उसकी चुत की और लेजाने लगी। उसकी साँसे अब तेज़ हो रही थी। मैंने जीन्स के ऊपर से ही उसकी चुत की गर्मी को महसूस किया।

मैंने अपने होठों को उसके होठों पे रखा और बड़े प्यार से उसके होठों को चूसने लगी। तभी उसने मुझे रोका और मुझे अपने साथ उसके बैडरूम में ले गयी। बैडरूम में हमने आधा घंटा लेस्बियन सेक्स किया और वही उसके बेड पर पड़े रहे। प्रतिमा को नींद आ गयी थी। मैं घर की छत की और देख कर सोच रही थी की मैं प्रतिमा के लिए क्या कर सकती हूँ।

ऐसा नहीं है की प्रतिमा दिखने में अच्छी नहीं है। वो दिखने में काफी आकर्षक है। कोई भी उसपे लट्टू हो जाये। लेकिन प्रतिमा को भी मेरे और अंकिता की तरह सच्चे प्यार की तलाश थी। वो टाइम पास नहीं करना चाहती थी। इसलिए उसे अबतक कोई मिला नहीं था।

मुझे कुछ समझ नही आ रहा था की मैं कैसे अपने दोस्त की मदत करू। कुछ देर मैं इसी विचारधारा में थी। तभी प्रतिमा की नींद खुली।

उसने मेरी ओर देखा और पूछा – क्या हुआ पल्लवी कहा खो गयी हो?

मैं बोली – यार मैं तेरे बारे मे ही सोच रही थी। सोच रही थी की किस से तेरी सील तुड़वाऊं।

इतना कह कर मैं उसे गुदगुदी करने लगी।

तभी उसने कहा – मेरे पास एक सुझाव है। लेकिन पता नहीं तू क्या सोचेगी।

मैंने कहा – पहले बता तो सही।

प्रतिमा कहने लगी – मैं सोच रही थी की अतुल…

अतुल का नाम सुनते ही मैं आश्चर्य से उसे देखने लगी। मुझे ऐसे देख वो रुक गयी। तभी मैंने उसे आगे बोलने को कहा।

प्रतिमा – यार पल्लवी तू मैं और अतुल थ्रीसम सेक्स करते है। एक तो इन सब में कोई रिस्क नहीं है और मेरी इच्छा भी पूरी हो जाएगी।

उसने सब एक ही सास में कह दिया। उसकी इस बात से मैं सोच में पड़ गयी। मुझे समझ नहीं आरहा था की मैं उससे क्या कहूं।

तभी प्रतिमा बोली – पल्लवी मुझे माफ़ कर दे मुझे ऐसा नहीं कहना चाहिए था। इस सेक्स की चाह में मैं कुछ भी समझ नहीं पा रही हूँ।

मैं बोली – देख प्रतिमा हम तीनो काफी अच्छे दोस्त है। इसलिए मुझे इस बात का बुरा नहीं लगा। सच कहु तो मैं अतुल के साथ कुछ नया करने के सोच ही रही थी। ये थ्रीसम का आईडिया तो अच्छा है और तेरे लिए हर तरह से सुरक्षित भी है। मैं सोचती हूँ इस बारेमे मुझे थोड़ा वक़्त चाहिए। लेकिन मैं तुझसे वादा नहीं कर सकती।

मेरे इतना कहने पर उसके आँखों में आँसू आये। वो कहने लगी – तूने जो ये कहा यही मेरे लिए काफी है। मैं खुशनसीब हूँ की मुझे तेरे और अंकिता जैसे दोस्त मिले। इतना कह कर उसने मुझे गले लगाया।

मैं बोली – हां हां ये कुछ ज्यादा नहीं हुआ। चल बहोत देर हो गयी है तेरे मम्मी पापा भी आ जायेंगे मैं अपने घर जाती हूँ।

मैंने अपने कपडे ठीक किये और स्कूटी से अपने घर आ गयी। घर आकर मै प्रतिमा की कही हुई बात पे सोचने लगी। अगर ये मैंने अतुल को बताया तो वो क्या सोचेगा। वो मुझसे बहोत प्यार करता है। अतुल अगले हफ्ते आने वाला था तो मैंने सोचा इस विषय में तभी बात करेंगे।

हम अपने कॉलेज में व्यस्त हो गए और प्रतिमा ने भी उस बात का कभी जिक्र नहीं किया। फिर शनिवार की रात को अतुल आ गया। आते ही उसने मुझे कसकर गले लगाया। उसके बाहों मुझे काफी सुकून मिला। कुछ पल के लिए मैं भूल ही गयी थी थी मम्मी पापा घर पर ही है।

मैंने उसे अलग किया वो भी समझ गया और उसने मम्मी पापा के पास जाकर उनका आशीर्वाद लिया। रात को खाना खाने के बाद हम दोनों मेरी ही कमरे में बैठ कर बातें करने लगे। कुछ देर बातें करने के बाद वो मेरे करीब आने लगा।

मैंने उसे रोकते हुए कहा – अभी नहीं कल मम्मी पापा किसी शादी में जाने वाले है तो कल का पूरा दिन हमारे पास है। घर मे सिर्फ हम दोनों होंगे और परेशान करने के लिए कोई नहीं होगा।

मेरी इस बात पे वो राजी हो गया। उसने मेरे माथे पे चूमा और मुझे गुड नाईट कह कर दूसरे रूम में सोने चला गया। मेरे दिमाग में एक ख्याल आया मैंने प्रतिमा को मैसेज किया और कल 12 बजे मेरे घर आने को कहा। मैसेज करके मैं फ़ोन रखने ही वाली थी की उसने किस वाली इमोजी भेजकर मुझे थैंक यू कहा।

ये देख मैं मुस्कुराई और कल अतुल को कैसे राजी किया जाये ये सोचते सोचते कब मेरी आंख लग गयी मुझे पता ही नहीं चला। सुबह मम्मी पापा शादी के लिए जल्दी निकल गए। मैंने और अतुल ने भी नाश्ता कर लिया और हम दोनों अपने अपने कामों में लग गए। मेरा काम खत्म होने के बाद मैं सोफे पे बैठ कर टीवी देखने लगी।

फिर कुछ देर बाद अतुल भी अपना काम खत्म करके मेरे बाजु में आकर बैठ गया। वो मेरी जांघो पे हाथ फेरने लगा। धीरे धीरे वो अपना हाथ मेरी चुत तक ले गया। वो कपड़ों के ऊपर से ही मेरी चुत को सहलाने लगा। उसकी इस हरकत से मैं गरम होने लगी।

तभी मेरा ध्यान घडी की ओर गया। 11:15 बज रहे थे। प्रतिमा 12 बजे तक आने वाली थी, तो मैंने उसे रोका। वो थोड़ा आश्चर्य से मेरी तरफ देखने लगा।

अतुल – क्या बात है पल्लवी। तुम मना क्यों कर रही हो। पल्लवी मैं तुमसे बहोत प्यार करता हूँ अगर तुम्हे कोई प्रॉब्लम है तो तुम बता सकती हो।

मैं बोली – नहीं अतुल ऐसी कोई बात नहीं है। मैं तुम्हे एक सरप्राइज देना चाहती हूँ। सिर्फ 12 बजे तक इंतज़ार करो। प्लीज।

उसने मुस्कुराते हुए ठीक है कहा। मैं उसकी बाहों मे गयी। उसकी बाहों मे में मैं अपने आप को काफी सुरक्षित महसूस करती हूँ। अपना सारा दुःख दर्द भूल जाती हूँ। सच कहते है प्यार में बहोत ताक़त होती है। वो मेरे बालों मे हाथ फेरता रहा और हम दोनों टीवी देखने लगे।

कुछ 11:40 के आस पास दरवाजे पे दस्तक सुनाई दी। मुझे पता था की प्रतिमा आयी होगी, मैं दरवाजा खोलने जाने ही वाली थी की अतुल ने मुझे रोका और खुद दरवाजा खोलने आगे गया। मैं वही खड़ी रही।

अतुल ने दरवाजा खोला तो उसने प्रतिमा को अपने सामने पाया। प्रतिमा ने उसे हेलो कहा। अतुल ने भी उसे हेलो कहा और अंदर बुलाया। प्रतिमा अंदर आयी और मुझे गले लगाया। तभी अतुल कहने लगा की वो बहार घूम के आता है। मैं उसके चेहरे के भाव को समझ गयी थी। मैंने उसे रोका और उसके पास जाकर उसके होठों को चूमा।

मैं बोली – कहाँ जा रहे हो, अपना सरप्राइज नहीं देखोगे?

वो कुछ समझ नहीं पाया। मैंने प्रतिमा को पास बुलाया और अतुल से कहा की ये है तुम्हारा सरप्राइज। वो शॉक हो गया।

अतुल – पल्लवी ये क्या कह रही हो? प्लीज जो भी कहना है साफ साफ कहो ना।

मैंने अतुल से सीधा कह दिया। मैं बोली – अतुल प्रतिमा हमारे साथ थ्रीसम सेक्स करना चाहती है।

मेरी ये बात सुनकर बिना पलकें झपकाए अतुल मेरी ओर देखने लगा। फिर वो कहने लगा – पल्लवी ये क्या कह रही हो तुम। मैंने तुमसे प्यार करता हूँ मैं ये नहीं कर सकता। ये गलत है।

मैं – अतुल मैं भी तुमसे बहोत प्यार करती हूँ और इसमें कुछ गलत नही है। ये सब हम दोनों की रजामंदी से और दोनों के सामने हो रहा है। प्रतिमा का कोई बॉयफ्रेंड नहीं हैं और उसका मन भी सेक्स के लिए उत्तेजित होता है। लेकिन वो कुछ नहीं कर सकती। ये उसके लिए सबसे सुरक्षित तरीका है। ये बातें सिर्फ हमारे बिच ही रहेंगी।

अतुल – लेकिन पल्लवी..

मैंने उसके होठों पे अपनी उंगली रखी और कहा – देखो इससे हमारे बिच का प्यार जरा भी काम नहीं होगा। उल्टा ये हमारी बिच के प्यार को और मजबूत बना देगा।

प्रतिमा – अतुल अगर तुम्हे ये ठीक नहीं लगता तो मैं तुम्हे फ़ोर्स नहीं करुँगी। मैं नहीं चाहती की मेरी वजह से तुम्हे कोई तकलीफ हो। मेरी भी कुछ जरूरतें हैं मैं तो उन्हें पूरा करना चाहती थी और तुम तो जानते हो आजकल किसी पे भरोसा करना कितना मुश्किल हो गया है।

अतुल २ मिनट तक कुछ नहीं बोला। फिर उसने मुझसे कहा – पल्लवी अगर इसमें तुम्हे कोई आपत्ति नहीं हैं तो मैं तैयार हूँ। हमे भी आज सेक्स में एक नया एक्सपेरिंस मिल जायेगा।

मैंने उसे थैंक यु कहा और प्रतिमा की ओर देखा। उसकी ख़ुशी का तो जैसे कोई ठिकाना ही नहीं था। मैंने उसे पास बुलाया और उसे घुटनो के बल बिठाया। वो समझ गयी की क्या करना है।

वो अतुल की पैंट उतरने लगी। मैं सोफे पे बैठ गयी और उन दोनों को देखने लगी। अब प्रतिमा ने उसकी अंडरवियर भी उतार दी और उसके लंड को आज़ाद किया। उसने उसे अपने हाथ में लिया और उसे देखने लगी।

प्रतिमा की आँखों में एक अलग ही चमक थी। और होती भी क्यों नहीं आज उसने पहली बार किसी का लंड अपने हाथ में लिया था। उसने काफी सारी पोर्न मूवीज देखी है तो वो जानती थी की आगे क्या करना है। उसने अपने जीभ को लंड के टोपे पे रखा।

जीभ का स्पर्श होते ही अतुल ने अपनी आंखे बंद कर ली। प्रतिमा धीरे धीरे लंड को अपने मुँह में लेने लगी कर उसे चूसने लगी। उसे देख कोई भी नहीं कह सकता था की वो पेहली बार लंड चूस रही है। अतुल भी इन सबका मजा ले रहा था। 5 मिनट तक प्रतिमा ने अतुल का लुंड चूसा।

फिर अतुल ने अपनी शर्ट उतरी और पूरा नंगा हो गया। उसने प्रतिमा को खड़ा किया और उसके होठों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। कुछ देर ऐसे ही खड़े खड़े प्रतिमा को चूमता रहा। फिर वो प्रतिमा को मेरे पास ले आया और उसके कपडे निकालने का इशारा करके कंडोम लेने अंदर चला गया।

मैंने प्रतिमा को अपनी ओर खिंचा और उसके स्तन को जोर से दबाया। वो चिल्लाई। फिर मैंने हस्ते हस्ते उसके सारे कपडे उतार दिए। मैंने देखा वो पूरी तैयारी के साथ आयी थी। उसने अपनी चुत को पूरी तरह से साफ किया था। उसकी चुत एकदम चिकनी लग रही थी।

फिर हम दोनों सोफे पे बैठ गयी। मैंने उसके टांगो को फैलाया। तभी अतुल आया और उसकी चिकनी चुत देख वो भी काफी खुश हुआ। उसने मेरी ओर देखा और एक फ्लाइंग किस दी। मैंने भी उसे एक फ्लाइंग किस दी। फिर उसने प्रतिमा की चुत पे अपनी जीभ रखी। प्रतिमा एकदम से सेहर गयी।

अतुल जैसे ही उसकी चुत चाटने लगा उसने अपनी आंखे बंद की और कामुक आवाज़ें निकलने लगी। इन सब से मेरी चुत में भी खलबली मची थी। कब मेरा हाथ मेरी चुत पे चला गया मुझे पता ही नहीं चला।

अतुल ने ये सब देख लिया। उसने मुझे अपने कपडे उतारने को कहा। मैंने झट से अपने कपडे उतारे और प्रतिमा के पास जाकर उसके स्तनों से खेलने लगी। प्रतिमा के स्तन मुझसे बड़े थे। मैं उन्हें बड़े प्यार से चूसने लगी। इन सब से उसकी सिसकिया और बढ़ने लगी।

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फिर मैं उसके ऊपर आगयी और उसके होठों को चूसने लगी। तभी अतुल ने पीछे से अपनी एक उंगली मेरी चुत में डाली। उसकी इस हरकत से मैं सेहर उठी और मैंने प्रतिमा को किस करना बंद किया और कामुक आवाज़ें निकालने लगी। किसिंग बंद होते ही प्रतिमा ने मेरे स्तनों को मसलना शुरू किया। “Threesome Sex Hindi Kahani”

आज पता नहीं उसे क्या जोश आया था वो बड़े जोर जोर से मेरे स्तनों को मसलने लगी थी। आज तक उसने मेरे स्तनों को ऐसे नहीं मसला था। मुझे काफी मजा आ रहा था। कुछ देर तक हम इसी तरह खेलते रहे। फिर अतुल ने मेरी चुत में उंगली करना बंद किया और जोर जोर से प्रतिमा की चुत को चाटने लगा।

अब प्रतिमा को रहा नहीं गया और वो झड़ने लगी। अतुल ने अपना मुँह उसकी चुत पे ही रखा और उसका सारा पानी अपने मुँह में लेकर पी गया। मुझे प्रतिमा के चेहरे पर ख़ुशी नजर आ रही थी।

मैंने कहा – क्यूँ मेरी जान कैसा लगा?

प्रतिमा – यार आज से पहले इतना मजा कभी नहीं आया। थैंक्स यार।

मैं – अरे ये तो बस शुरुवात है। असली मजा तो अब आएगा, क्यूँ अतुल।

अतुल तो हम दोनों को देख मुस्कुराने लगा। वो काफी खुश नजर आ रहा था। और खुश होता भी क्यों नहीं उसको आज एक साथ दो अप्सराएं जो मिली थी। फिर वो प्रतिमा को सोफे पे लिटाने लगा।

मैंने सोचा ये सोफा हम तीनों के लिए आरामदायक नहीं है। मैंने अतुल से वैसा कहा और अंदर मेरे बैडरूम में चलने का सुझाव दिया। उसे भी यही सही लगा और हम तीनो मेरे बैडरूम में गए।

बैडरूम में जाते ही मैंने प्रतिमा को बेड पे लिटा दिया और उसके स्तनोंको को मसलने लगी। अतुल ने तब तक अपने लंड पे कंडोम चढ़ाया और थोड़ी देर फिर से प्रतिमा की चुत चाटी।

उसके बाद उसने प्रतिमा को बेड के किनारे खिंचा। उसने उसकी टांगो को अपने कंधो पे रखा और लंड को प्रतिमा की चुत पे सेट कर दिया। मैंने प्रतिमा को तैयार रहने को कहा और अतुल को लंड अंदर डालने का इशारा किया। “Threesome Sex Hindi Kahani”

वो धीरे धीरे लंड को अंदर डालने लगा लेकिन क्यूंकि प्रतिमा वर्जिन थी उसे दर्द होने लगा और उसकी आँखों से आंसू आने लगे। मैंने अतुल को रुकने को कहा। वो रुका। उसका लंड का टोपा प्रतिमा की चुत में ही था। प्रतिमा को अभी भी दर्द हो रहा था। मैं उसके पास गयी और उसके होठों को चूसने लगी।

जब मुझे महसूस हुआ की प्रतिमा का दर्द कम हुआ है, मैंने अतुल को लंड अंदर डालने को कहा। अतुल फिर से लंड को धीरे धीरे अंदर डालने लगा। इस बार उसका आधेसे ज्यादा लंड प्रतिमा के चुत में समां गया। जिसकी वजह से प्रतिमा की सील टूट गयी। मैंने अपने होठोंको उसके होठोंपे जोरसे दबा दिए थे जिसकी वजह से वो चींख नहीं पायी।

प्रतिमा ने अपनी हाथों की मुट्ठी को जोर से बंद कर लिया था। अतुल रुक गया। सील टूटने की वजह से प्रतिमा के चुत से खुन निकलने लगा। अतुल ने पास में पड़े रुमाल से खून को साफ किया।

फिर वो दोबारा प्रतिमा की चुत में लंड को डालने लगा लेकिन प्रतिमा दर्द की वजह से मना करने लगी। अतुल ने प्रतिमा को अपने नजदीक खिंचा और उसे चूमते हुए अपना पुरे लंड को धीरे से चुत में डालकर अंदर बहार करने लगा। मैं भी प्रतिमा के बालोंमे हाथ फेरने लगी।

कुछ देर बाद प्रतिमा का दर्द कम हुआ और वो भी गांड उठा उठा कर लंड को अंदर लेने लगी। प्रतिमा का दर्द काम होते ही अतुल ने उसे चूमना बंद किया। प्रतिमा की मुँह से कामुक आवाज़ें आने लगी।

उसकी इस मादक कामुक अवाज़ों से अतुल भी जोश में आगया और उसने अपने गति को तेज़ किया। अब वो जोर जोर से लंड को प्रतिमा की चुत में अंदर बहार करने लगा। कमरे में सिर्फ चुदाई की आवाज़ें गूंज रही थी। “Threesome Sex Hindi Kahani”

बिच बिच अतुल प्रतिमा के स्तनोंको मसलता। कुछ देर बाद प्रतिमा झड़ने लगी। प्रतिमा की चुत की गर्मी की वजह से अतुल का पानी भी जल्दी निकल गया। उसने अपने लंड को चुत से बहार निकला। अपने लंड से कंडोम को निकल कर उसे कोने में फेंक दिया और बाथरूम चला गया।

मैंने प्रतिमा के कानों में पूछा – कैसा लगा।

प्रतिमाने मुस्कुराते हुए कहा – बहोत मजा आया यार।

और हम दोनों हसने लगे। 5 मिनट बाद अतुल बहार आया।

हमे हस्ता हुआ देख वो पूछने लगा – क्या हुआ। लगता है प्रतिमा ने चुदाई का भरपूर आनंद लिया है।

मैं – हा हा। तुम्हारी ही तारीफ कर रही है।

और उसकी चुतपर प्यार से हल्का सा चाटा मारा। मेरी इस बात पर प्रतिमा शर्माने लगी।

तभी अतुल कहने लगा – अरे अभी तो और भी तारीफ करोगी। लेकिन अभी थोड़ा फ्रेश हो जाओ।

मैं और प्रतिमा मुस्कुराते हुए बाथरूम चले गए। 10 मिनट बाद हम फ्रेश होकर बहार आए। हमने देखा अतुल फ्रिज से आइस-क्रीम ले आया था। हम बेड पे जाकर बैठ गए। हम तीनो अभी भी नंगे ही थे। मैंने देखा अतुल ने आइस-क्रीम खाने के लिए कटोरी नहीं लायी थी।

मैंने उससे पूछा – अरे कटोरी कहा है। बिना कटोरी के आइस-क्रीम कैसे खाएंगे। रुको मैं लेकर आती हूँ।

मैं जैसे ही उठने लगी उसने मुझे रोका। मैंने उसे आश्चर्य से देखा।

वो कहने लगा – अरे इतनी पोर्न देखि है स्टोरीज पढ़ी है कुछ समझ नहीं पायी तुम।

मैं तो नहीं समझ पायी लेकिन प्रतिमा समझ गयी और वो हसने लगी। मैंने उसकी तरह देखा तो उसने मेरे पैर फैलाये।

मेरी चुत के तरफ इशारा करते हुए कहा – इसके जरिये आइस-क्रीम खाएंगे।

अतुल बोलै – वाह प्रतिमा तू तो छुपी रुस्तम निकली।

मैं प्रतिमा का इशारा समझ गयी। फिर हम दोनों बेड पे अपने पैर फैलाकर बैठ गए। अतुल ने सबसे पहले मेरी चुत पे आइस-क्रीम डाली और उसे खाने लगा। उसके बाद उसने प्रतिमा की चुत पे आइस-क्रीम डाली और उसे खा लिया। वो इसी तरह हमारी चुत पे बारी बारी आइस-क्रीम डालकर खाने लगा। “Threesome Sex Hindi Kahani”

मैंने उसे रोका और कहा – अरे मेरी जान क्या सारी आइस-क्रीम अकेलेही खाओगे। हमारे लिए भी कुछ छोड़ोगे या नहीं? उसने आधेसे ज्यादा आइस-क्रीम ख़तम कर दी थी।

वो कहने लगा – अरे यार तुम दोनों की चुत की रस की वजह से आइस-क्रीम का स्वाद और बढ़ गया था। इसलिए मुझे ध्यान ही नहीं रहा और मैं उस एक्स्ट्रा टेस्टी आइस-क्रीम को खाता ही गया।

मैं बोली – अच्छा, तो अब हमारी बारी है वो एक्स्ट्रा टेस्टी आइस-क्रीम खाने की।

मेरे इतना बोलते ही वो खड़ा हुआ। उसने अपने लंड पर आइस-क्रीम डाली।

और कहने लगा – तो पहले कोण टेस्ट करना चाहेगा।

प्रतिमा बोली – पल्लवी पहला हक़ तुम्हारा है। इसलिए पहले तुम इसे टेस्ट करो।

उसके इस बात पर मुझे बहोत आनंद हुआ।

मैंने उससे कहा – चलो हम दोनों एक साथ आइस-क्रीम टेस्ट करते है।

प्रतिमा को बहोत खुश हुई।

तभी अतुल कहने लगा – अरे जल्दी करो। नहीतो ये आइस-क्रीम पिघल जाएगी।

हम दोनों हसने लगी और एक उसके लंड पे लगी आइस-क्रीम को खाने लगी यूँ कहु तो हम दोनों उसके लंड पे टूट पड़ी। हम दोनों के द्वारा उसके लंड पे किए गए इस हमले से वो सेहर गया। उसने आंखे बंद कर ली थी और उसके मुँह से कामुक आवाज़ें आने लगी। “Threesome Sex Hindi Kahani”

हमे भी काफी जोश आगया था। हमने उसे बेड पे लिटाया। मैं और प्रतिमा बारी बारी उसके अंडकोष को भी चूसती। अब उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था। प्रतिमा उठी और टेबल पड़ा कंडोम का पैकेट लायी और उसे लंड पे चढ़ा दिया। उसने मुझे लंड पे बैठने को कहा।

मैं बहोत देर से प्यासी थी। मेरी चुत लंड मांग रही थी। ये बात प्रतिमा समझ गयी थी। इसे कहते सच्ची दोस्ती। मैंने प्रतिमा के माथे पे किस किया और अतुल के लंड पे बैठ गयी। मेरी चुत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी जिसकी वजह से मेरी चुत ने आसानी से लंड को निगल लिया।

मैं अब लंड के ऊपर निचे होकर खुद चुदने लगी। प्रतिमा और अतुल एक दूसरे के होंठोंको चूस रहे थे। कुछ देर होठ चूसने के बाद प्रतिमा अतुल के ऊपर चढ़ी और अपने चुत को उसके मुँह पे रख दिया।

प्रतिमा ने अपना मुँह मेरी तरफ किया था। हम दोनों एक दूसरे को देखने लगी। प्रतिमा काफी खुश नजर आरही थी। अतुल अपनी जीभ से उसकी चुत को बुरी तरह से चाट रहा था। कमरे में फिरसे मेरी और प्रतिमा की मादक आवाज़ें गूंज रही थी।

मैं तो अब जोर जोर से उछल कर लंड को अपनी चुत के अंदर लेनी लगी थी। तभी अचानक अतुल निचे से अपनी गांड उठा कर जोर जोर से चुत में धक्के मरने लगा। उसके इस अंदाज़ से मुझे काफी मजा आने लगा।

वो इतनी जोर से धक्के मार रहा था की मैं अपने आपको संभाल नहीं पा रही थी। मैं थोड़ा आगे झुकी और अपने हाथोंको उसकी छाती पे रखा। मेरे आगे झुकते ही प्रतिमा ने मुझे चूमना चालू किया। वो मेरी जीभ को अपने मुँह में लेकर मादक तरीकेसे चूसने लगी।

कुछ देर होंठों को चूसने के बाद वो मेरे स्तनों की ओर बढ़ी। वो मेरे एक स्तन को चूसने लगी और दूसरे को अपने हाथों से दबाने लगी। कभी कभी वो बिच में मेरे चूची को अपने दांतो से हल्का सा काँटती। “Threesome Sex Hindi Kahani”

लेकिन उसके ऐसा करने से मेरे मुँह से आअह्ह्ह्ह की आवाज़ निकलती। मेरी मुँह से निकली ये आवाज़ उसे ऐसा करने के लिए और प्रोत्साहित करती। अतुल पुरे जोश में धक्के मार रहा था।

मगर मेरा जोश चरमोत्कर्ष पर था। मुझे लगा जैसे मेरा पानी निकलने वाला है। और वही हुआ। मैं थोड़ा ऊपर उठी और पूरा पानी अतुल के लंड पे छोड़ दिया। मैं खुश हुई। काफी दिनों बाद मेरे चुत ने इतना पानी छोड़ा था।

अब अतुल ने प्रतिमा को बेड पे लेटने को कहा। प्रतिमा झट से अतुल के ऊपर से हटी और बेड पे लेट गयी। अतुल ने अपने लंड पे दूसरा कंडोम डाला और प्रतिमा की चुत पे सेट किया और उसे अंदर डालने लगा।

प्रतिमा की चुत अतुल के चाटने से गीली हो चुकी थी। जिसकी वजह से अतुल का लंड आसानी से उसकी चुत के अंदर चला गया। अतुल प्रतिमा को किस करते हुए लंड को अंदर बहार करने लगा। प्रतिमा भी उसका पूरी तरह से साथ दे रही थी।

फिर अतुल ने अपनी गति तेज़ की और जोर जोर से उसकी चुत को चोदने लगा। अब प्रतिमा तो जैसे सातवे आसमान पे थी। मैं बाजु में बैठ कर सब देख रही थी। पता नहीं क्यों मेरी चुत में फिरसे हलचल मचने लगी। मैंने अपना हाथ चुत पे रखा। “Threesome Sex Hindi Kahani”

अतुल ने मेरी ओर देखा। मेरा हाथ चुत पे देख वो समझ गया। उसने मुझे अपनी ओर खिंचा और मुझे प्रतिमा के ऊपर लिटाया। प्रतिमा के ऊपर लेट कर मैं प्रतिमा को चूमने लगी। अब असली मजा था।

अतुल ने अपना लंड प्रतिमा की चुत से बहार निकला और एकही झटके में पूरा लंड मेरी चुत में डाल दिया। उसके इस हमले मेरी आंखे तो जैसे बहार ही आगई। मैं चीखना चाहती थी लेकिन प्रतिमा ने मुझे जोरसे पकड़ा और अपने होंठों से मेरा मुँह बंद कर दिया। मगर उसे क्या पता था की अगला नंबर उसका था।

उस एक धक्के के बाद अतुल ने अपना लंड मेरी छूट से बहार निकला और प्रतिमा की चुत में एक ही झटके में पूरा पेल दिया। इस बार मैंने प्रतिमा को चीखने नहीं दिया। अतुल कुछ देर ऐसी ही हमारी दोनों की चुत चोदता रहा।

फिर मैं प्रतिमा के ऊपर से हटी। मेरे हट जाने के बाद अतुल ज़मीन पर खड़ा हुआ और प्रतिमा को अपने गोद में लेकर उसके चुत में लंड डाला और चुदाई करने लगा। 5 मिनट वो ऐसे ही प्रतिमा को गोद में लिए चोदता रहा।

उसके बाद उसने प्रतिमा को निचे उतरा। प्रतिमा अभी भी झड़ने का नाम नहीं ले रही थी। लेकिन अतुल का जोश अब काम होता जा रहा था। अब मेरी उत्सुकता बढ़ गयी। मैं देखना चाहती थी की अब अतुल क्या करता है।

अतुल ने प्रतिमा को बेड पे बिठाया और उसकी चुत को चाटने लगा। 1-2 मिनट चुत को चाटने के बाद उसने अपनी दो उँगलियाँ प्रतिमा की चुत में डाली और जोर जोर से उंगलियोंको चुत में हिलाने लगा। वो उँगलियों को इतनी जोर से हिला रहा था की प्रतिमा झटपटाने लगी। उसे काफी मजा आरहा था। “Threesome Sex Hindi Kahani”

फिर अतुल ने 1 मिनट तक ऐसेही उँगलियों से प्रतिमा को चोदा। उसके बाद उसने प्रतिमा को ज़मीन पर घोड़ी बनाया। उसके पीछे जाकर लंड को उसकी चुत में डाल दिया। चुत गीली होने की वजह से लंड एक ही झटके में पूरा अंदर चला गया। इस बार प्रतिमा की चीख निकली।

अतुल ने उसके बालोंको पकड़कर खिंचा और अपनी घुडसवारी करनी चालू की। वो बड़े तेजी से लंड को प्रतिमा की चुत में अंदर बहार करने लगा। प्रतिमा की मुँह से अब जोर जोर से आवाज़ें आने लगी। जिसकी वजह से अतुल की गति पहले से और भी तेज़ हो गयी।

मानो ऐसा लग रहा था की उसने अपनी पूरी ताकद लगा दी हो। अब अतुल प्रतिमा के ऊपर झुक गया और उसके चूची जो जोर से मसलने लगा। लंड की गति तेज़ होना चूची का यूँ मसलना, अब प्रतिमा को सहन नहीं हुआ और वो आख़िरकार झड़ गयी।

उसके झड़ने के बाद अतुल ने झट से लंड पर से कंडोम हटाया और मुझे खिंच कर लंड को मेरे मुँह डाल दिया। मैं उसका लंड चूसने लगी। प्रतिमा भी जल्दी से मुड़ी और अतुल के अंडकोष को चूसने लगी।

कुछ ही देर में अतुल ने लंड को मेरी मुँह से बहार निकला और हम दोनों के चेहरे पे जोर से पिचकारी छोड़ी। उसका काफी रस निकला। मैंने और प्रतिमा ने एक दूसरे को चूमकर उस रस का स्वाद चखा।

इन सबके बाद हम तीनो काफी थक चुके थे। प्रतिमा तो काफी थक चुकी थी। वो सीधा बेड पे लेट गयी। मैं प्रतिमा के बाएं और अतुल प्रतिमा के दाएं लेट गया। हम दोनों थक तो गए थे लेकिन फिर भी हम प्रतिमा के जिस्म से खेलने लगे। “Threesome Sex Hindi Kahani”

अतुल प्रतिमा के स्तनों को मसलने लगा था। प्रतिमा के स्तन बड़े होने के कारण अतुल को उसके स्तनोंके साथ खेलने में काफी मजा आ रहा था।

मैंने प्रतिमा से पूछा – क्यों प्रतिमा कैसा लग रहा है अपनी सील तुड़वाकर?

प्रतिमा बोली – लव यू पल्लवी बहोत मजा आया। आज तो तूने मुझे जन्नत की सैर करा दी।

मैंने उसके होठों को चूमना चालू किया। अतुल बिच बिच में प्रतिमा के चूची को जोर से खींचता जिससे प्रतिमा को चीखने का मन करता। लेकिन मेरे चूमने की वजह से वो चीख नहीं पाती। तो वो मेरे होठोंको कांटने लगी। मैंने दर्द के मारे उसे चूमना छोड़ दिया।

मैंने अतुल को पूछा – अतुल तुम्हे मजा आया ?

अतुल कहने लगा – बहोत मजा आया मेरी जान। आज तुमने मुझे काफी अच्छा सरप्राइज दिया है।

इतना कहकर वो फिरसे प्रतिमा के स्तनों के साथ खेलने लगा।

ये देख मैं बोली – हा वो तो दिख रहा है। काफी मजे ले रहे हो।

मेरी इस बात पर हम तीनों हसने लगे। कुछ देर खेलने के बाद हम उसी तरह नंगे बेड पे सो गए। तकरीबन आधे घंटे बाद हमारी नींद खुली। फिर हम तीनों ने मिलकर रूम साफ किया और एक साथ नहाने के लिए बाथरूम गए। बाथरूम में अतुल ने अपनी उँगलियों के जादू से फिरसे मेरा पानी निकाला और सारा पानी पी गया।

15 मिनट बाद हम फ्रेश होकर बहार आये। हमारे कपडे हॉल में थे तो हम हॉल में गए और अपने कपडे पेहेन लिए। मैंने घडी देखि तो 4:20 हो चुके थे। हमारे ऊपर चुदाई का इतना भूत सवार था की हम दोपहर का भोजन लेना ही भूल गए। “Threesome Sex Hindi Kahani”

अतुल ने कहा – एक काम करते है पिज़्ज़ा या सैंडविच आर्डर करते है।

हमे भी ये ठीक लगा। उसने मोबाइल से आर्डर दिया और हम सोफे पे बैठ कर बातें करने लगे। आधे घंटे बाद हमारा आर्डर आगया। हम तीनो डाइनिंग टेबल पे बैठ कर उसे एन्जॉय करके खाने लगे।

खाना ख़तम होते ही प्रतिमा घर जाने के लिए उठी। वो सबसे पहले अतुल के पास गयी उसे गले लगाया और उसके लंड को पैंट के ऊपर से ही मसला और थैंक यू कहा। बादमे उसने मुझे गले लगाया और मेरे चुत पे हाथ फेरा और मुझे भी थैंक यू कहकर वो अपने घर जाने लगी।

फिर अतुल ने घर का दरवाजा बंद किया और मेरे पास आया। उसने मुझे बड़े प्यार से चूमा और मेरी आँखों में देख कर कहा – आय लव यू पल्लवी। हम दोनों ही कुछ देर के लिए एक दूसरे की आँखों में खो गए। उस दिन के बाद ना प्रतिमा ने मुझे दोबारा थ्रीसम के लिए जिद की और ना ही अतुल ने

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