XXX Hindi Kahani – ससुर ने जेवर देकर मेरी जवानी का मज़ा लिया

XXX Hindi Kahani – ससुर ने जेवर देकर मेरी जवानी का मज़ा लिया

XXX Hindi Kahani

मेरी उम्र २३ साल गोरा बदन, पतली कमर, ना बहुत बड़ी ना बहुत छोटी चूचियां, गोल गांड जो उभरी हुई। नैन कजरारे, किसी का भी मन डोल जाये मेरे हसीन अदाओं पर, चुदाई तो मेरे पति मुझे रोज करते हैं पर आज रात ससुर जी ने ऐसे चोदा की अब बूढ़े लंड का दीवाना हो गई हूँ। XXX Hindi Kahani

पूरी कहानी आपको विस्तार में बताती हूँ। कैसे क्या हुआ की मैं ससुर जी का लंड अपने चूत में ले ली. मेरे ससुराल में मेरे ससुर मेरे पति और मेरा एक देवर जो फ़ौज में है रहता है घर में सिर्फ हम तीन लोग ही रहते है देवर अपनी ड्यूटी पर रहता है।

अभी शादी हुए एक साल ही हुए है कोई बच्चा नहीं है। मेरे पति मुझे बहुत प्यार करते हैं। ससुर जी भी बहुत केयर करते हैं। मुझे किसी चीज की कमी नहीं है। एक दिन की बार है मेरे पति तीन दिन के लिए बाहर गए थे। घर में मैं और ससुर जी थे.

ससुर जी पहले दिन मेरी खूब खातिरदारी की, यहाँ तक की घर के सारे चीज जो भी पुरुखों की थी उसके बारे में बता दिया। यानी की मुझे अपने घर की पूरी कमान मेरे हाथों में दे दिया। पर एक संदूक थी उस संदूक से कुछ नहीं दिया था।

मैं पूछी की बाबूजी उस संदूक में क्या है ना आपने बताया नहीं तो दिखाया। तो वो बोले वो संदूक तुम दोनों बहुओं में किसी एक को देंगे। तो मैं बोली आपकी तो सिर्फ मैं बहु हूँ दूसरी आप किसकी बात कर रहे हो।

वो बोले अरे क्या तुम्हरे देवर की शादी नहीं करेंगे क्या। इस साल उसकी भी शादी हो जाएगी। मैं सोचने लगी आखिर क्या है ऐसा। मैंने कहा बाबूजी आप मुझे दिखा तो सकते हो। प्लीज दिखा दो। तो उन्होंने मुझे दिखाया वो संदूक खोलकर। उस संदूक में करीब 50 तोले सोने के जेवर थे। वो सभी सास के थे उनके गुजरे भी दस साल हो गए।

मैं देख कर अवाक् रह गई। इतना सोना तो कभी मैंने ज़िंदगी में नहीं देखि बहुत मोटे मोटे कुण्डल, कंगन, अंगूठी, हार, मेरा मन उस सोने को पाने का करने लगा। वो संदूक बंद करते हुए बोले दोनों में से किसी एक को मिलेगा।

तो मैं बोली मुझे दे दो, वो बोले मैं उसी को दूंगा जो मुझे शारीरिक सुख देगा। और किसी से कुछ नहीं कहेगा। मुझे गुस्सा आ गया। लगा कितना पागल इंसान है ससुर होके इसके दिमाग में इतनी गन्दी चीजें भरी हुई है।

मैं वह पर बोल दी नहीं लेना दे देना दूसरी बाली को अगर वो तुम्हे शारीरिक सुख देगी तो नहीं तो किसी बाहर रंडी को दे दो वो आज से ही खुश कर देगी और वह से चली आई। अपने कमरे में चली गई, रात के करीब 8 बज रहे थे।

दोनों खाना खा लिए थे अपने कमरे में जाकर सो गए और वो भी अपने कमरे में चले गए। मैं करवट बदलती रही। नींद नहीं आ रहा था। मुझे लग रहा था मैं रिश्ते बना लूँ पचास तोले मेरे, नहीं बनाऊं पचास तोले किसी और के, पचास तोले में तो फिल्म की हीरोइन भी मिल जाती है। यही सब सोच रही थी।

फिर सोचतीं थी मेरे पापा मेरी शादी के लिए ज़िंदगी भर जमा किये तो 5 लाख जमा कर पाए और मैं चाहु तो 20 लाख एक झटके में कमा सकती हूँ। मुझसे रहा नहीं गया और मैं चल दी उनके कमरे की तरफ, वह जब पहुंची तो छोटी लाइट जल रही थी।

ससुर जी आँखे बंद किये थे और मूठ मार रहे थे धीरे धीरे अपने लौड़े को ऊपर निचे कर रहे थे। मैं कुछ देर खड़ी रही तब भी वो आँखे बंद किये थे और मुँह से हलकी हलकी सिसकारियां ले रहे थे और मूठ मार रहे थे।

मैं बोली बाबूजी अब आपको इसकी जरुरत नहीं पड़ेगी आज से आपकी बहु आपकी रखैल बनेगी। और मैं उनके पास चली गई। अपना घागरा खोल दी, चुन्नी उतार दी और कुर्ती भी खोल दी, उनके लंड को अपने मुँह में लेके चूसने लगी। वो अपने हाथो से मेरे गाल को पकडे थे और बहुत ही खुश थे। “XXX Hindi Kahani”

उसके बाद उनके भी कपडे मैंने उतार दिए। दोनों नंगे हो गए, वो बोले पहले तुम मुझे पुरे शरीर में मालिश करो नंगे होके। मैं तुरंत ही रसोई घर में गई और एक कटोरी सरसों का तेल लाइ और उनके बदन पर लगाने लगी।

वो मेरे बदन पर लगा रहे थे और मैं उनके बदन पर. उनका बूढ़ा लौड़ा जवान लौड़े से भी कडा और लंबा हो गया था। मेरी भी चूचियां तन गई थी चुत मेरी गीली हो गई थी। उन्होंने मुझे निचे लिटा दिया और मेरे चूत में थोड़ा सरसों का तेल डाल दिया.

और फिर दोनों पैरों को अपने कंधे पर लेकर अपने लौड़े को चूत पर लगा के अंदर डाल दिया, काफी अंदर तक गया उनका लौड़ा मेरे चुत में, उसके बाद वो जोर जोर से चोदने लगे, हम दोनों तेल से चपचप थे फिसलन थी।

वो मेरी चूचियों को जोर से पकड़ते पर हाथ से छिटक जाता तेल की वजह से। मजा आने लगा था तेल लगा कर चुदाई करने से। उसके बाद उन्होंने मुझे उलट दिया और फिर गांड में तेल डाल दिया और अपने लंड में भी तेल लगा लिया। और फिर वो मेरे गांड में लंड डाल दिया।

एक मेरी दूसरी बार गांड चुदाई थी। पहली बार पति ने भी मारा था गांड पर दर्द की वजह से दुबारा नहीं दी गांड मारने। पर आज आसानी से मेरे गांड में ससुर जी का लंड चला गया। वो जोर जोर से गांड मारने लगे बिच बिच में वो चूत में भि लंड पीछे से ही डाल देते थे। दोनों की कामुकता चरम पर थी। हम दोनों ने करीब एक घंटे तक चुदाई किये और फिर वो निढाल हो गए.

दोस्तों उसके बाद वो दूसरे कमरे में गया संदूक लाया और सारा जेवर मुझे पहनाया और बोले की क्या तुम मेरी ऐसे ही सेवा करती रहोगी, मैंने कहा क्यों नहीं बिलकुल करुँगी। पहले से सोच रही थी आप चोद पाओगे या नहीं पर आपने तो मुझे खुश कर दिया। मैं तो बिना जेवर के भी आपसे चुदवाने को मैं राजी हूँ। अब आप मुझे मत छोड़ना प्लीज जरुर चोदना। आपका लंड और आपके चोदने का तरिका मुझे काफी पसंद आया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *